न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 33 सन् 2016ई0
शिवपूजन विश्वकर्मा पुत्र स्व0 ठाकुर प्रसाद विश्वकर्मा ग्राम सेवखर कलॉ पो0 भोजापुर जिला चन्दौली।
...........परिवादी बनाम
1-सन्तोष कृषि यंत्रालय मेन रोड सकलडीहा बाजार सकलडीहा चन्दौली।
2-मिस्त्री चन्द्रिका पुत्र स्व0 श्यामनारायण निवासी ग्राम घरचित पो0 भोजापुर जिला चन्दौली।
.............................विपक्षी
उपस्थितिः-
रामजीत सिंह यादव, अध्यक्ष
लक्ष्मण स्वरूप सदस्य
निर्णय
द्वारा श्री रामजीत सिंह यादव,अध्यक्ष
1- परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण से क्षतिपूर्ति हेतु रू0 68490/-मय ब्याज तथा वाद व्यय दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
2- परिवादी का अभिकथन है कि विपक्षी संख्या 2 चन्द्रिका मिस्त्री ने परिवादी को विपक्षी संख्या 1 ’’संतोष कृषि यंत्रालय’’के यहॉं से दिनांक 17-4-2015 को एक हैण्डपम्प सेट रू0 21530/-में तथा सबमर्सिबल रू0 11870/- में दिलवाया था और दिनांक 17-4-2015 को ही परिवादी के घर हैण्डपम्प सेट एवं सबमर्सिबल लगा दिया गया। परिवादी का अभिकथन है कि विपक्षी ने उससे ओरिजनल सामान का पैसा लिया था लेकिन डुप्लीकेट समान दे दिया। परिवादी का सबमर्सिबल पम्प दिनांक 15-5-2015 को बन्द हो गया तो उसने विपक्षी संख्या 1 संतोष कृषि यंत्रालय में सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि विपक्षी संख्या 2 चन्द्रिका मिस़्त्री से सम्पर्क कीजिये जब परिवादी ने विपक्षी संख्या 2 से सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि सबमर्सिबल पम्प की पंखी जाम हो गयी है। काफी दिन दौडाने के बाद विपक्षी संख्या 2 ने जून के अन्तिम सप्ताह में सबमर्सिबल पम्प को खोलकर बना दिया और पम्प चलने लगा लेकिन दिनांक 10-2-2016 को पम्प पूर्ण रूप से चलना बन्द कर दिया तब परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 को सूचना दिया तो उन्होंने कहा कि हमारे पास समय नहीं है मिस्त्री पकडकर बनवाइये। परिवादी दूकानदार तथा मिस्त्री के यहॉं फरवरी से मार्च तक दौडता रहा लेकिन विपक्षीगण ने पम्प नहीं बनवाया तब दिनांक 1-4-2016 को परिवादी दूकानदार के यहॉं जाकर कहा कि यदि पम्प ठीक नहीं कराओगे तो मै उपभोक्ता फोरम में जाऊंगा तब चन्द्रिका मिस्त्री दिनांक 3-4-2016 को अपने 2 साथियों के साथ परिवादी के यहॉं पहुंचे और कहे कि सबमर्सिबल पम्प को निकाल कर दूसरा सबमर्सिबल लगा देगे लेकिन जब वे लोग सबमर्सिबल पम्प निकाल रहे थे तो उसकी पाइप 15 फुट तक ही निकला था कि सबमर्सिबल केबुल में उलझ गया और खीचने पर केबुल टूट गया तथा सबमर्सिबल उसी में फस गया कुछ समय तक प्रयास करने के बाद मिस्त्री ने कहा कि दूसरे दिन वह और सामान लेकर आयेगा तब पुराने सबमर्सिबल को निकाल कर नया लगा देगा लेकिन दिनांक 3-4-2016 से दावा दाखिल किये जाने तक कोई नहीं
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आया और परिवादी का सबमर्सिबल का पाइप फसा हुआ पडा है।परिवादी का अभिकथन है कि विपक्षी ने उसे पक्की रसीद नहीं दिया था बल्कि अपने दूकान का कैशमेमो पर ही दूकान की मोहर लगा कर व हस्ताक्षर बना कर दे दिया था और कहा था कि यही रसीद है। परिवादी का अभिकथन है कि सबमर्सिबल पम्प खराब होने के कारण उसके परिवार के लोगों को पानी पीने में परेशानी हो रही है तथा उसे घोर मानसिक एवं आर्थिक कष्ट हुआ है जिसकी क्षतिपूति के लिए उसने यह मुकदमा दाखिल किया है।
