जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
श्री निर्मल कुमार षर्मा पुत्र स्व.श्री माधोलाल षर्मा, निवासी- खजानों का नोहरा, खजाना गली, घी मंडी, नया बाजार, अजमेर ।
- प्रार्थी
बनाम
1. श्री सतगुरू टेलिकाॅम, सांड भवन, दैनिक नवज्योति के सामने, केसरगंज, अजमेर ।
2. न्यू इण्डिया इन्ष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, बोमासन्दरा ब्रान्च, किताब कोम्पल,फस्र्ट फलोर, होसुर मेन रोड, बैंगलोर- 562158
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 127/2015
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री संदीप षर्मा, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री रजत बंसल, अधिवक्ता अप्रार्थी सं.1
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 22.04.2016
1. प्रार्थी ( जो इस परिवाद में आगे चलकर उपभोक्ता कहलाएगा) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम , 1986 की धारा - 12 के अन्तर्गत अप्रार्थी संख्या 1 व 2 (जो इस परिवाद में आगे चलकर अप्रार्थी संख्या 1 मोबाईल विक्रेता एवं अप्रार्थी सं. 2 बीमा कम्पनी कहलाएगें) के विरूद्व संक्षेप में इस आषय का पेष किया है कि उसने अप्रार्थी मोबाईल विक्रेता से दिनांक 27.4.2014 को जरिए बिल संख्या 264 के एक मोबाईल सैमसंग गैलेक्सी ग्राड 2 रू. 22,500/- में क्रय किया, और उनकी सलाहनुसार उसने उक्त मोबाईल का अप्रार्थी बीमा कम्पनी से एक वर्ष के लिए बीमा करवाया । बीमा करवाते समय अप्रार्थी मोबाईल विक्रेता ने उसे यह बताया था कि एक वर्ष की अवधि के अन्दर हैण्ड सेट में किसी भी प्रकार की खराबी आने या चोरी चले जाने पर बिना प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराए हैण्ड सट की राषि अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा अदा की जावेगी । दिनंाक 24.6.2014 को उक्त हैण्ड सैट उसकी दुकान से चोरी चले जाने पर उसने दिनांक 27.6.2014 को लिखित में पुलिस थाना, कोतवाली में सूचना दर्ज करवाई । तत्पष्चात् उसने समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए अप्रार्थी बीमा कम्पनी के समक्ष दिनांक 07.07.2014 को क्लेम पेष किया । लेकिन बावजूद तकाजों के अप्रार्थीगण ने क्लेम अदा नहीं किया । अप्रार्थीगण के उक्त कृत्य को सेवा में कमी का दोषी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में उपभोक्ता ने स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है ।
2. अप्रार्थी विक्रेता ने परिवाद का जवाब पेष कर उपभोक्ता द्वारा प्रष्नगत मोबाईल हैण्ड सैट क्रय किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए दर्षाया है कि उसके द्वारा उपभोक्ता को हैण्ड सैट का बीमा कराए जाने की कोई सलाह नहीं दी गई थी । उपभोक्ता ने स्वयं अपनी ईच्छा से प्रष्नगत हैण्ड सैट का बीमा अप्रार्थी बीमा कम्पनी से करवाया है । जो भी कार्यवाही होनी है वह अप्रार्थी बीमा कम्पनी के स्तर पर होनी है । वह तो केवल हैण्ड सैट का विक्रेता है । उसके स्तर पर कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब परिवाद के समर्थन में श्री मनीष गर्ग, प्रोपराईटर ने अपना षपथपत्र पेष किया है ।
3. अप्रार्थी बीमा कम्पनी बावजूद नोटिस तामील के न तो मंच में उपस्थित हुई और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी बीमा कम्पनी के विरूद्व दिनांक 26.6.2015 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
