Chhattisgarh

Raigarh

CC/82/2014

Ramcharn Patal - Complainant(s)

Versus

Sanjivani Hospital & Oth - Opp.Party(s)

N.L.Patel

23 Feb 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMAR DISPUTES REDRESSAL FORUM
RAIGARH C.G.
 
Complaint Case No. CC/82/2014
 
1. Ramcharn Patal
Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Sanjivani Hospital & Oth
Raigarh
Raigarh
Chhattisgarh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SANMAN SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MS. DR. HEMLATA SINGH MEMBER
 HON'BLE MR. SUBHAS PANDAY MEMBER
 
For the Complainant:N.L.Patel, Advocate
For the Opp. Party: Vijay Saraph, Advocate
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम,रायगढ़(छ0ग0)

        

समक्षः सनमान सिंह, अध्यक्ष                                      प्रकरण क्रमांक-82/2014             

      सुभाष पाण्डेय, सदस्य                                          संस्थित दिनांक-17.06.2014

        डा.हेमलता सिंह, सदस्या

         

       

 

1. रामचरण पटेल आ0 श्री शिवप्रसाद पटेल,

  उम्र-35 वर्ष, पेशा खेती

2. कुसुम पटेल आ0 श्री रामचरण पटेल

  उम्र-8 वर्ष

3. ज्योति पटेल आ0 श्री रामचरण पटेल

  उम्र-6 वर्ष

4. महेन्द्र पटेल आ0 श्री रामचरण पटेल

  उम्र-6 माह,

  क्र.2, 3 एवं 4 द्वारा बली आ0 श्री रामचरण पटेल

  सभी निवासी-दबगाव तहसील सारंगढ़

  जिला रायगढ़ (छ0ग0) .......                 .....आवेदकगण/परिवादीगण

 

                     

                                       //वि     रू     द्ध//

 

1. संचालक,

  संजीवनी नर्सिंग होम सांवडि़या कैम्पस, रायगढ़ (छ0ग0)

2. डा0एस0अग्रवाल,

  संजीवनी नर्सिंग होम सांवडि़या कैम्पस, रायगढ़ (छ0ग0)

3. डा. मालती सर्जन,

  संजीवनी नर्सिंग होम सांवडि़या कैम्पस, रायगढ़ (छ0ग0)

4. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायगढ़ (छ0ग0)

5. डा0 वाई0के0शिन्दे, सिविल सर्जन,

  किरोड़ीमल शासकीय चिकित्सालय, रायगढ़ (छ0ग0)

6. डा0एस.एक्का, असिस्टेन्ट सर्जन,

  किरोड़ीमल शासकीय चिकित्सालय,

  रायगढ़ (छ0ग0) .......                       .....अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण

 

          आवेदकगण/परिवादगण द्वारा श्री एन0एल0पटेल, अधिवक्ता।

          अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1, 2 एवं 3  द्वारा श्री विजय सराफ, अधिवक्ता।

          अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.4 पूर्व से एकपक्षीय।

          अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6  द्वारा श्री ए0पी0मौर्य, अधिवक्ता।

 

                                               (आ  दे  श)

                             (आज दिनांक 23/02/2015 को पारित)

 

सनमान सिंह, अध्यक्ष

 

(2)

 

1/               आवेदकगण/परिवादीगण ने अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के विरूद्ध श्रीमती प्रेमशीला पटेल की लापरवाहीपूर्वक इलाज करने के फलस्वरूप दोबारा मांंंंंं बन पाने की क्षतिपूर्ति 15,00,000/-रूपये, डक्टरों की फीस, दवा इत्यादि का खर्च 2,00,000/-रूपये, 3,000/-रूपये अधिवक्ता नोटिस तथा वाद व्यय सहित कुल 17,03,000/-रूपये दिलाये जाने बाबत् धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत प्रस्तुत परिवाद का निवर्तन किया जा रहा है।

 

2/               यह अविवादित है कि श्रीमती प्रेमशीला पटेल ने अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण के विरूद्ध धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत दिनांक 17.06.2014 को परिवाद प्रस्तुत किया था। परिवाद के विचारण के दौरान ही श्रीमती प्रेमशीला पटेल की मृत्यु हो जाने से उसके विधिक प्रतिनिधिया द्वारा प्रकरण संचालित किया गया है।

 

3/               आवेदकगण/परिवादीगण का परिवाद इस प्रकार है कि दिनांक 22.12.2013 को श्रीमती प्रेमशीला पटेल को डिलवरी हेतु किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकित्सालय रायगढ़ में भर्ती किया गया था। दिनांक 23.12.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 द्वारा श्रीमती प्रेमशीला का आपरेशन कर प्रसव कराया उसे पुत्र उत्पन्न हुआ। श्रीमती प्रेमशीला पटेल को भर्ती के दौरान दो यूनिट खून भी चढ़़ाया गया। उसकी स्थिति अत्यधिक गंभीर होने से आईसीयू में रखा गया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 द्वारा श्रीमती प्रेमशीला के भाई रूपेन्द्र पटेल को कहा गया कि श्रीमती प्रेमशीला को संजीवनी नर्सिंग होम में भर्ती करवाये। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 ने रूपेन्द्र पटेल को यह लिखकर देने को कहा कि मैं अपनी बहन को स्वेच्छा से संजीवनी नर्सिग होम ले जा रहा हू। दिनांक 23.12.2013 को ही श्रीमती प्रेमशीला पटेल को संजीवनी नर्सिंग होम ले जाकर भर्ती कराया गया जहा उसकी बच्चेदानी का सफाई ठीक से न होने के कारण इम्फेक्शन हो गया।

