Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/121/2014

Shri Chandan Bhatt - Complainant(s)

Versus

Samsung India Electronics Pvt. Ltd. - Opp.Party(s)

12 Jun 2018

ORDER

न्यायालय जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद

परिवाद संख्‍या-121/2014  

चन्‍दन भट्ट पुत्र श्री आदेश दत्‍त भट्ट निवासी 23वीं वाहिनी पी.ए.सी. मुरादाबाद।

                                                                                                                                                                                                   परिवादी

बनाम

1-सैमसंग इंडिया इलेक्‍ट्रोनिक्‍स (प्रा.) लि. ए-25 ग्राउण्‍ड फ्लोर फ्रंट टावर मोहन कोआपरेटिव इंडस्ट्रियल स्‍टेट नई दिल्‍ली-110044

2-सैमसंग सर्विस सेंटर पलक कम्‍यूनिकेशन ए-52 गांधीनगर इलाहाबाद बैंक के पीछे मुरादाबाद।                                                      विपक्षीगण

वाद दायरा तिथि: 18-10-2014                                  निर्णय तिथि: 12.06.2018         

उपस्थिति

श्री पवन कुमार जैन, अध्‍यक्ष

श्री सत्‍यवीर सिंह, सदस्‍य

 (श्री पवन कुमार जैन, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित)

निर्णय

  1. इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुतोष मांगा है कि विपक्षीगण से उसे परिवाद के पैरा-2 में उल्लिखित टैब के स्‍थान पर नया टैब दिलाया जाये अथवा टैब का क्रय मूल्‍य विपक्षी-1 से उसे वापस दिलाया जाये। परिवाद व्‍यय के रूप में विपक्षी-1 से 10 हजार रूपये तथा मानसिक एवं शारीरिक कष्‍ट की मद में विपक्षी-1 से उसे अंकन-2,50,000/-रूपये अतिरिक्‍त दिलाये जायें।     
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक 17-11-2013 को सैमसंग कंपनी का एक टैब, जिसका विवरण परिवाद के पैरा-2 में दिया गया है, 25 हजार रूपये में राजधानी टेलीकॉम मुरादाबाद से खरीदा था, खरीदने के 3-4 माह के बाद से ही टैब में कमी आने लगी। चाजिंग करने, इंटरनेट का उपयोग करने तथा अन्‍य कार्य करने से टैब बहुत अधिक गरम हो जाता था, टैब का चाजिंग जैक भी खराब हो गया। काम करते-करते सिगनल भी जाने लगे। परिवादी ने इसकी शिकायत सर्विस सेंटर, विपक्षी-2 पर की। अनेक चक्‍कर लगाने के बाद उसका टैब दिनांक 08-8-2014 को सर्विस हेतु लिया गया। परिवादी को बताया गया कि हिटिंग की समस्‍या ठीक करने के लिए इसका मदर बोर्ड बदलना होगा, जो स्‍टॉक में नहीं है, कंपनी से इसे मंगाया जायेगा। कई बार चक्‍कर लगाने के बाद बड़ी मुश्किल से दिनांक 01-9-2014 को परिवादी का टैब वापस किया गया। विपक्षी-2 ने बताया कि इसका मदर बोर्ड बदल दिया गया है। जब परिवादी टैब लेकर आया तो उसने पाया कि टैब में केवल 9 प्रतिशत बैटरी चार्ज थी, जो शाम तक खत्‍म हो गई, टैब अपने आप स्विच आफ हो गया, कई घण्‍टे चाजिंग पर लगाने के बाद भी टैब चार्ज नहीं हुआ। बड़ी मुश्किल से वह ऑन हुआ किन्तु जिग-जैग डिसप्‍ले के साथ अचानक से वह बन्‍द हो गया। कुछ दिनों बाद टैब अचानक ऑन हो गया। 8-10 दिन उसने ठीक काम किया किन्‍तु अक्‍टूबर 2014 में वह फिर खराब हो गया। परिवादी ने उक्‍त संदर्भ में विपक्षी-1 को पंजीकृत डाक के माध्‍यम से शिकायत भेजी किन्‍तु विपक्षी-1 की ओर से परिवादी की समस्‍या का कोई हल नहीं निकाला गया। विपक्षी-1 ने अक्‍टूबर 2014 के पहले सप्‍ताह में परिवादी से बात की, परिवादी को बताया कि उसका मदर बोर्ड बदला नहीं गया है और परिवादी को आश्‍वासन दिया गया कि उसका टैब ठीक कर दिया जायेगा और उसकी वारंटी भी बढ़ा दी जायेगी, परिवादी उसे सर्विस सेंटर पर जमा कर दे। परिवादी के अनुसार विपक्षी-2 ने उसका टैब प्राप्‍त नहीं किया और उसे जनपद रामपुर स्थित सर्विस सेंटर पर टैब जमा करने को कहा। दिनांक 11-10-2014 को परिवादी ने रामपुर सर्विस सेंटर पर टैब जमा कर दिया, वहां परिवादी को बताया गया कि उसके टैब का मदर बोर्ड वाटर लोक्‍ड है। अतएव टैब वारंटी के अधीन नहीं है। परिवादी के अनुसार विपक्षीगण ने जानबूझकर डिफेक्टिव मदर बोर्ड लगाया अथवा मदर बोर्ड लगाते समय कोई त्रुटि कर दी, जिससे मदर बोर्ड वाटर लोगिंग हो गया। विपक्षीगण के यह कृत्‍य प्रतिबन्‍धात्‍मक व्‍यापार प्रथा तथा सेवा में कमी है। परिवादी ने उक्‍त कथनों के अतिरिक्‍त यह कहते हुए कि 14-10-2014 से प्रश्‍नगत टैब बन्‍द पड़ा हुआ है, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किये जाने की प्रार्थना की।
  3. परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथपत्र कागज सं.-3/5 दाखिल किया, जिसके साथ उसने ओरिजनल सेल इंवायस, विपक्षी-1 की ओर से प्राप्‍त ई-मेल दिनांकित 14-10-2014, जॉबशीट दिनांकित 08-8-2014, परिवादी की ओर से विपक्षी-1 को भेजे गये शिकायती पत्र दिनांकित 03-9-2014 की छायाप्रतियों को दाखिल किया गया, ये प्रपत्र पत्रावली के कागज सं.-3/6 लगायत 3/10 हैं। इसके अतिरिक्‍त शिकायती पत्र भेजने की डाकखाने की रसीद और उसकी ट्रैकिंग रिपोर्ट भी परिवादी ने दाखिल की।
  4. विपक्षीगण की ओर से संयुक्‍त प्रतिवाद पत्र कागज सं.-8/1 लगायत 8/5 दाखिल हुआ, जिसमें परिवादी द्वारा परिवाद के पैरा-1 में उल्लिखित टैब दिनांक 07-11-2013 को खरीदा जाना तो स्‍वीकार किया गया किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इंकार किया गया। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि टैब खरीदने के लगभग 10 माह बाद दिनांक 08-8-2014 को परिवादी टैब की शिकायत लेकर विपक्षी-2 के पास आया था, जिसे ठीक करके उसी दिन परिवादी को वापस कर दिया गया था। विपक्षी-2 के पास परिवादी पुन: टैब लेकर आया, जिसे चैक करने पर पाया गया कि उसमें वाटर लोगिंग है, जो वारंटी के अन्‍तर्गत नहीं आती। परिवादी को रिपेयरिंग का बिल बनाकर दिया गया किन्‍तु परिवादी ने मुफ्त में रिपेयर करने के लिए कहा। चूंकि टैब वारंटी में नहीं था, अतएव उसे मुफ्त में रिपेयर करने से इंकार कर दिया गया। अन्‍त में यह कहते हुए कि वारंटी के अधीन टैब की शिकायतों को दूर कर दिया गया था, वाटर लोगिंग चूंकि वारंटी में नहीं आता। अत: अब वारंटी के अधीन टैब की कोई शिकायत विपक्षीगण के पास लंबित नहीं है। उक्‍त के अतिरिक्‍त यह कहते हुए कि परिवादी फोरम को गुमराह करके अनुचित लाभ प्राप्‍त करना चाहता है और विशेष व्‍यय सहित परिवाद को खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
