Rajasthan

Jhunjhunun

CC/58/2016

Gunjan Saini - Complainant(s)

Versus

Sakun Mobile - Opp.Party(s)

Manoj Kumar Varma

14 Feb 2017

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/58/2016
 
1. Gunjan Saini
Vard No.08,Chirawa
Jhunjhunu
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. Sakun Mobile
Pilani Road,Chirawa
Jhunjhunu
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:Manoj Kumar Varma, Advocate
For the Opp. Party:
Dated : 14 Feb 2017
Final Order / Judgement


तारीख हुक्म
                                                     परिवाद संख्या 58/16
                               हुक्म या कार्यवाही मय इनिषियल्स जज
गुंजन सैनी       बनाम      1. सकुन मोबाइल एण्ड कम्प्यूटर्स, अपोजिट गार्वनमेंट अस्पताल,
                           पिलानी रोड, चिडावा तहसील चिडावा जिला झुंझुनू जरिये
                           प्रोपराईटर                      
                          2.  मैसर्स विष्णु इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड मोबाइल गुढा मोड़, रोड नं0 3
                           झुंझुनू (राज.) जरिये प्रबन्धक।
    नम्बर व तारीख अहकाम जो इस हुक्म की तामिल में जारी हुए

  14.02.2017
                 
           परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता अधिनियम
         परिवादी की ओर से वकील श्री मनोज वर्मा उपस्थित। विपक्षीगण बावजूद तामील नोटिस अनुपस्थित होने पर विपक्षीगण के विरूद्ध दिनांक 27.09.2016 को एकतरफा कार्यवाही मिल में लाई गई।
          एकपक्षीय बहस परिवादी सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।     
         विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने दिनांक 14.11.2014 को विपक्षी सख्ंया 1 से एक माइक्रोमेक्स कम्पनी का ए-310 मोबाइल फोन 11,600/-रूपयेे में खरीदा था। इसलिये परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है। 
       विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने बहस के दौरान यह भी कथन किया है कि  मोबाईल खरीदते समय विपक्षी ने परिवादी को यह बताया कि मोबाइल सैट की एक वर्ष की वारंटी है। परिवादी का उक्त मोबाईल फोन कुछ समय में ही खराब हो गया। परिवादी ने मोबाईल खराब होने की षिकायत विपक्षी संख्या 1 से की तो उसने विपक्षी संख्या 2 के पास भेज दिया। दिनांक 19.08.2015 को परिवादी अपना उक्त मोबाईल फोन लेकर विपक्षी नं. 2 के यहां गया तो वहा मौजूद कर्मचारी ने फोन लेकर जोबसीट (रसीद) परिवादी को दी तथा 15 दिन बाद आने का कहा। परिवादी 15 दिन बाद जब विपक्षी संख्या 2 के पास गया तो कहा फोन कम्पनी से सही होकर नहीं आया है तथा बार-बार चक्कर लगाने के बाद परिवादी ने दूसरा मोबाईल देने के लिये कहा तो विपक्षी संख्या 2 ने परिवादी को माडल नम्बर ए-255 मोबाईल फोन देना चाहा जो हल्का होने के कारण परिवादी ने लेने से इन्कार कर दिया तो विपक्षी संख्या 2 ने कहा आपको यह मोबाइल लेना है तो ले लो वरना जावो। इस प्रकार विपक्षीगण ने परिवादी का मोबाइल फोन न तो ठीक करके दिया न ही बदल कर दिया तथा न ही कीमत अदा की। अतः विपक्षीगण का उक्त कृत्य सेवा में कमी को दर्षाता है। 
        
       अन्त में विद्वान् अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार फरमाया जाकर विपक्षीगण से परिवादी के मोबाईल के बदले माइक्रोमैकस कम्पनी का  ए-310 


नया मोबाईल फोन दिलवाये जाने या मोबाईल फोन की कीमत 11,600/-रूपये मय ब्याज वापिस दिलाये जाने का निवेदन किया है। 
        पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 से दिनांक 14.11.2014 को एक माइक्रोमक्स कम्पनी का मोबाईल फोन मोडल ए-310 जरिये बिल संख्या 6596 के 11600/-रूपयेे में खरीदा था। रसीद की फोटो प्रति परिवाद पत्र में संलग्न है। परिवादी का उक्त मोबाइल फोन खराब होने पर  विपक्षी संख्या 1 के कहे अनुसार परिवादी विपक्षी संख्या 2 के पास सर्विस सेण्टर पर अपना मोबाईल दिखाने हेतु गया।  विपक्षी संख्या 2 ने परिवादी का मोबाइल अपने पास रख लिया तथा जोबषीट दिनांक 19.08.2015 परिवादी को दे दी, जिसकी फोटो प्रति पत्रावली में संलग्नहै। परिवादी ने विपक्षीगण को मोबाइल ठीक करके देने के लिये कहा लेकिन बार-बार चक्कर लगाने के बावजूद भी मोबाइल ठीक करके नहीं दिया तथा मोबाइल भी विपक्षी संख्या 2 ने अपने पास रख लिया। परिवादी ने 20/-रूपये के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र नोटेरी पब्लिक से तसदीक करवाकर पत्रावली में पेष किया है कि आज भी मोबाइल विपक्षी संख्या 2 के पास ही है। इससे स्पष्ट होता है कि विपक्षीगण ने बिना किसी युक्तियुक्त कारण के परिवादी के मोबाइल को ठीक करके नहीं दिया जबकि परिवादी का मोबाइल वारंटी अवधि में ही खराब हुआ है। परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में किये गये कथनों का खण्डन भी विपक्षीगण ने उपस्थित होकर नहीं किया है। इसलिये परिवादी के कथनों पर अविष्वास किये जाने का कोई कारण नहीं है। विपक्षीगण का उक्त कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आता है। 
   परिणामतः परिवादी का परिवादपत्र स्वीकार किया जाकर विपक्षीगण को आदेषित किया जाता है कि वह परिवादी का उक्त माईक्रोमेक्स कम्पनी का मोबाईल फोन मोडल ए-310  एक माह में ठीक करके देवें अथवा मोबाइल नया बदलकर देवे या परिवादी से बिल संख्या 6596 के अनुसार 11600/-रूपये मोबाइल की कीमत जो विपक्षी संख्या 1 ने प्राप्त की थी, वह राषि परिवादी को भुगतान करे। अन्यथा स्थिति में परिवादी उक्त राषि पर संस्थित परिवाद पत्र दिनांक 04.02.2016 से ता वसूली 9 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज प्राप्त करने का अधिकारी है। इस प्रकार से प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।       
      आदेश आज दिनांक 14.02.2016 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 
      पत्रावली फैषल शुमार होकर बाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

 

 


     
        
        

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.