Uttar Pradesh

StateCommission

A/2004/376

Stock Holding Corporation Of India Ltd - Complainant(s)

Versus

Santosh Kumar - Opp.Party(s)

Ritesh Kalia

25 Oct 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2004/376
( Date of Filing : 16 Feb 2004 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Stock Holding Corporation Of India Ltd
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Santosh Kumar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Oct 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-376/2004

स्‍टॉक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया लिमिटेड

बनाम

सन्‍तोष कुमार पुत्र स्‍व0 विजय बहादुर सक्‍सेना

एवं

अपील संख्‍या-1314/2008

नेशनल सेक्‍यूरिटीस डिपोजिटरी लि0

बनाम

श्रीमती सन्‍तोष श्रीवास्‍तव पत्‍नी श्री रविन्‍द्र बिहारी श्रीवास्‍तव तथा आठ अन्‍य

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनांक : 25.10.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.    परिवाद संख्‍या-62/2003, संतोष कुमार बनाम मैनेजर स्‍टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया लि0 में विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 12.9.2003 के विरूद्ध अपील संख्‍या-376/2004, विपक्षी, स्‍टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया लि0 की ओर से इस निर्णय/आदेश को अपास्‍त करने के लिए प्रस्‍तुत की गई है तथा परिवाद संख्‍या-413/2007, श्रीमती सन्‍तोष श्रीवास्‍तव बनाम मै0 स्‍टरलाइट इण्‍डस्ट्रीज लि0 तथा सात अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 16.4.2008 के विरूद्ध अपील संख्‍या-1314/2008, विपक्षी सं0-6, नेशनल सिक्‍योरिटी डिपॉजिट लि0 की ओर से इस निर्णय/आदेश को अपास्‍त करने के लिए प्रस्‍तुत की गई है। चूंकि दोनों अपीलों में विधि के तथ्‍य एक समान हैं, इसलिए दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक ही निर्णय/आदेश द्वारा एक साथ किया जा रहा है, इस हेतु अपील संख्‍या-376/2004 अग्रणी अपील होगी।

-2-

2.    विद्वान जिला आयोग ने परिवाद संख्‍या-62/2003 स्‍वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया है कि वह अंकन 98,400/-रू0 दो माह के अन्‍दर  परिवादी को अदा करे।

3.    विद्वान जिला आयोग ने परिवाद संख्‍या-413/2007 स्‍वीकार करते हुए विपक्षी सं0-6 व 8 को आदेशित किया है कि वह 30 दिन के अन्‍दर प्रश्‍नगत शेयर्स प्रमाण पत्र रिमैट करते हुए डिमैट किए गए शेयर्स को निरस्‍त करे तथा परिवादी के खाते में रिमैट की राशि शेयर्स क्रय करने की तिथि से अर्जित लाभ सहित परिवादी को प्राप्‍त कराए।

4.    अपील सं0-376/2004 में अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री रितेश कालिया तथा अपील सं0-1314/2008 में अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री  राजकुमार सिंह तथा प्रत्‍यर्थी सं0-1 एवं 2 के विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा तथा प्रत्‍यर्थी सं0-3 के विद्वान अधिवक्‍ता श्री उमेश कुमार श्रीवास्‍तव को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णर्यों/पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।

5.    उपरोक्‍त दोनों परिवादों के तथ्‍यों का संक्षिप्‍त सार यह है कि परिवादीगण द्वारा विपक्षी सं0-1 की कंपनी के शेयर क्रय किए गए। विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादीगण के नाम शेयर ट्रांसफर किए गए, परन्‍तु बाद में अपने पत्र द्वारा सूचित किया गया कि शेयर किसी अन्‍य व्‍यक्ति के नाम ट्रांसफर हो गए हैं, इसके बाद विपक्षी सं0-1 कंपनी को भागों में बांट दिया गया और अंकन 10/-रू0 मूल्‍य के 100 शेयर को दो रूपये प्रति शेयर कर दिया, इस मध्‍य दो शेयर बोनस जारी किया गया, इसलिए परिवादी 100 शेयर के स्‍थान पर दो रूपये मूल्‍य के 1000 शेयर प्राप्‍त करने के लिए परिवाद सं0-413/2007 के परिवादी अधिकृत हैं, जबकि परिवाद सां0-62/2003 के परिवादी द्वारा क्रय किए गए 400 शेयर अवैध रूप से किसी अन्‍य व्‍यक्ति को अंतरित कर दिए गए, इन्‍हीं शेयर की कीमत की मांग की गई है।

6.    विद्वान  जिला  आयोग  ने  दोनों  परिवादों  को  स्‍वीकार करते हुए

 

 

-3-

परिवादीगण के पक्ष में आदेश पारित किया है, जिन्‍हें इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय विधिसम्‍मत नहीं है। इस संबंध में सिविल न्‍यायालय के समक्ष मुकदमा दर्ज किया गया था। एक ही विवाद के संबंध में दो बार मुकदमा संचालित नहीं हो सकता तथा ट्रांसफर आवेदन पर हस्‍ताक्षरों के संबंध में विशेषज्ञ रिपोर्ट प्रस्‍तुत नहीं की गई।

7.    परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ताओं का तर्क है कि सिविल न्‍यायालय में सिविल वाद प्रस्‍तुत किया गया था, जो अदम पैरवी में खारिज हुआ है, उसका गुणदोष पर निर्णय नहीं हुआ है, इसलिए Res judicata लागू नहीं होता तथा हस्‍ताक्षरों की प्रमाणिकता के संबंध में विपक्षीगण द्वारा आपत्ति की गई, इसलिए अपनी आपत्ति को साबित करने का भार विपक्षीगण/अपीलार्थी पर है।

8.    उपरोक्‍त दोनों अपीलों के ज्ञापन का अवलोकन करने तथा मौखिक तर्कों को सुनने के पश्‍चात सर्वप्रथम इस बिन्‍दु पर विचार किया जाता है कि क्‍या सिविल न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किए गए वाद के कारण उपभोक्‍ता परिवाद संधारणीय है ?

9.    इस प्रश्‍न का उत्‍तर नकारात्‍मक है, क्‍योंकि सिविल वाद गुणदोष पर निर्णीत नहीं हुआ है, इसलिए जो वाद गुणदोष पर निर्णीत नहीं होता, उस वाद के संबंध में Res judicata का प्रावधान लागू नहीं होता। बहस के दौरान परिवादीगण द्वारा शेयर क्रय करने की तिथि से इंकार नहीं किया गया, इसलिए शेयर अन्‍यत्र अंतरित करने या शेयर का मूल्‍य परिवर्तित करने के पश्‍चात परिवर्तित मूल्‍य अदा करने का आदेश देकर विद्वान जिला आयोग ने कोई अवैधानिकता कारित नहीं की है। तदनुसार उपरोक्‍त दोनों अपीलें निरर्थक रूप से प्रस्‍तुत की गई हैं, जो निरस्‍त होने योग्‍य हैं।

आदेश

10.   उपरोक्‍त दोनों अपीलें, अर्थात् अपील संख्‍या-376/2004 तथा अपील संख्‍या-1314/2008 निरस्‍त की जाती हैं।

प्रस्‍तुत दोनों अपीलों में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की         गई  हो  तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला आयोग को

 

-4-

यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील संख्‍या-376/2004 में रखी जाए तथा इसकी एक सत्‍य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

 

 लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.