Anand Awasthi filed a consumer case on 10 Sep 2018 against Samsung India in the Kanpur Nagar Consumer Court. The case no is CC/572/2017 and the judgment uploaded on 28 Sep 2018.
2.आर0आर0 इण्टर प्राइजेज 96/2 स्टार प्रेस बिल्डिंग कर्नलगंज, कानपुर नगर द्वारा मैनेजर, पिन-208001.
3.चौहान इलेक्ट्रिकल्स 106/40 गांधी नगर, कानपुर द्वारा प्रोपराइटर।
.......विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 06.09.2017
निर्णय तिथिः 12.09.2018
श्रीमती सुधा यादव सदस्या, द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से उसके द्वारा निर्मित व बिक्रीत मोबाइल की कीमत रू0 15990/-, विपक्षीगण के उपरोक्त मोबाइल के उपभोग में परिवादी को हुई मानसिक, आर्थिक व सामाजिक पीड़ा हेतु रू0 30,000/-, तथा परिवाद व्यय रू0 5000/-दिलाया जावे।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी, जो पेषे से अधिवक्ता है, के द्वारा दिंनाक 07.09.2016 को सैमसंग गैलेक्सी मोबाइल फोन नं0-श्र.7 विपक्षी सं0-3 से मुबलिग 15990/- में नकद क्रय किया था। प्रष्नगत मोबाइल कुछ माह बाद ही हैंग व हीट करने लगा। षिकायत करने पर विपक्षी सं0-3 ने निर्माता कम्पनी पर जिम्मेदारी डालकर, टाल दिया और अधिकृत सर्विस सेन्टर में दिखाने के लिये कहा। विपक्षी सं0-3 द्वारा, प्रष्नगत मोबाइल गारण्टी अवधि में होने के बावजूद, परिवादी के इस निवेदन को ठुकरा दिया गया कि प्रष्नगत मोबाइल को बदलकर विपक्षी सं0-3 नया मोबाइल सेट देवे अथवा उसकी कीमत परिवादी को वापस करे। परिवादी ने दिंनाक 21.08.2017 को प्रष्नगत मोबाइल सैमसंग श्र.7 विपक्षी सं0-2 के पास बनवाने हेतु जमा कर दिया। विपक्षी सं0-2 द्वारा प्रष्नगत मोबाइल दूसरे दिन यह कह कर वापस कर दिया गया कि अब प्रष्नगत मोबाइल पूरी तरह ठीक हो गया। किन्तु प्रष्नगत मोबाइल उसके दो-तीन दिन बाद फिर से हीटिंग व हैंगिंग की समस्या करने लगा। परिवादी द्वारा पुनः दिंनाक 26.08.2017 को विपक्षी सं0-2/सर्विस सेन्टर में उक्त समस्या बतायी गई। विपक्षी सं0-2 के द्वारा उक्त समस्या ठीक करने के बजाय परिवादी से यह कहा गया कि इतनी समस्या तो सभी कम्पनी के मोबाइलों में रहती है और मोबाइल ठीक करने से मना कर दिया। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत करके परिवादी की ओर से प्रस्तुत जवाबदावा का प्रस्तरवार खण्डन किया गया और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि विपक्षी सं0-1 व 2/ उत्तरदातागण के द्वारा सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गई है। परिवादी द्वारा प्रष्नगत मोबाइल में अभिकथित कोई त्रुटि का होना साबित नहीं किया गया है। परिवादी द्वारा प्रष्नगत मोबाइल में निर्माणीं त्रुटि भी साबित नहीं की जा सकी है। परिवादी को इस सम्बन्ध में किसी टैक्नीषियन अथवा इंजीनियर की रिपोर्ट प्रस्तुत करना चाहिये था। परिवादी वारण्टी षर्तो के अनुसार प्रष्नगत मोबाइल के बदले में नया मोबाइल अथवा उक्त मोबाइल की कीमत प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। परिवाद खारिज किया जावे।
4. विपक्षी सं0-3 चौहान इलेक्ट्रिकल्स बावजूद तामीला उपस्थित नहीं आया और न ही उसके द्वारा कोई जवाबदावा अथवा साक्ष्य/षपथपत्र दाखिल किया गया। अतः फोरम द्वारा दिंनाक 26.03.2018 को विपक्षी सं0-3 के विरूद्व एकपक्षीय कार्यवाही का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 06.09.2017 दाखिल किया तथा सूची कागज सं0-4/1 के माध्यम से प्रष्नगत मोबाइल का क्रय बिल दिंनाक 07.09.2016, रसीद की छायाप्रति, दाखिल की है।
विपक्षी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से जवाबदावा के समर्थन में अनिन्दय बोस डिप्टी मैनेजर सैमसंग इण्डिया इलेक्ट्रॉनिक्स प्रा0 लि0 लखनऊ का षपथपत्र दिंनाकित 20.11.2017 दाखिल किया गया है एंव प्रलेखीय साक्ष्य में सैमसंग सर्विस नेटवर्क प्रपत्र की छायाप्रति तथा कस्टमर डिटेल कम वारण्टी कार्ड की छायाप्रति एनेक्जर-1 के रूप में दाखिल की है तथा संलग्नक-2 के रूप में मान0 केरला राज्य आयोग की विधि व्यवस्था ।।। (2000) सी.पी.जे.-544 दाखिल की है।
7. पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्रीय साक्ष्यों का तथा प्रलेखीय साक्ष्यों का यथा-आवष्यक स्थान पर आगे निर्णय में उल्लेख किया जायेगा।
ख्
निष्कर्श