 

4/               अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 एवं 3 द्वारा श्रीमती प्रेमशीला के बच्चेदानी का सफाई/आपरेशन किया गया और वहा भी तीन यूनिट खून चढ़ाया गया तथा तीन दिन तक आईसीयू में रखा गया। दिनांं 31.12.2013 को संजीवनी नर्सिग होम से डिस्चार्ज कर दिया गया। श्रीमती प्रेमशीला पटेल प्रेमशीला 31.12.2013 को संजीवनी नर्सिग होम से डिस्चार्ज होने के बाद अपने घर गई। उसके 2-3 दिन बाद उसके पेट में अत्यधिक दर्द होने लगा। श्रीमती प्रेमशीला को मेडिकल कालेज बुर्ला(उड़ीसा) ले जाया गया। मेडिकल कालेज बुर्ला में बताया गया कि डिलवरी के दौरान गर्भाशय में कुछ पदार्थ रह गया है तथा यूटरस में घाव है जो आपरेशन के दौरान चोंट लगने से आयी है। बुर्ला मेडिकल कालेज में श्रीमती प्रेमशीला पटेल का गर्भाशय का आपरेशन कर सिंगल फ्लेप लाईफ टीश्यू 18ग7ग3 ब्ण्डण् निकाला गया। श्रीमती प्रेमशीला मेडिकल कालेज बुर्ला में दिनांक  09.01.2014 से 27.01.2014 तक भर्ती रहकर इलाज करायीं। वहांं भी दो यूनिट खून चढ़ाया गया। मेडिकल कालेज बुर्ला में यह बताया गया कि उसकी यूटरस में घाव हो जाने के कारण वह दोबारा मा नहीं बन सकती। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 द्वारा घोर लापरवाही व उपेक्षापूर्वक आपरेशन कर प्रसव कराया गया तथा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 एवं 3 द्वारा भी लापरवाही व उपेक्षापूर्वक गर्भाशय की सफाई/आपरेशन किया गया। जिसके फलस्वरूप ही उसका गर्भाशय में सिंगल फ्लेप लाईफ टीश्यू 18ग7ग3 ब्ण्डण् रह गया तथा आपरेशन के दौरान यूटरस में औजार से चोंट  आयी।  अनावेदकगण/विरूद्ध  पार्टीगण  द्वारा  घोर

 

                       (3)

 

लापरवाही व उपेक्षापूर्वक आपरेशन करने गर्भाशय की सफाई करने व गर्भाशय में गर्भ पदार्थ छोड़ देने के कारण श्रीमती प्रेमशीला को अत्यधिक शारीरिक व मानसिक कष्ट व पीड़ा हुई तथा यूटरस में घाव हो जाने के कारण भविष्य में मा नहीं बन सकती, इसलिए अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण से उपरोक्त अनुतोष दिलाये जाने बाबत् यह परिवाद किया है।

 

5/               अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.4 प्रकरण में पूर्व से एकपक्षीय है।

 

6/               अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 ने संयुक्त रूप से तथा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 ने भी संयुक्त रूप से जवाब प्रस्तुत किया है।

 

7/               अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 ने जवाब में बताया है कि श्रीमती प्रेमशीला को प्रेमशीला 23.12.2013 संजीवनी नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। संजीवनी नर्सिंग होम में श्रीमती प्रेमशीला का कोई आपरेशन नहीं किया गया था। जिस समय संजीवनी नर्सिग होम में भर्ती हुई उस समय धड़कन काफी तेज थी। ब्लड प्रेशर सामान्य से काफी कम था। गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे आईसीयू में भर्ती किया गया था। उसकी खून व पेशाब की जांच करने पर रक्त में संक्रमण पाया गया। संजीवनी नर्सिंग होम के डा.मालती अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 द्वारा पतले पाइप से उसकी गर्भाशय की सफाई की गई। दिनांक 31.12.2013 को उसके भाई रूपेन्द्र पटेल के निवेदन पर श्रीमती प्रेमशीला को डिस्चार्ज किया गया। रूपेन्द्र पटेल ने निवेदन किया कि वह अपनी बहन को ओपीडी में जांच करवा लेगा। दवा लिखकर डिस्चार्ज कर दिया जाये। डिस्चार्ज करने के एक दिन पूर्व अर्थात् दिनांक 30.12.2013 को श्रीमती प्रेमशीला की टीएलसी रिपोर्ट(संक्रमण की जांच संबंधी) में काफी मात्रा में संक्रमण पाया गया। उसे कुछ दिन तक अस्पताल में रूकने की आवश्कता थी। फिर भी प्रेमशीला को रूपेन्द्र पटेल के निवेदन पर डिस्चार्ज किया गया। संजीवनी नर्सिंग होम के अभिलेख में भी (डिस्चार्ज आन रिक्वेस्ट) लिखा गया है।

 

