(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या- 1169/2018
(जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्या- 349/2013 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15-05-2018 के विरूद्ध)
1- मेसर्स साईं नाथ रियल इस्टेट प्रा०लि० रजिस्टर्ड आफिस सी-15, जी-1 जयपुरिया अपार्टमेंट कौशाम्बी, गाजियाबाद उ०प्र०।
2- शोभित कुमार भटनागर
3- श्रीमती ममता भटनागर
अपीलार्थी सं0- 2 व 3 निवासीगण- सी-15, जी-1 जयपुरिया अपार्टमेंट कौशाम्बी, गाजियाबाद उ०प्र०।
अपीलार्थीगण
बनाम
संजीव कुमार श्रीवास्तव पुत्र श्री सुरेन्द्र प्रसाद लाल, पता- एन-6/2 जे-52, इन्द्रानगर, चित्तीपुर, वाराणसी, उ०प्र०
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी की ओर से : कोई उपस्थित नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से : विद्वान अधिवक्ता श्री ओम प्रकाश शर्मा
दिनांक- 20-12-2021
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, परिवाद संख्या- 349 सन् 2013 संजीव कुमार श्रीवास्तव बनाम मेसर्स साईंनाथ रियल इस्टेट प्रा०लि० व दो अन्य में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, गाजियाबाद द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 15-05-2018 के विरूद्ध धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गयी है।
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वाद पुकारा गया। अपीलार्थी अनुपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री ओम प्रकाश शर्मा उपस्थित हुए। प्रस्तुत अपील मै0 साईं नाथ रीयल इस्टेट प्रा0लि0 के द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15-05-2018 के विरूद्ध योजित की गयी है जिसमें दिनांक 25-06-2018 को निम्न आदेश पारित किया गया है:-
दिनांक 25-06-2018
Sri Sharad Dwivedi, learned Counsel for the appellants appeared.
Heard learned Counsel for the appellants. The appeal has been filed with delay condonation application.
Issue notice to respondent on the application moved for delay condonation.
The objection may be filed by date fixed.
List on 19-11-2018 for disposal of delay condonation application.
Heard learned Counsel for the appellants on application for interim relief.
Invite objection fixing above date for objection and disposal.
Appellants have deposited Rs.25,000/- under Section-15 of the Consumer Protection Act 1986 in this appeal.
It is contended by learned Counsel for the appellants that the respondent/complainant has not paid amount due in pursuance of agreement entered into between parties and has violated terms of agreement. Therefore, in view of Clause-9 of the agreement to sale the appellants are entitled to forfeit the amount deposited by the respondent/complainant.
It is further contended by learned Counsel for the appellants that the order passed by District Consumer Forum is erroneous and against terms and conditions of agreement entered into between parties.
We have considered the submission made by learned Counsel for the appellants.
Considering all facts and circumstances of the case as well as submission made by learned Counsel for the appellant, it is provided
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that appellant shall deposit Rs.1,10,000/- before District Consumer Forum. On deposit of said amount, the said amount shall be kept in F.D.R. of a Nationalized Bank and shall not be released to the respondent till further order.
On deposit of said amount before District Consumer Forum operation of the impugned judgment and order is stayed till date fixed.
उक्त आदेश दिनांक 25-06-2018 का अनुपालन अपीलार्थीगण द्वारा निश्चित तिथि से पूर्व तक सुनिश्चित नहीं किया गया। पुन: दिनांक 19-11-2018 को निम्न आदेश पारित किया गया है:-
19.11.2018
Ld. Counsel Mr. Sharad Dwivedi appeared for appellant. Respondent Mr. Sanjeev Kumar Srivastava appeared in person and prayed for time to file objection against delay condonation application. Objections may be filed by date fixed.
List on 15.4.2019 for hearing on delay condonation application. No further adjournment shall be given again at this stage.
