Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/32/2014

Nitin Kumar - Complainant(s)

Versus

sai communication - Opp.Party(s)

07 Jun 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/32/2014
 
1. Smt. Ponam Devi
R/o Dhansupur Thana Papsara Distt. J.P Nagar
...........Complainant(s)
Versus
1. L.I.C
Branch No 2 Ram Ganga Vihar , Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया है कि विपक्षीगण से उसे दोषपूर्ण मोबाइल बदलकर नया मोबाइल दिलाया जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में 50000/- रूपया और परिवाद व्‍यय की मद में  25000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   परिवाद कथनों के अनुसार विपक्षी सं0-1 मुरादाबाद में मोबाइल विक्रेता है, विपक्षी सं0-2 स्‍पाईस मोबाइल का अधिकृत विक्रेता एवं स्‍टाकिस्‍ट  है तथा विपक्षी सं0-3 मुरादाबाद में विपक्षी सं0-1 का सर्विस सेन्‍टर है।  परिवादी के अनुसार विपक्षी सं0-1 से दिनांक 23/2/2013 को उसने स्‍पाईस कम्‍पनी का एक मोबाइल सैट जिसका विवरण वाद पत्र के पैरा सं0-2 में  दिया हुआ है, 4000/- रूपया में खरीदा था। एक सप्‍ताह बाद ही मोबाइल हैंग होने लगा कुछ दिन बाद इसका बैटरी बैक अप कम हो गया और उसने  नो सर्विस दिखाना शुरू कर दिया। करीब 3 महीने बाद विपक्षी सं0-1 के  निर्देश पर उक्‍त शिकायतों के निवारण के लिए परिवादी विपक्षी सं0-3 के  पास गया, वहां उसने मोबाइल ठीक करने के लिए दे दिया। कई चक्‍कर  लगाने के बाद 12 दिन के उपरान्‍त परिवादी को मोबाइल यह कहकर वापिस किया गया कि इसे ठीक कर दिया गया है। परिवादी ने अग्रेत्‍तर  कथन किया कि पुन: मोबाइल में वहीं कमियां आनी शुरू हो गई। दिनांक 26/6/2013 को मोबाइल ठीक कराने हेतु परिवादी दोबारा विपक्षी सं0-3  के पास गया। विपक्षी सं0-3 ने मोबाइल ठीक करके वापिस किया और  भविष्‍य में कोई कमी नहीं आयेगी ऐसा परिवादी को आश्‍वासन दिया। परिवादी के अनुसार ठीक होने के कुछ समय बाद फिर भी मोबाइल में  वहीं कमियां आ गई। परिवादी मोबाइल लेकर पुन: विपक्षी सं0-3 के पास  गया तो उसने मोबाइल रख लिया और 20 दिन बाद यह कहकर कि  मोबाइल ठीक कर दिया गया है और अब यह खराब नहीं होगा, उसे  परिवादी को वापिस दे दिया। परिवादी ने आरोप लगाया है कि मोबाइल में  अब भी वहीं कमियां मौजूद है और यह बिल्‍कुल भी काम नहीं कर रहा  है ऐसा लगता है कि परिवादी को दोषपूर्ण मोबाइल बेचा गया है। परिवादी ने उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.    परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4 दाखिल किया जिसके साथ उसने विपक्षीगण को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांकित 18/9/2013, मोबाइल खरीदे जाने की रसीद, दिनांक 26/6/2013 और 04/8/2013 के जॉब कार्ड तथा विपक्षीगण को नोटिस भेजे जाने की डाकखाने की रसीदों की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया  है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/9 हैं।
  4.   फोरम के आदेश दिनांक 13/6/2014 द्वारा विपक्षी सं0-1 पर  नोटिस की तामीला पर्याप्‍त मानी गई, किन्‍तु विपक्षी सं0-1 की ओर से न तो कोई उपस्थित हुऐ और न प्रतिवाद पत्र दाखिल हुआ, परिणाम स्‍वरूप परिवाद की सुनवाई विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध एकपक्षीय किऐ जाने के आदेश  हुऐ।
  5.  विपक्षी सं0-2 एवं विपक्षी सं0-3 ने अपने-अपने प्रतिवाद पत्र दाखिल  किऐ।
