Chhattisgarh

Korba

CC/14/32

Chakarwarti Lal Kamlesh - Complainant(s)

Versus

Sanchalak Chhattisgarh Coputers - Opp.Party(s)

Mr Sanjay Pohare

27 Mar 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum
Korba (Chhattisgarh)
 
Complaint Case No. CC/14/32
 
1. Chakarwarti Lal Kamlesh
village- Pream Nagar,Rajgamar,Thana-Rajgamar,Tah&distt- korba
Korba
Chhattisgarh
...........Complainant(s)
Versus
1. Sanchalak Chhattisgarh Coputers
A-4,Ashoka Complex,T.P.Nagar, Korba,Tah&Distt- Korba
Korba
Chhattisgarh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'ABLE MR. C.L.PATEL PRESIDENT
 HON'ABLE MRS. ANJU GAVEL MEMBER
 HON'ABLE MR. RAJENDRA PRASAD PANDEY MEMBER
 
For the Complainant:
Mr Sanjay Pohare
 
For the Opp. Party:
Mr Ashish Varma
 
ORDER

जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, कोरबा (छ0ग0)

                                              प्रकरण क्रमांक:- CC/14/32

                                                  प्रस्‍तुति दिनांक:- 26/04/2014

समक्ष:- छबिलाल पटेल, अध्‍यक्ष,

       श्रीमती अंजू गबेल, सदस्‍य,

       श्री राजेन्‍द्र प्रसाद पाण्‍डेय, सदस्‍य

 

चक्रवर्ती लाल कमलेश, उम्र- 36 वर्ष,

पिता स्‍व0 श्री रामधनी कमलेश, निवासी- प्रेम नगर,

रजगामार, चौकी रजगामार

तहसील व जिला-कोरबा (छ.ग.).............................................................आवेदक/परिवादी

 

विरूद्ध

संचालक,

छत्‍तीसगढ कम्‍प्‍यूटर्स,

पता-ए-4 अशोका काम्‍पलेक्‍स, टी.पी.नगर कोरबा,

तहसील व जिला- कोरबा (छ.ग.)…….............................................अनावेदक/विरोधीपक्षकार

 

 

            आवेदक द्वारा श्री संजय पोहरे अधिवक्‍ता।

            अनावेदक द्वारा श्री आशीष वर्मा अधिवक्‍ता।

 

 

आदेश

(आज दिनांक 27/03/2015 को पारित)

 

01.         परिवादी / आवेदक चक्रवर्ती लाल कमलेश के द्वारा क्रय किये गये सामान को एलईडी मॉनीटर नहीं होने के आधार पर अनावेदक के द्वारा व्‍यवसायिक कदाचरण करने एवं सेवा में कमी किये जाने के आधार उक्‍त सामान की कीमत 5,800/-रू0 तथा आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि 70,000/-रू0 इस प्रकार कुल 75,800/– रू0 की राशि तथा वाद व्‍यय एवं ब्‍याज की राशि दिलाये जाने हेतु, यह परिवाद-पत्र धारा 12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत प्रस्‍तुत किया गया है।

 

02.         परिवादी/आवेदक का परिवाद-पत्र संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक डी.टी.पी. कम्‍प्‍यूटर जॉब का कार्य करता है, जिसमें बाजार से कार्य लेकर टायपिंग, कार्ड बनाने, छपाई करने आदि का कार्य करता है। जिसके लिए आवेदक को कम्‍प्‍यूटर की आवश्‍यकता होने पर अपने व्‍यवसाय के लिए अनावेदक के संस्‍थान से दिनांक 14/02/2014 को एल.ई.डी. मॉनीटर की मांग किया, जिस पर अनावेदक के द्वारा आवेदक को एल.ई.डी. मॉनीटर 18.5’’ इंच एओसी कंपनी का कीमती 5,800/-रू0 होना बताया गया, तब आवेदक ने उसे क्रय कर उक्‍त राशि का भुगतान किया और बिल/रसीद क्रमांक 927 उसी दिन प्राप्‍त किया। आवेदक, क्रय किये गये उक्‍त सामान को अपने घर ले गया और उक्‍त मॉनीटर को खोलने पर पाया कि एल.ई.डी. मॉनीटर न होकर एल.सी.डी. मॉनीटर था। जिसके संबंध में उक्‍त मॉनीटर निर्माता कंपनी के युजर मेनुअल में मॉनीटर (एल.ई.डी. बेकलाईट) लिखा हुआ था। आवेदक को उक्‍त जानकारी होने पर दुसरे दिन दिनांक 15/02/2014 को उक्‍त मॉनीटर को लेकर अनावेदक के संस्‍थान में गया और बताया कि उसे अनावेदक के द्वारा एल.ई.डी.मॉनीटर नहीं दिया गया है। वह सामान तो एल.ई.डी. बेकलाईट, एल.सी.डी. मॉनीटर है। इसलिए आवेदक को दिये गये उक्‍त एल.सी.डी. मॉनीटर को वापस लिया जावे, लेकिन आवेदक को अनावेदक के द्वारा उक्‍त मॉनीटर वापस लेने से इंकार कर दिया गया और जहॉ शिकायत करना है, चले जाओ कहकर भगा दिया गया। अनावेदक के द्वारा इस प्रकार एल.ई.डी. मॉनीटर न देकर व्‍यवसायिक कदाचरण करते हुए आवेदक के साथ छल किया गया। आवेदक ने अनावेदक के पास विधिक नोटिस अधिवक्‍ता के माध्‍यम से भेजा था उसके बाद भी अनावेदक ने उस पर कोई कार्यवाही नहीं की, इसलिए आवेदक को उसके द्वारा मॉनीटर के संबंध में भुगतान की गयी 5,800/-रू0 तथा आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक क्षतिपूर्ति की राशि 70,000/-रू0 इस प्रकार कुल 75,800/– रू0 की राशि तथा वाद व्‍यय एवं ब्‍याज की राशि दिलाये जाने हेतु, यह परिवाद-पत्र प्रस्‍तुत किया गया है।