दिनांक 15-04-2019 को निम्न आदेश पारित किया गया है:-
15.04.2019
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री शरद द्विवेदी के सहयोगी श्री अभिषेक अवस्थी उपस्थित। प्रत्यर्थी संजीव कुमार श्रीवास्तव व्यक्तिगत रूप से उपस्थित आये और उनकी ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री ओम प्रकाश शर्मा ने वकालतनामा प्रस्तुत किया। प्रत्यर्थी की ओर से अपील के विरूद्ध आपत्ति प्रस्तुत की गयी।
उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र पर सुना गया। अपील 01 दिन विलम्ब से प्रस्तुत की गयी है। अपीलार्थी ने विलम्ब का कारण दर्शित किया है। उचित प्रतीत होता है कि विलम्ब क्षमा कर अपील का निस्तारण गुणदोष के आधार पर किया जाए। अत: विलम्ब माफी प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है और अपील प्रस्तुत करने में हुआ विलम्ब क्षमा किया जाता है।
अपील अंगीकृत और पंजीकृत की जाती है।
दिनांक 30.05.2019 अंतिम सुनवाई हेतु तिथि नियत की जाती है और यह स्पष्ट किया जाता है कि पुन: स्थगन स्वीकार नहीं किया जायेगा। लिखित तर्क निश्चित तिथि तक प्रस्तुत किया जा सकता है।
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अंतरिम आदेश दिनांक 25.06.2018 निश्चित तिथि तक अग्रसारित किया जाता है।
दिनांक- 30-05-2019 को निम्न आदेश पारित किया गया है:-
दिनांक- 30-05-2019
अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री शरद द्धिवेदी के सहयोगी श्री नकुल पाठक उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री ओम प्रकाश शर्मा उपस्थित आए। प्रत्यर्थी श्री संजीव कुमार श्रीवास्तव भी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित आए।
पत्रावली अंतिम सुनवाई हेतु दिनांक 13-06-2019 को सूचीबद्ध हो। लिखित तर्क निश्चित तिथि तक प्रस्तुत किया जाए। पुन: स्थगन किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जाएगा। विधि के अनुसार आदेश पारित किया जायेगा।
अन्तरिम आदेश दिनांक 25-06-2018 इस शर्त पर अग्रसारित किया जाता है कि यदि आदेशित धनराशि 1,10,000/-रू0 जिला फोरम के समक्ष जमा नहीं गयी है तो यह आदेश प्रभावी नहीं माना जाएगा।
दिनांक 30-05-2019 के उपरान्त अनेकों तिथियों पर अपील सूचीबद्ध हुयी है परन्तु अपील की सुनवाई नहीं हुयी है। आज पुन: अपील सुनवाई हेतु सूचीबद्ध की गयी है। आज प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री ओम प्रकाश शर्मा एवं प्रत्यर्थी श्री संजीव कुमार श्रीवास्तव भी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हैं। अपीलार्थीगण की ओर से अधिवक्ता जो पूर्व में उपस्थित हो चुके हैं, आज अनुपस्थित हैं। आदेश दिनांक 25-06-2018 का अनुपालन अपीलार्थीगण द्वारा आज तक सुनिश्चित नहीं किया गया है। अतएव समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है। अपीलार्थीगण
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को आदेशित किया जाता है कि वह विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 15-05-2018 (परिवाद संख्या-349/2013) का अनुपालन शत-प्रतिशत रूप से आज से 30 दिन की अवधि में करना सुनश्चित करें।
उपरोक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु प्रत्यर्थी/परिवादी संजीव कुमार श्रीवास्तव इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति के साथ प्रार्थना पत्र वास्ते निष्पादन विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद के सम्मुख दो सप्ताह में प्रस्तुत करेंगे जिस पर विद्वान जिला आयोग द्वारा समुचित आदेश विधि के अनुसार पारित किया जाएगा।
अपीलार्थीगण के विरूद्ध यह न्यायालय पूर्व में पारित किये गये आदेशों की अवहेलना करने के परिणामस्वरूप 50,000/-रू० दण्ड सुनिश्चित करता है जो अपीलार्थीगण द्वारा प्रधानमंत्री राहतकोष में तीन माह की अवधि में जमा किया जाएगा जिसकी जमा की रसीद विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद के अध्यक्ष के समक्ष अपीलार्थीगण द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। अन्यथा की स्थिति में अपीलार्थीगण के विरूद्ध धारा- 71/ 72 के अन्तर्गत कार्यवाही अधिनियम 2019 जिला आयोग, गाजियाबाद द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
कृष्णा-आशु० कोर्ट नं०1