3- विपक्षी संख्या 1 व 2 ने जबाबदावा दाखिल करके संक्षेप में यह अभिकथन किया है कि परिवादी ने गलत अभिकथनों के साथ विपक्षीगण को हैरान व परेशान करने की नियत से दुर्भावनापूर्वक यह परिवाद दाखिल किया है उसका परिवाद अपोषणीय है तथा क्षेत्राधिकार के परे है एवं इसी आधार पर निरस्त किये जाने योग्य है। विपक्षीगण ने परिवाद के अधिकांश अभिकथनों से इन्कार करते हुए कहा है कि मिस्त्री के कहने पर परिवादी को दूसरा मोटर और सामान भी दिया गया था जिसे परिवादी ने अपने परिवाद में छिपाया है। परिवादी को जो मोटर व सामान विपक्षी द्वारा दिया गया था वह खराब नहीं था बल्कि स्वयं परिवादी ने उसका दुरूपयोग किया और मोटर को नाजानकारी के कारण हाई व लो बोल्टेज में चलाकर सबमर्सिबल का मोटर जला दिया और परिवादी अपने से ही लापरवाही पूर्वक सबमर्सिबल निकलवाने लगा जिसके कारण टोचन का तार जमीन के अन्दर चला गया बाद में मिस्त्री द्वारा पाइप व टोचन तार बाहर निकाल दिया और केवल सबमर्सिबल अन्दर पडा है जो स्वयं परिवादी ने किया है। विपक्षीगण का अभिकथन है कि परिवादी जब उनकी दूकान पर आकर सबमर्सिबल के सम्बन्ध में शिकायत किया उसी समय मिस्त्री भेजा गया वहॉं जाने पर पता चला कि परिवादी ने पम्प का तार सही नहीं जोडा था और गलत फेस जोड दिया था जिसको मिस्त्री ने ठीक किया तो पम्प चलने लगा। परिवादी को जो सबमर्सिबल पम्प दिया गया था वह खराब नहीं था। परिवादी ने केवल विपक्षी की दूकान की गुडविल खराब करने तथा मुपत में दूसरा सबमर्सिबल प्राप्त करने के उद्देश्य से यह मुकदमा दाखिल किया है। परिवादी तहसील में रहने के कारण गुण्डई के बल पर एक के बजाय दूसरा सबमर्सिबल ले लिया है। हैण्डपम्प व सबमर्सिबल की कुल कीमत रू0 29500/- बकाया था जिसे परिवादी ने नहीं दिया और जब पैसे का तकाजा किया गया तो यह झूठा मुकदमा दाखिल कर दिया है जो निरस्त किये जाने योग्य है।
4- परिवादी ने अपने अभिकथनों के समर्थन में अपना शपथ पत्र दाखिल किया है तथा दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में कैशमेमो की छायाप्रति,गारण्टी कार्ड की छायाप्रति,निर्वाचन आयोग के पहचान पत्र की छायाप्रति दाखिल किया है जो कागज संख्या 2ग/1 ता 2ग/5 है।
5- इसी प्रकार विपक्षीगण की ओर से संतोष कुमार का शपथ पत्र दाखिल किया है तथा शपथ पत्र के संलग्नक के रूप में मोटर के बदले परिवादी को
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क्राउन की दूसरी मोटर दिये जाने की रसीद दिनांकित 20-7-2016 दाखिल की गयी है।
6- उभय पक्ष की बहस सुनी गयी है। पक्षकारों द्वारा दाखिल लिखित तर्क तथा पत्रावली का सम्यक रूपेण परिशीलन किया गया।
7- परिवादी पक्ष की ओर से मुख्य रूप से तर्क दिया गया कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 2 के कहने पर विपक्षी संख्या 1 की दूकान से दिनांक 17-4-2015 को एक हैण्डपम्प सेट तथा सबमर्सिबल खरीदा था लेकिन विपक्षी संख्या 1 ने सही सामान न देकर डुप्लीकेट सामान दे दिया। दिनांक 15-5-2015 को ही परिवादी का उपरोक्त सबमर्सिबल बन्द हो गया काफी भाग-दौड करने के बाद जून 2015 में विपक्षीगण ने उक्त सबमर्सिबल को बनवाया लेकिन दिनांक 10-2-2016 को उक्त पम्प पूर्ण रूप से चलना बन्द कर दिया अनेक बार कहने के बाद विपक्षी संख्या 1 का मिस्त्री अपने 2 साथियों के साथ आकर यह कहकर उपरोक्त पम्प निकालने लगा कि इसकी जगह दूसरा पम्प लगाया जायेगा, लेकिन पम्प निकालते समय वह केबुल में उलझ गया और खीचने पर केबुल भी टूट गया तब मिस्त्री ने कहा कि वह दूसरे दिन और औजार और सामान लेकर आयेगा लेकिन उसके बाद कभी भी मिस्त्री नहीं आया और परिवादी का पम्प न तो ठीक किया गया न बदला गया। परिवादी के अधिवक्ता का कथन है कि इस प्रकार विपक्षी ने सही सामान न देकर व पम्प को ठीक न करके सेवा में कमी किया है जिसके लिए परिवादी विपक्षीगण से क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी है उनका कथन है कि परिवादी का पम्प गारण्टी पीरियड में खराब हुआ है अतः विपक्षी क्षतिपूर्ति देने के लिए उत्तरदायी है।