  5. प्रतिवाद पत्र के कथनों के समर्थन में सैमसंग इंडिया के सीनियर मैनेजर श्री श्रीनिवास जोशी का शपथपत्र कागज सं.-8/6 दाखिल हुआ।
  6. परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं.-14/1 लगायत 14/4 दाखिल किया, जिसके साथ उसने प्रश्‍नगत टैब के सिलसिले में विपक्षीगण से ई-मेल के माध्‍यम से हुए पत्राचार, ऑडियो स्क्रिप्‍ट इत्‍यादि दाखिल की। ये प्रपत्र पत्रावली के कागज सं.-14/5 लगायत 14/20 हैं।
  7. परिवादी ने रिकार्डिंग की सी.डी. भी दाखिल की।
  8. विपक्षी-1 की ओर से उनके डिप्‍टी मैनेजर श्री आनन्दिया बोस का साक्ष्‍य शपथपत्र कागज सं.-24/1 भी दाखिल किया गया।
  9. परिवादी ने अपनी लिखित बहस दाखिल की। विपक्षीगण की ओर से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
  10. हमने परिवादी व विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
  11. परिवादी ने परिवाद में उल्लिखित तथ्‍यो को करे दोहराते हुए बहस के दौरान तर्क दिया कि परिवाद के पैरा-2 में उल्लिखित टैब में खरीदने के अगले ही दिन से कोई न कोई समस्‍या आ रही है। अनेक बार वह सर्विस सेंटर पर गया, उसने विपक्षी-1 को भी ई-मेल भेजे किन्‍तु अभी तक टैब ठीक नहीं हुआ है और टैब अक्‍टूबर, 2014 से लगातार बन्‍द है।
  12. प्रतिउत्‍तर में विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि परिवादी सर्वप्रथम टैब में हीटिंग और चाजिंग की समस्‍या लेकर दिनांक 08-8-2014 को विपक्षी-2 के पास आया था और उसकी समस्‍या दूर कर दी गई थी। परिवादी के अनुरोध पर दिनांक 01-9-2014 को मदर बोर्ड भी बदला गया था, इसके बाद जब परिवादी सर्विस सेंटर पर आया तो चैक करने पर यह पाया गया कि मदर बोर्ड वाटर लोग्‍ड है, जिसके कारण वह वारंटी में कवर नहीं होता। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता के अनुसार चूंकि वाटर लोगिंग की समय वारंटी में कवर नहीं होती, अतएव इस समस्‍या को दूर करने के लिए विपक्षीगण बाध्‍य नहीं हैं।
  13. हमने परिवादी के साक्ष्‍य शपथपत्र के साथ दाखिल ई-मेल्‍स, जॉब कार्ड इत्‍यादि का अवलोकन किया। अभिलेखों से प्रकट है कि टैब खरीदने के अगले ही दिन से इसमें समस्‍या आनी शुरू हो गई थी और इसकी शिकायत परिवादी ने विपक्षीगण से की थी। स्‍वीकृत रूप से टैब अभी तक भी ठीक नहीं हो पाया है। विपक्षीगण के साक्षी राजीव कुमार, जो विपक्षीगण के सर्विस सेंटर पर मोबाइल रिपेयरिंग का कार्य करता था, ने अपने बयानों में इस बात की पुष्टि की है कि दिनांक 01-9-2014 को परिवादी के टैब का मदर बोर्ड उसने बदला था। विपक्षीगण ने यद्यपि यह तो कहा है कि रामपुर सर्विस सेंटर पर जब टैब को चैक किया गया तो उसका मदर बोर्ड वाटर लोग्‍ड  पाया गया था किन्‍तु ऐसा कोई जॉब कार्ड अथवा अन्‍य रिकार्ड विपक्षीगण की ओर से दाखिल नहीं हुआ जिसके आधार पर यह माना जाये कि दिनांक 11-10-2014 को रामपुर स्थित सर्विस सेंटर पर चैक किये जाने पर टैब का मदर बोर्ड वाटर लोग्‍ड  पाया गया था। स्‍वीकृत रूप से परिवादी का यह टैब ठीक से कार्य नहीं कर रहा है। चूंकि उसमें समस्‍या खरीदने के तुरन्‍त बाद प्रारम्‍भ हो गई थी, जो निरन्‍तर बनी हुई है, अतएव हमारे विनम्र अभिमत में यह आवश्‍यक दिखायी देता है कि विपक्षीगण, परिवादी के टैब को बिना कोई शुल्‍क लिये सही तरीके से रिपेयर करें। तद्नुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।   

विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवाद के पैरा-2 में उल्लिखित परिवादी के टैब को बिना कोई शुल्‍क लिये परिवादी द्वारा टैब उपलब्‍ध कराने के एक माह के भीतर ठीक करके चालू हालत में परिवादी को उपलब्‍ध करायें।

 

(सत्‍यवीर सिंह)(पवन कुमार जैन)

  •       अध्‍यक्ष

आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्‍ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्‍यायालय में उद्घोषित किया गया।

 

(सत्‍यवीर सिंह)(पवन कुमार जैन)

  •      अध्‍यक्ष

 

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