Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

cc/950/2007

NIRMAL KUMAR - Complainant(s)

Versus

SANGEET BAHAR - Opp.Party(s)

12 Aug 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. cc/950/2007
 
1. NIRMAL KUMAR
swaroop nagar kanpur
...........Complainant(s)
Versus
1. SANGEET BAHAR
BENAJHABAR KANPUR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 

                                                             जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
    श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी...................वरि.सदस्या    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

उपभोक्ता वाद संख्या-950/2007
निर्मल कुमार गुप्ता संरक्षक कु0 नूपुर गुप्ता, निवासी मकान नं0-113/96, स्वरूप नगर, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1.    मेसर्स संगीत बहार, स्थित मकान नं0-111/1, बेना झाबर रोड, कानपुर नगर।
2.    मेसर्स सैमसंग (इण्डिया) इ0 कस्टमर केयर सर्विस सेंटर मेन बेना झाबर रोड, कानपुर नगर।
3.    डायरेक्टर, मेसर्स सैमसंग सर्विस नेटवर्क इण्डिया, बेनाझाबर रोड, कानपुर नगर।
4.    सैमसंग इलेक्ट्रानिक्स इण्डिया लि0 8वीं मंजिल आई.एफ.सी.आई. टाॅवर, 61 नेहरू प्लेस नई दिल्ली-110019 द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर/इंचार्ज।
                             ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 03.12.2007
निर्णय की तिथिः 19.10.2015
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण को आदेषित किया जाये कि उक्त डिफेक्टिव ए0सी0 की कीमत रू0 23,500.00 मय 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से परिवादी को अदा करे। परिवादी को आर्थिक, मानसिक क्षति की भरपाई के लिए रू0 50,000.00, ए0सी0 डिफेक्टिव होने के कारण परिवादी अपनी पुत्री को एक सामान्य तापमान में रहने के लिए कलकत्ता लेकर गया जहां का खर्चा लगभग रू0 50,000.00 दिलाया जाये। पारिवारिक एवं सामाजिक प्रतिष्ठा की हुई भरपाई के लिए रू0 20,000.00 तथा परिवाद व्यय के रूप में रू0 5000.00 दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का संक्षेप में यह कथन है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से दिनांक 24.02.07 को एक स्पिलिट यूनिट ए0सी0 जिसका इनवायस नं0-11098।ैज्18ॅश्रॅक्टए ।101च्2टैट00735 
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जिसका चेचिस नं0-न्ैज्18ॅश्रॅक्टए ।101चर््च्स्502780 मय इंस्टालेषन चार्ज क्रय किया था, जिसकी स्कीम पैकेज चल रही थी, जिसके कागज दिये, परन्तु विक्रेता ने मोहर नहीं लगाया। परिवादी द्वारा विपक्षी को यह अवगत करा दिया गया था कि उसके पहले वाला ए0सी0 खराब हो गया है और उसे अपनी पुत्री हेतु नये ए0सी0 की आवष्यकता है। परिवादी फरवरी 2007 में ही ए0सी0 का पैसा दे दिया था। उसके बाद परिवादी अपने घर आ गया। विपक्षी सं0-1 द्वारा उक्त दिनांक को ए0सी0 नहीं भेजा गया। अगले दिन यानी दिनांक 25.02.07 को विपक्षी सं0-1 से संपर्क करके अवगत कराया गया कि उसके निवास पर आपके द्वारा कोई ए0सी0 नहीं भेजा गया। जबकि विपक्षी ने उसी दिन ए0सी0 इंस्टाल कराने का वायदा किया था। विपक्षी सं0-1 ने अपने अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा परिवादी को आष्वस्त किया कि 1-2 दिन में ए0सी0 भेज दिया जायेगा। किन्तु विपक्षी सं0-1 द्वारा अपना वायदा पूरा नहीं किया गया और कोई न कोई बहाना बनाकर परिवादी को लौटाया जाता रहा, जो कि विपक्षी सं0-1 की पूर्ण लापरवाही एवं उदाषीनतापूर्ण कार्य का उदाहरण है। जिसके कारण परिवादी को लम्बे समय तक न सिर्फ मानसिक क्षति हुई बल्कि परिवादी की पुत्री जिसको डाक्टरों की सलाह के अनुसार बराबर ए0सी0 की आवष्यकता थी तथा डाउन सिड्रोम (मंगोल) बीमारी से ग्रसित है, को ए0सी0 की सुविधा न उपलब्ध हो पाने के कारण परिवादी को घोर मानसिक कश्ट हुआ। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 की दुकान पर तमाम बार संपर्क करने व फोन से सूचना दिये जाने के उपरान्त विपक्षी सं0-1 द्वारा मार्च 2007 के अंतिम सप्ताह में अपने मैकेनिक द्वारा उक्त ए0सी0 स्थापित करके ए0सी0 चालू किया गया, तो उसमें एक विभिन्न तरीके की दुर्गन्ध आना प्रारम्भ हो गयी। एयरकूलिंग अथवा ठन्डक नहीं आ रही थी और न ही हवा आ रही थी। बल्कि एक प्रकार की कर-कर की आवाज आ रही थी, जिस पर परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के मैकेनिक से षिकायत की तब विपक्षी सं0-1 के, उपस्थिति, मैकेनिक द्वारा परिवादी से कहा गया कि ए0सी0 में निर्माण सम्बन्धी कोई त्रुटि है। जिसके लिए अब  निर्माता कंपनी 
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के अधिकृत सर्विस सेंटर जाकर षिकायत करे। परिवादी विपक्षी सं0-1 की दुकान पर गया तो वहां विपक्षी सं0-1 द्वारा भी निर्माण दोश बताते हुए निर्माता कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर से कहा गया। परिवादी द्वारा इस सम्बन्ध में विपक्षी सं0-2 के यहां षिकायत दर्ज करायी गयी। तदोपरान्त विपक्षी सं0-1 की तरफ से मिस0 षर्मा व सैमसंग इण्डिया की ओर से एक कर्मचारी ए0सी0 का मुआइना करने आये। उक्त ए0सी0 का मुआइना करने के बाद विपक्षी सं0-2 की तरफ से भेजे गये कर्मचारी/मैकेनिक ने बताया कि उक्त ए0सी0 डिफेक्टिव है व उसके कूलिंग क्वाॅइल क्षतिग्रस्त हैं और पंखे भी क्षतिग्रस्त हैं। विपक्षी सं0-2 के कर्मचारी ने यह भी कहा कि उक्त ए0सी0 में निर्माणी कमी है, उक्त ए0सी0 ठीक नहीं हो सकती। परिवादी को विपक्षी सं0-1 द्वारा डिफेक्टिव ए0सी0 बिक्री करके सेवा में घोर कमी की गयी है। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-2 के यहां दिनांक 10.05.07 को कस्टमर केयर में उक्त ए0सी0 की षिकायत दर्ज करायी, जिसका नं0-8405265586 दिया गया। दिनांक 30.05.07 को विपक्षी सं0-2 की ओर से श्री नदीम परिवादी के घर ए0सी0 की सर्विस करने आये। श्री नदीम से परिवादी ने कहा कि टिफेक्टिव ए0सी0 की सर्विस करके क्या करेंगे, तो उक्त कर्मचारी ने परिवादी ने कहा कि आप हमारे बाॅस जो कि हमारे कस्टमर केयर में दिनांक 01.06.07 को उपस्थित मिलेंगे से षिकायत करे। परिवादी दिनांक 01.06.07 को विपक्षी सं0-2 के सर्विस सेंटर गया, जहां श्री अमित श्रीवास्तव मिले। श्री अमित श्रीवास्तव से षिकायत करने पर श्री अमित श्रीवास्तव ने सब के सामने परिवादी को बेइज्जत किया और यह कहा कि आप यह ए0सी0 विपक्षी सं0-1 से क्रय किया है, मैं आपकी समस्या नहीं सुलझा सकता, आगे से आप अपनी समस्या यहां लेकर मत आना। विपक्षी सं0-2 द्वारा परिवादी को डिफेक्टिव ए0सी0 विक्रय किया गया और वारंटी अवधि में ही उक्त ए0सी0 खराब हो गया, जिसके लिए विपक्षीगण पूर्णतः जिम्मेदार हैं। गारंटी अवधि में ही ए0सी0 खराब होने के बावजूद, विपक्षीगण के यहां तमाम चक्कर लगाने पर विपक्षी सं0-1        ने परिवादी से रू0 1000.00 नगद लेकर ए0सी0 को रूम यूनिट में दिनांक 
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18.07.07 को बदल दिया, परन्तु डिफेक्टिव छोटी ड्रेनेज पाइप की समुचित निकासी इंस्टालेषन के समय के समय न करने के कारण इन्डोर सीट से निरन्तर पानी गिरता रहता है। जिसके सम्बन्ध में बार-बार कस्टमर केयर सेंटर में षिकायत के बाद भी दिनांक 10.11.07 तक ठीक नहीं किया गया। बल्कि विपक्षी सं0-1 के ही श्री अरूण से टेलीफोन पर बात करने पर अत्यधिक अषोभनीय वार्ता करने लगे और धमकियां देने लगे। डिफेक्टिव ए0सी0 दिये जाने के कारण और विपक्षीगण द्वारा पूर्ण सेवा न दिये जाने के कारण परिवादी की पुत्री आज दिन तक कोई प्रतिफल प्राप्त न कर सकी और गंभीर बीमारी से सूझ रही है। चूॅकि विपक्षी सं0-4 ए0सी0 का निर्माता है व ए0सी0 मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट होने के कारण उसकी ओर से भी सेवा में गंभीर कमी मानी जायेगी। अतः विपक्षी सं0-4, परिवादी का खरीदा हुआ ए0सी0 बदले तथा हर्जा अदा करे। चूॅकि निर्माता की ओर से भ्रमण के बाउचर दिये गये थे, परन्तु उनका क्रियान्वयन नहीं किया गया। इससे भी विपक्षी सं0-4 पर सेवा में कमी का आरोप लगता है। बाउचरों द्वारा विपक्षी सं0-4 ने अपनी निर्मित ए0सी0 की बिक्री में प्रलोभन दिया गया, जिसकी पूर्ति नहीं की गयी। विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि विपक्षी द्वारा ए0सी0 बेचने के समय जो भी स्कीम चालू थी, उसका कार्ड परिवादी को नियमानुसार दिया गया था। प्रष्नगत ए0सी0 उसी दिन परिवादी के निवास स्थान पर उपलब्ध करा दिया गया था। परिवादी ने जो भी षिकायत की थी, उसका तत्काल निस्तारण किया गया था। चूॅकि विपक्षी सं0-1 मात्र विक्रेता है। अतः किसी षिकायत का निस्तारण सर्विस सेंटर द्वारा किया जाता है। विपक्षी सं0-1 द्वारा अपने काम को सही ढंग से, सुचारू रूप से सम्पादित किया गया है। सेवा में कोई कमी नहीं की गयी है। परिवादी की षिकायत का निस्तारण तत्काल  किया गया है।  यदि  परिवादी से किसी प्रकार का 
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पैसा चार्ज किया गया है, तो वह जिस चीज की वारंटी नहीं होती है, जिसकी जानकारी परिवादी को ए0सी0 क्रय करते समय प्रदान की गयी थी, उसी का लिया गया होगा। अतः परिवाद खारिज किया जाये।
4.    परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-2 व 3 को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी सं0-2 व 3 फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षी सं0-2 व 3 पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 18.07.09 को विपक्षी सं0-2 व 3 के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 30.11.07 एवं 27.08.13 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में इनवायस रसीद की प्रति, चिकित्साधिकारी द्वारा जारी किया गया विकलांगता प्रमाण पत्र की प्रति, एल0एल0आर0 हास्पिटल द्वारा जारी अभिलेख की प्रति, विपक्षीगण को प्रेशित पत्र दिनांकित 25.06.07, 19.06.07, की प्रति, नोटिस की प्रति, समाचार पत्र में प्रकाषित अदालती नोटिस की प्रति दाखिल किया है।
6.    विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में न तो षपथपत्र प्रस्तुत किया है और न ही कोई अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है।
7.    परिवादी की ओर से दाखिल किये गये साक्ष्यों का निर्णय पारित करने में, जहां भी सम्बन्ध होगा, वहां उल्लेख किया जायेगा। जिन अभिलेखीय साक्ष्यों का निर्णय पारित करने में सम्बन्ध नहीं होगा, उन साक्ष्यों का निर्णय में उल्लेख नहीं किया जायेगा।
निष्कर्श
8.    बहस के समय विपक्षी सं0-1 की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया। अतः फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
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    पक्षकारों के मध्य, प्रस्तुत मामले में, विवाद इस विशय का है कि क्या विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी को दिया गया प्रष्नगत ए0सी0 त्रुटिपूर्ण था और इस प्रकार विपक्षी सं0-1 द्वारा त्रुटिपूर्ण ए0सी0 परिवादी को देकर सेवा में कमी कारित की गयी है।
    पत्रावली के परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में विपक्षी सं0-1 उपस्थित आया। विपक्षी सं0-1 के द्वारा जवाब दावा दाखिल किया गया है। किन्तु अपने जवाब दावा में किये गये कथन के समर्थन में षपथपत्रीय साक्ष्य अथवा किसी प्रकार का साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। विपक्षी सं0-2 व 3 प्रष्नगत ए0सी0 की निर्माणी कंपनी विपक्षी सं0-4 के कस्टमर केयर सेंटर एवं डायरेक्टर मे0 सैमसंग इण्डिया क्रमषः विपक्षी सं0-2 एवं 3 बावजूद तामीला उपस्थित नहीं आये।
    विपक्षी सं0-4 भी बावजूद तामीला उपस्थित नहीं आया। जैसाकि आदेष पत्र दिनांकित 21.12.11 से स्पश्ट है।
    प्रस्तुत मामले में बहस के दौरान विपक्षी सं0-1 की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया, किन्तु विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा में उल्लिखित तथ्यों का निर्णय पारित करने में संज्ञान में लिया जा रहा है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद पत्र के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के प्रस्तर-5 में यह कहा गया है कि विपक्षी सं0-1 के मैकेनिक ने परिवादी को यह बताया कि प्रष्नगत ए0सी0 में निर्माणी त्रुटि है, किन्तु परिवाद पत्र के प्रस्तर-12 के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा रू0 1000.00 अदा करके प्रष्नगत ए0सी0 को विपक्षी सं0-1 के कर्मचारी से ठीक करवाया गया। जिससे यह निश्कर्श निकलता है कि प्रष्नगत ए0सी0 में कोई निर्माणी त्रुटि नहीं थी। बल्कि प्रयोग के दौरान उसमें कुछ खराबी आयी है। परिवाद पत्र के प्रस्तर-12 में यह भी कहा गया है कि प्रष्नगत ए0सी0 इंस्टालेषन के समय पानी की समुचित निकासी न करके विन्डो ए0सी0 से चलते समय निरन्तर पानी बहता रहता है, जिसके सम्बन्ध में परिवादी द्वारा अन्यान्य बार षिकायत की 
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गयी, किन्तु विपक्षी सं0-1 द्वारा षिकायत दूर नहीं की गयी है। विपक्षी सं0-1 के द्वारा अपनी सफाई में मात्र अपने जवाब दावा में यह उल्लिखित किया गया है कि विपक्षी सं0-1 मात्र विक्रेता है। प्रष्नगत ए0सी0 में आयी किसी षिकायत का निस्तारण करने का उत्तरदायित्व सर्विस सेंटर का है।
    पत्रावली के सम्यक परिषीलन से तथा परिवादी की ओर से बहस के दौरान प्रस्तुत किये गये तर्कों के सुनने के उपरान्त यह स्पश्ट होता है कि प्रष्नगत ए0सी0 में कोई निर्माणी त्रुटि नहीं थी। अतः किसी भी क्षतिपूर्ति के लिए विपक्षी सं0-4 निर्माणी कंपनी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। परिवादी द्वारा कथन के समर्थन में षपथपत्र प्रस्तुत किया गया है। परिवादी की ओर से अपने परिवाद पत्र में उल्लिखित कथन बहस के दौरान किये गये तर्क एवं षपथपत्र से सिद्ध होता है कि प्रष्नगत ए0सी0 में निर्माणी त्रुटि नहीं थी, किन्तु वारंटी अवधि में ही त्रुटि उत्पन्न हो गयी। जिससे विपक्षी सं0-1 लगायत् 3 के द्वारा दूर करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 लगायत् 3 के विरूद्ध लगाये गये आरोपों के विरूद्ध विपक्षी सं0-1 लगायत् 3 के द्वारा षपथपत्रीय साक्ष्य अथवा अन्य