(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-3280/2017
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, विद्युत खण्ड, औरैया।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम्
1. संजय कुमार पुत्र श्री राम सनेही, निवासी ग्राम पुर्वा आशा, थाना फफूंद, जिला औरैया।
2. यू. पी. स्टेट गवर्नमेंट, द्वारा जिला मजिस्ट्रेट, औरैया।
3. निदेशक, विद्युत सुरक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश शाखा, विद्युत खण्ड-2, गोमती नगर, लखनऊ।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2 व 3
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा, विद्वान अधिवक्ता
के सहायक अधिवक्ता श्री मनोज कुमार।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री उमेश शर्मा।
प्रत्यर्थी सं0-2,3 की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।
दिनांक: 13.12.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-318/2016, संजय कुमार बनाम अधिशासी अभियन्ता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 तथा दो अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, औरैया द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 09.02.2017 के विरूद्ध यह अपील विपक्षी संख्या-1 की ओर से प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध अंकन 2,53,000/- रूपये की वसूली हेतु परिवाद स्वीकार किया है तथा इस राशि पर 07 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करने का आदेश दिया है।
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2. इस निर्णय एवं आदेश के विरूद्ध अपील इन आधारों पर प्रस्तुत की गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने अवैध, मनमाना निर्णय एवं आदेश पारित किया है। परिवादी अपीलार्थी का उपभोक्ता नहीं है। परिवादी के पास विद्युत कनेक्शन नहीं है, इसलिए अपीलार्थी किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं है।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा के सहायक अधिवक्ता श्री मनोज कुमार तथा प्रत्यर्थी संख्या-1 के विद्वान अधिवक्ता श्री उमेश शर्मा उपस्थित आए। प्रत्यर्थी संख्या-2 व 3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपीलार्थी एवं प्रत्यर्थी संख्या-1 के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. परिवाद के तथ्यों के अनुसार दिनांक 15.07.2016 को सांय 7:45 बजे परिवादी की पत्नी घर से खेत शौच के लिए गई थी, पास में लगे विद्युत खम्भे की डी.पी. जलने के कारण विद्युत लाईन का तार टूटकर परिवादी की पत्नी के ऊपर गिर गया, जिसके कारण परिवादी की पत्नी का सीना पूरी तरह से जल चुका था, जिसका इलाज कराया गया, जिसमें करीब 04 लाख रूपये खर्च हुए। घटना की सूचना विद्युत विभाग तथा जिलाधिकारी को दी गई, परन्तु कोई क्षतिपूर्ति नहीं दिलाई गई।
5. विद्युत विभाग का कथन है कि निरीक्षण में पाया गया कि विद्युत तार नहीं टूटा था, अपितु शार्ट सर्किट के कारण केबिल में आग लग गई थी और केबिल टूटकर श्रीमती राधा देवी के ऊपर गिर गया था, इस स्थिति में विद्युत विभाग परिवादी की पत्नी को क्षतिपूर्ति के लिए उत्तरदायी नहीं है। परिवादी उस गांव के निवासी हैं, जहां पर विद्युत चालू है, इसलिए वह भी विद्युत विभाग के उपभोक्ता माने जाएंगें। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है। अपील तदनुसार निरस्त होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
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उभय पक्ष अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
अपीलार्थी द्वारा अपील प्रस्तुत करते समय अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित विधि अनुसार एक माह में संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2