Uttar Pradesh

StateCommission

A/2011/1805

Allahabad Bank - Complainant(s)

Versus

Santosh Devi - Opp.Party(s)

S K Shukla

04 Oct 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2011/1805
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Allahabad Bank
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Santosh Devi
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 04 Oct 2017
Final Order / Judgement

सुरक्षित

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या 611 सन 2009 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं  आदेश दिनांक 06.04.2010  के विरूद्ध)

 

अपील संख्‍या 1805 सन 2011

ब्रांच मैनेजर, इलाहाबाद बैंक, ब्रांच काकादेव, कानपुर । .......अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी

 

-बनाम-

 

 श्रीमती संतोष देवी पत्‍नी श्री घनश्‍याम सिंह निवासी लालशाह का पुरवा, बिनौर पोस्‍ट सचेंडी, जिला कानपुर नगर। वर्तमान निवासी मकान नं0 117/पी/157 हितकारीनगर, काकादेव कानपुर नगर ।

. .........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

मा0  श्री रामचरन चौधरी ,  पीठासीन  सदस्‍य।

मा0    श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  श्री शरद शुक्‍ला।

प्रत्‍यर्थिनीकी ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -   कोई नहीं ।

 

दिनांक:   11-10-17 

 

श्री गोवर्धन यादव, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या 611 सन 2009 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 06.04.2010  के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है ।

संक्षेप में, प्रकरण के आवश्‍यक तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादिनी का मकान भारी बरसात के कारण गिर गया था। मकान गिर जाने के कारण परिवादिनी को 1500.00 रू0 की क्षति हेतु राज्‍य सरकार से चेक प्राप्‍त हुयी थी जो सिंडीकेट बैंक, जिलाधिकारी कम्‍पाउण्‍ड कानपुर नगर द्वारा भुगतान किया जाना था। परिवादिनी की माली हालत अच्‍छी न होने के कारण उसने दिनांक 16.01.2009 को विपक्षी के यहां खाता नम्‍बर 50008314519 खोल कर चेक जमा किया। विपक्षी ने परिवादिनी से कहा कि चेक की तिथि बदलवाकर तथा ग्राम प्रधान से फोटो प्रमाणित करवाकर लाओ तब परिवादिनी चेक को लेकर नायब तहसीलदार, सचेण्‍डी, कानपुर नगर के पास गयी और तारीख बदलने की बात कहीं । इस संबंध में नायब तहसीलदार द्वारा परिवादिनी को अवगत कराया गया कि अभी चेक जारी किए हुए 06 महीना नही हुआ है, अत: चेक की तिथि परिवर्तित नहीं की जाएगी। यदि विपक्षी चेक नहीं प्राप्‍त कर रहा है तो उस पर टिप्‍पणी अंकित कर दे । लेकिन विपक्षी ने चेक नहीं ली और न ही कोई टिप्‍पणी अंकित की जिससे परिवादिनी को चेक की धनराशि का भुगतान नहीं हो सका। निराश होकर परिवादिनी ने विपक्षी को नोटिस दिया लेकिन कोई जबाव प्राप्‍त नहीं अत: परिवादिनी द्वारा जिला मंच के समक्ष परिवाद योजित किया गया ।

जिला मंच के समक्ष पर्याप्‍त तामीला के बावजूद कोई उपस्थित नहीं हुआ अत: जिला मंच ने परिवादिनी द्वारा प्रस्‍तुत साक्ष्‍य एवं अभिवचनों के आधार पर निम्‍न आदेश पारित किया :-

      ''  उपरोक्‍त कारणों से परिवादिनी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि निर्णय के एक माह के अन्‍दर हर्जे के रूप में रू0 2000.00 (दो हजार) परिवादिनी को अदा करेा ''

उक्‍त आदेश से क्षुब्‍ध होकर प्रस्‍तुत अपील योजित की गयी है।

अपील के आधारों में कहा गया है कि जिला मंच का प्रश्‍नगत निर्णय विधिपूर्ण नहीं है तथा तथ्‍यों को संज्ञान में लिए बिना प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया गया है जो अपास्‍त किए जाने योग्‍य है।

 हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस विस्‍तार से सुनी तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक् अनुशीलन किया।

बहस हेतु प्रत्‍यर्थिनी/परिवादिनी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

पत्रावली का अवलोकन करने से स्‍पष्‍ट है कि परिवादिनी एक गरीब महिला है उसका मकान भारी बरसात के कारण गिर गया था। मकान गिर जाने के कारण परिवादिनी को 1500.00 रू0 की क्षति हेतु राज्‍य सरकार से चेक प्राप्‍त हुआ था जो सिंडीकेट बैंक, जिलाधिकारी कम्‍पाउण्‍ड कानपुर नगर से भुगतान किया जाना था। परिवादिनी ने दिनांक 16.01.2009 को विपक्षी के यहां खाता खोल कर चेक जमा किया। लेकिन विपक्षी ने परिवादिनी से चेक की तिथि बदलवाकर तथा ग्राम प्रधान से फोटो प्रमाणित करवाकर लाने के लिए कहा। संबंधित अधिकारी द्वारा जारी किए हुए 06 महीना न होने के कारण चेक की तिथि परिवर्तित नहीं की गयी और विपक्षी ने चेक नियमानुसार जमा नहीं की जिससे परिवादिनी को चेक की धनराशि नहीं मिल सकी।

पत्रावली पर उपलब्‍ध साक्ष्‍य एवं अभिलेखों से स्‍पष्‍ट होता है कि चेक परिवादिनी के नाम राज्‍य सरकार द्वारा जारी की गयी थी। चेक मियाद के अन्‍दर ही परिवादिनी द्वारा संबंधित बैंक में खोले गए अपने खाते में जमा की गयी थी। बैंक के कर्मचारियों द्वारा हैरान व परेशान करने की नियत से अनावश्‍यक औपचारिकताओं के अन्‍तर्गत चेक की तिथि को परिवर्तित कराने के लिए परिवादिनी से कहा गया जबकि चेक जारी किए 06 माह व्‍यतीत नहीं हुए थे और इस संबंध में कोई  कारण भी विपक्षी द्वारा लिखित रूप में परिवादिनी को उपलब्‍ध नहीं कराया जिसके आधार पर परिवादिनी विपक्षी द्वारा वांछित औपचारिकताओं की पूर्ति कर सके, जो विपक्षी की सेवा में कमी को परिलक्षित करता है।

पत्रावली में उपलब्‍ध साक्ष्‍य एवं अभिलेख का भलीभांति परिशीलन करने के पश्‍चात हम यह पाते हैं कि जिला मंच द्वारा साक्ष्‍यों की पूर्ण विवेचना करते हुए प्रश्‍नगत परिवाद में विवेच्‍य निर्णय पारित किया है, जो कि विधिसम्‍मत है एवं उसमें हस्‍तक्षेप करने की कोई आवश्‍यकता नहीं है।

तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

      प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त करते हुए जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्‍या 611 सन 2009 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं  आदेश दिनांक 06.04.2010 की पुष्टि की जाती है।

अपीलार्थी प्रत्‍यर्थिनी/परिवादिनी को जिला फोरम द्वारा आरोपित 2000.00 (दो हजार) रू0 की धनराशि पर आदेश की तिथि दिनांक 06.04.2010 से भुगतान तक 09 (नौ) प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज अलग से अदा करेगें।

     

 

(आर0सी0 चौधरी)                                  (गोवर्धन यादव)

  पीठासीन सदस्‍य                                                                         सदस्‍य

    कोर्ट-4

 (S.K.Srivastav,PA)

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER

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