राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1312/2022
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, सीतापुर द्वारा परिवाद संख्या 149/2020 में पारित आदेश दिनांक 21.09.2022 के विरूद्ध)
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, इलैक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन द्वितीय, सीतापुर
........................अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
संजय कुमार पुत्र बाबूराम निवासी- ग्राम, लकुची मुडियारा, थाना, मिश्रिख, जिला: सीतापुर
...................प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 05.12.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील अपीलार्थी द्वारा इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, सीतापुर द्वारा परिवाद संख्या-149/2020 संजय कुमार बनाम अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय जनपद सीतापुर में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.09.2022 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है।
प्रश्नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग ने उपरोक्त परिवाद निर्णीत करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
''परिवादी का यह वाद विपक्षी के विरूद्ध निर्णीत किया जाता है तथा विपक्षी को यह आदेश दिया जाता है कि वह परिवादी को हुए मानसिक क्षति के लिए मु0. 10,000/-(दस हजार) रू0 एवं वाद व्यय के लिए मु0. 5,000/-(पॉंच हजार) रू0 आदेश पारित होने के दो माह के अन्दर में अदा करेगा।
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उक्त आदेशित राशि विपक्षी द्वारा निर्धारित अवधि में अदा न करने की स्थिति में परिवादी उक्त धनराशि 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की दर से जिला आयोग के माध्यम से विपक्षी से वसूल कराने का अधिकारी होगा।''
मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री इसार हुसैन को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 से सिंचाई हेतु दिनांक 22.02.2018 को 7700/-रू0 जमा कर विद्युत कनेक्शन लिया था। परिवादी ग्राम लकुची मुडियारा थाना मिश्रिख जिला सीतापुर का निवासी है तथा परिवादी की जमीन पड़ोस गॉंव समसापुर व पतौंजा में है। परिवादी द्वारा जिस समय उक्त कनेक्शन लिया गया था उस समय अपना पता ग्राम लकुची थाना मुडियारा जिला सीतापुर, जो आधार कार्ड में दर्ज है, लिखवाया था। परिवादी द्वारा उक्त कनेक्शन लेने के बाद अपने खेतों की सिंचाई करता रहा तथा समय-समय पर विद्युत बिल जमा करता रहा।
परिवादी का कथन है कि परिवादी को विद्युत विभाग द्वारा जिस ट्रांसफार्मर से कनेक्शन दिया गया था वह फुक गया तथा जब नया ट्रांसफार्मर रखा गया तो दिनांक 14.08.2020 को परिवादी का कनेक्शन काट दिया गया, जिससे परिवादी को लगभग 1,50,000/-रू0 सिंचाई न होने से नुकसान हुआ। परिवादी द्वारा विपक्षी से लगातार कनेक्शन जोड़ने हेतु सम्पर्क किया जाता रहा, परन्तु परिवादी का कनेक्शन जोड़ा नहीं गया तथा परिवादी से कहा गया कि परिवादी का कनेक्शन गलत है क्योंकि परिवादी ग्राम लकुची का रहने वाला है तथा परिवादी का खेत समसापुर व पतौंजा में स्थित है। तदोपरान्त परिवादी द्वारा विपक्षी को विद्युत कनेक्शन में संशोधन हेतु प्रार्थना पत्र दिया गया, जिस पर विद्युत विभाग द्वारा परिवादी के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए कनेक्शन में दुरूस्ती कर दी गयी। उक्त दुरूस्ती होने के उपरान्त भी विपक्षी द्वारा परिवादी का कनेक्शन चालू नहीं किया गया, जिससे परिवादी की फसल सूखती रही।
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तब परिवादी द्वारा दिनांक 10.09.2020 को विपक्षी को नोटिस दी गयी, जिस पर विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अत: क्षुब्ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षी के विरूद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।
विपक्षी की ओर से जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख आपत्ति/लिखित उत्तर प्रस्तुत किया गया तथा कथन किया गया कि परिवादी अपने निजी नलकूप का प्रयोग करके विद्युत का उपभोग करता रहा तथा यह कि परिवादी के जिम्मे दिनांक 02.01.2021 को 13,195/-रू0 का विद्युत बिल बकाया था, परन्तु परिवादी द्वारा जानबूझकर उसकी अदायगी नहीं की गयी। इस कारण दिनांक 02.02.2021 को परिवादी का विद्युत संयोजन नियमानुसार अस्थायी रूप से काट दिया गया। परिवादी यदि पुन: विद्युत संयोजन करवाना चाहता है तो उसके लिए संयोजन शुल्क 1000/-रू0 देय है तथा इसके अतिरिक्त बकाया 13,295/-रू0 कुल दिनांक 02.02.2021 तक 14,295/-रू0 अदा करना था तथा परिवादी द्वारा अदायगी न करने के कारण परिवादी का विद्युत संयोजन विपक्षी द्वारा नहीं किया गया।
विपक्षी का कथन है कि दिनांक 02.02.2021 को अस्थायी विद्युत विच्छेदन हो जाने के पश्चात् न्यूनतम विद्युत देयता परिवादी के जिम्मे चल रही है, जिसके सम्बन्ध में निरन्तर मासिक बिल परिवादी को विपक्षी विभाग द्वारा भेजे जा रहे हैं तथा दिनांक 15.05.2022 तक परिवादी के जिम्मे 44,152/-रू0 बकाया हो चुके हैं, जिसका बिल भी परिवादी को भेजा जा चुका है, परन्तु परिवादी द्वारा उसकी अदायगी नहीं की गयी। यदि परिवादी नियमानुसार स्थायी विच्छेदन शुल्क जमा करते हुए स्थायी विच्छेदन करा लेता है तो उस दशा में न्यूनतम विद्युत देय परिवादी का समाप्त हो जायेगा, परन्तु परिवादी द्वारा स्थायी विच्छेदन कराने हेतु औपचारिकतायें पूर्ण नहीं की, इसलिए न्यूनतम विद्युत देयता परिवादी के जिम्मे बिल के अनुसार चल रही है तथा बिल के अनुसार परिवादी को दिनांक 15.05.2022 तक 44,152/-रू0 विपक्षी विभाग को अदा करना है, जिसे अदा किये बिना नियमानुसार विद्युत का संयोजन कर विद्युत उपभोग
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परिवादी नहीं कर सकता है। परिवादी विपक्षी से कोई क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है। परिवाद निरस्त होने योग्य है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्त यह पाया गया कि परिवादी द्वारा परिवाद अक्टूबर, 2020 में दाखिल किया गया तथा यह कि परिवादी द्वारा जून, 2020 तक पूरी तरह से विद्युत बिल का भुगतान किया जा चुका है, इसके बाद भी विपक्षी द्वारा परिवादी का विद्युत संयोजन नहीं करना विपक्षी द्वारा दी जाने वाली सेवाओं में त्रुटि को दर्शाता है।
तदनुसार विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा प्रश्नगत आदेश दिनांक 21.09.2022 पारित किया गया।
सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा समस्त तथ्यों का सम्यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया, जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं हैं, परन्तु मेरे विचार से जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो मानसिक क्षति के लिए 10,000/-रू0 आदेशित किया गया है, उसे कम कर 2500/-रू0 किया जाना उचित है तथा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो वाद व्यय के लिए 5000/-रू0 आदेशित किया गया है, उसे कम कर 2000/-रू0 किया जाना उचित है।
तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता आयोग, सीतापुर द्वारा परिवाद संख्या-149/2020 संजय कुमार बनाम अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय जनपद सीतापुर में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 21.09.2022 को संशोधित करते हुए विपक्षी द्वारा परिवादी को मानसिक क्षति के लिए 2500/-रू0 तथा वाद व्यय के लिए 2000/-रू0 इस निर्णय की तिथि से एक माह की अवधि में अदा करने हेतु आदेशित किया जाता है।
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यदि विपक्षी द्वारा परिवादी को उपरोक्त एक माह की अवधि में उपरोक्त धनराशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो उपरोक्त धनराशि पर जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा आदेशित 06 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज भी देय होगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को 01 माह में विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1