 

03.         अनावेदक के द्वारा प्रस्‍तुत जवाबदावा संक्षेप में इस प्रकार है कि अनावेदक के द्वारा आवेदक को विधिवत एल.ई.डी. मॉनीटर ए.ओ.सी. कंपनी का दिया गया था। इस अनावेदक के द्वारा आवेदक से सामान वापस लिये जाने हेतु इंकार नहीं किया गया है। आवेदक के द्वारा मॉनीटर को क्रय किये जाने के पश्‍चात अपने घर में ले जाकर 15 दिनों तक उसका उपयोग किया गया, उसके पश्‍चात अनावेदक से विधि विपरित ढंग से दुर्व्‍यवहार किया गया और अपने द्वारा उपयोग किये गये उक्‍त मॉनीटर को वापस लेने के लिए दबाव डाला गया। जबकि आवेदक ने उक्‍त सामान को क्रय किेये जाने के समय अनावेदक के संस्‍थान में उसका भलिभॉति अवलोकन करने के पश्‍चात संतुष्‍ट होने पर क्रय किया गया था। आवेदक के द्वारा किये गये निवेदन पर उक्‍त मॉडल के मॉनीटर को ऑर्डर देकर बुलवाया गया था। अनावेदक के द्वारा उक्‍त मॉनीटर को हाईटेक साल्‍युशन 31ए मेघदूत काम्‍पलेक्‍स, रायपुर से क्रय कर उक्‍त डीलर से उक्‍त एल.ई.डी. मॉनीटर की रसीद भी प्राप्‍त किया गया था। आवेदक उक्‍त मॉनीटर की कीमत अवैध रूप से अनावेदक से मांग कर रहा है जबकि आवेदक को कोई आर्थिक एवं मानसिक क्षति नहीं हुई। अनावेदक से आवेदक कोई भी क्षतिपूर्ति की राशि प्राप्‍त करने की आधिकारी नही है।         

 

04.         परिवादी/आवेदक की ओर से अपने परिवाद-पत्र के समर्थन में सूची अनुसार दस्‍तावेज तथा स्‍वयं का दो शपथ-पत्र दिनांक 25/04/2014 एवं 13/02/2015 तथा संतोष महानदियॉ का शपथ-पत्र दिनांक 13/02/2015 का पेश किया गया है। अनावेदक के द्वारा जवाबदावा के समर्थन में सूची अनुसार दस्‍तावेज तथा अशोक कुमार लाठ, संचालक, छत्‍तीसगढ कम्‍प्‍यूटर ए-4 अशोक काम्‍पलेक्‍स, टी.पी.नगर, कोरबा का शपथ-पत्र दिनांक 26/08/2014 का पेश किया गया है। उभय पक्षों द्वारा प्रस्‍तुत दस्‍तावेजों का अवलोकन किया गया।

 

05.         मुख्‍य विचारणीय प्रश्‍न है कि:-

क्‍या परिवादी/आवेदक द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद-पत्र स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है?

