(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1307/2022
एक्सिस बैंक लिमिटेड
बनाम
सम्पूर्णा नन्द मल्ल पुत्र स्व0 काशी मल्ल
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री पारस प्रधान, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री सम्पूर्णानन्द मल्ल (स्वयं)
दिनांक :29.11.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
इस न्यायालय द्वारा विगत दिनांक 20.11.2023 को प्रस्तुत अपील में निम्न आदेश पारित किया गया था:-
‘’पुकारा गया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता विगत तिथियों की भांति पुन: आज अनुपस्थित हैं। उनके स्थान पर उनके सहयोगी कनिष्ठ अधिवक्ता श्री पारस प्रधान को विस्तारपूर्वक सुना गया
विपक्षी श्री सम्पूर्णानंद स्वयं उपस्थित हैं।
विद्वान जिला आयोग के निर्णय एवं आदेश का परिशीलन करने के उपरांत तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनने के उपरांत विपक्षी द्वारा जमा सम्पूर्ण सोने के जेबरात वजन 412.700 ग्राम अपीलार्थी बैंक द्वारा परिवादी का प्राप्त कराए जाने हेतु विचारोपरांत निम्न आदेश पारित किया जाता है:-
निर्विवादित रूप से विपक्षी द्वारा अपीलार्थी बैंक द्वारा प्रदान सम्पूर्ण ऋण धनराशि रू0 06,50,000.00 के विरूद्ध रू0 01,95,138.00 जमा की गई। तदोपरांत रू0 04,50,000.00 बैंक में दिनांक 05.11.2019 को जमा की गई। साथ ही परिवादी द्वारा अपीलार्थी बैंक द्वारा सुनिश्चित की गयी मासिक किस्त के विपरीत देय धनराशियों पर किस्तवार भुगतान बिना किसी रूकावट के किया जाता रहा ।
सम्पूर्ण मूल धनराशि, ब्याज की देयता के पश्चात परिवादी द्वारा ऋण के विरूद्ध जमा सम्पूर्ण सोने के जेबरात अपीलार्थी बैंक द्वारा चार वर्ष की अवधि व्यतीत होने के उपरांत भी वापस न किया जाना पूर्णत: अवैधानिक एवं अविधिक पाया जाता है। जिस हेतु अपीलार्थी को आदेशित किया जाता है कि अपीलार्थी बैंक द्वारा बिना विलम्ब सम्पूर्ण जमा सोने के जेबरात (वजन 412.700ग्राम) परिवादी श्री सम्पूर्णानन्द को दिनांक 28.11.2023 तक प्राप्त कराया जावे। तदनुसार अपीलार्थी बैंक के शाखा प्रबन्धक द्वारा इस न्यायालय के इस आदेश के अनुसार शपथपत्र निश्चित तिथि 29.11.2023 को अपीलार्थी बैंक के विद्वान अधिवक्ता के माध्यम से इस न्यायपीठ के सम्मुख अपरान्ह 3.00 बजे प्रस्तुत किया जावे।
यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि आदेश का अनुपालन सुनिश्चित न किए जाने की दशा में अपीलार्थी बैंक के विरूद्ध भारी हर्जाना योजित किया जावेगा।
तद्नुसार अपील इसी पीठ के सम्मुख दिनांक 29.11.2023 को अपरान्ह 3.00 बजे सूचीबद्ध की जावे।
उक्त आदश के पश्चात आज निश्चित तिथि पर अपीलार्थी बैंक की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री पारस प्रधान द्वारा बैंक के एरिया लीगल मैनेजर श्री अभिषेक सिंह द्वारा एक शपथ पत्र दिनांक 20.11.2023 प्रस्तुत किया, जिसके माध्यम से यह तथ्य उल्लिखित किया कि प्रत्यर्थी श्री सम्पूर्णानन्द द्वारा बैंक में जमा सम्पूर्ण सोने के जेबरात कुल वजन 412.700 ग्राम अपीलार्थी बैंक द्वारा जमाकर्ता श्री सम्पूर्णानन्द को दिनांक 23.11.2023 को प्राप्त कराया जा चुका है।
श्री सम्पूर्णानन्द परिवादी जो इस न्यायालय के सम्मुख स्वयं उपस्थित हैं, द्वारा प्राप्ति हेतु न्यायालय को अवगत कराया। चूंकि सोना दिया गया है, इसलिए यह तथ्य स्वीकार कर लिया गया है कि उन्होंने सोने को अवैध रूप से अपने पास रखा। अत: जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
तदनुसार अपील खारिज की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 1