Rajasthan

Ajmer

CC/481/2016

DEEPAK BHADANA - Complainant(s)

Versus

SAI MOBILS - Opp.Party(s)

ADV. L.S. CHOHAN

06 Jan 2017

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/481/2016
 
1. DEEPAK BHADANA
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. SAI MOBILS
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 06 Jan 2017
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर

1. दीपक भडाणा पुत्र श्री अमरचंद भडाणा, निवासी- धाननाडी, अजमेर । 
2. राहुल भडाणा पुत्र श्री राजेष कुमार भडाणा, निवासी- धाननाडी, बालुपूरा रोड, अजमेर । 
3. गुलाबचंद कच्छावा पुत्र श्री चुन्नीलाल कच्छावा, निवासी- धाननाडी, बालूपुरा रोड, अजमेर । 
4. कृष्ण गोपाल पुत्र श्री गुलाब चन्द ष्षर्मा, निवासी- पूजा मार्ग, धान नाडी रोड, अजमेर । 
5. कन्हैया लाल पुत्र श्री देवकरण गुर्जर, निवासी- धाननाडी, बालूपुरा रोड, अजमेर । 
6. दीपक कच्छावा पुत्र श्री कालूराम कच्छावा, निवासी- धाननाडी, बालूपुरा रोड, अजमेर । 
7. इन्द्रसिंह गहलोत पुत्र श्री पूनमचदं गहलोत, निवासी- धाननाडी, बालुपूरा रोड, अजमेर । 
8. प्रमोद कच्छावा पुत्र श्री रमेष चन्द कच्छावा, निवासी- पूजा मार्ग, धाननाडी रोड, अजमेर । 
9. योगेष कच्छवा पुत्र श्री विजयसिंह कच्छावा, निवासी- अबाईबीएम काॅलोनी के पास, बालूपुरा रोड, अजमेर ।  
                                                  -        प्रार्थीगण
                            बनाम

श्री साई मोबाइल जरिए प्रो. पंकज, निवासी-षाॅप नम्बर 3, कोतवाली गेट के बाहर, पी.आर. मार्ग, अजमेर ।                      
 
                                                  -       अप्रार्थी 
     पूर्व परिवाद संख्या  56/2010 नया परिवाद सं. 481/16

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
                  1.श्री अषोक तेजवानी, अधिवक्ता, प्रार्थीगण
                  2.श्री विकास सांखला,अधिवक्ता अप्रार्थी 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः-30.01.2017
 
