Rajasthan

Ajmer

CC/244/2014

PREM LATA BANSAL - Complainant(s)

Versus

SATGURU RENBO - Opp.Party(s)

ADV.S.P.GANDHI

18 Oct 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/244/2014
 
1. PREM LATA BANSAL
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. SATGURU RENBO
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 18 Oct 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्री प्रेमलता बंसल  द्वारा श्री कैलाषचन्द बंसल, निवासी-  तेजा चोक्, ब्यावर, जिला-अजमेर -305901
                                                -         प्रार्थिया 


                            बनाम

1. सतगुरू रेन्बो, रूपबानी सिनेका के पास, गुरूकृपा मार्केट, चांगगेट, ब्यावर, जिला-अजमेर-305901
2.  सिस्टमा ष्याम टेली सर्विसेज लिमिटेड, रजिस्टर्ड कार्यालय 3, एमटीएक टाॅवर, आम्रपाली सर्किल, वैषाली नगर, जयपुर -302021 
                                                -      अप्रार्थीगण
                 परिवाद संख्या 244 /2014  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री सूर्यप्रकाष गांधी एवं श्री लक्ष्मण सिंह ,
                   अधिवक्तागण, प्रार्थिया
                  2.श्री तेजभान भगतानी,  अधिवक्ता अप्रार्थी  सं.2 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 02.11.2016
 
1.       प्रार्थिया द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि उसके द्वारा अप्रार्थीगण से लिए गए टेलीफोन संख्या .1462-512966 के उपयोग उपभोग का बिल नियमित रूप से जमा कराए जाने के बावजूद  तथा अप्रार्थी कम्पनी द्वारा भेजे गए माह-अप्रेल, 2014 के बिल की राषि रू. 169/- जिसकी अंतिम दिनंाक 19.5.2014 होने के उपरान्त उसके द्वारा दिनांक 17.5.2014 को रू. 200/- जमा करा दिए जाने के बाद भी  उसके टेलीफोन की आउटगोईग सुविधा व  इसकी षिकायत  किए जाने  पर  इनकमिंग सुविधा बन्द कर दी गई ।  मजबूरन प्रार्थिया को पुनः  अप्रेल, 2014 की राषि रू. 170/- जमा करानी पडी ।  तदोपरान्त अप्रार्थी कम्पनी ने माह- मई, 2014 के बिल में उसके द्वारा दुबारा जमा की गई अप्रेल, 2014 की राषि तो समायोजित कर दी किन्तु विलम्ब ष्षुल्क राषि रू. 50/- जोडते हुए पुनः बिल भेजा । प्रार्थिया उक्त बिल की अंतिम तिथि दिनंाक 18.6.2014 से पूर्व दिनंाक 17.6.2014 को बिल जमा कराने गई और विलम्ब ष्षुल्क की राषि के बारे में षिकायत किए जाने पर  उसके साथ अभद्रता की गई ।  प्रार्थिया ने अप्रार्थीगण के उक्त कृत्य को सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र पेष किया है ।  
2.       अप्रार्थी  संख्या 1 बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी  संख्या 1 के विरूद्व दिनांक 23.1.2015  को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
3.       अप्रार्थी संख्या 2 ने जवाब प्रस्तुत कर कथन किया है कि  प्रार्थिया द्वारा जमा कराई गई माह- अप्रेल, 2014 के बिल की राषि  उत्तरदाता को दिनंाक 17.5.2013  को प्राप्त नहीं हुई है ।  प्रार्थिया ने दोबारा उक्त माह की राषि  जमा नहीं कराई है ।  इसलिए नियत समय पर राषि जमा नहीं कराए जाने के कारण   विलम्ब ष्षुल्क जोडा गया था ।  लेकिन इसके बाद प्रार्थिया को स्पेषल उपभोक्ता मानते हुए दिनांक 19.6.2014 को विलम्ब ष्षुल्क की राषि रू. 50/- का वेवर दे दिया गया था ।  प्रार्थिया के पक्ष में माह-जुलाई व अगस्त, 2014 के बिल की राषि बकाया है ।  उत्तरदाता ने जो भी कार्यवाही की है वह नियमानुसार की है । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए जवाब के समर्थन में श्री  विनय कुमार दाधीच का ष्षपथपत्र पेष किया है ।  
4.       प्रार्थिया का तर्क है कि टेलीफोन का बिल नियमित रूप से जमा करवाए जाने के बावजूद उसके फोन की आउट गोईंग सुविधा बन्द कर दी गई व षिकायत करने पर सामान्य त्रुटि के कारण बन्द होना बताया गया । उसके फोन की इन्कमिंग सुविधा भी बन्द कर दिए जाने व फोन  सुविधा बन्द होने के डर से मजबूरन दिनंाक 31.5.2013 को अप्रेल, 14  के बिल की राषि रू. 170/-  दोबारा जमा करवाई गई । रजिस्टर्ड पत्र के जरिए जमाषुदा बिल की  रसीद भेजते हुए अप्रार्थी संख्या 2 को  अनुचित कृत्य की षिकायत भी की गई एवं दोबारा जमा कराई गई बिल की राषि वापस दिलाए जाने की मांग की गई किन्तु मई, 14 के बिल में रू. 50/- लेट फीस जोड़ कर पुनः बिल भेजा गया व इसका विरोध किए जाने पर उसके साथ अभद्र व्यवहार किया गया व बिल जमा नहीं किया गया । अप्रार्थी संख्या 2 को  ई-मेल द्वारा भी षिकायत की गई । उसके साथ अभ्रदता का व्यवहार कर बिल जमा करने से इन्कार करना अप्रार्थीगण की सेवा में कमी व अनुचित व्यापार व्यवहार है। परिवाद स्वीकार किया जाना चाहिए ।     
5.    अप्रार्थी संख्या 2 की ओर से इन तर्को का खण्डन किया गया व दिनंाक 17.5.2014 को बिल राषि जमा करवाए जाने से इंकार किया गया । प्रार्थिया के कनेक्षन पेटे नियत समय पर राषि जमा नहीं होने पर लेट फीस जोड़ा जाना बताया गया। किन्तु इसके बाद प्रार्थिया को स्पेषल उपभोक्ता मानते हुए  दिनंाक  19.6.2014  को लेट फीस राषि रू. 50/- का वेवर दे दिया गया ।  माह- जुलाई व अगस्त 14 की राषि आज दिनंाक तक प्रार्थिया के पेटे बकाया होने के कारण टेलीफोन कनेक्षन विच्छेदित किया जाना बताया व जानबूझकर राषि जमा नहीं करवाए जाने की नियत से मंच के  समक्ष  पेष परिवाद खारिज किए जाने की प्रार्थना की है ।  
6.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
