राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-2626/2003
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या-1231/2002 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.08.2003 के विरूद्ध)
अंसारी कोल्ड स्टोरेज, जी0टी0 रोड गांगूपुर, तहसील बिल्हौर, जिला कानपुर नगर।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम्
संदीप कुमार कटियार, निवासी ग्राम हिलालपुर, पो0 पिहानी मजबूत नगर, तहसील बिल्हौर, जिला कानपुर नगर।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री सुनील कुमार अवस्थी, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री जय प्रकाश सक्सेना, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक 29.10.2015
माननीय श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-1231/2002 संदीप कुमार कटियार बनाम अंसारी कोल्ड स्टोरेज में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.08.2003 के विरूद्ध योजित की गयी है।
प्रश्नगत आदेश द्वारा विद्वान जिला मंच ने परिवाद को स्वीकार करते हुए अपीलकर्ता को निर्देशित किया है कि वह प्रत्यर्थी को 104 बोरा आलू का मूल्य रू0 600/- प्रति बोरा की दर से रू0 62,400/- तथा रू0 500/- वाद व्यय अदा करें। इस निर्णय क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी है।
मैनें अपीलकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री सुनील कुमार अवस्थी एवं प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री जय प्रकाश सक्सेना के तर्क सुनें तथा अभिलेखों का अवलोकन किया है।
अपीलकर्ता की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत निर्णय अपीलकर्ता को सुनवाई का कोई अवसर प्रदान न करते हुए पारित किया गया है। प्रश्नगत परिवाद में अपीलकर्ता पर नोटिस की तामील नहीं करायी गयी। उनके द्वारा यह भी तर्क प्रस्तुत किया गया कि
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प्रत्यर्थी/परिवादी ने प्रश्नगत परिवाद मात्र अंसारी कोल्ड स्टोरेज को पक्षकार बनाकर योजित किया है, कोल्ड स्टोरेज के मालिक अथवा प्रबन्धक को पक्षकार बनाकर योजित नहीं किया है।
अपीलकर्ता पर नोटिस की तामीला के सन्दर्भ में प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि अपीलकर्ता को जिला मंच से पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, जो वापस लौटकर प्राप्त हुई, किन्तु प्रश्नगत निर्णय में इस तथ्य का कोई उल्लेख नहीं है कि यह नोटिस वापस किस आधार पर प्राप्त हुई है। क्या अपीलकर्ता दिये गये पते पर मौजूद नहीं था अथवा अपीलकर्ता द्वारा नोटिस लेने से इंकार किया गया है, स्पष्ट नहीं है। ऐसी परिस्थिति में अपीलकर्ता का यह तर्क स्वीकार किये जाने योग्य है कि अपीलकर्ता पर नोटिस की तामील पर्याप्त न होने के बावजूद प्रश्नगत निर्णय पारित किया गया है, अत: मेरे विचार से मामला गुणदोष के आधार पर पुन: निस्तारण हेतु सम्बन्धित जिला मंच को प्रतिप्रेषित किया जाना न्यायसंगत होगा। तदनुसार अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 30.08.2003 अपास्त किया जाता है और यह मामला जिला मंच, कानपुर नगर को प्रतिप्रेषित करते हुए निर्देश दिया जाता है कि वह उभय पक्ष को समुचित अवसर देते हुए परिवाद को गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जाना सुनिश्चित करें। उभय पक्ष को यह निर्देश दिया जाता है कि वह जिला मंच के समक्ष दिनांक 10.12.2015 को उपस्थित होकर प्रश्नगत परिवाद में कार्यवाही कराया जाना सुनिश्चित करें।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2