Chhattisgarh

Janjgir-Champa

CC/14/28

SHRI PRABHAT KUMAR - Complainant(s)

Versus

SALS MANAGER KRISHNA HYUNDAI - Opp.Party(s)

SHRI VIJAY RATHOUR

13 Aug 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Janjgir-Champa
Judgement
 
Complaint Case No. CC/14/28
 
1. SHRI PRABHAT KUMAR
JANJGIR TAH. JANJGIR
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. SALS MANAGER KRISHNA HYUNDAI
VULIPOTA JANJGIR TAH JANJGIR
JANJGIR CHAMPA
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. BHISHMA PRASAD PANDEY PRESIDENT
 HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI VIJAY RATHOUR
 
For the Opp. Party:
SHRI MAHENDRA CHANDRA RAJVADE
 
ORDER

                                        //जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जांजगीर (छ0ग0)//


                                                                                  प्रकरण क्रमांक:- CC/28/2014                            

                                                                                   प्रस्तुति दिनांक:- 11/07/2014


 
प्रभात कुमार  पिता नरोत्तम साहू उम्र 40 साल
जाति साहू, सा. सिवनी, तह. जांजगीर
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.              ...................आवेदक/परिवादी
    
                       ( विरूद्ध )    
                 
 
सेल्स मैनेजर कृश्णा हुण्डई कुलीपोटा
तह. जांजगीर
जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग.             .........अनावेदक/विरोधी पक्षकार

                                                               ///आदेश///
                                      ( आज दिनांक  13/08/2015 को पारित)
    