 

06.         आवेदक की ओर से प्रस्‍तुत दस्‍तावेज क्रमांक ए-1 में अनावेदक द्वारा जारी केश्‍ मेमो दिनांक 14/02/2014 के अनुसार 18.5’’ इंच एलईडी मानिटर ए ओ सी होना दर्शाते हुए 5,800/- रू0 मूल्‍य का भुगतान आवेदक कमलेश से प्राप्‍त किया जाना बताया गया है । इस प्रकार आवेदक उपभोक्‍ता है, और उसने यह परिवाद पत्र पेश किया है।         

07.         आवेदक के अनुसार उसने अनावेदक से एलईडी मानिटर मांगा था और अनावेदक ने उक्‍त सामान को दस्‍तावेज क्रमांक ए-1 के अनुसार आवेदक को सौपा उस समय उसे एलईडी मानिटर होना ही बताया था इसलिए उक्‍त सामान को अपने घर ले जाने के बाद उपयोग करने पर आवेदक ने उसे एलसीडी मानिटर होना पाया था। आवेदक को अनावेदक के द्वारा दस्‍तावेज क्रमांक ए-2 में दर्शित एलसीडी मानिटर युजर मैनुअल दिया गया था जिसमें कोष्‍ठक में एलईडी बैकलाईट लिखा हुआ है। आवेदक को अनावेदक ने जो मानिटर बिक्रय किया है उसके पिछले भाग में जो विवरण मानिटर निर्माता कंपनी द्वारा चस्‍पा किया गया है उसकी फोटोग्राफ दस्‍तावेज क्रमांक ए-7 ए के रूप तथा उक्‍त मानिटर के सामने वाले भाग का फोटोग्राफ दस्‍तावेज क्रमांक ए-7 बी के रूप में पेश किया है। यह उल्‍लेखनीय है कि हमने जिला उपभोक्‍ता फोरम में उक्‍त विवादित मानिटर को अवलोकन हेतु प्रस्‍तुत करवाया तब उसमें मानिटर निर्माता कंपनी के द्वारा दिये गये विवरण को देखने पर उसे एलसीडी मानिटर लिखा होना पाया।

 

08.         अनावेदक की ओर से दस्‍तावेज क्रमांक डी-1 फोटोग्राफ प्रस्‍तुत किया गया है जिसमें 19’’ इंच एलईडी मानिटर के बारे में विवरण दिये गये है। अनावेदक के द्वारा दस्‍तावेज क्रमांक डी-2 का बिल इनवाइस प्रस्‍तुत किया गया है जो हाईटेक साल्‍युसन रायपुर के द्वारा अनावेदक के नाम पर 13/02/2014 को जारी किया गया दर्शित है जिसमें विक्रय किये गये सामान को टीएफटी एओसी 18.5’’ एलईडी दर्शित है तथा उसमें दो नग मानिटर की कीमत वेट टैक्‍स सहित 10,700/- रू0 दर्शाया गया है। अनावेदक के अनुसार उसने उपरोक्‍त हाईटेक साल्‍युसन रायपुर के द्वारा दिये गये मानिटर में से एक नग मानिटर की बिक्री आवेदक के पास किया था। इस प्रकार अनावेदक ने तर्क के दौरान बताया कि उसके द्वारा सेवा में कोई कमी नही की गई है और आवेदक को बिक्रय किया गया सामान एलईडी मानिटर ही है। इस प्रकार अनावेदक द्वारा परिवाद पत्र को निरस्‍त किये जाने योग्‍य होना बताया गया।

 

09.         आवेदक के द्वारा उपरोक्‍त तर्क का खंडन करते हुए यह तर्क किया गया कि दस्‍तावेज क्रमांक ए-5 के फोटोग्राफ के अनुसार आई बाल कंपनी के एलईडी मानिटर में स्‍पष्‍ट रूप से उसके स्‍क्रीन को एलईडी होना दर्शाया गया। आवेदक के दस्‍तावेज क्रमांक ए-6 ए में डेल कंपनी के 21.5 इंच एलईडी मानिटर के विवरणी में डिस्‍प्‍ले को एलईडी डिस्‍प्‍ले  होना लिखा है। इसी तरह ए-6 बी में एल जी कंपनी के 18.5 इंच एलईडी मानिटर का डिस्‍प्‍ले भी एलईडी होना दर्शाया गया। आवेदक के दस्‍तावेज क्रमांक ए-6 सी में सैमसंग कंपनी के 18.5 इंच एलईडी मानिटर का डिस्‍प्‍ले भी एलईडी होना दर्शाया गया है। इसके अलावा दस्‍तावेज क्रमांक ए-6 डी में एओसी कंपनी के 18.5 इंच एलईडी बैक लाईट मानिटर का विवरण दर्शित है। जिसके डिस्‍प्‍ले को एलसीडी होना बताया गया। यद्यपि उसके बैकलाईट विवरण में एलईडी बैकलाईट लिखा हुआ है। उक्‍त दस्‍तावेजों के आधार पर आवेदक की ओर से तर्क किया गया कि दस्‍तावेज क्रमांक ए-7 ए के अनुसार आवेदक ने उसे विवादित सामान का बिक्रय किया है वह एओसी कंपनी का एलसीडी मानिटर है।