8- इसके विपरीत विपक्षी की ओर से तर्क दिया गया कि विपक्षी ने परिवादी को बिल्कुल सही पम्प दिया था लेकिन परिवादी ने स्वयं पम्प के साथ छेड-छाड किया जिसके कारण निकालते समय टोचन तार जमीन के अन्दर चला गया। परिवादी द्वारा लापरवाही किये जाने के कारण मोटर जल गया था। विपक्षी द्वारा परिवादी को दूसरा सबमर्सिबल मुपत में दिया जा चुका है और पहला सबमर्सिबल पाइप सहित जमीन के अन्दर अब भी पडा है उनका कथन है कि परिवादी ने पम्प का पैसा भी नहीं दिया था और पुराना मोटर भी नहीं दिया तथा उसके स्थान पर नया सबमर्सिबल मुपत में ले चुका है और उसने गलत तथ्यों के आधार पर मुकदमा दाखिल किया है अतः उसका परिवाद व्यय सहित खारिज किये जाने योग्य है।
9- पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट है कि विपक्षी द्वारा शपथ पत्र के संलग्नक 1 के रूप में एक रसीद दिनांक 20-7-2016 दाखिल की गयी है जिस पर परिवादी शिवपूजन विश्वकर्मा के हस्ताक्षर है और इसमे परिवादी ने यह स्वीकार किया है कि उसने मोटर के बदले में क्राउन का मोटर प्राप्त किया है और पुरानी मोटर बोरिंग के अन्दर है इस रसीद से यह स्पष्ट है कि दिनांक 20-7-2016 को परिवादी ने अपनी पुरानी मोटर के बदले में क्राउन कम्पनी की एक मोटर विपक्षी से प्राप्त किया है और पुरानी मोटर भी परिवादी के बोरिग के अन्दर अभीतक पडी हुई
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है। विपक्षी ने अपने जबाबदावा के पैरा-8(ब) मे कहा है कि परिवादी ने एक के बजाय दूसरा सबमर्सिबल जबरदस्ती ले लिया। विपक्षी के इस अभिकथन के विरूद्ध परिवादी की ओर से कोई जबाबुलजबाब दाखिल नहीं है। विपक्षी की ओर से दिनांक 20-7-2016 की जो उपरोक्त रसीद दाखिल की गयी है उस पर परिवादी के हस्ताक्षर है। इस तथ्य से भी परिवादी की ओर से इन्कार नहीं किया गया है अतः इससे यह बात भलीभांति सिद्ध हो जाती है कि परिवादी पुराने मोटर के स्थान पर विपक्षी से दिनांक 20-7-2016 को क्राउन कम्पनी का दूसरा मोटर प्राप्त कर चुका है और उसने इस तथ्य को अपने परिवाद में छिपाया है। परिवादी ने जो गारण्टी कार्ड दाखिल किया है उसके मुताबिक गारण्टी पीरियड दिनांक 17-4-2015 से 1 साल तक अर्थात दिनांक 17-5-2015 ही था और परिवादी इस पीरियड के बाद दिनांक 20-7-2016 को दूसरा मोटर क्राउन कम्पनी का विपक्षी से प्राप्त कर चुका है। अतः गारण्टी पीरियड बीत चुका है पत्रावली पर ऐसा कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं है जिससे यह सिद्ध हो कि विपक्षी की ओर से कोई धोखाधडी या सेवा में कमी की गयी है क्योंकि पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों से यह स्पष्ट है कि जब पहली बार परिवादी का पम्प खराब हुआ तो विपक्षी ने उसे बनवाया और दूसरी बार पम्प खराब होने पर उसने दूसरा मोटर परिवादी को दे दिया है।
उपरोक्त सम्पूर्ण विवेचन से फोरम की राय में परिवादी यह सिद्ध करने में पूर्णतः विफल रहा है कि विपक्षी ने उसे डुप्लीकेट सामान दिया है और सेवा में कोई कमी किया है। अतः परिवादी कोई अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं पाया जाता है और इस प्रकार उसका परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद निरस्त किया जाता है। मुकदमें के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए पक्षकार अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेगे।
(लक्ष्मण स्वरूप) (रामजीत सिंह यादव)
सदस्य अध्यक्ष
दिनांकः15-12-2017