(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 276/2019
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, बलरामपुर द्वारा परिवाद सं0- 65/2017 में पारित निर्णय और आदेश दि0 22.11.2018 के विरूद्ध)
प्रबंधक फर्स्ट फ्लाईट कोरियर लिमिटेड, द्वारा अधिकृत मैनेजर पर्सनल व प्रशासन पवन कुमार सिंह पुत्र श्री आर0पी0 सिंह स्थित कार्यालय- 414-415, सहारा ट्रेड सेन्टर फैजाबाद रोड, इन्दिरा नगर, लखनऊ।
.......अपीलार्थी
बनाम
संजीव श्रीवास्तव पुत्र श्री के0जी0 श्रीवास्तव निवासी- जिलाधिकारी शिविर कार्यालय बहादुरापुर, जनपद बलरामपुर।
..........प्रत्यर्थी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपेश शुक्ला,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री करुणाकर श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 04.04.2019
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
परिवाद सं0- 65/2017 संजीव श्रीवास्तव बनाम फर्स्ट फ्लाइट कोरियर लि0 व दो अन्य में जिला फोरम, बलरामपुर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 22.11.2018 के विरुद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
जिला फोरम ने आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
‘’परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी को प्रश्नगत मोबाइल की कीमत मु014999=00 रू0 तथा मानसिक संत्रास व वाद व्यय हेतु मु05000=00 रूपये अदा करें। आदेश का अनुपालन एक माह में सुनिश्चित करें। अन्यथा आदेश की तिथि से समस्त आदेशित धनराशि 10 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सहित देय होगी।‘’
जिला फोरम के उपरोक्त निर्णय और आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी प्रबंधक फर्स्ट फ्लाइट कोरियर लि0 ने यह अपील प्रस्तुत की है।
अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री दीपेश शुक्ला और प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री करुणाकर श्रीवास्तव उपस्थित आये हैं।
मैंने अपीलार्थी और प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्त सुसंगत तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष विपक्षी फर्स्ट फ्लाइट कोरियर लि0 द्वारा ब्रांच सुपर वाइजर, फर्स्ट फ्लाइट कोरियर लि0 (आर0एच0ओ0) लखनऊ एवं फर्स्ट फ्लाइट कोरियर लि0 कार्पोरेट एण्ड रजिस्टर्ड कार्यालय मुम्बई के विरुद्ध जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्तुत किया है कि परिवादी ने एक मोबाइल ब्लैकबेरी पासपोर्ट दि0 06.09.2017 को विपक्षीगण के बुकिंग आफिस बलरामपुर से ट्रैकिंग आई0डी0 नं0- J991P0296371 के द्वारा डिजिटल ई-स्टोर 4/42 सेकेण्ड लाइन बीच पैरी चेन्नई पिन कोड- 600001 को भेजा, परन्तु उक्त कोरियर पैकेट की किसी कारणवश डिलीवरी नहीं हुई और बलरामपुर दि0 15/16.09.2017 को वापस आ गया। उसके बाद दि0 16.09.2017 को उक्त पैकेट को जब प्रत्यर्थी/परिवादी ने विपक्षी सं0- 1 के समक्ष खोला तो वह खाली था। उसमें मोबाइल और चार्जर नहीं था तब प्रत्यर्थी/परिवादी ने लिखित शिकायत विपक्षी सं0- 1 के कार्यालय में उपस्थित प्रतिनिधि को दी तो उसे आश्वासन दिया गया कि उसका मोबाइल मिल जायेगा, परन्तु काफी कोशिश के बाद प्रत्यर्थी/परिवादी का मोबाइल नहीं मिला और न ही उसकी कीमत उसे दी गई। तब विवश होकर प्रत्यर्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया है।
जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण की ओर से लिखित कथन प्रस्तुत कर परिवाद का विरोध किया गया है और कहा गया है कि परिवादी का यह कथन गलत है कि कोरियर पैकेट वापस आने पर परिवादी ने विपक्षी सं0- 1 के समक्ष खोला। वास्तविकता यह है कि प्रत्यर्थी/परिवादी डी0एम0 कैम्प आफिस बहादुरापुर बलरामपुर में कार्यरत है और प्रश्नगत पैकेट वापस आने पर उसे फोन से सूचना दी गई तब उसने अपने शुभ चिंतक चपरासी श्री पंकज कुमार को पैकेट प्राप्त करने हेतु भेजा तब विपक्षी सं0- 1 ने परिवादी को फोन किया और पूछताछ किया। उसके बाद संदेह दूर होने पर वापस पैकेट सील्ड अवस्था में उक्त चपरासी को दि0 16.09.2017 को 2:00 बजे दिन में दिया गया। उक्त चपरासी ने सील पैकेट प्राप्त करने के बाद अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1 के समक्ष नहीं खोला और सील पैकेट लेकर चला गया। तत्पश्चात दि0 16.09.2017 को करीब 7:00 बजे शाम को प्रत्यर्थी/परिवादी ने विपक्षी सं0- 1 को फोन किया और पैकेट में मोबाइल न होना बताया तथा इस सम्बन्ध में कम्प्लेंट करने की बात कही तब विपक्षी सं0- 1 ने मानवतावश सहयोग करने की बात कही और अपने अधिकारियों का पता बता दिया तथा यह भी कहा कि वह अपने स्तर से भी जांच-पड़ताल करेगा।