1.      उक्त उनवानी प्रकरण में मंच द्वारा पारित आदेष दिनंाक 15.11.2011 से व्यथित होकर अप्रार्थी द्वारा प्रस्तुत अपील  माननीय राज्य आयोग ने  अपने आदेष दिनंाक 9.2.2016 के द्वारा  निर्णित करते हुए अप्रार्थी की साक्ष्य ली जाकर पक्षकारान को सुनवाई का अवसर देने के निर्देष के साथ  प्रकरण  प्रतिप्रेषित किया है ।   
2.           संक्षिप्त तथ्यानुसार प्रार्थी संख्या 1 ने  अप्रार्थी से जो टेªवल्स  का कार्य करता है, से  दिनंाक 25.6.2009 को कुल्लू मनाली व अमरनाथ जाने  हेतु सम्पर्क किए जाने पर अप्रार्थी ने क्वालिस गाडी संख्या आर.जे.06-7475 किराए पर दिया जाना  व रू. 6/- प्रति किमी  की दर से रू. 18,000/-वाहन का किराया  व अतिरिक्त चलने पर अतिरिक्त किराया  राषि दिया जाना बताया  । अप्रार्थी द्वारा अग्रिम किराया राषि की मांग करने पर उसे रू. 18,000/- अदा कर किए  । किन्तु रसीद की बार बार  मांग किए जाने पर रसीद नही ंदी । दिनांक  25.6.2009 को अजमेर से  रवाना हुए तो बीकानेर में वाहन खराब हो गया  जिसे वाहन के ड्राइवर असलम  ने उसे ठीक करवाया । आगे जाने पर जम्मू से 150 कि.मी  आगे चन्द्रकोट में एक पिकअप से वाहन टकरा गया जिसकी पुलिस में रिर्पोट दर्ज करवाई ।  किन्तु वाहन के दोनो ड्राइवरों ने कानूनी कार्यवाही करने से इन्कार कर दिया गया ।   तत्पष्चात्  वाहन के ड्राईवर असलम ने वाहन को ठीक कराने की कहते हुए  वाहन ठीक करवाने चला गया काफी इन्तजार के बाद भी जब ड्राइवर असलम वाहन लेकर नहीं आया तो वे जैसे तैसे वापस  अपने टूर को अधूरा छोड कर अजमेर आ गए और इस संबंध में अप्रार्थी को अवगत कराया तो अप्रार्थी ने  अपनी किसी भी जिम्मेदारी से इन्कार कर दिया ।  प्रार्थीगण ने दिनांक 17.8.2009 को नोटिस भी दिया किन्तु अप्रार्थी ने कोई कार्यवाही नहीं की । प्रार्थीगण ने इस परिवाद के जरिए  चन्द्रकोट से वापस अजमेर  आने का किराया,  मानसिक क्षतिपूर्ति के रू. 20,000/-, अग्रिम अदा की गई राषि रू. 18,000/-, नोटिस खर्चा रू. 1100/- व अन्य अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
2.    अप्रार्थी ने   जवाब प्रस्तुत करते हुए प्रारम्भिक आपत्तियों में दर्षाया है कि उसने ट्रेवल्स का कभी भी कार्य नहीं किया  है और ना ही वह ट्रेवल्स व्यवसाय के बारे में कोई ज्ञान रखता  है और ना ही अप्रार्थी के नाम से कोई वाहन ट्रेवल्स में उपयोग में लाया जाता है  और ना ही ट्रेवल्स व्यवसाय के लिए उसके पास  कोई लाईसेन्स है । अप्रार्थी की साई मोबाईल के नाम से कोतवाली गेट के बाहर दुकान होने व  मोबाईल रिपेयर व खरीदने बेचने का व्यवसाय किए जाने  के तथ्य को स्वीकार किया है और परिवाद में अंकित तथ्यों को अस्वीकार व मनगढन्त होने का कथन करते हुए  परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना की है । 
3.    माननीय राज्य आयेाग के उक्त निर्णय दिनंाक 9.8.2016 की अनुपालना में उभय पक्षकारान को निर्देष दिए गए थे कि वे अपनी ओर से जो भी साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहे, प्रस्तुत कर सकते हैं । किन्तु न्यायोचित अवसर दिए जाने के बावजूद भी उनकी ओर से किसी प्रकार की कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं हुई है । अपितु दोनों पक्षकारान ने अपने अपने अभिवचनों के समर्थन में उन्हीं तथ्यों को तर्को के रूप में दोहराया है जो उन्हांेने अंकित किए हैं ।  प्रार्थी ने अपने तर्को के समर्थन में नजीर 2010क्छश्र;ैब्द्ध 5991  टण् ज्ञपेींद त्ंव टे छपाीपस ैनचमत ैचमबपसपजल भ्वेचपजंस ंदक व्ते  प्रस्तुत की है । 
4.    हमने परस्पर तर्क सुने एवं रिकार्ड देखा व प्रस्तुत नजीर का अवलोकन किया । 