8/               अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा श्रीमती प्रेमशीला का परीक्षण किया गया था। उन्होने भी श्रीमती प्रेमशीला को स्त्रीरोग विशेषज्ञ से जांच कराने की सलाह दिया था। जिसका उल्लेख डिस्चार्ज टिकट में है। मेडिकल कालेज बुर्ला में श्रीमती प्रेमशीला के गर्भाशय में कुछ पदार्थ रह जाने या यूटरस में घाव होना नहीं पाया गया था और न ही उक्त घाव आपरेशन के दौरान औजार के कारण आयी थी। श्रीमती प्रेमशीला के गर्भाशय से     सिंगल फ्लेप लाईफ टीश्यू 18x7x3 c.m नहीं निकला था। संजीवनी नर्सिग होम में श्रीमती प्रेमशीला का आपरेशन नहीं किया गया था । गर्भाशय के सफाई पतले पाईप नुमा औजार से डा.मालती स्त्रीरोग विशषेज्ञ अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा किया गया था। श्रीमती प्रेमशीला के गर्भाशय से सिंगल फ्लेप लाईफ टीश्यू 18x7x3 c.m नहीं निकला था और न ही सफाई के दौरान यूटरस में चोंट आयी थी। श्रीमती प्रेमशीला को डिस्चार्ज करते समय हाई क्लास इंटीबायटिक दवाईयां लिखी गयी थी। जिसके कारण श्रीमती प्रेमशीला रक्त संक्रमण में काफी कमी आयी थी।

 

9/               अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 द्वारा श्रीमती प्रेमशीला के गर्भाशय के सफाई के दौरान कोई लापरवाही व उपेक्षा नहीं की गई थी और न ही संजीवनी नर्सिंग होम में आपरेशन किया गया था और न ही गर्भाशय में सिंगल फ्लेप लाईफ 18x7x3 c.m   छोड़ा गया था। आवेदकगण/परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत नोटिस का जवाब अपने अधिवक्ता के माध्यम से  दिनांक 22.05.2014 को

 

                                                   (4)

 

रजिस्टर्ड डाक से प्रेषिक कर दिये थे। जिसमें अवगत कराया गया था कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 द्वारा श्रीमती प्रेमशीला के इलाज के दौरान कोई लापरवाही व उपेक्षा नहीं की गई थी। श्रीमती प्रेमशीला के भाई रूपेन्द्र पटेल ने अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 के विरूद्ध रिपोर्ट बनाने को कहा था। जिसे अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 एवं 3 ने मना कर दिया था। जिससे असंतुष्ट होकर आवेदकगण/परिवादीगण अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 के विरूद्ध परिवाद प्रस्तुत किया है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 द्वारा किसी प्रकार की सेवा में नहीं किया है।

 

10/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 की ओर से जवाब में बताया गया है कि दिनांक 22.12.2013 को श्रीमती प्रेमशीला पटेल को डिलवरी हेतु किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकित्सालय रायगढ़ में भती किया गया था। जहा आपरेशन से पुत्र जन्म हुआ था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 ने श्रीमती प्रेमशीला के भाई रूपेन्द्र पटेल को यह सलाह नहीं दिया था कि प्रेमशीला का संजीवनी नर्सिग होम में भर्ती कराये और उसे यह भी नहीं कहा था कि वह स्वेच्छा से संजीवनी नर्सिगं होम ले जा रहा है लिखकर दे। श्रीमती प्रेमशीला को शासकीय चिकित्सालय लाने के पूर्व सारंगढ़ में डा.जे.त्रिपाठी के यहां भर्ती किया गया था। डा. त्रिपाठी ने प्रेमशीला की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला चिकित्सालय रायगढ़ रिफर किया था। दिनांक 22.12.2013 को श्रीमती प्रेमशीला को दिन में   1.05 बजे गंभीर स्थिति में शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ लाया गया था। ओ.पी.डी.बंद होने के कारण इमरजेंसी में आकस्मिक चिकित्सक द्वारा भर्ती व जांच कर इलाज किया गया। उसका रक्तचाप बढ़ा हुआ था। यूरिन टेस्ट में एल्बूमिन पाया गया। उसे नियंत्रण करने हेतु इलाज किया गया। श्रीमती प्रेमशीला की हालत गंभीर होने की सूचना उसके परिजनों को दी गई थी। गंभीर स्थिति को देखते हुए भर्ती किया जाना आवश्यक हो गया था, क्योंकि सामान्य रूप से डिलवरी संभव नहीं था। आपरेशन न करने पर जच्चा-बच्चा दोनों की मृत्यु हो सकती थी।

 