4. उपभोक्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क रहा है कि उनके द्वारा उक्त सैट खरीद किए जाने के बाद प्रष्नगत सैट के संबंध में अप्रार्थी बीमा कम्पनी से एक वर्ष के लिए बीमा पाॅलिसी ली गई थी । चूंकि यह सैट दिनंाक 24.6.2014 को उसकी दुकान से चोरी हो गया था तथा इस आषय की रिपोर्ट भी उसने दर्ज करवाई थी । अतः बीमा पाॅलिसी की षर्तांे के मुताबिक वह चोरी गए सैट की कीमत व आर्थिक तथा मानसिक आघात लगाने के कारण क्षतिपूर्ति मय परिवाद व्यय के प्राप्त करने का अधिकारी है ।
5. अप्रार्थी संख्या 1 विक्रेता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि उसके संस्थान से उपभोक्ता द्वारा हैण्ड सेट खरीदा गया है । चूंकि वह मात्र सेट विक्रय करने का काम करता है । सैट खराब होने पर कम्पनी को सूचित करता है तथा कम्पनी द्वारा ही सैट की दुरूस्ती की जाती है । यदि उपभोक्ता ने अप्रार्थी संख्या 2 बीमा कम्पनी से कोई बीमा करवाया है तो इसके लिए बीमा कम्पनी जिम्मेदार है, न कि वह जिम्मेदार है ।
6. हमने परस्पर तर्क सुन लिए हंै तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
7. उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार उपभोक्ता द्वारा दिनंाक 27.4.2014 को प्रष्नगत हैण्ड सैट खरीद किया गया था । बीमा पाॅलिसी संख्या 67030246132400000004 के अनुसार इस सेट का बीमा भी करवाया गया था । इस सैट की चोरी दिनांक 24.06.2014 को अभिकथित है । अतः बीमा पाॅलिसी की षर्तो के मुताबिक उपभोक्ता हैण्ड सैट के चोरी हो जाने, नष्ट हो जाने या गायब हो जाने की अवस्था में वांछित क्लेम प्राप्त करने का अधिकारी है । उपभोक्ता द्वारा थाना सदर कोतवाली, अजमेर में दर्ज करवाई गई रिपोर्ट के अनुसार उक्त सैट दिनांक 24.6.2014 को उसकी दुकान से चोरी हुआ है तथा तलाष किए जाने के बाद इस आषय की रिपोर्ट उसने दिनांक 27.6.2014 को थाना सदर कोतवाली में दर्ज करवाई है । जो क्रम संख्या 165 पर रपट के रूप में दर्ज हुई हैं। इस तथ्यात्मक स्थिति का खण्डन नहीं होने से यह स्वीकृत रूप से सामने आया है कि उपभोक्ता द्वारा क्रय किए गए हैण्ड सैट दिनंाक 24.6.2014 को उसकी दुकान से चोरी हो गया । बीमा पाॅलिसी के अनुसार खरीद की तिथि से 90 दिन की अवधि में चोरी अथवा गायब हो जाने की स्थिति में सेट के क्रय मूल्य में से 15 प्रतिषत ह्ास मूल्य (क्मचतमबपंजपवद टंसनम) काट कर बकाया राषि का भुगतान किया जाएगा ।
8. उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ता द्वारा प्रस्तुत यह परिवाद एतद द्वारा स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
9. (1) उपभोक्ता अप्रार्थी संख्या 1 से जरिए बिल संख्या 264 दिनांक
27.4.2014 के क्रय किए गए मोबाईल सैमसंग गैलेक्सी ग्राड 2 रू. 22,500/- की राषि में से 15 प्रतिषत ह्ास मूल्य (क्मचतमबपंजपवद टंसनम) काट कर बकाया राषि रू. 19125/- अप्रार्थी संख्या 2 बीमा कम्पनी से प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(2) उपभोक्ता अप्रार्थी संख्या 2 बीमा कम्पनी से मानसिक क्षतिपूर्ति के पेटे रू. 2500/- एवं परिवाद व्यय के पेटे रू.2500/- भी प्राप्त करने का भी अधिकारी होगा ।
(3) क्रम संख्या 1 लगायत 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी संख्या 2 बीमा कम्पनी उपभोक्ता को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से उपभोक्ता के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।
आदेष दिनांक 22.04.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष