Rajasthan

Jaipur-IV

CC/114/2013

Mohanlal Meena - Complainant(s)

Versus

Sango Automobiles Pvt, Ltd. - Opp.Party(s)

Brijesh Sharma & Others

11 Feb 2015

ORDER

          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर

                      पीठासीन अधिकारी
                                     डाॅ. चन्द्रिका प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष
                         डाॅ. अलका शर्मा, सदस्या
                       श्री अनिल रूंगटा, सदस्य

परिवाद संख्या:-114/2013 (पुराना परिवाद संख्या 1483/2011)
श्री मोहन लाल मीणा पुत्र स्वर्गीय श्री भोमा राम मीणा, उम्र 33 वर्ष, जाति मीणा, निवासी- मीणों का मौहल्ला, मु.पो.फागी, जिला जयपुर । 
परिवादी
बनाम

01. सांगा आॅटोमोबाईल्स प्रा.लि. (आॅथोराईज्ड मारूति डीलर), सेक्टर 35, प्रताप नगर, जयपुर जरिये प्रबन्ध निदेषक । 
02. मारूति सुजुकी इण्डिया लिमिटेड, पालम, गुड़गांव, हरियाणा जरिये प्रबन्ध निदेषक । 
विपक्षीगण
उपस्थित
परिवादी की ओर से श्री चन्द्रशेखर दाधीच/श्री बृजेश शर्मा़, एडवोकेट
विपक्षी संख्या 1 के प्रतिनिधि उपस्थित ।
विपक्षी संख्या 2 की ओर से श्री संदीप अरोड़ा/श्री अरूण जैन, एडवोकेट

निर्णय
दिनांकः-11.02.2015

 यह परिवाद, परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध दिनंाक 11.08.2011 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 से वाहन संख्या आर.जे.14-सीएच-4692 राषि 2,71,481/-रूपये में क्रय किया था, जो विपक्षी संख्या 2 द्वारा निर्मित था । परिवादी द्वारा उक्त वाहन खरीदने के बाद वह चलते-चलते बन्द हो जाता था, स्टार्ट नहीं होता था, इंजिन अत्यधिक गर्म हो जाता था और अत्यधिक धुंआ निकालता था । जिसकी षिकायत परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 से की तो विपक्षी संख्या 1 ने उक्त वाहन का नया होना तथा पार्ट्स वर्किंग पोजिषन में आने में समय लगने के तथ्य बताकर परिवादी को टाल दिया । इस प्रकार परिवादी के उक्त वाहन में एक वर्ष तक उक्त समस्याऐं रही । वाहन में ैजंतजपदह च्तवइसमउ और उसके गर्म हो जाने की समस्या के साथ-साथ अन्य समस्याऐं उसमें बनी रही । इस संबंध में परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 को बताया ।
 विपक्षी संख्या 1 ने विजिट संख्या 4 दिनंाकित 22.03.2010 के लिए प्रदर्श-2 दस्तावेज बनाते समय परिवादी के वाहन में व्याप्त ैजंतजपदह की समस्या को इसमें अंकित किया था । इससे पूर्व भी परिवादी के वाहन में यही समस्या थी । जिनका समाधान विपक्षीगण के स्तर पर नहीं किया गया । विजिट संख्या 5, 7, 8, 9 एवं 12 में भी परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 को वाहन में विद्यमान उक्त समस्याऐं बताई थी । लेकिन विपक्षीगण ने उनका कोई निदान नहीं किया । दिनंाक 06.05.2011 को परिवादी जब विपक्षी संख्या 1 के प्रतिष्ठान पर उक्त वाहन को ले गया तो वहां जी.एम.           श्री बाबूलाल ने वाहन में गम्भीर निर्माण संबंधी दोष होना बताया और वाहन की पूर्ण मरम्मत के लिए विपक्षी संख्या 2 से बात करने के लिए समय चाहा । विपक्षी संख्या 2 को भी इस बाबत् षिकायत दर्ज करवाई गई ।
इस प्रकार विपक्षीगण ने परिवादी द्वारा क्रय किये गये वाहन में होने वाली ैजंतजपदह च्तवइसमउ, वाहन गर्म हो जाने की समस्या व अन्य समस्याओं का निराकरण नहीं किया क्योंकि वाहन निर्माण संबंधी दोष से ग्रस्त था । विपक्षीगण ने निर्माण संबंधी दोष से ग्रस्त वाहन परिवादी को विक्रय करके सेवादोष कारित किया हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण से परिवाद के मद संख्या 20 मंें अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षी संख्या 1 की ओर से दिये गये जवाब में कथन किया गया है कि परिवादी ने उक्त वाहन विपक्षी संख्या 1 से क्रय किया था, यह तथ्य स्वीकार हैं । परन्तु विपक्षी ने परिवादी से कहा हो कि पार्ट्स वर्किंग पोजिषन में आने में समय लगता हैं, यह तथ्य गलत हैं । परिवादी ने वाहन में गैस किट लगवाया था जिससे मूल वायरिंग में जगह-जगह कट लग गये थे । परिवादी ने जारी बुकलेट में इस बाबत् स्पष्ट रूप से अंकित किया गया है कि श्ज्ीपे ूंततंदजल ेींसस दवज ंचचसल जव दृ ;वद्ध प्देजंससंजपवद ंदक नेंहम व िकवउमेजपब स्च्ळ ळंेध् स्च्ळ ब्लसपदकमतण्श् वाहन में स्टार्टिंग प्राॅब्लम गैस किट डलवाने से आ सकती हैं । दिनंाक 22.03.2010 को वाहन के जनरल चैकअप के दौरान परिवादी ने वाहन में स्टार्टिंग व गियर प्राॅब्लम की कोई षिकायत विपक्षी संख्या 1 से नहीं की थी । गैस किट डलवाने से ही परिवादी के वाहन में स्टार्टिंग प्राॅब्लम हुई हैं । इसलिए विपक्षी संख्या 1 का कोई सेवादोष नहीं हैं । अतः परिवाद, परिवादी निरस्त किया जावें ।
विपक्षी संख्या 2 की ओर से अंग्रेजी भाषा में जवाब दिया गया है जिसका सार संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने वाहन में एल.पी.जी. गैस किट लगवाकर वाहन की वारण्टी की शर्तों की अवहेलना की हैं । परिवादी विपक्षी को तंग, परेषान और ठसंबाउंपस करना चाहता हैं । वाहन की स्टेयरिंग असेम्बली वारण्टी की शर्तों के अनुरूप दिनंाक 22.03.2010 को बदल दी गई थी । वाहन की स्पीडोमीटर असेम्बली भी विपक्षी के स्तर पर बदली गई हैं । वाहन में कम्पनी के विषेषज्ञ सर्विस इंजीनियर ने कोई त्रुटि नहीं पाई थी और उसे व्ण्ज्ञण् ब्वदकपजपवद में पाया था । इसलिए परिवादी को विक्रय किये गये वाहन में कोई निर्माण संबंधी दोष नहीं हैं । अतः परिवाद, परिवादी निरस्त किया जावें ।
परिवाद के तथ्यों की पुष्टि में परिवादी श्री मोहनलाल मीणा, श्री मदन मीणा,    श्री शंकर लाल मीणा एवं श्री दिनेष कुमार दाधीच के शपथ पत्र एवं कुल 15 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये जिनमें तीन फोटोग्राफ्स भी शामिल हैं । जबकि विपक्षी संख्या 1 की ओर से जवाब के तथ्यों की पुष्टि में श्री बाबूलाल चाहर का शपथ पत्र का प्रस्तुत किया गया । विपक्षी संख्या 2 की ओर से जवाब के तथ्यों की पुष्टि में कोई शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया । 
बहस अंतिम सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
परिवादी की ओर से निम्न न्याय सिद्धान्त पेष किये गयेः-
01ण् 2003 छब्श्र 195 ;छब्द्ध
02ण् प्ट ;2012द्ध ब्च्श्र 87
03ण् प्ट ;2012द्ध ब्च्श्र 281 ;छब्द्ध
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी ने सर्वप्रथम प्रदर्श-2 जाॅब कार्ड के माध्यम से वाहन दिनांक 22.03.2010 को विपक्षी संख्या 1 को दिखाया था । जिसमें वाहन के स्टेयरिंग से आवाज आने की समस्या अंकित हैं । इसके बाद उक्त वाहन को विपक्षी संख्या 1 के पास प्रदर्श-3 जाॅब कार्ड के माध्यम से दिनांक 10.08.2010 को दिखाया तब वाहन में ैजंतजपदह च्तवइसमउ और ळमंत व्पस स्मंांहम आदि की समस्या विद्यमान थी । तदुपरान्त प्रदर्श-4 जाॅब कार्ड दिनांकित 14.08.2010 एवं प्रदर्श-5 जाॅब कार्ड दिनांकित 20.08.2010 के माध्यम से वाहन में ैजंतजपदह च्तवइसमउ बताते हुए वाहन विपक्षी संख्या 1 को दिया गया । इसके बाद वाहन को दिनंाक 02.09.2010 को जाॅब कार्ड प्रदर्ष-6 के माध्यम से विपक्षी संख्या 1 पास क्ववत छवपेम की शिकायत के साथ दिया गया और दिनांक 08.10.2010 को जाॅब कार्ड प्रदर्श-7 के माध्यम से व्पस - थ्पसजमत ब्ींदहम करने के लिए वाहन विपक्षी संख्या 1 को दिया गया । तदुपरान्त वाहन प्रदर्ष-8 जाॅब कार्ड के माध्यम से पुनः विपक्षी संख्या 1 के यहां भेजा गया । लेकिन इस जाॅब कार्ड पर कोई तारीख अंकित नहीं हैं और इसमें कोई षिकायत भी दर्ज नहीं की गई हैं । इसके बाद प्रदर्श-8ए जाॅब कार्ड दिनांक 12.04.2011 को तैयार किया गया । जिसमें बैटरी चैक करने की समस्या अंकित हैं । अंत में प्रदर्ष-9 एवं प्रदर्ष-10 जाॅब कार्ड, जो क्रमषः दिनांक 14.04.2011 एवं 06.05.2011 को तैयार किये गये, में क्रमशः भ्वतद ब्ींदहम और ैजंतजपदह च्तवइसमउ अंकित हैं । इसके बाद दिनांक 06.05.2011 को परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 पास वाहन में ैजंतजपदह च्तवइसमउ होने के आधार पर जाॅब स्लिप प्रदर्ष-11 व प्रदर्ष-12 बनाया जाना अंकित किया हैं ।
इस प्रकार परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 से यह वाहन दिनांक 12.10.2009 को क्रय किया था और सर्वप्रथम वाहन में दिनंाक 22.03.2010 को प्रदर्श-2 जाॅब कार्ड के माध्यम से विपक्षी संख्या 1 के पास भेजा गया । तब वाहन में स्टेयरिंग से आवाज आना अंकित था और उसमें ैजंतजपदह च्तवइसमउ जैसी महत्वपूर्ण समस्या विद्यमान नहीं थी । लेकिन बाद में जाॅब कार्ड्स प्रदर्श-3, प्रदर्श-4, प्रदर्श-5 एवं जाॅब स्लिप प्रदर्ष-11 व प्रदर्ष-12 में वाहन में ैजंतजपदह च्तवइसमउ अंकित की गई हैं और बीच में प्रदर्श-6, प्रदर्श-7, प्रदर्श-8 एवं प्रदर्श-8ए में क्रमशः क्ववत छवपेमए थ्पसजमत ब्ींदहमए ठंजजमतल ब्ीमबा आदि समस्याऐं अंकित हैं । इस प्रकार कुल पांच जाॅबषीटों में परिवादी के वाहन में ैजंतजपदह च्तवइसमउ अंकित हैं और इस संबंध में परिवादी ने विपक्षीगण को प्रदर्श-13, प्रदर्श-13ए एवं प्रदर्श-13बी पत्र लिखकर भी दिये थे ।
