मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0 लखनऊ
अपील संख्या 1022 सन 2023
श्री वासू आटोमोबाइल लि0 ।
.................अपीलार्थी
-बनाम-
सन्दीप कुमार एवं अन्य ।
....................प्रत्यर्थी
समक्ष
मा० न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष ।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक कुमार सिंह ।
प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता कोई नहीं ।
दिनांक - 18.01.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग, मेरठ द्वारा परिवाद संख्या 428 सन 2007 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 12.04.2023 के विरुद योजित की गयी है।
संक्षेप में, अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि अपीलार्थी विक्रेता के संस्थान से परिवादी द्वारा एक वाहन क्रय किया गया जिसके परिवाद में विपक्षी संख्या 02 टाटा मोटर फाइनेंस द्वारा परिवादी को फाइनेंस सहायता प्रदान की गयी । भुगतान के पश्चात बिक्रय प्रक्रिया अपीलार्थी विक्रेता द्वारा सुनिश्चित की गयी ।
परिवादी द्वारा फाइनेंस कम्पनी को देय ई0एम0आई0 के संबंध में देरी अथवा विवाद के कारण विपक्षी टाटा मोटर फाइनेंस द्वारा वाहन अपने कब्जे में दिनांक 09.02.2006 को लिया गया और एक सप्ताह बाद दिनांक 12.02.2006 को वापस किया गया जिससे व्यथित होकर परिवाद योजित किया गया ।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि वास्तव में परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में जो अनुतोष प्रदान किए जाने की प्रार्थना की थी वह मूल रूप में टाटा मोटर्स फाइनेंस कम्पनी के विरूद्ध नहीं है बल्कि अपीलार्थी बिके्ता के विरूद्ध है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया ।
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए जिला फोरम मेरठ द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश जो कि इस प्रकार है' कि परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि विपक्षीगण इस आदेश से दो माह के अंदर प्रश्नगत सभी दस्तावेज व वाहन की डुप्लीकेट चाबी आदि परिवादी को उपलब्ध करायें और मानसिक व आर्थक क्षतिपूर्ति अंकन 10000.00 रू0 तथा अंकन5000.00 रूपये परिवाद व्यय भी परिवादी को अदा करें, में परिवाद पत्र में उल्लिखित विपक्षीगण के स्थान पर विपक्षी संख्या 01 पढा जाए जिसके द्वारा निर्णय एवं आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जावेगा ।
तदनुसार अपील निस्तारित की जाती है।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गयी हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
सुबोल श्रीवास्तव
पी0ए0(कोर्ट नं0-1)