Rakesh filed a consumer case on 28 Apr 2016 against Santosh Nigam in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is cc/763/2010 and the judgment uploaded on 12 May 2017.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-763/2010
राजेष कुमार नागर पुत्र राम प्रसाद नागर निवासी मकान नं0-127/209 डब्लू ब्लाक केषव नगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
संतोष निगम प्रोपराईटर आकाष फाइनेन्षियल सर्विसेज स्थित 111/471 ब्रम्हनगर, कानपुर नगर-208012
...........विपक्षी
परिवाद दाखिला तिथिः 21.10.2010
निर्णय की तिथिः 05.05.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षी के द्वारा की गयी लापरवाही, बेईमानी, धोखाधड़ी व उपेक्षापूर्ण कृत्य के कारण परिवादी को हुई मानसिक, षारीरिक क्षति के लिए कम से कम रू0 1,00,000.00 दिलाया जाये, परिवादी द्वारा विपक्षीगण को रू0 25000.00 डाउन पेमेंट व 3150×14 किष्तों के रूप में रू0 44100.00 व रू0 5000.00 फाइल चार्ज कुल रू0 74600.00 जमा षुदा धनराषि पर 18 प्रतिषत ब्याज परिवाद दाखिल करने की तिथि से तायूम वसूली व अभिलेख तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा रू0 25000.00 डाउन पेमेंट चेक के द्वारा रू0 48000.00 वास्ते बीमा फाईल चार्ज, एफ चार्ज, वैल्यूएषन, ई0सी0 एक्ट सभी मिलाकर रू0 55000.00 तय करके उसकी रू0 3150.00 मासिक 24 किष्तें बनाकर आटो रिक्षा दिया व वाहन से सम्बन्धित कागजात भी दिये थे। विपक्षी ने 10 दिन के अंदर गाड़ी ट्रांसफर करने के लिए कहा था। परिवादी अषिक्षित व्यक्ति है। परिवादी ने विपक्षी की बात पर विष्वास करके, वाहन
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को सड़क पर चलाना षुरू कर दिया। परिवादी को गाड़ी चेकिंग के दौरान गाड़ी की आर0सी0, राधेष्याम गुप्ता के नाम से है और परमिट अरविन्द कुमार गुप्ता के नाम है। जिससे पुलिस ने गाड़ी को कब्जे में लेकर चालान कर दिया। विपक्षी से षिकायत करने पर 10 दिन में परिवादी के नाम से गाड़ी ट्रांसफर करने का आष्वासन दिया। विपक्षी के द्वारा बार-बार दिये गये आष्वासन पर परिवादी द्वारा 14 किष्तों का भुगतान रू0 3150.00 प्रतिमाह की दर से किया जा चुका है। परिवादी द्वारा परमिट का टोकन आर0टी0ओ0 से प्राप्त करने के प्रयास में आर0टी0ओ0 के अधिकारी ने उक्त कागजातों में मालिक के नाम में अंतर देखकर कागजातों को फर्जी बताते हुए परिवादी को अभिरक्षा में लेकर कागजातों को जब्त कर लिया। बाद में परिवादी ने अपने अधिवक्ता को बुलाकर वहां से मुक्त हो सका। किन्तु कागजात आज तक जब्त हैं। परिवादी, विपक्षी के आफिस उसी दिन गया और इस आषय का लिखित प्रार्थनापत्र बैंक के नाम सम्बोधित करते हुए दिनांक 31.07.10 को दिया। जिसे विपक्षी बैंक के बिहाफ पर प्राप्त किया और लिखित रूप से आष्वासन दिया कि हफ्ते 10 दिन के अंदर विपक्षी परिवादी के हक में गाड़ी ट्रांसफर करा देगा व परमिट बनवा देगा। किन्तु न तो विपक्षी आज तक परिवादी के नाम गाड़ी ट्रांसफर करवाया और न ही कागजात बनवाये। प्रष्नगत वाहन परिवादी के घर पर खड़ा है। जिसे किसी भी स्थिति में सड़क पर चलाया जाना संभव नहीं है। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आया। अतः विपक्षी पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 25.05.11 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 18.10.10 एवं 27.07.11 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची
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कागज सं0-1 के साथ संलग्नक कागज सं0-1/1 लगायत् 1/2 व सूची कागज सं0-2 के साथ संलग्नक कागज सं0-2/1 लगायत् 2/12 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी के विरूद्ध सेवा में कमी के रूप में धोखाधड़ी, बेईमानी व उपेक्षा किये जाने का आक्षेप लगाया गया है। फोरम को धोखाधड़ी, बेईमानी से सम्बन्धित मामलो के सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। अतः फोरम का यह मत है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय रूप से स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से खारिज किया जाता है।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
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