11/             श्रीमती प्रेमशीला के गर्भाशय में सिंगल फ्लेप लाईफ टीश्यू 18x7x3 c.m   नहीं छोड़ा गया था और न ही यूटरस में  चोंट लगने के कारण घाव हुआ था और न ही यूटरस में चोंट लगने के कारण भविष्य में मा नहीं बन सकती थी। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 द्वारा इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही व उपेक्षा नहीं की गई है। दिनांक  23.12.2013 की रात्रि 11.05 बजे श्रीमती प्रेमशीला के भाई रूपेन्द्र पटेल ने स्वेच्छा से संजीवनी नर्सिंग होम ले जाने के लिए लिखित स्वीकृत दिया और जिला चिकित्सालय रायगढ़ से प्रेमशीला को ले गया। डिलवरी पश्चात् डेसीडुआ स्पे्रड जो सामान्य प्रक्रिया में होता है कि सफाई होना आवश्यक होता है। जिसके अभाव में इम्फेक्शन हो गया था। आपरेशन के टांके खुल गये थे। जिससे पायोपेरीटोरियम हो गया था तथा मेडिकल कालेज बुर्ला, उड़ीसा में  श्रीमती प्रेमशीला की मृत टीसू को निकालकर हेल्दी भाग में दोबारा टांके लगाये गये। जिसका उल्लेख मेडिकल कालेज बुर्ला के डिस्चार्ज टिकट एवं आपरेशन नोट्स में भी किया गया है।

 

12/                       किरोड़ीमल शासकीय चिकित्सालय में इलाज हेतु आने वाले मरीजों का निः शुल्क इलाज किया जाता है। किसी भी मरीज से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 डा.वाय.के.शिन्दे वरिष्ठ प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा सिविल सर्जन भी है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.6 डा.एस.एक्का भी वरिष्ठ प्रसूति स्त्रीरोग विशषेज्ञ है। उनके द्वारा श्रीमती प्रेमशीला के इलाज व आपरेशन में किसी  प्रकार  की  लापरवाही  व  उपेक्षा नहीं की गई है।

 

                                        (5)

 

किरोड़ीमल शासकीय चिकिक्सालय में श्रीमती प्रेमशीला का इलाज व आपरेशन निःशुल्क किया गया है, इसलिए आवेदकगण उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आते। आवेदकगण/परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत परिवाद जिला उपभोक्ता फोरम में प्रलचन योग्य नहीं है। निरस्त किया जावे।

 

13/             आवेदकगण/परिवादीगण की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क एवं दस्तावेजों तथा अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से प्रस्तुत लिखित तर्क का अवलोकन किया गया।

 

14/             आवेदकगण/परिवादीगण की ओर से मेडिकल कालेज बुर्ला का रिपोर्ट दिनांक 15.01.2014, मेडिकल कालेज बुर्ला का डिस्चार्ज सर्टिफिकेट दिनांक 27.01.2014, मेडिकल कालेज बुर्ला का सर्टिफिकेट दिनांक 09.01.2014, यूनिक लेब बुर्ला का रिपोर्ट  दिनांक 09.01.2014, टेस्टिंग सेंटर मेडिकल कालेज बुर्ला का रिपोर्ट दिनांक 09.01.2014, संजीवनी नर्सिंग होम का डिस्चार्ज नोट दिनांक 31.12.2013, संजीवनी डाग्योसिस संटर की जांच रिपोर्ट, किरोड़ीमल शास0चिकित्सालय का ब्लड ग्रुप, क्रासमेस एवं यूरिन रिपोर्ट दिनांक 23.12.2013, किरोड़ीमल शास0चिकित्सालय का रोगी पर्ची दिनांक 22.12.2013, डा.त्रिपाठी की जांच रिपोर्ट दिनांक  22.12.2013, किरोड़ीमल शास0चिकित्सालय का अन्तररोगी टिकट एमएलसी व ब्लड इश्यु रजिस्टर, डा.सुनील रात्रे की रिपोर्ट दिनांक 28.12.2013, जच्चा-बच्चा रक्षा कार्ड दिनांक 13.08.2013, चैधरी मेडिकल स्टार्स का बिल, गुप्ता फार्मासीटिल्स का बिल दिनांक 21.01.2014, उड़ीसा रेडक्रास ब्लड बैंक का बिल, स्वास्तया बिक्स का बिल, लाइफ केयर सेंटर उड़ीसा का बिल, नीलम मेडिकल स्टोर का बिल, संजीवनी नर्सिग होम रायगढ़ का बिल दिनांक  31.12.2013, संजीवनी नर्सिग होम रायगढ़ का बिल, रेडक्रस मेडिकल स्टोर्स का बिल, वीनस डाग्योनोसिस सेंटर रायगढ़ का बिल दिनांक 28.12.2013, संजीवनी डाग्योनोसिस सेंटर रायगढ़ का बिल,जमुना मेडिकल स्टोर्स का बिल, किराया गाड़ी का रसीद, अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण को भेजा नोटिस, रजिस्ट्री रसीद, अभिस्वीकृति पावती, अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण का जवाब, कलेक्टर रायगढ़ को की गई शिकायत दिनांक 11.02.2014, सी.एम.ओे.को की गई शिकायत दिनांक 11.02.2014, मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, कलेक्टर रायगढ़ एवं प्रेस क्लब को की गई शिकायत दिनांक 31.12.2013, अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.6 डा0 एस0एक्का द्वारा नोटिसं का जवाब दिनांक 18.06.2014, लिफाफा, रूपेन्द्र पटेल का शपथपत्र दिनांक 30.10.2014, शिकायतकर्ता रामचरण के पिता श्री शिव प्रसाद का स्मार्ड कार्ड दिनांक 15.07.2013, किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकिसालय रायगढ़ का बाह्य रोगी पर्ची नंदलाल पटेल का जिसमें 05 रूप्ये शुल्क लिया गया है सहित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।