1. आवेदक/परिवादी ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत अनावेदक/विरोधी पक्षकारगण  के विरूद्ध अनावेदक द्वारा पुरानी कार को नई कार बतलाकर विक्रय कर सेवा में कमी की है व्यक्त कर उससे 3,90,880/-रू., 20 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर सहित, 1,00,000/-रू. मानसिक व आर्थिक क्षति दिलाए जाने बाबत दिनांक 11.07.2014 को यह परिवाद प्रस्तुत किया है ।   
2. परिवाद के अंतर्गत यह स्वीकृत तथ्य है कि आवेदक/परिवादी ने पंजीकृत सूचना पत्र अनावेदक को भेजवाया था, जिसका अनावेदक द्वारा जवाब दिया गया ।  अनावेदक से हुण्डई कार क्रमांक सी.जी. 11 एफ 2501 के आवेदक ने 30.12.2012 को क्रय किया है । 
3. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक/परिवादी ने हुण्डई मोटर इंडिया लिमिटेड षाखा कृश्णा हुण्डई कुलीपोटा जांजगीर से नई कार एल एम व्ही सी सफेद रंग का दिनांक 30.12.2012 को क्रय किया था, जिसका चेचीस नंबर एम ए एल ए 151 ए एल बी एम 019777 के तथा इंजन नं जी 3 एच ए बी एम 009988 जिसका पंजीयन क्रमांक सी.जी. 11 एफ 2501  है। विक्रय राषि 3,25,000/-रू. एक्सीस बैंक षाखा चाॅपा से आवेदक ने लोन लेकर अनावेदक को अदा किया था । वाहन की प्रथम फ्री सर्विस अनावेदक द्वारा किया गया तथा द्वितीय फ्री सर्विस हेतु दिनांक 11.12.2013 को कंपनी के षोरूम पहुॅंचा तब अनावेदक को जानकारी हुई कि उक्त कार सेकण्ड हैण्ड होकर पुरानी है, जिसका रिपेयरिंग कराकर नई कार बताकर आवेदक को बिक्री किया गया था और आवेदक से 3,25,000/-रू. प्राप्त कर लिया गया था । इस तरह अनावेदक द्वारा छल कारित कर सेवा में कमी की गई है । आवेदक को अनावेदक नई कार देने का आष्वासन देता रहा तथा दिनांक मई 2014 को देने से इंकार कर दिया  जिस पर आवेदक द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक  17.06.2014 को सूचना दिया, जिसका जवाब प्रस्तुत किया अनावेदक द्वारा नई कार नहीं दिया गया न ही आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति प्रदान की गई । आवेदक को 3,25,000/-रू. का ब्याज 65,880/-रू. अदा करना पड़ा । आवेदक ने अनावेदक से कार के क्रय राषि एवं ब्याज सहित 3,90,880/-रू., 20 प्रतिषत वार्शिक ब्याज दर सहित, 1,00,000/-रू. मानसिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति दिलाए जाने की प्रार्थना किया है । 
4. अनावेदक ने जवाब देने हेतु कई अवसर होने के बाद भी जवाब प्रस्तुत नहीं कर सका, जिससे जवाब प्रस्तुत करने का अवसर समाप्त किया गया । 
5. आवेदक ने सूची अनुसार दस्तावेज प्रस्तुत किया है । 
    6. प्रकरण में उभय पक्ष को सुना गया।  प्रकरण का अवलोकन किया गया।     
    7. प्रकरण में विचारणीय प्रष्न यह है कि क्या अनावेदक ने पुरानी कार को नई कार बताकर विक्रय कर आवेदक के साथ छल किया है और उसके साथ सेवा में कमी की है ?
            निश्कर्श के आधार
     8. आवेदक/परिवादी ने परिवाद पत्र तथा साथ में प्रस्तुत सूची अनुसार दस्तावेज एवं लिखित तर्क में प्रस्तुत दस्तावेज आर.सी.बुक, पेमेंट स्लीप, सर्विंसिंग तथा पंजीकृत सूचना पत्र की प्रतिलिपि अनावेदक को नोटिस का जवाब, मामा सिंह साहू का षपथ पत्र, महेंद्र मोटर गैरेज के लेटर हेड दिनांक 30.12.2014 का पत्र दस्तावेजों को अवलंब लिया है । 
    9. परिवाद के तथ्य कि वाहन कार एल एम व्ही सी पंजीयन क्रमांक सी.जी. 11 एफ 2501 को दिनांक 30.12.2012 को फाईनेंस द्वारा क्रय किया जाना आवेदक द्वारा बताया गया है, जिसे अनावेदक ने पंजीकृत नोटिस में स्वीकार किया है तथा तर्क में भी स्वीकार किया है कि उसने आवेदक को नई कार बिक्री किया था । 