 

10.         आवेदक के द्वारा उपरोक्‍त विवादित मानिटर को अनावेदक के द्वारा बिक्री किया गया एलसीडी मानिटर होने के कारण, उसे बदलकर एलईडी मानिटर दिये जाने का निवेदन अनावेदक से किया गया था। इसके संबंध में आवेदक की ओर अधिवक्‍ता के माध्‍यम से भेजे गये विधिक नोटिस की प्रतिलिपि दस्‍तावेज क्रमांक ए-4 एवं डाक रसीद ए/3 का प्रस्‍तुत किया गया है। आवेदक के अनुसार उसे एलईडी की जगह एलसीडी मानिटर का बिक्रय कर अनावेदक द्वारा धोखा देते हुए व्‍यवसायिक कदाचरण किया गया है। इसलिए यह तर्क किया गया कि अनावेदक से 5,800/- रू0 उक्‍त्‍ विवादित मानिटर की कीमत आवेदक को ब्‍याज सहित वापस दिलाई जाये। आवेदक की ओर से तर्क किया गया कि अनावेदक के कार्य से उसे भारी आर्थिक क्षति के साथ ही शारीरिक एवं मानसिक क्षति भी हुई है इसलिए 70,000/- रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में एवं वाद व्‍यय  दिलाई जाये।

 

11.         वर्तमान मामले में उभयपक्ष के प्रस्‍तुत साक्ष्‍य से यह स्‍पष्‍ट हो जाता है कि दस्‍तावेज क्रमांक ए-1 के अनुसार जो सामान दस्‍तावेज क्रमांक ए-7 ए एवं ए-7 बी का मानिटर आवेदक को विक्रय किया गया, वह एलसीडी मानिटर होना है जबकि उसके द्वारा अनावेदक से एलईडी मानिटर की मांग की गई थी। इस प्रकार अनावेदक द्वारा व्‍यवसायिक कदाचरण करते हुए आवेदक की सेवा में कमी करना साक्ष्‍य के आधार पर प्रमाणित होना पाया जाता है। इसलिए आवेदक अपने द्वारा भुगतान की गई राशि को वापस पाने के अलावा मानसिक क्षतिपूर्ति राशि प्राप्‍त करने का अधिकारी होना पाया जाता है।

 

12.         अत: मुख्‍य विचारणीय प्रश्‍न का निष्‍कर्ष ‘’हॉ’’ में दिया जाता है।

 

13.         तद्नुसार परिवादी/आवेदक चक्रवर्ती लाल कमलेश की ओर से प्रस्‍तुत इस परिवाद-पत्र को धारा 12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम1986 के तहत स्‍वीकार करते हुए उनके पक्ष में एवं अनावेदक के विरूद्ध निम्‍नानुसार अनुतोष प्रदान किया जाता है और आदेश दिया जाता है कि:-

 

  1.    आवेदक को उसके द्वारा क्रय किये गये विवादित मानिटर को एलईडी मानिटर नहीं होने के कारण उसके संबंध में भुगतान की गई 5,800/-रू0 की राशि को आज से 02 माह के अंदर अनावेदक वापस करें। उक्‍त राशि के संबंध में परिवाद प्रस्‍तुति दिनांक 26/04/2014 से 09 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्‍याज भी अनावेदक प्रदान करें।

 

  1. उपरोक्‍त आदेश के पालन में त्रुटी किये जाने पर उपरोक्‍त 5,800/-रू0  की राशि पर दिनांक 26/04/2014 से 12 प्रतिशत् की दर से वार्षिक ब्‍याज का भुगतान करना होगा।

 

  1.   आवेदक को मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 3,000/-रू. (तीन हजार रूपये) अनावेदक प्रदान करें।

 

 

  1.   आवेदक को वाद व्‍यय के रूप में 2,000/- रू. (दो हजार रूपये) अनावेदक प्रदान करें।

 

 

     (छबिलाल पटेल)        (श्रीमती अंजू गबेल)      (राजेन्‍द्र प्रसाद पाण्‍डेय)

       अध्‍यक्ष                 सदस्‍य                       सदस्‍य

             

 
 
[HON'ABLE MR. C.L.PATEL]
PRESIDENT
 
[HON'ABLE MRS. ANJU GAVEL]
MEMBER
 
[HON'ABLE MR. RAJENDRA PRASAD PANDEY]
MEMBER

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