 

15/             आवेदकगण/परिवादीगण की ओर से लिखित तर्क में बताया गया है कि     दिनांक 22.12.2013 को श्रीमती प्रेमशीला पटेल को डिलवरी हेतु किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकित्सालय रायगढ़ के ओ.पी.डी.में भर्ती किया गया। परीक्षण में  डाक्टर ने सामान्य डिलवरी होना बताया गया, क्यांकि प्रेमशीला के पूर्व में दो बच्चे सामान्य डिलवरी से हुई थी। दिनांक 23.12.2013 को अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 द्वारा श्रीमती पे्रमशीला का आपरेशन कर प्रसव कराया उसे पुत्र उत्पन्न हुआ। श्रीमती प्रेमशीला पटेल को भर्ती के दौरान दो यूनिट खून भी चढ़़ाया गया। उसकी स्थिति अत्यधिक गंभीर होने से आईसीयू में रखा गया था। बाद में अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 द्वारा श्रीमती प्रेमशीला के भाई रूपेन्द्र पटेल को कहा कि श्रीमती प्रेमशीला को संजीवनी नर्सिंग होम में भर्ती करवाये। अनावेदक/विरूद्ध

 

                                          (6)

 

पार्टी क्र.5 ने रूपेन्द्र पटेल को यह लिखकर देने को कहा कि ’’मैं अपनी बहन को स्वेच्छा से संजीवनी नर्सिग होम ले जा रहा हू।’’ दिनांक 23.12.2013 को ही श्रीमती प्रेमशीला पटेल को संजीवनी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया वहां बताया गया कि बच्चेदानी का सफाई ठीक से न होने के कारण इम्फेक्शन हो गया है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 डा.एस.अग्रवाल द्वारा एवं अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 डा.मालती  द्वारा श्रीमती प्रेमशीला के बच्चेदानी की सफाई की गई तीन यूनिट खून चढ़ाया गया तथा तीन दिन तक आईसीयू में रखा गया। दिनाक 31.12.2013 को डिस्चार्ज कर दिया गया।

 

16/             श्रीमती प्रेमशीला पटेल दिनांक 31.12.2013 को डिस्चार्ज होने के बाद अपने घर गई। उसके 2-3 दिन बाद उसके पेट में अत्यधिक दर्द होने लगा। श्रीमती प्रेमशीला को इलाज के लिए मेडिकल कालेज बुर्ला(उड़ीसा) ले जाया गया। जहां जांच करने पर पाया गया कि डिलवरी के दौरान गर्भाशय में कुछ पदार्थ रह गया है तथा यूटरस में घाव है जो आपरेशन के दौरान औजार से चोंट लगने से आयी है। बुर्ला मेडिकल कालेज में श्रीमती प्रेमशीला पटेल का गर्भाशय का आपरेशन कर सिंगल फ्लेप लाईफ टीश्यू 18ग7ग3 ब्ण्डण् निकाला गया। श्रीमती प्रेमशीला मेडिकल कालेज बुर्ला में दिनांक 09.01.2014 से 27.01.2014 तक भर्ती रहकर इलाज करायीं। वहा भी दो यूनिट खून चढ़ाया गया। मेडिकल कालेज बुर्ला में यह बताया गया कि उसकी यूटरस में घाव हो जाने के कारण वह दोबारा मा नहीं बन सकती। आवेदकगण/परिवादीगण का यह भी तर्क है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 की घोर लापरवाही व उपेक्षापूर्वक आपरेशन कर प्रसव कराया गया तथा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 एवं 3 द्वारा भी लापरवाही व उपेक्षापूर्वक गर्भाशय की सफाई/आपरेशन किया गया। जिसके फलस्वरूप ही प्रेमशीला के गर्भाशय में सिंगल फ्लेप लाईफ टीश्यू 18X7X3 C.m  रह गया तथा आपरेशन के दौरान यूटरस में औजार से चोंट आयी।  अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण द्वारा घोर लापरवाही व उपेक्षापूर्वक आपरेशन करने गर्भाशय की सफाई करने व गर्भाशय में पदार्थ छोड़ देने के कारण प्रेमशीला को अत्यधिक शारीरिक व मानसिक कष्ट व पीड़ा हुई तथा यूटरस में घाव हो जाने के कारण भविष्य में मा नहीं बन सकती, इसलिए अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण से परिवाद पत्र में चाहे गये अनुतोष दिलायी जावे।

 

17/             आवेदकगण/परिवादीगण की ओर से S. Thamil Selvi  vs  Dr. Sooriya  Kala & Anr.  II  (2007) CPJ- 216 (NC) प्रस्तुत किया है।

 