5.          प्रार्थी पक्ष ने अपने परिवाद के समर्थन में अपने अपने यथा- श्री दीपक  भडाणा पुत्र श्री अमरचंद भडाणा,  राहुल भडाणा पुत्र श्री राजेष कुमार भडाणा, गुलाबचंद कच्छावा पुत्र श्री चुन्नीलाल कच्छावा, कृष्ण गोपाल पुत्र श्री गुलाब चन्द षर्मा, कन्हैया लाल पुत्र श्री देवकरण गुर्जर,  दीपक कच्छावा पुत्र श्री कालूराम कच्छावा, इन्द्रसिंह गहलोत पुत्र श्री पूनमचदं गहलोत,  प्रमोद कच्छावा पुत्र श्री रमेष चन्द कच्छावा, योगेष कच्छवा पुत्र श्री विजयसिंह कच्छावा, के षपथपत्र पेष किए है  जबकि  अप्रार्थी की ओर से प्रस्तुत जवाब के समर्थन में किन्हीं पंकज का षपथपत्र प्रस्तुत हुआ है ।  न्याय हित में हम इन्हीं षपथपत्रों को पक्षकारों की साक्ष्य का पर्याय मानते हुए प्रकरण का निस्तारण करना उचित समझते हंै । 
6.    उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार अप्रार्थी ने पपिवाद के समस्त तथ्यों का खण्डन किया है ।  किन्तु उनकी यह स्वीकारोक्ति है कि प्रार्थीगण द्वारा दिया गया नोटिस उसे मिला था , लेकिन वह बीमार होने के कारण उसका जवाब नहीं दिया जा सका  था ।  मचं यह मानता है कि बीमार होने के कारण जवाब नहीं दे सकना नोटिस में वर्णित तथ्यों को नहीं मानने का प्रर्याप्त आधार नहीं हो सकता है   ।  दिए गए नोटिस में प्रार्थी पक्ष की  व्यथा  के उन सभी तथ्यों का वर्णन किया गया है तथा इन सभी तथ्य एवं परिस्थितियों को अप्रार्थी द्वारा नोटिस प्राप्ति के बावजूद भी स्पष्ट रूप से  नहीं नकारने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ऐसा माना जा सकता है कि ऐसे दिए गए नोटिस में वर्णित सभी तथ्यों की अप्रार्थी को जानाकरी थी तथा उसकी मौन स्वीकृति है । प्रार्थी पक्ष का प्रमुख  पक्ष कथन रहा  है कि उन्होने दिनांक 25.6.2009 को अप्रार्थी को रू. 18,000/- अग्रिम दिए व उससे वाहन संख्या आर.जे. 06-7475 किराए पर लेकर कुल्लू मनाली के लिए यात्रा प्रारम्भ की गई थी । प्रष्नगत वाहन बीकानेर में खराब हुआ । तत्पष्चात जम्मू से  150 कि.मी.  आगे चद्रकोट में  उनके वाहन से  आगे चल रहे वाहन से  टकराया  था तो प्रार्थीगण को उक्त वाहन का चालक  वाहन को ठीक कराकर आने की कह कर चला गया । इन सभी तथ्यों का कोई स्पष्ट खण्डन अप्रार्थी द्वारा न तो  उनके प्रतिउत्तर में दिया गया है और ना ही किसी प्रकार की साक्ष्य से  समर्थित किया गया है ।  प्रार्थी पक्ष ने उक्त वाहन के साथ साथ अपने यात्रा के  स्थान व क्षतिग्रस्त  वाहन के फोटोग्राफस  भी प्रस्तुत किए है 
8.     समस्त तथ्यों  एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मंच की राय में प्रार्थीगण कर निर्धारित यात्रा को बीच में छोड़ कर आना  निष्चित रूप से अप्रार्थीगण की सेवाअेां में दोषी का परिचायक है । प्रार्थीगण अप्रार्थी से सेवादोष के लिए उदाहरणीय  क्षतिपूर्ति के साथ साथ अन्य अनुतोष भी प्राप्त करने के अधिकारी होगें एवं आदेष है कि 
                                 :ः- आदेष:ः-
9.    (1)    प्रार्थीगण अप्रार्थी से चन्द्रकोट से अजमेर आने का किराया रू. 8000/- प्राप्त करने के अधिकारी होगें ।
            (2)       प्रार्थी अप्रार्थी   से ं मानसिक संताप पेटे  रू. 25,000 /- एवं  परिवाद व्यय के पेटे रू. 5000/-भी  प्राप्त करने का  अधिकारी होगें ।               
प्रार्थीगण को इस आदेष से दो माह की अवधि में अदा करें   अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावे ।  
          आदेष दिनांक 30.1.2017  को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

                
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 


           
                          
 श्
 

9.
    

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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