7.    उपलब्ध अभिलेख के अनुसार प्रार्थिया अप्रार्थी द्वारा उपलब्ध करवाए गए टेलीफोन संख्या 1462-512966  की उपभोक्ता है तथा उसे अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा  अप्रेल, 14 का बिल राषि रू. 169/-  व अंतिम तिैथि दिनंाक 19.5.2014 दर्षाते हुए भिजवाया गया है , यह स्वीकृत तथ्य है,  जैसा कि उपलब्ध रिकार्ड से सिद्व है ।  हालांकि प्रार्थिया द्वारा दिनंाक 17.5.2014 को अप्रेल माह की बिल राषि रू. 200/-  जमा करवाए जाने के तथ्य को अप्रार्थी ने अस्वीकार किया है किन्तु उनके द्वारा जारी बिल अप्रेल माह के बिल में प्राप्ति रसीद राषि रू. 200/- से यह सिद्व रूप से प्रकट हुआ है कि उक्त बिल के पेटे रू. 200/-  प्रार्थिया द्वारा अप्रार्थी संख्या 1 के माध्यम से जमा करवाए गए है ।  चूंकि अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई जा चुकी है । अतः यह तथ्य  अखण्डित रहने के कारण सिद्व पाया जाता है । अप्रार्थी संख्या 1 के समक्ष दिनंाक 31.3.2014 को रू. 170/-  जमा करवाए जाने की रसीद जो पत्रावली में उपलब्ध है, को देखते हुए यह भी स्पष्ट है कि यह राषि  अप्रेल माह के पेटे जमा हुई है । यहां यह उल्लेखनीय है कि  अप्रेल,माह  के पेटे  प्रार्थिया द्वारा पूर्व में ही दिनंाक 17.5.2014 को रू. 200/- जमा करवाए गए है जबकि  माह-अप्रेल बिल के पेटे रू. 169/- की राषि ही जमा करवाई जानी थी। क्येांकि प्रार्थिया का यह कथन है कि अप्रार्थी संख्या 1 ने उसे फोन पर जानकारी देकर कहा था कि उसका अप्रेल, 14 का बिल जमा नहीं होने के कारण  फोन की आउट गोईंग सुविधा बन्द कर दी गई है तथा बिल का भुगतान नहीं किए जाने पर उसकी इन्कमिंग सुविधा भी बन्द कर दी गई है अतः अप्रेल, 14 के बिल पेटे  दिनंाक 31.5.2014 को रू. 170/- की राषि पुनः जमा करवाई गई है । इसके अलावा माह-अगस्त, 14 का बिल  रू. 50/- की लेट फीस जोड कर बिल भेजा गया है  जैसा कि प्रार्थिया द्वारा प्रस्तुत बिल से प्रकट होता है  तथा इस बात की पुष्टि अप्रार्थी के इस कथन से भी होती है कि प्रार्थिया  के उक्त बिल में  अप्रार्थी संख्या 2 ने नियत समय पर राषि जमा नहीं होने पर लेट फीस जोड, दी गई थी लेकिन उसके बाद  प्रार्थिया को स्पेषल उपभोक्ता मानते हुए  दिनंाक 19.6.2014  को लेट फीस का वेवर दे दिया गया था ।  यह बड़े आष्चर्य की बात है कि अप्रार्थी द्वारा किस आधार पर प्रार्थिया को स्पेषल उपभोक्ता माना गया है ।  ऐसा प्रकट होता है कि उनके द्वारा  उक्त रू. 50/- लेट फीस राषि अनावष्यक रूप से जोडी गई है जबकि प्रार्थिया द्वारा अप्रेल माह के बिल का भुगतान दिनंाक 17.5.2014 को अंतिम तिथि दिनांक 19.5.2014 से पूर्व ही कर दिया गया था व दिनंाक 31.5.2014 को पुनः 170/- का भुगतान किया गया है । स्पष्ट है कि अप्रार्थी संख्या 2 ने उक्त रू. 50/- लेट फीस  जो अनावष्यक रूप से चार्ज की गई, को उसने इसी आषय से अपनी गलती को छिपाते हुए प्रार्थिया को स्पेषल उपभोक्ता बताते हुए वेवर देते  हुए किया है । कहा जा सकता है कि ऐसा करते समय उन्होने अनुचित व्यापार व्यवहार का परिचय दिया है एवं सेवा में कमी कारित की है । 
8. सार यह है कि  उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए प्रार्थिया का परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि 
                         :ः- आदेष:ः-
9.    (1)     प्रार्थिया द्वारा  माह- अप्रेल, 14 के बिल का भुगतान कर दिए जाने के फलस्वरूप अप्रार्थी संख्या 2 को यह आदेष दिया जाता है कि वह माह- मई, 2014 का बिल उक्त भुगतान को समायोजित करते हुए  बिना किसी  विलम्ब ष्षुल्क के  इस आदेष से एक माह में पुनः प्रेषित करें । प्रार्थिया द्वारा प्रष्नगत बिल की राषि जमा करा दिए जाने के उपरान्त अप्रार्थी संख्या 2 प्रार्थिया का टेलीफोन कनेक्षन  एक माह में  निषुल्क पुनःसंयोजित करें । 
              (2)       प्रार्थिया अप्रार्थी संख्या 2  से मानसिक संताप पेटे रू. 5000/- एवं  परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी  प्राप्त करने के  अधिकारिणी होगी ।               
              (3)    क्रम संख्या 2 में वर्णित राषि अप्रार्थी  संख्या 2     प्रार्थिया को इस आदेष से एक  माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 02.11.2016 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 

 

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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