18/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 की ओर से लिखित तर्क में बताया है कि श्रीमती प्रेमशीला को दिनांक 23.12.2013 संजीवनी नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। उस समय धड़कन काफी तेज थी। ब्लड प्रेशर सामान्य से काफी कम था। गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे आईसीयू में भर्ती किया गया था। उसकी खून व पेशाब की जांच करने पर रक्त में संक्रमण पाया गया। प्रेमशीला का सोनोग्राफी करने पर उसके गर्भ का कुछ भाग उसके गर्भ में रह गये थे। डा.मालती अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.3 द्वारा पतले पाइप से उसकी गर्भाशय की सफाई की गई। दिनांक 31.12.2013 को उसके भाई रूपेन्द्र पटेल के निवेदन पर डिस्चार्ज किया गया। रूपेन्द्र पटेल ने निवेदन किया कि वह अपनी बहन को ओपीडी में जांच करवा लेगा। दवा लिखकर डिस्चार्ज कर दिया जाये। डिस्चार्ज करने के एक दिन पूर्व अर्थात् दिनांक 30.12.2013 को श्रीमती प्रेमशीला की टीएलसी रिपोर्ट(संक्रमण की जांच संबंधी) में काफी मात्रा में संक्रमण पाया  गया।

 

 

                                                       (7)

 

उसे कुछ दिन तक अस्पताल में रूकने की आवश्कता थी। फिर भी श्रीमती प्रेमशीला को रूपेन्द्र पटेल के निवेदन पर डिस्चार्ज किया गया। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.2 द्वारा दवाईयां लिखी गई थी तथा डिस्चार्ज करते समय सलाह दी गई थी कि रक्त संक्रमण की जांच सीबीसी 5 दिन के उपरांत आवश्यकता होने पर स्त्री रोग विशेषज्ञ से अवश्य कराये। इस बात का उल्लेख डिस्चार्ज टिकट में भी किया गया है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 द्वारा श्रीमती प्रेमशीला के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही व सेवा में कमी नहीं की गई है। मेडिकल कालेज बुर्ला के उपचार पर्ची में व अन्य दस्तावेज में अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 के विरूद्ध कोई बात नहीं लिखी गयी है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 द्वारा किसी प्रकार की सेवा में कमी नहीं की गई है।

 

19/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 की ओर से लिखित तर्क में बताया है कि श्रीमती प्रेमशीला को दिनांक 22.12.2013 को प्रसंति व स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. जे.त्रिपाठी  सारंगढ़ को दिखाया गया था। प्रेमशीला की स्थिति गंभीर होने के कारण मेडिकल कालेज बुर्ला मानसिक रोग विशेषज्ञ  द्वारा मानसिक रोगी के संबंध में दवा लिखी गई थी। डा. श्रीमती त्रिपाठी द्वारा प्रेमशीला को रायगढ़ रिफर किया था। दिनांक 22.12.2013 को दिन में 1.05 बजे गंभीर स्थिति में शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ लाया गया था और उसे भर्ती किया गया था। उस समय उसका रक्तचाप अत्यधिक बढ़ा हुआ था। प्रसव पीड़ा होने पर भी 2-4 घंटे में प्रसव न होने पर देखा गया कि बच्चे के सिर में काफी सूजन आ गया था। जच्चा-बच्चा दोनों की स्थिति काफी गंभीर होने की सूचना परिजनों को दी गई थी। उनके परिजनों की सहमति से ही 7.30 बजे डिलवरी कराया गया। प्रेमशीला का अत्यधिक रक्तचाप होने एवं पूर्व से मानसिक रोगी की दवाई लेने के कारण ब्लीडिंग हो रही थी। डा.वाय0के0शिन्दे को बुलाया गया। दिनांक 23.12.2013 को रात्रि 7.45 बज डा.सुषमा वरिष्ठ प्रसुति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. वाय.के. शिन्दे सिविल सर्जन भी आपरेशन में शामिल हुए थे। पी.पी.एच.कन्ट्रोल करने के पश्चात् प्रेमशीला को पुनः वार्ड में रिफर किया गया था। दिनांक 24.12.2013 को वार्ड का राउण्ड लेते समय प्रेमशीला वार्ड में नहीं थी। इण्डोर टिकट देखने पर पता चला कि उसका भाई रूपेन्द्र पटेल दिनांक 23.12.2013 को रात्रि में प्रेमशीला को संजीवनी नर्सिग होम अपनी इच्छा से ले जा रहा हू इन्द्राज कर ले गया था। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 द्वारा आपरेशन व इलाज में किसी प्रकार लापरवाही नहीं की गई थी, बल्कि प्रेमशीला की गंभीर स्थिति होने पर भी उसके भाई किरोड़ीमल शासकीय चिकित्सालय से संजीवनी नर्सिग होम स्वेच्छा से ले गया। जिसके लिए रूपेन्द्र पटेल जिम्मेदार है।। श्रीमती प्रेमशीला की स्थिति गंभीर होने के बाद भी अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 द्वारा अस्पताल में आपरेशन कर डिलवरी कराया  था। प्रेमशीला दिनांक 31.12.2013 को संजीवनी नर्सिग होम से डिस्चार्ज होकर घर गई थी। 2-3 दिन बाद उसके पेट में अत्यधिक दर्द होने पर मेडिकल कालेज बुर्ला ले गयी। जहां उसके गर्भाशय में कुछ पदार्थ रह जाना पाया गया। मेडिकल कालेज बुर्ला में प्रेमशीला दिनंाक 09.01.2014 से 27.01.2014 तक भर्ती रहकर इलाज करवायी। मेडिकल कालेज बुर्ला में प्रेमशीला के गर्भाशय में सिंगल फ्लेप लाईफ टीश्यू 18X7x3 C.m. पाया गया। जबकि डा0सुनील रात्रे की यू.एस.जी. रिपोर्ट दिनांक 28.12.2013 में  किसी प्रकार की टिसू होना नहीं पाया गया। जिससे स्पष्ट है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 द्वारा आपरेशन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई थी। प्रेमशीला को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के कारण  उसके  टांके में  इम्फेक्शन  हुआ और उसका टांका

