जिला मंच, उपभोक्ता संरक्षण, अजमेर
डा. विनोद कुमार जैन द्वारा किरण नर्सिग होम, किषनगढ ।
- प्रार्थी
बनाम
1. प्रबन्धक, मैसर्स सैमसंग मोबाईल क्लीनिक/सर्विस सेन्टर, एफ-7, प्रथम तल, अमर प्लाजा, अजमेर ।
2. प्रबन्धक, श्री पदमावति एण्टरप्राईजेज, चन्द्र प्रभु भवन के सामने, तेली मौहल्ला, मदनगंज-किषनगढ ।
- अप्रार्थीगण
परिवाद संख्या 89/2016
समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी अध्यक्ष
2. श्रीमती ज्योति डोसी सदस्या
3. नवीन कुमार सदस्य
उपस्थिति
1.श्री अजीत कुमार जैन, अधिवक्ता, प्रार्थी
2.श्री योगेष षर्मा, अधिवक्ता अप्रार्थी सं. 2
मंच द्वारा :ः- निर्णय:ः- दिनांकः- 10.08.2016
1. प्रार्थी द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हंै कि उसने अप्रार्थी संख्या 2 से दिनांक 8.4.2015 को जरिए बिल संख्या 10823 के एक मोबाईल सैमसंग गैलेक्सी ए-7 रू. 29,000/- में क्रय किया । उक्त मोबाईल के कुछ समय बाद ही काम करना बन्द कर दिए जाने के कारण अप्रार्थी संख्या 2 को षिकायत की और उनकी सलाह अनुसार उसने दिनंाक 24.7.2015 को अप्रार्थी संख्या 1 सर्विस सेन्टर पर उक्त मोबाईल दुरूस्ती हेतु दिया । जिन्होने मोबाईल में ठंजजमतल ठंबानच चतवइसमउ कपेचसंल इसंदा बींतहपदह चतवइसमउ की समस्या होना बताया और दिनंाक 3.8.2015 तक सैट दिए जाने का आष्वासन दिया । किन्तु उसे मोबाईल ठीक कर नहीं दिया बल्कि आष्वासन ही देते रहे । प्रार्थी ने इसे अप्रार्थीगण की सेवा में कमी बताते हुए परिवाद पेष कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थी ने स्वयं का षपथपत्र पेष किया ।
2. अप्रार्थी संख्या 1 बावजूद नोटिस तामील न तो मंच में उपस्थित हुआ और ना ही परिवाद का कोई जवाब ही पेष किया । अतः अप्रार्थी संख्या 1 के विरूद्व दिनांक 30.3.2016 को एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई ।
3. अप्रार्थी संख्या 2 ने जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रार्थी द्वारा प्रष्नगत मोबाईल हैण्ड सैट क्रय किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि प्रार्थी ने उत्तरदाता के समक्ष कभी भी मोबाईल खराब होने की षिकायत नहीं की गई और यदि षिकायत की जाती तो प्रार्थी को राहत प्रदान की जाती । उत्तरदाता केवल मोबाईल विक्रय करने का कार्य करता है । मोबाईल में कोई समस्या या खराबी कारित होने पर निर्माता कम्पनी इसके लिए जिम्मेदार है । प्रार्थी ने उसे हैरान परेषान करने की नियत से यह परिवाद उसके विरूद्व पेष किया है ,जो निरस्त होने योग्य है ।
4. प्रार्थी का तर्क है कि उसके द्वारा मोबाईल खरीद किए जाने के एक वर्ष के अन्दर अन्दर लगभग साढे तीन माह में खराबी आई व इसने काम करना बन्द कर दिया । उसके द्वारा विक्रयकर्ता फर्म को इसे ठीक करवाने व गारण्टी समय में रिप्लेस करने हेतु निवेदन किया । किन्तु उक्त फर्म द्वारा इन्कार कर दिया गया व सर्विस सेन्टर पर जाने को कहा गया । सर्विस सेन्टर में दिनंाक 24.7.2015 को मोबाईल को रिपेयर करने हेतु सम्भलवाया गया । उसे दिनंाक 3.8.2015 तक ठीक हो जाने पर लौटाने को कहा गया । किन्तु कई बार जाने व मांगने पर मोबाईल नहीं लौटाया गया व रिपेयर होने का मात्र आष्वासन दिया गया । अप्रार्थीगण ने सम्पर्क किए जाने के बावजूद भी मोबाईल को ठीक नहीं कर सेवा दोष कारित किया है । परिवाद स्वीकार करतेहुए वांछित अनुतोष दिलाया जाना चाहिए ।
