राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :2579 /2012
(ओरल)
(जिला उपभोक्ता फोरम, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्या-95/2012 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07-09-2012 के विरूद्ध)
Bharti AXA Life Insurance company Ltd., Unit No. 601 &602, 6th Floor, Raheja Titanium, Off Western Express Highway, Goregaon (E) Mumbai. अपीलार्थी
बनाम्
Sanjay Gupta, C/o Jagdish Ram Gupta, MM-40, Sanjay Gandhi Nagr, ChaukaGhat, Varanasi. प्रत्यर्थी
समक्ष :-
1- मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2- मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्री राहुल दत्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित- कोई नहीं।
दिनांक : 19-01-2018
मा0 श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य द्वारा उद्घोषित निर्णय
परिवाद संख्या-95/2012 संजय गुप्ता बनाम् मुख्य अधिशासी अधिकारी भारती एक्सा इं0कं0 व एक अन्य में जिला फोरम, वाराणसी द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश दिनांक 07-09-2012 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अनतर्गत इस आयोग के समक्ष प्रस्तुत की है।
आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने निम्न आदेश पारित किया है-
‘’ परिवादी संजय गुप्ता का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वह संयुक्त रूप से अथवा एकाकी रूप से परिवादी को मु0 50,000/- में 4 प्रतिशत की कटौती करते हुए मु0 48,000/-रू0 एक माह के अन्तर्गत अदा कर देवें। उपरोक्त समयावधि में धन अदा न करने पर 07 प्रतिशत वार्षिक की दर से परिवाद प्रस्तुतीकरण की तिथि से संतुष्टि की तिथि तक देय होगा। उपरोक्त के अतिरिक्त विपक्षीगण परिवादी को उपरोक्त समयावधि में 1500/-रू0 भी अदा करेंगे।‘’
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संक्षेप में इस केस के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी ने 28-08-2008 को प्रथम वर्षीय प्रीमियम मु0 50,000/-रू0 का भुगतान कर विपक्षीगण से बीमा पालिसी प्राप्त की।एक वर्ष बीतने पर दिनांक 28-08-2009 को बीमा पालिसी का समर्पण कर दिया और पालिसी के नियमानुसार प्रीमियम धनराशि लौटाने का आग्रह किया। इसलिए यह परिवाद योजित किया गया है।
विपक्षीगण को जरिये रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी गयी किन्तु विपक्षीगण नोटिस प्राप्त करने के बावजूद न तो हाजिर हुए और न ही जवाब दाखिल किया इसलिए विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।
अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री राहुल दत्ता उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया।
हमने अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना है तथा आक्षेपित निर्णय और और एवं पत्रावली का अवलोकन किया है।
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि वह जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हो सका था और जिला फोरम द्वारा बिना उसे सुने एकपक्षीय आदेश पारित किया गया है जो विधि विरूद्ध है अत: उसे साक्ष्य और सुनवाई का एक अवसर दिया जाए।
हमने अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क पर विचार किया। हम यह पाते है कि अपीलार्थी को जिला फोरम के समक्ष प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत करने का एक अवसर दिया जाए। अत: अपील स्वीकार करते हुए पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाए कि वह उभयपक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर किया जाना सुनिश्चित करें। तद्नुसार अपील स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश अपास्त करते हुए पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्यावर्तित की जाती है कि वह उभयपक्ष को साक्ष्य और सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का निस्तारण गुणदोष के आधार पर किया जाना सुनिश्चित करें।
उभयपक्ष जिला फोरम के समक्ष दिनांक 13-03-2018 को उपस्थित हो।
(राम चरन चौधरी) (बाल कुमारी)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट नं0-5 प्रदीप मिश्रा, आशु0