राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-910/2015
(जिला उपभोक्ता मंच/आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद सं0-17/2014 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 16-04-2015 के विरूद्ध)
मैनेजर, संजीवनी कोल्ड स्टोरेज एण्ड आइस फैक्ट्री, ग्राम रानऊ, पोस्ट शिकारपुर, जिला बुलन्दशहर।
................. अपीलार्थी/विपक्षी।
बनाम्
संजीव कुमार पुत्र श्री राजेन्द्र सिंह निवासी ग्राम मानपुर, पोस्ट शिकारपुर, जिला बुलन्दशहर।
............... प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष:-
1. मा0 श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित:- श्री संजय कुमार विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक : 08-02-2023.
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता मंच/आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद सं0-17/2014 संजीव कुमार बनाम प्रबन्धक, संजीवनी कोल्ड स्टोरेज में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 16-04-2015 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई है। जिला आयोग ने परिवाद को स्वीकार करते हुए विपक्षी को आदेशित किया है कि वह परिवादी द्वारा उनके कोल्ड स्टोरेज में रखे गए आलू के नुकसान की मद में अंकन 66,000/- रू0 30 दिन के अन्दर परिवादी को अदा करे। साथ ही 06 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज अदा करने का आदेश भी दिया गया।
हमने केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री संजय कुमार वर्मा
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को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि आलू रखने का किराया परिवादी द्वारा अदा नहीं किया गया। जिला आयोग ने इन तथ्यों पर विचार नहीं किया। जिला आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया है कि परिवादी द्वारा 88 बोरी आलू जो विपक्षी के शीतगृह में रखा गया था और मण्डी समिति के अनुसार इन बोरों का मूल्य 66,000/- रू0 था। यथार्थ में शीतगृह में रखते समय आलू खराब होने के तथ्य को साबित नहीं पाया गया बल्कि शीतगृह में आलू रखने के बाद आलू खराब होने के तथ्य को साबित पाया गया। इसलिए जिला आयोग के आदेश में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि अंकन 110/- रू0 प्रति बोरा किराया तय हुआ था। किराए की राशि अदा नहीं की गई। परिवाद पत्र के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह उल्लेख नहीं किया कि आलू रखने का किराया प्रति बोरी किस दर से तय हुआ था। यह भी उल्लेख नहीं किया कि किराए की राशि उसके द्वारा अग्रिम रूप में अदा कर दी गई थी। इसलिए लिखित कथन का यह उल्लेख अखण्डनीय है कि अंकन 110/- रू0 प्रति बोरी किराया तय हुआ था। अत: अपीलार्थी परिवादी से आलू की कीमत में से किराए के रूप में अंकन 9,680/- रू0 की कटौती करने के लिए अधिकृत है। अपील तदनुसार आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच/आयोग, बुलन्दशहर द्वारा परिवाद सं0-17/2014 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 16-04-2015 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है
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कि परिवादी को आलू के नुकसान की मद में देय राशि अंकन 66,000/- रू0 में से आलू के किराए की राशि 9,680/- रू0 की कटौती करने के पश्चात् शेष राशि परिवादी को विपक्षी द्वारा देय होगी। जिला आयोग के शेष निर्णय की पुष्टि की जाती है।
वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-1.
कोर्ट-2.