5. अप्रार्थी संख्या 2 बावजूद नोटित तामील के उपस्थित नहीं हुआ है व अप्रार्थी संख्या जो डीलर है, ने अपनी लिखित बहस में उन्हीं तथ्यों को दोहराया है जो उसने परिवाद के प्रतिउत्तर में प्रस्तुत किए हैं । उनका मुख्य रूप से यह तर्क रहा है कि प्रार्थी द्वारा मोबाईल उनकी कम्पनी से खरीदा गया था व तत्समय उसे पैकिंग खुलवाकर दिखाया जाकर पूर्ण सन्तुष्टी के बाद उक्त मोबाईल सौंपा गया था । प्रार्थी द्वारा मोबाईल खराब होने की षिकायत उनके समक्ष कभी नहीं की गई । वह मात्र मोबाईल बेचने का कार्य करता है । मोबाईल में गुणवत्ता में किसी प्रकार की समस्याओं के लिए मोबाईल निर्माता कम्पनी जिम्मेदार है । उसे मात्र हैरान परेषान करने के लिए पक्षकार बनाया गया है जो उचित नहीं है । परिवाद खारिज किया जाना चाहिए ।
6. हमने परस्पर तर्क सुंने हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है ।
7. यह स्वीकृत तथ्य है कि प्रार्थी द्वारा दिनंाक 8.4.2015 को अप्रार्थी संख्या 2 से प्रष्नगत मोबाईल रू. 29,000/- में खरीदा गया है व इसमें खराबी आने के कारण उसके द्वारा यह मोबाईल सेट अप्रार्थी सेमसंग कम्पनी के सर्विस सेन्टर यथा अप्रार्थी संख्या 1 को ठीक करने हेतु दिनंाक 24.7.2015 को दिया गया है, जैसा की रसीद व क्रय किए गए फर्म के बिल से सिद्व होता है । उत्पाद की हालांकि वारण्टी अथवा गारण्टी की कोई सीमा नहीं बताई गई है किन्तु खरीद बिल में वारण्टी व गारण्टी का उल्लेख इस बात का द्योतक है कि उक्त मोबाईल वारण्टी के अधीन था । सामान्यतया यह अवधि 6 माह से 1 वर्ष की रहती है । मोबाईल दिनंाक 8.4.2015 को खरीदा गया व इसमें खराबी दिनंाक 24.7.2015 को लगभग साढे तीन माह बाद ही आ गई है। सर्विस सेन्टर के इन्वाईस के अनुसार इस मोबाईल में ठंजजमतल ठंबानच चतवइसमउ कपेचसंल इसंदा बींतहपदह चतवइसमउ की समस्या बताई गई है । इससे यह भी साबित होता है कि तत्समय मोबाईल में किसी प्रकार की खराबी सामने आई थी क्योंकि ऐसी खराबी उक्त तिथि को विद्यमान थी । अतः वारण्टी/गारण्टी की अवधि में अप्रार्थी का यह दायित्व था कि वह इसे दूर करते । चूंकि प्रार्थी के इन तथ्यों का कोई खण्डन सामने नहीं आया है कि उसके द्वारा अप्रार्थी सर्विस सेन्टर के यहां बार बार जाने पर भी उक्त मोबाईल सेैट में आई खराबी को दूर नहीं किया गया व सर्विस सेन्टर द्वारा दिए गए बिल में ग्राहक के प्राप्ति स्वरूप हस्ताक्षर के अभाव में भी यह सिद्व रूप से प्रकट हुआ है कि उक्त सर्विस सेन्टर द्वारा प्रार्थी के मोबाईल को ठीक करके नहीं दिया गया व अनुचित व्यापार व्यवहार करते हुए सेवा में दोष कारित किया गया । परिणामस्वरूप प्रार्थी को आर्थिक क्षति के साथ साथ मानसिक संताप व असुविधा का सामना करना पडा जिसके लिए अप्रार्थीगण जिम्मेदार है ।
8. सार यह है कि इन परिस्थितियों में परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य है । परिवाद स्वीकार किया जाकर आदेष है कि
:ः- आदेष:ः-
9. ( 1) अप्रार्थीगण सयंुक्त व पृथक पृथक रूप से प्रार्थी द्वारा बिल बिल संख्या 10823 दिनांक 8.4.2015 के क्रय किए गए सेमसंग गलैक्सीं. ।.7 के स्थान पर उसी मेक माॅडल का नया त्रुटिरहित हैण्ड सैट आदेष से दो माह की अवधि में प्रार्थी को देवे । विकल्प में हैण्ड सेट की कीमत रू. 29,000/- उक्त अवधि में ही अदा करें ।
(2) प्रार्थी अप्रार्थीगण से मानसिक संताप पेटे रू. 10,000/- व वाद व्यय के पेटे राषि रू. 5000/- भी संयुक्त व पृथक पृथक रूप से प्राप्त करने का अधिकारी होगा ।
(3) क्र. संख्या 1 मे वर्णित आदेषानुसार यदि अप्रार्थीगण संयुक्त व पृथक पृथक रूप से प्रार्थी को प्रष्नगत हैण्ड सैट की राषि लौटाना चाहे तो यह राषि रू. 29,000/-मय 9 प्रतिषत वार्षिक ब्याज दर सहित मोबाईल क्रय किए जाने की दिनांक 8.4.2015 से तदायगी आदेष से दो माह में अदा करें साथ ही क्र. सं. 2 में अंकित राषि भी उक्त अवधि में अदा करे अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।
आदेष दिनांक 10.08.2016 को लिखाया जाकर सुनाया गया ।
(नवीन कुमार ) (श्रीमती ज्योति डोसी) (विनय कुमार गोस्वामी )
सदस्य सदस्या अध्यक्ष