प्रकार का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतः परिवादी का यह कथन स्वयमेव सिद्ध होता है कि परिवादी को विपक्षी सं0-1 के द्वारा त्रुटियुक्त ए0सी0 दिया गया है। फोरम का यह मत है कि विक्रेता का प्रथम उत्तरदायित्व बनता है कि जो वस्तु वह विक्रय कर रहा है, उसके सम्बन्ध में विक्रेता हर प्रकार से यह सुनिष्चित कर ले कि विक्रय की जानी वाली वस्तु में किसी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं है। प्रस्तुत मामले में विक्रेता द्वारा प्रष्नगत ए0सी0 बेचने से पूर्व, उक्त कार्यवाही नहीं की गयी है। अतः विपक्षी सं0-1 विक्रेता को उसके उपरोक्त उत्तरदायित्व से, उसके द्वारा मात्र यह कह देने से कि यदि प्रष्नगत ए0सी0 में कोई त्रुटि/खराबी आयी है, तो उसे ठीक करने का उत्तरदायित्व विपक्षी सं0-2 सर्विस सेंटर का है, अवमुक्त नहीं किया जा सकता है। प्रष्नगत ए0सी0 में आयी हुई खराबी को ठीक करने का भार  विपक्षी सं0-2 व 3  का भी है, 
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क्योंकि विपक्षी सं0-2 व 3, विपक्षी सं0-4 निर्माणी कंपनी के सर्विस सेंटर हैं।
    उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं साक्ष्यों के उपरोक्तानुसार विवेचनोपरान्त फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि विपक्षी सं0-1 लगायत् 3, प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर प्रष्नगत ए0सी0 का मूल्य रू0 23,500.00 अदा करे और परिवादी से पुराना ए0सी0 वापस प्राप्त करे। यदि उपरोक्त अवधि में उपरोक्त धनराषि विपक्षी सं0-1 लगायत् 3 द्वारा अदा नहीं की जाती है, तो उपरोक्त धनराषि मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज के प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से, तायूम वसूली विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अदा करनी होगी। परिवादी चाहे तो उपरोक्त धनराषि किसी एक विपक्षी से प्राप्त कर सकता है और चाहे तो उपरोक्त धनराषि विपक्षी सं0-1 लगायत् 3 से संयुक्त रूप से प्राप्त कर सकता है। उक्त के अलावा परिवादी    5000.00 परिवाद व्यय भी प्राप्त करने का अधिकारी है। जहां तक परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम का प्रष्न है-उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण षेश उपषम के लिए परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
9.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि, विपक्षी सं0-1 लगायत् 3 प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादी को प्रष्नगत ए0सी0 की कीमत रू0 23,500.00 तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करें। यदि उपरोक्त अवधि में उपरोक्त धनराषि रू0 23,500.00 विपक्षी सं0-1 लगायत् 3 द्वारा अदा नहीं की जाती है, तो उपरोक्त धनराषि रू0 23,500.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज के, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अदा करनी होगी। परिवादी चाहे तो उपरोक्त धनराषि किसी एक विपक्षी से प्राप्त कर सकता है  और चाहे तो 
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विपक्षी सं0-1 लगायत् 3 से संयुक्त रूप से प्राप्त कर सकता है। विपक्षीगण प्रस्तुत निर्णय के आदेष के अनुपालन के दो दिन पष्चात प्रष्नगत ए0सी0 परिवादी से प्राप्त कर लेवे।


(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


        (श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI]
MEMBER

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