 

                                               (8)

 

खुल गया। जिससे गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई। जिसके लिए आवेदकगण/परिवादीगण स्वयं उत्तरदायी है। किरोड़ीमल शासकीय चिकित्सालय में मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जाता है। श्रीमती प्रेमशीला का निःशुल्क इलाज व आपरेशन किया गया था। श्रीमती प्रेमशीला से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया गया है। आवेदकगण/परिवादीगण उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आते। आवेदकगण/परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत परिवाद जिला उपभोक्ता फोरम में प्रलचन योग्य नहीं है। निरस्त किया जावे।

 

20/                       अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 का यह भी तर्क है कि श्रीमती प्रेमशीला का यूटरस में घाव होने के कारण दोबारा मा नहीं बन सकती। उसके गर्भाशय में टिसू होने की बात डा0सुनील रात्रे की यू.एस.जी. रिपोर्ट में नहीं पाया गया और न ही बुर्ला हास्पिटल द्वारा किये गये इलाज पर्ची व डिस्चार्ज टिकट में इस बात का उल्लेख किया गया है। किसी विशेषज्ञ साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। प्रेमशीला पूर्व से मनोरोगी थी। रूपेन्द्र पटेल ने प्रेमशीला के मनोरोग का इलाज मेडिकल कालेज बुर्ला में कराया था, किन्तु प्रेमशीला के गर्भावस्था के दौरान उसके मनोरोग का इलाज नहीं करवाया गया। मनोरोग दवाईयां गर्भावस्था में प्रेमशीला को नुकसान पहुंचा रहा था। प्रेमशीला के पति व उसके भाई रूपेन्द्र पटेल के द्वारा श्रीमती प्रेमशीला का सही इलाज न कराने के कारण ही श्रीमती प्रेमशीला की मृत्यु हुई। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 द्वारा इलाज व आपरेशन में किसी प्रकार की उपेक्षा व लापरवाही तथा सेवा में कमी नहीं की गई है।

 

21/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 की ओर से Sethuraman Subramaniam Iyer Vs.Triveni Nursing Home & Anr.I(1998)CPJ 10 (NC) Darshni Devi  Vs Rajeshwar Parshad I  (1998) CPJ 358 Haryana State Commission  Chandigarh न्यायदृष्टांत प्रस्तुत किया है।

         

 

22/             श्रीमती प्रेमशीला पटेल जो गर्भवती थी। दिनांक 22.12.2013 को किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकित्सालय रायगढ़ में प्रसव हेतु भर्ती करायी गयी थी। दिनांक 23.12.2013 को उसका आपरेशन एल.एस.सी.एस.अर्थात् सिजेरियन आपरेशन के द्वारा प्रेमशीला का प्रसव कराया गया, अर्थात् उसी दिन रात्रि लगभग 11 बजे उसे किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकित्सालय से डिस्चार्ज कराया गया तथा  अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 के सजीवनी नर्सिग होम रायगढ़ में दिनांक  23.12.2013 को भर्ती कराया गया। किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकित्सालय  में श्रीमती प्रेमशीला की हालत गंभीर थी। उसे कई यूनिट रक्त भी दिया गया था। संजीवनी नर्सिग होम में उसका आपरेशन नहीं किया गया था। श्रीमती प्रेमशीला को संजीवनी नर्सिग होम से डिस्चार्ज कराकर घर ले गये थे। 2-3 दिन बाद पेट में अत्यधिक दर्द होने पर उसे दिनांक 09.01.2014 को मेडिकल कालेज बुर्ला (उड़ीसा)  ले गये। वहां भर्ती कराया गया। प्रेमशीला दिनांक 27.01.2014 भर्ती रहकर इलाज करायी।

 

23/             अनावेदकगण/विरूद्ध पार्टीगण की ओर से मेडिकल कालेज बुर्ला के उपचार पर्ची से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं। उक्त दस्तावेज में श्रीमती प्रेमशीला के बीमारी का उल्लेख है।PLsc  जिसमें यह उल्लेख है- Post Lscs Sepsis  तथा Dehiscence of uterine Wound  तथा Pyoperitoneum तथा जिसका अर्थ यह है कि Lscs अर्थात् सिजेरियेन  आपरेशन  के बाद उसे Sepsis

 

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अर्थात् संक्रमण हो गया था। उसके पेट की दीवाल इनतेज हो गयी थी और गर्भाशय की दीवाल भी खुल गई थी तथा उदर में मवाद भर गया था। प्रेमशीला के उदर का आपरेशन दिनांक 15.01.2014 को मेडिकल कालेज बुर्ला में  किया गया। पेट की दीवाल तथा गर्भाशय की दीवाल को ठीक किया गया। दिनांक 27.01.2014 को उसे मेडिकल कालेज बुर्ला से डिस्चार्ज किया गया।

 

 

 