8.उभय पक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में विपक्षी सं0-1 व 2 उपस्थित आया है। विपक्षी सं0-3 के विरूद्व परिवाद एकपक्षीय रूप से चलाया गया है। परिवादी एंव विपक्षी सं0-1 व 2 के अधिवक्तागण की बहस सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि विपक्षी सं0-1 व 2 के द्वारा यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत मोबाइल सेट में निर्माणीं त्रुटि बतायी गई है। किन्तु परिवादी द्वारा निर्माणीं त्रुटि साबित करने के लिये तकनीषियन की रिपोर्ट अथवा इंजीनियर की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई है। विपक्षीगण के द्वारा अपने उपरोक्त कथन के समर्थन में विधि निर्णय प्प्प् ख्2000, ब्च्श्र.544 डण्श्रण्।इतींंउ टध्े ।दहसम ।हमदबपमे - वतेण् एंव विधि निर्णय 1999 ख्1, ब्च्त्.20 टपकमवबवद प्दजमतदंजपवदंस स्जक - व्तेण् टध्े ज्ञण् टपरंलंद - व्तेण् में प्रतिपादित विधिक सिद्वान्त की ओर फोरम का ध्यान आकृश्ट किया गया है। मान0 राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोश आयोग केरला का सम्पूर्ण सम्मान रखते हुये स्पश्ट करना है कि तथ्यों की भिन्नता के कारण उपरोक्त विधि निर्णय प्रस्तुत मामले में लागू नहीं होते हैं। क्योकि परिवाद पत्र में परिवादी द्वारा कहीं पर यह नहीं कहा गया है कि प्रष्नगत मोबाइल में निर्माणीं त्रुटि थी। परिवाद पत्र के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा यह कथन किया गया है कि दिंनाक 07.09.2016 को उसके द्वारा प्रष्नगत मोबाइल विपक्षी सं0-3 से क्रय किया गया था। प्रष्नगत मोबाइल कुछ माह बाद ही हैंग व हीट करने लगा। जिसे न तो विपक्षी सं0-3 के द्वारा सही किया गया और न ही तो विपक्षी सं0-2 सर्विस सेन्टर द्वारा ठीक किया गया। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में प्रष्नगत मोबाइल क्रय करने का बिल तथा जॉबषीट दिंनाकित 21.08.2017 की छायाप्रति प्रस्तुत की गई है। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है। उपरोक्त साक्ष्यों से परिवादी का कथन साबित होता है।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में यह अवधारणा बनती है कि परिवादी का प्रष्नगत मोबाइल वारण्टी अवधि में खराब हुआ है किन्तु विपक्षीगण के द्वारा ठीक नहीं किया गया है। अतः ऐसी दषा में विपक्षीगण का और विषेशकर विपक्षी सं0-1 व 2 का यह उत्तरदायित्व बनता है कि विपक्षी सं0-1 व 2 परिवादी के प्रष्नगत मोबाइल में वारण्टी अवधि में आयी हुई त्रुटि को ठीक करते। विपक्षी सं0-1 व 2 के द्वारा अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन न करके सेवा में कमी कारित की गई है।
अतः उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद ऑषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि विपक्षी सं0-2 जो कि प्रष्नगत मोबाइल का सर्विस सेन्टर है, परिवादी के द्वारा प्रष्नगत मोबाइल जमा करने की तिथि के 7 दिन के अंदर ठीक करके परिवादी को वारण्टी की षर्तो के अनुसार प्रदान करे। विपक्षी सं0-1 व 3 इस बात को सुनिष्चित करें कि प्रष्नगत मोबाइल ठीक करके परिवादी को निर्धारित समय में दिया जा रहा है। अन्यथा स्थिति में प्रष्नगत मोबाइल को बदलकर नया समकक्ष मोबाइल सेट देने अथवा प्रष्नगत मोबाइल सेट की कीमत अदा करने के लिये संयुक्त रूप से सभी विपक्षीगण जिम्मेदार होगें। परिवाद रू0 3000/- परिवाद व्यय के सहित स्वीकार किये जाने योग्य है। - जहॉ तक अन्य याचित उपषम का प्रष्न है, - के सम्बन्ध में, परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न करने के कारण - स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
:ःआदेषःःः
9. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद, उपरोक्त कारणों से, ऑषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर परिवादी प्रष्नगत मोबाइल विपक्षी सं0-2 सर्विस सेन्टर में जमा करे, तत्पष्चात मोबाइल जमा करने की तिथि के 7 दिन के अंदर विपक्षी सं0-2 वारण्टी की षर्तो के अनुसार मोबाइल ठीक करके परिवादी को प्रदान करे। अन्यथा स्थिति में (मोबाइल ठीक न हो पाने की स्थिति में ) विपक्षीगण मोबाइल बदलकर समकक्ष नया मोबाइल सेट परिवादी को प्रदान करें अथवा प्रष्नगत मोबाइल सेट की कीमत रू0 15990/-(पन्द्रह हजार, नौ सौ नब्बे रू0) अदा करें तथा रू0 3000/- (तीन हजार रू0) परिवाद व्यय अदा करें।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर।
Consumer Court Lawyer
Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.