Uttar Pradesh

StateCommission

A/972/2019

M.D. Bharti Airtel - Complainant(s)

Versus

Sanjay Kumar - Opp.Party(s)

Suchita Singh, Ashish Mishra

30 Nov 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/972/2019
( Date of Filing : 09 Aug 2019 )
(Arisen out of Order Dated 29/05/2019 in Case No. C/45/2013 of District Bulandshahr)
 
1. M.D. Bharti Airtel
Regd. Ofice Bharti Crescent Nelson Mandela Road Basant Kunj Phase II New Delhi 1100070
...........Appellant(s)
Versus
1. Sanjay Kumar
S/O Late Shri Dharmpal Singh R/O Shivshakti Nagar Chandpur Road Bulandshahr U.P. 203001
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. JUSTICE PRESIDENT PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 30 Nov 2022
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या : 972/2019

 

मैनेजिंग डाइरेक्‍टर, भारतीय एयरटेल व एक अन्‍य 

बनाम्

       संजय कुमार

दिनांक : 28-03-2023

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-45/2013 संजय कुमार बनाम माननीय अध्‍यक्ष, भारतीय दूर संचार नियामक प्राधिकरण व दो अन्‍य  में जिला उपभोक्‍ता आयोग, बुलन्‍दशहर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 29-05-2019  के विरूद्ध  यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     आक्षेपित निर्णय एवं आदेश के द्वारा जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍नलिखित आदेश पारित किया है :-

     ‘’ परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वह 30 दिन के अंदर परिवादी को 75/-रू0  दिनांक 28-01-2013 से वसूली की तिथि तक 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से ब्‍याज के साथ वापिस करे।

     विपक्षीगण परिवादी को मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु 50,000/-रू0 एवं वाद व्‍यय के रूप में अंकन 2,000/-रू0 का भुगतान करें।‘’

      जिला आयोग के आक्षेपित निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी भारतीय एयरटेल की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की है।

 

 

 

-2-

      अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्‍ता श्रीमती सुचिता सिंह एवं सुश्री सताक्षी शुक्‍ला उपस्थित। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा के सहयोगी कनिष्‍ठ अधिवक्‍ता श्री नंद कुमार उपस्थित।

     अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है अत: अपील स्‍वीकार करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को निरस्‍त किया जावे।

     प्रत्‍यथी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य  एवं विधि के अनुसार है। अत: अपील निरस्‍त की  जावे।

     पीठ द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को विस्‍तारपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक अवलोकन किया गया।

     उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को विस्‍तारपूर्वक सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन  एवं परीक्षण करने के उपरान्‍त यह पीठ इस मत की है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के उपरान्‍त  विधि अनुसार निर्णय पारित किया है जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है किन्‍तु विद्धान जिला आयोग द्वारा मानसिक क्षतिपूर्ति के मद में रू0 50,000/-

अदा करने का जो आदेश पारित किया है वह वाद के तथ्‍यों और परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए अधिक प्रतीत होता है जिसे संशोधित करते हुए रू0 50,000/- के स्‍थान पर रू0 10,000/- किया जाता है, साथ ही 75/- पर जो 18 प्रतिशत

 

-3-

ब्‍याज की देयता निर्धारित की गयी है उसे भी संशोधित करते हुए 18 प्रतिशत के स्‍थान पर 12 प्रतिशत किया जाता है। निर्णय का शेष भाग यथावत कायम रहेगा। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

     उक्‍त आदेश का अनुपालन इस निर्णय से एक माह के अंदर सुनिश्चित किया जावे।

     अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     अपील योजित करते समय अपीलार्थी द्वारा अपील में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो नियमानुसार जिला उपभोक्‍ता आयोग को अर्जित ब्‍याज सहित विधि अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जावे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                       (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)  

                                  अध्‍यक्ष                                          

 

प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'ABLE MR. JUSTICE PRESIDENT]
PRESIDENT
 

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