10. आवेदक की ओर से छ.ग. परिवहन विभाग का सी.जी. 11 एफ 2501 का पंजीयन प्रमाण पत्र, पंजीयन का डिटेल्स पंजीकृत सूचना पत्र प्रस्तुत किया है, जिसका वाहन क्रमांक सी.जी. 11 एफ 2501 तथा इंजन क्रमांक जी. 3 एच ए बी एम 009988 चेचीस क्रमांक एम ए एल ए 151 ए एल बी एम 01977 के, जिसमें निर्माण तिथि 24.10.2012 है, जिसका पंजीयन दिनांक 23.01.2013 को हुआ है । उपरोक्त वाहन के पर्टीकुलर से स्पश्ट है कि उक्त वाहन दिनांक 24.10.2012 को विनिर्माण (मैन्यूफेक्चरिंग) हुआ है तथा उसे अनावेदक द्वारा आवेदक को दिनांक 30.12.2012 को विक्रय किया, जिसका पंजीयन दिनांक 23.01.2013 को परिवहन कार्यालय से हुआ था । 
11. अनावेदक ने तर्क किया है कि उसने आवेदक को अक्टूबर 12 में विनिर्मित कार दिसम्बर 12 में 3,25,000/-रू. में विक्रय किया है । आवेदक वाहन को देखपरख कर पसंद कर क्रय किया है, जिसका बिल दिया गया है। आवेदक ने खरीदी बिल के प्रति  प्रस्तुत किया है । 
12. आवेदक द्वारा प्रस्तुत उक्त दस्तावेज से तथा अनावेदक द्वारा पंजीकृत सूचना के जवाब से स्पश्ट हो रहा है कि दिनांक 24.10.2012 को निर्मित वाहन का क्रय दिनांक 30.12.2012 आवेदक द्वारा क्रय किया गया । उक्त दस्तावेजों से आवेदक द्वारा नई कार क्रय की गई स्पश्ट हो रहा है । इस प्रकार आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज से ही यह स्पश्ट है कि अनावेदक द्वारा आवेदक को नई कार जिसका पंजीयन क्रमांक सी.जी. 11 एफ 2501 3,25,000/-रू. में विक्रय किया गया ।
    13. आवेदक ने परिवाद अंतर्गत अभिकथित कर अनावेदक के विरूद्ध आरोप लगाया है कि दिनांक 11.12.2013 को गाड़ी की द्वितीय फ्री सर्विस कराने पहुंचा तब उसे जानकारी हुई कि उक्त कार सेकण्ड हैण्ड होकर पुरानी है, जिसका रिपेयरिंग कराकर नई कार बदलकर आवेदक को बिक्री करने के आधार पर यह परिवाद अनावेदक के विरूद्ध प्रस्तुत किया है। आवेदक ने सूची अनुसार दस्तावेज में मामा सिंह साहू उर्फ लाल मिस्त्री का षपथ पत्र तथा महेंद्र मोटर गैरेज के लेटर हेड दिनांक 30.12.2014 में लिखा गया पत्र प्रस्तुत किया है जिसके आधार पर तर्क किया गया है कि मिस्त्री द्वारा वाहन का मुलाहिजा कर रिपोर्ट दिया है, जिसके खण्डन में कोई साक्ष्य नहीं है। अनावेदक की ओर से तर्क किया गया है कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत प्रमाणों से ही स्पश्टतया प्रमाणित हो रहा है कि अनावेदक द्वारा आवेदक को नई कार विक्रय किया गया था । सेकण्ड हैण्ड पुरानी कार विक्रय करना को प्रमाणित करने का भार आवेदक पर है। 
14. यह तर्क भी किया है कि आवेदक ने परिवाद दिनांक 11.07.14 को प्रस्तुत किया है तथा मामा सिंह साहू उर्फ लाल मिस्त्री का षपथ पत्र तथा महेंद्र मोटर गैरेज के लेटर हेड दिनांक 30.12.2014 परिवाद प्रस्तुत करने के बाद प्रस्तुत किया है, जो बाद में तैयार किया गया है, जिस पर विष्वास करने योग्य नहीं है । 
    15. आवेदक ने परिवाद पत्र के साथ अनावेदक को दिए गए पंजीकृत सूचना की प्रति प्रस्तुत किया है, जिसमें दिनांक 13.12.2012 को वाहन सेकण्ड हैण्ड पुराना होने की जानकारी हुई बतलाया है । पंजीकृत सूचना पत्र दिनांक 17.06.2014 का है उक्त सूचना पत्र के पूर्व आवेदक ने अनावेदक से क्रय की गई कार का समुचित प्रयोगषाला से परीक्षण कराया था, तो जाॅंच में खरीदी गई कार पुरानी सेकण्ड हैण्ड होना पाया गया था, को दर्षित करने वाला कोई रिपोर्ट संलग्न नहीं किया गया है । इस प्रकार आवेदक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 13 के उपबंधों के तहत अनावेदक से क्रय की गई माल का समुचित प्रयोगषाला से विष्लेशण या परीक्षण कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया है । 
16. आवेदक ने परिवाद पत्र प्रस्तुत करने के पष्चात उपभोक्ता फोरम के समक्ष इस आषय का भी कोई आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है कि उसके द्वारा क्रय की गई वाहन का समुचित प्रयोगषाला से जाॅंच करायी जाय। इस प्रकार आवेदक ने अधिनियम की धारा 13 के पालन में न तो प्रयोगषाला से विष्लेशण या परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत किया है और न ही उसके लिए फोरम के समक्ष आवेदन देकर समुचित प्रयोगषाला से जाॅंच कराए जाने का कोई प्रार्थना किया है । 