लिखित कथन में विपक्षीगण की ओर से यह भी कहा गया है कि परिवादी की गलती से सामान गायब हुआ है। सील पैकेट प्रत्यर्थी/परिवादी के द्वारा भेजे गये चपरासी को दिया गया है। प्रत्यर्थी/परिवादी की सेवा में कोई कमी नहीं की गई है। परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
जिला फोरम ने उभयपक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने के उपरांत यह माना है कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा कोरियर से प्रेषित पैकेट वापस आने पर उसमें मोबाइल और चार्जर नहीं मिला है जो विपक्षीगण की कोरियर सर्विस में कमी है। अत: जिला फोरम ने परिवाद स्वीकार करते हुए आदेश उपरोक्त प्रकार से पारित किया है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश साक्ष्य एवं विधि के विरुद्ध है। प्रत्यर्थी/परिवादी के प्रतिनिधि ने सील पैकेट अपीलार्थी/विपक्षी के कार्यालय से प्राप्त किया है और उस समय नहीं खोला है। इसलिए बाद में यह नहीं कहा जा सकता है कि सील पैकेट में मोबाइल व चार्जर नहीं था।
प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश उचित और युक्तसंगत है।
मैंने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है।
निर्विवाद रूप से प्रत्यर्थी/परिवादी ने कोरियर के माध्यम से सील्ड पैकेट में मोबाइल और चार्जर भेजा था जिसकी डिलीवरी वांछित स्थान पर नहीं हुई और विपक्षी के कार्यालय को सील्ड पैकेट वापस प्राप्त हुआ। उसके बाद सील्ड पैकेट प्रत्यर्थी/परिवादी को दिया गया है और उसी दिन परिवादी ने सील्ड पैकेट खोलने पर मोबाइल और चार्जर उसमें न होने की शिकायत अपीलार्थी के कार्यालय विपक्षी सं0- 1 से की है।
सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा गलत व झूठी शिकायत करने का कोई उचित और आधार युक्त कारण नहीं दिखता है। सम्पूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए मैं इस मत का हूं कि जिला फोरम ने जो मोबाइल की कीमत प्रत्यर्थी/परिवादी को दिलायी है वह उचित है।
जिला फोरम ने 5,000/-रू0 वाद व्यय और मानसिक कष्ट हेतु प्रदान किया है, उसे कम कर 1,000/-रू0 किया जाना उचित प्रतीत होता है।
जिला फोरम ने 01 माह के अन्दर अदायगी न किये जाने पर जो 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज दिया है उसे कम कर 06 प्रतिशत वार्षिक किया जाना उचित है। इसके साथ ही यह ब्याज इस निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर भुगतान न किये जाने पर दिया जाना उचित है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है और अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह प्रत्यर्थी/परिवादी की मोबाइल की कीमत 14999/-रू0 इस निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर अदा करे। यदि इस अवधि में अपीलार्थी/विपक्षी मोबाइल की कीमत प्रत्यर्थी/परिवादी को अदा नहीं करता है तो मोबाइल के मूल्य 14999/-रू0 पर इस निर्णय की तिथि से अदायगी की तिथि तक अपीलार्थी/विपक्षी प्रत्यर्थी/परिवादी को 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करेगा।
अपीलार्थी/विपक्षी प्रत्यर्थी/परिवादी को जिला फोरम द्वारा आदेशित मानसिक कष्ट व वाद व्यय की धनराशि 5,000/-रू0 के स्थान पर 1,000/-रू0 अदा करेगा।
अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
अपील में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित इस निर्णय के अनुसार निस्तारण हेतु जिला फोरम को प्रेषित की जायेगी।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
शेर सिंह आशु0,
कोर्ट नं0-1