इसलिए निश्चित रूप से परिवादी के वाहन में ैजंतजपदह च्तवइसमउ रही है और जिसका निराकरण विपक्षीगण ने संतोषजनक ढंग से नहीं किया है । इसलिए परिवादी को बार-बार विपक्षी संख्या 1 के पास जाना पड़ा । लेकिन परिवादी के वाहन में  उक्त ैजंतजपदह च्तवइसमउ प्रथम दिवस से ही विद्यमान हो, यह नहीं कहा जा सकता क्योंकि वाहन को परिवादी ने दिनांक 12.10.2009 को क्रय किया था और उसके वाहन में ैजंतजपदह च्तवइसमउ सर्वप्रथम दिनंाक 10.08.2010 को देखने को मिली यानि तब तक परिवादी को वाहन खरीद हुए लगभग 10 माह गुजर चुके थे । यदि परिवादी के वाहन में ैजंतजपदह जैसा निर्माण संबंधी दोष विद्यमान था तो यह वाहन आरम्भ से ही चलाने की स्थिति में नहीं होता । इस संदर्भ में परिवादी ने सर्वप्रथम माह अगस्त,2010 में विपक्षी संख्या 1 से षिकायत की हैं । इसलिए परिवादी का वाहन किसी निर्माण संबंधी दोष से ग्रस्त हो, यह नहीं कहा जा सकता ।
परन्तु यह सही है कि विपक्षीगण ने परिवादी के वाहन मेें व्याप्त ैजंतजपदह च्तवइसमउ का निराकरण संतोषजनक रूप से नहीं किया हैं । जो विपक्षीगण का सेवादोष हैं । परिवादी ने अब अपने वाहन में एल.पी.जी गैस किट प्देजंसस करवा लिया हैं और इस कारण उसके वाहन में ैजंतजपदह च्तवइसमउ आ रही हैं, इस तथ्य को सिद्ध करने के लिए विपक्षीगण ने कोई विषेषज्ञ रिपोर्ट प्रस्तुुत नहीं की हैं । साथ ही परिवादी द्वारा अपने वाहन के फोटोग्राफ्स प्रदर्श-15 से प्रदर्श-17 प्रस्तुत किये हैं जिनके अवलोकन से भी यह सिद्ध नहीं होता है कि परिवादी के वाहन में गैस किट लगा हुआ हैं । इसलिए विपक्षीगण का यह कथन कि चूूंकि परिवादी ने वारण्टी की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वाहन में गैस किट लगवा ली हैं इसलिए उसके वाहन में ैजंतजपदह च्तवइसमउ  हुई हैं, माने जाने योग्य नही हैं ।
परिवादी की ओर से जो न्याय सिद्धान्त प्रस्तुत किये गये हैं उनके तथ्य प्रस्तुत प्रकरण के तथ्यों से सुसंगता नहीं रखते हैं । इसलिए उनके पृथक से विवेचन की आवष्यकता नहीं हैं ।
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर विपक्षीगण ने परिवादी के वाहन में विद्यमान ैजंतजपदह च्तवइसमउ का निराकरण संतोषजनक रूप से नहीं करके सेवादोष कारित किया हैं । और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षीगण से स्वयं को हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये अर्थात् कुल 12,500/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।

आदेश
 अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी स्वीकार किया जाकर आदेष दिया जाता है कि परिवादी विपक्षीगण से उसके वाहन में विद्यमान ैजंतजपदह च्तवइसमउ का निराकरण विपक्षीगण द्वारा संतोषजनक रूप से नहीं करने से  स्वयं को कारित आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 10,000/-रूपये एवं परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये अर्थात् कुल 12,500/-रूपये प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वे उक्त समस्त राशि परिवादी के रिहायशी पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करवायेंगे  । 


अनिल रूंगटा           डाॅं0 अलका शर्मा         डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा 
  सदस्य                             सदस्या                      अध्यक्ष

निर्णय आज दिनांक 11.02.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।

अनिल रूंगटा           डाॅं0 अलका शर्मा         डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा 
  सदस्य                             सदस्या                        अध्यक्ष

 

 

 

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