Sanjid Ahmad filed a consumer case on 08 Sep 2015 against Sajid Ahmad in the Kota Consumer Court. The case no is CC/06/2009 and the judgment uploaded on 09 Sep 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश मंच, झालावाड,केम्प कोटा (राज)।
पीठासीन अधिकारी:- श्री नन्दलाल षर्मा, अध्यक्ष व श्री महावीर तंवर सदस्य।
प्रकरण संख्या-06/2009
संजीद अहमद एडवोकेट पुत्र श्री हिराज अहमद
निवासी-लाडपुरा,कोटा (राज0)।
-परिवादी।
बनाम
साजिद अहमद पुत्र साबिर अहमद पेशा फ्रिज रिपेयर मिस्त्री जाति मुसलमान
निवासी-बड़ी मस्जिद के पास,करबला लाड़पुरा,कोटा (राज0)।
-विपक्षी।
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति-
1 श्री रमेश राठौर,अधिवक्ता ओर से परिवादी।
2 एकपक्षीय।
निर्णय दिनांक 08.09.2015
प्रस्तुत परिवाद जिला मंच,कोटा में पेष हुआ तथा निस्तारण हेतु जिला मंच झालावाड केम्प कोटा को प्राप्त हुआ है।
प्रस्तुत परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के तहत दिनांक 06-01-2009 को परिवादी ने इन अभिवचनों के साथ प्रस्तुत किया है कि परिवादी ने फ्रिज खराब होने पर विपक्षी को अपने निवास पर दिनंाक 20-05-2007 को बुलाया और फ्रिज रिपेयर करने के लिए कहा तो विपक्षी ने बताया कि फ्रिज का कम्प्रेशर चैक हो गया है इसलिए खोलकर गैस आदि भरनी होगी और फ्रिज को विपक्षी की दूकान पर पहुंँचाना होगा। परिवादी ने फ्रिज को विपक्षी की दूकान पर पहुंँचाया और विपक्षी ने जून 2007 के अन्त में परिवादी के यहाँ पहुँचाया और 1,300/-रूपये मजदूरी के लेकर चला गया और बताया कि उसने कम्प्रेशर में गैस भर दी है और अब बन्द नहीं होगा और इसकी गारण्टी एक साल की बतायी। परिवादी केे फ्रिज को एक माह भी नहीं हुआ और उसका फ्रीजर खराब हो गया और चालू करते ही गर्म होने लग गया। विपक्षी को शिकायत की तो उसने दूकान पर मँगवाकर पुनः ठीक करने का आश्वासन दिया। विपक्षी ने फ्रिज को दूकान पर मँगवा लिया लेकिन उसे आज दिन तक ठीक करके नहीं लौटाया है। तत्पश्चात् परिवादी ने विपक्षी को दिनंाक 03-05-2008 को जरिये अधिवक्ता विधिक नोटिस दिलाया लेकिन विपक्षी ने फ्रिज को ठीक करके नहीं लौटाया है। परिवादी ने विपक्षी से फ्रिज ठीक करवाने एवं क्षतिपूर्ति दिलाये जाने का अनुतोष चाहा है।
विपक्षी के विरूद्ध दिनांक 09-04-2015 को एकपक्षीय कार्यवाही की गई है।
परिवाद के समर्थन में परिवादी ने स्वयं का षपथपत्र तथा प्रलेखीय साक्ष्य में म्ग.1 लगायत म्ग.2 दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं।
उपरोक्त अभिवचनों के आधार पर बिन्दुवार निर्णय निम्न प्रकार है:-
1 क्या परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है ?
परिवादी का परिवाद,षपथ-पत्र तथा प्रस्तुत दस्तावेजात के आधार पर परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है।
2 सेवादोश ?
परिवादी की बहस सुनी गई। पत्रावली का अवलोकन किया तो स्पश्ट हुआ कि परिवादी ने परिवाद के पेरा नंबर 3 में अंकित कर रखा है कि उसका फ्रिज खराब हो गया था, रिपेयर के लिए विपक्षी के पास डाला, 1,300/-रूपये में फ्रिज रिपेयर किया। परिवादी ने फ्रिज वापिस लिया, जाॅब कार्ड से इस तथ्य की पुष्टि होती है परन्तु एक माह बाद ही फ्रिज पुनः खराब हो गया, विपक्षी को फ्रिज संभलाया गया था लेकिन विपक्षी ने न तो फ्रिज ठीक किया और न ही चालू हालत में परिवादी को संभलाया। फ्रिज आज तक भी विपक्षी के पास ही बताया है। इस तथ्य की पुष्टि परिवादी संजीद अहमद के शपथपत्र से भी होती है। विपक्षी ने इस तथ्य का खंडन भी नहीं किया है। परिणामस्वरूप
3
परिवादी के तर्कों पर अविश्वास किये जाने का कोई कारण नहीं है। इस प्रकार विपक्षी का सेवादोष स्पष्टतः प्रमाणित पाया जाता है।
3 अनुतोश ?
परिवादी का परिवाद विरूद्ध विपक्षी स्वीकार किये जाने योग्य पाया जाता है।
आदेष
परिणामतः परिवाद परिवादी श्री संजीद अहमद स्वीकार किया जाकर विपक्षी को आदेष दिया जाता है कि 1,300/-रूपये फ्रिज ठीक करने की राशि, 5,000/-रूपये मानसिक संताप एवं आर्थिक क्षति के तथा 2,000/-रूपये परिवाद व्यय के दो माह की अवधि मंे अदा करें अन्यथा निर्णय दिनांक से ताअदाएगी संपूर्ण भुगतान 9ः वार्शिक ब्याज दर से ब्याज भी अदा करेगा तथा निर्णय दिनंाक से 15 दिन के अन्दर विपक्षी परिवादी को बुलायेगा और फ्रिज जिस हालत में प्राप्त किया उसी हालत मंे फ्रिज को लौटावें।
(महावीर तंवर) (नन्द लाल षर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
निर्णय आज दिनंाक 08.09.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
(महावीर तंवर) (नन्द लाल षर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
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