24/             श्रीमती प्रेमशीला के अल्ट्रा सोनोग्राफी रिपोर्ट दिनांक 28.11.2013 की प्रति पेश की गई है। जिसमें Bulky Utrus  With Retained prouucts अर्थात् गर्भाशय में गर्भ से उत्पन्न पदार्थ गर्भ में रह गये थे। जिससे स्पष्ट होता है कि सिजेरियन आपरेशन के साथ गर्भाशय की सफाई नहीं की गई। जिससे गर्भावस्था के अवशेष गर्भाशय में ही रह गये। जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि गर्भाशय की सफाई न होने व उसमें कुछ अवशेष छोड़ दिये जाने की वजह से उसके संक्रमण(इन्फेक्शन) हो गया। उदर की दीवाल का इनतेज हो जाना तथा गर्भाशय की दीवाल भी खुल जाना यही दर्शाता है कि सिजेरियरन आपरेशन के समय अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 जिन्होंने यह आपरेशन किया था, ने आपरेशन में लापरवाही की गई। जिसके फलस्वरूप श्रीमती प्रेमशीला की उदर तथा गर्भाशय  में जटिलताएं उत्पन्न हुई।

 

25/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 ने इस संबंध में कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया है। मेडिकल कालेज बुर्ला के चिकित्सकों ने अपने दस्तावेज में यह दर्शाया है कि आपरेशन दिनांक 15.01.2014  को उन्होंने गर्भाशय के अंदर से 18X7X3 cm का tissue भी निकाला जिसे दिनांक 15.01.2014 को हिस्टोपेथोलाजी जांच के लिए भेजा और उसकी जांच रिपोर्ट भी पेश की  गई है। जिसका  अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 कोई उत्तर नहीं दिया है। मेडिकल कालेज बुर्ला के उक्त दस्तावेज जहा अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 ने श्रीमती प्रेमशीला का आपरेशन दिनांक 23.12.2013 को लापरवाहीपूर्वक किया गया। गर्भाशय को खोलकर बच्चे को निकाला, किन्तु उसके साथ गर्भाशय में गर्भ के अवशेष छोड़ दिया गया तथा गर्भाशय में टांके तथा पेट की दीवाल में टांके लापरवाही के साथ लगाये। उक्त लापरवाही के फलस्वरूप ही गर्भाशय के भीतर Sepsis अर्थात् संक्रमण हो गया। मेडिकल कालेज बुर्ला के दस्तावेज से स्पष्ट है कि अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 ने इलाज व आपरेशन में लापरवाही की है। ऐसी स्थिति में Res ipsa Loquitur का सिद्धान्त लागू होता है। जो अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 की लापरवाही प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त है।

 

26/             आवेदकगण/परिवादीगण की ओर से श्रीमती प्रेमशीला का इलाज व आपरेशन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं। उक्त दस्तावेजों के अवलोकन से यह परिलक्षित नहीं होता कि आवेदकगण/परिवादीगण द्वारा प्रेमशीला के इलाज व आपरेशन हेतु अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.4, 5 एवं 6 को कोई शुल्क भुगतान किया है।  अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.4 प्रकरण में पूर्व से एकपक्षीय है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 ने अपने जवाब व शपथ पत्र में भी स्पष्ट उल्लेख किया है कि किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकित्सालय में किसी भी मरीज से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। मृतिका प्रेमशीला पटेल के इलाज व आपरेशन के लिए भी कोई शुल्क नहीं लिया गया है।

 

27/             Dr.Jasbir Singh Sandhu  Vs Dharam Sing & Ors .2010 (4) CPR 315 न्यायदृष्टांत के अनुसार A Patint Treatd Free of Change Not consumer।

 

                                                         (10)

 

28/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.1 लगायत 3 द्वारा श्रीमती प्रेमशीला की इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही व सेवा में कमी नहीं की गई है। अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 द्वारा श्रीमती प्रेमशीला का इलाज व आपरेशन लापरवाहीपूर्वक किये जाने के फलस्वरूप ही Sepsis अर्थात्  संक्रमण हो गया। पेट की दीवाल Burst हो गया और गर्भाशय की दीवाल  भी  खुल गयी  तथा उदर  मवाद भर गया। जो अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.5 एवं 6 के गलत सिजेरियेरन आपरेशन के कारण ही उदर व गर्भाशय में जटिलताएं उत्पन्न हुई।

 

29/             अनावेदक/विरूद्ध पार्टी क्र.4 लगायत 6 द्वारा  श्रीमती प्रेमशीला से इलाज व आपरेशन हेतु कोई शुल्क नहीं लिया गया है। आवेदकगण/परिवादीगण धारा-2 (घ)(II) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आते। अतः आवेदकगण/परिवादीगण का परिवाद निरस्त किया जाता है। उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।       

 

 

         

(डा.हेमलता सिंह)                                  (सुभाष पाण्डेय)                                         (सनमान सिंह)

    सदस्या                                              सदस्य                                                   अध्यक्ष

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण            जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण                   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण

फोरम रायगढ़ (छ0ग0)                             फोरम रायगढ़ (छ0ग0)                                 फोरम रायगढ़ (छ0ग0)

 

                  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SANMAN SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. DR. HEMLATA SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. SUBHAS PANDAY]
MEMBER

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