    17. आवेदक ने दिनांक 07.08.2014 को सुची अनुसार दस्तावेज में मामा सिंह साहू उर्फ लाल मिस्त्री का षपथ पत्र तथा महेंद्र मोटर गैरेज के लेटर हेड दिनांक 30.12.2014 का लिखा होना प्रस्तुत किया है, जिसे परिवाद पत्र दिनांक 11.07.2014 के साथ प्रस्तुत नहीं करने का कारण, परिवादी द्वारा विलंब से दिए जाने पर प्रस्तुत करना बताया है । मामा सिंह साहू उर्फ लाल मिस्त्री का षपथ पत्र में किस दिनांक को कार एल एम व्ही सी  सी.जी. एफ 2501 का परीक्षण किया गया था उल्लेख नहीं किया गया है। उसके षपथ पत्र से  वह वाहन की जाॅंच कर रिपोर्ट देने के लिए विषेशज्ञता प्राप्त करता है समुचित प्रयोगषाला से या भारतीय मानक ब्यूरो से ऐसे रिपोर्ट देने के लिए पंजीकृत व अधिकृत है प्रकट करने वाला कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है। इस षपथ पत्र में उल्लेख नहीं है, जिससे उसका षपथ पत्र एवं दिनांक 30.12.2014 के पत्र से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 धारा 13 के उपबंधों के अधीन समुचित प्रयोगषाला से विष्लेशण या परीक्षण कर दी गई रिपोर्ट होना नहीं कहा जा सकता विषेशतः परिवाद प्रस्तुत करने के पष्चात की रिपोर्ट से परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि पर आवेदक द्वारा क्रय की गई वाहन की स्थिति सेकण्ड हैण्ड होने की प्रमाणित नहीं होती है । 
    18. आवेदक ने अनावेदक से क्रय की गई वाहन सेकण्ड हैण्ड कार होना बताया है अर्थात वह कार पूर्व में अन्य को विक्रय की गई पष्चात वह कार आवेदक को विक्रय की गई थी, यह दर्षाने के लिए आवेदक ने कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है, कि उक्त वाहन पूर्व में अन्य को विक्रय की गई थी । 
    19. उपरोक्तानुसार जहाॅं आवेदक द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों/प्रमाणों से ही यह प्रमाणित है कि आवेदक को अनावेदक द्वारा दिनांक 24.10.2012 को विनिर्मित कार जिसका चेचीस नंबर एम ए एल ए 151 ए एल बी एम 019777 के तथा इंजन नं जी 3 एच ए बी एम 009988 जिसका पंजीयन क्रमांक सी.जी. 11 एफ 2501  है, दिनांक 30.12.2012 को क्रय किया गया था। फलस्वरूप क्रय की गई कार पुराना सेकण्ड हैण्ड कार थी को प्रमाणित करने का पूरा भार आवेदक पर था । 
20. आवेदक उक्त तथ्य को प्रमाणित करने में असफल रहा है, अतः परिवाद अंतर्गत यह यह प्रमाणित नहीं हुआ है कि अनावेदक ने पुरानी कार को नई कार बताकर विक्रय कर आवेदक के साथ छल किया है और उसके साथ सेवा में कमी की गई है । 
21. अतः अभिलेखगत उक्त सामग्री अंतर्गत प्रस्तुत प्रमाणों से हम यह पाते हैं कि अनावेदक ने आवेदक को नई कार विक्रय किया था । अनावेदक ने आवेदक को पुरानी कार को नई कार बताकर विक्रय नहीं किया था । अनावेदक ने आवेदक के साथ कोई छल कारित कर सेवा में कमी नहीं की थी । 
    22. उपरोक्त अनुसार अनावेदक के विरूद्ध आवेदक/परिवादी द्वारा किया गया यह परिवाद स्वीकार करने योग्य नहीं है, निरस्त किए जाने योग्य है, अतः निरस्त किया जाता है । 
    23. उभय पक्ष अपना-अपना वाद-व्यय स्वयं वहन करेंगे । 


                       (बी.पी. पाण्डेय)                                         ( श्रीमती शशि राठौर)              
                                   अध्यक्ष                                                      सदस्य                           


                     
        
                        

                    

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. BHISHMA PRASAD PANDEY]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. SHASHI RATHORE]
MEMBER

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