राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-1057/2013
(जिला उपभोक्ता फोरम, बहराइच द्धारा परिवाद सं0-32/2012 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 09.04.2013 के विरूद्ध)
Mansharam, aged about adult, S/o Shri Asharfi Lal, R/o Mohalla Nawwagari, Tehsil & District Bahraich.
........... Appellant/ Complainant
Versus
1- Samsung India Electronics Private Limited, A-25, Ground Floor, Front Tower, Mohan Co-operative Industrial State, New Delhi-110044.
2- New Kumar Radios House, Pepal Chauraha, City & District Bahraich.
……..…. Respondents/ Opp. Parties
समक्ष :-
मा0 श्री रामचरन चौधरी, पीठासीन सदस्य
मा0 श्रीमती बाल कुमारी, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री एस0पी0 पाण्डेय
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : श्री रामगोपाल
दिनांक : 13.10.2017
मा0 श्री रामचरन चौधरी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
मौजूदा अपील जिला उपभोक्ता फोरम, बहराइच द्धारा परिवाद सं0-32/2012 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 09.04.2013 के विरूद्ध योजित की गई है, उक्त निर्णय के द्वारा परिवादी का परिवाद खारिज किया गया है।
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार है कि परिवाद ने प्रतिवादी सं0-1 के बहराइच शहर स्थित अधिकृत विक्रेता प्रतिवादी सं0-2 से मु0 4900.00 रू0 में दिनांक 06.11.2009 को एक टी0वी0 क्रय किया था, जिसकी वारण्टी अवधि एक वर्ष थी एवं वारण्टी अवधि में ही उक्त टी0वी0 खराब हो गया था, जिसकी जुबानी शिकायत पर प्रतिवादी सं0-
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1 के अधिकृत इंजीनियर ने उसे देखा और उसकी मरम्मत की, परन्तु फिर भी टी0वी0 पूर्णरूप से ठीक नहीं हुआ एवं पुन: परिवादी ने दिनांक 01.5.2010 व 16.6.2010 को शिकायत की और कुशल कारीगरों से टी0वी0 दिखाया गया, तो सभी ने बताया कि टी0वी0 में निर्माणीय खराबी है, परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से पंजीकृत डाक द्वारा प्रतिवादी सं0-1 के हैड क्वाटर पर शिकायत की, लेकिन नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया। अत: परिवादी द्वारा प्रतिवादीगण से प्रश्नगत टी0वी0 का मूल्य मय ब्याज तथा क्षतिपूर्ति का अनुतोष दिलाये जाने हेतु जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया है।
जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रतिवादीगण को नोटिस भेजा गया था, परन्तु प्रतिवादीगण ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया था, अत: जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा प्रतिवादीगण के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की गई।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री एस0पी0 पाण्डेय तथा प्रत्यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री रामगोपाल उपस्थित आये। उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय व उपलब्ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया।
मौजूदा केस में बहस के दौरान अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह कहा गया कि उन्हें प्रतिवाद पत्र दाखिल करने तथा सुनवाई को कोई अवसर जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष नहीं मिला सका है और जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा एक पक्षीय रूप से सुनवाई की गई है और यह भी कहा गया है कि यह दितीय परिवाद है, जो कि चलने योग्य नहीं है और उनके द्वारा यह बताया गया कि इस सम्बन्ध में मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल ही में एक विधि व्यवस्था दी गई है जिसमें ऐसे परिवाद पोषणीय होना स्वीकार किया गया है और
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इस बिन्दु पर सुनवाई हेतु मामले को सम्बन्धित जिला उपभोक्ता फोरम को प्रति प्रेषित किए जाने की प्रार्थना की गई है।
केस के तथ्यों परिस्थितियों एवं अपील आधार को देखते हुए हम यह पाते हैं कि जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रतिवादी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया और न ही कोई प्रतिवाद पत्र दाखिल किया गया और प्रतिवादी के विरूद्ध एक पक्षीय निर्णय पारित किया गया है, अत: हम यह पाते हैं कि प्रतिवादी को अपना प्रतिवाद पत्र दाखिल करने एवं सुनवाई का अवसर दिया जाना न्यायोचित होगा, इसलिए अपीलार्थी की अपील स्वीकार करते हुए प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता फोरम को प्रति-प्रेषित किये जाने योग्य है।
आदेश
अपीलार्थी की अपील स्वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्ता फोरम, बहराइच द्धारा परिवाद सं0-32/2012 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 09.04.2013 को निरस्त करते हुए प्रकरण जिला उपभोक्ता फोरम को इस निर्देश के साथ प्रति-प्रेषित किया जाता है कि प्रतिवादी को प्रतिवाद पत्र दाखिल करने एवं उभय पक्षों को पुन: साक्ष्य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए प्रकरण का निस्तारण गुण-दोष के आधार पर यथाशीघ्र करना सुनिश्चित करें।
दोनों पक्ष जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष सुनवाई हेतु दिनांक 22.11.2017 को उपस्थित हो।
उभय पक्ष अपीलीय व्यय भार स्वयं वहन करेगें।
(रामचरन चौधरी) (बाल कुमारी)
पीठासीन सदस्य सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट सं0-5