  6.   विपक्षी सं0-2 की ओर से दाखिल प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/5 में कहा गया कि परिवाद आधारहीन तथ्‍यों पर आधारित है,  परिवादी को कोई वाद हेतुक उत्‍पन्‍न नहीं हुआ और परिवादी को सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की गई। अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि परिवादी मोबाइल की शिकायत लेकर जब भी सर्विस सेन्‍टर पर आया मोबाइल की  शिकायतों को दूर किया गया और उसे ठीक किया गया। अन्तिम बार  परिवादी दिनांक 04/8/2013 को मोबाइल की कुछ समस्‍यायें लेकर आया  था जिन्‍हें दूर कर दिया गया। दिनांक 04/8/2013 के बाद कभी भी परिवादी सर्विस सेन्‍टर पर कोई शिकायत लेकर नहीं आया यदि परिवादी के मोबाइल सैट में दिनांक 04/8/2013 के बाद कोई समस्‍या होती तो परिवादी सर्विस सेन्‍टर पर जरूर जाता। परिवादी ने परोक्ष उद्देश्‍य की पूर्ति हेतु असत्‍य  कथनों के आधार पर परिवाद योजित किया है जो खारिज होने योग्‍य है,  ऐसा विपक्षी सं0-2 की ओर से कथन किया गया है।
  7.   विपक्षी सं0-3 के मालिक शाहनवाज वसी ने अपने शपथ पत्र से  समर्थित प्रतिवाद पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/2 दाखिल किया जिसमें यह स्‍वीकार किया गया कि दिनांक 26/6/2013 और 4/8/2013 को मोबाइल में खराबी की शिकायत  लेकर परिवादी उत्‍तरदाता विपक्षी के सर्विस सेन्‍टर पर आये थे दोनों बार  मोबाइल में परिवादी ने अलग-अलग दोष बताऐ थे परिवादी का यह कथन  असत्‍य है कि हर बार मोबाइल में एक ही समस्‍या आती थी। विपक्षी सं0-3 के अनुसार परिवादी प्रश्‍नगत मोबाइल से छुटकारा पाकर नया मोबाइल लेना चाहता है और अपने इस उद्देश्‍य की पूर्ति हेतु उसने असत्‍य कथनों के आधार पर परिवाद योजित किया है। उसने प्रतिवाद पत्र में यह भी कहा है कि परिवादी की ओर से नोटिस दिनांक 18/9/2013 उसे प्राप्‍त हुआ था जिसका विधिवत् उत्‍तर परिवादी को भेजा गया। जानबूझकर परिवादी को नोटिस दिनांक 18/9/2013 भेजे जाने का जिक्र परिवाद में नहीं किया। परिवादी परिवाद के माध्‍यम से विपक्षीगण से नाजायज फायदा उठाना चाहता है जिसकी उसे अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  8.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/2  दाखिल किया। विपक्षी सं0-3 की ओर से सर्विस सेन्‍टर के मालिक शहनबाज वसी का शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/2 दाखिल हुआ जिसके साथ परिवादी की ओर से प्राप्‍त नोटिस दिनांकित 18/9/2013 तथा इस  नोटिस का उत्‍तर दिनांक 07/10/2013 की नकलों को बतौर संलग्‍नक  दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-14/3 लगायत 14/5  हैं। विपक्षी सं0-2 की ओर से कोई साक्ष्‍य दाखिल नहीं हुआ।
  9.   परिवादी ने लिखित बहस दाखिल की। विपक्षीगण की ओर से  लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
  10.   हमने परिवादी तथा विपक्षी सं0-2 और विपक्षी सं0-3 के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी सं0-1 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ।
  11.   पक्षकारों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि दिनांक 23/2/2013 को स्‍पाईस कम्‍पनी का एक मोबाइल परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से अंकन 4000/- रूपया में खरीदा था जिसकी एक साल की वारण्‍टी  थी।
  12.   परिवादी ने परिवाद में मोबाइल ठीक कराने के लिए विपक्षी सं0-3 के पास 3 बार जाना बताया है जिसमें से दिनांक 26/6/2013 और 04/8/2013 को मोबाइल ठीक कराने के लिए परिवादी का विपक्षी सं0-3 के पास आना विपक्षी सं0-3 के मालिक शहनबाज वसी ने अपने प्रतिवाद पत्र में स्‍वीकार किया है। शहनबाज वसी के प्रतिवाद पत्र और उसके साथ दाखिल शपथ  पत्र से यह भी सिद्ध है कि उक्‍त दोनों तिथियों पर परिवादी मोबाइल ठीक‍ कराने के लिए वहां आया था। परिवादी के  अनुसार अब भी मोबाइल में वहीं कमियां मौजूद है जिन्‍हें विपक्षी सं0-3 दो बार ठीक कर देना स्‍वीकार करता है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के इस तर्क में बल है कि यदि मोबाइल के हैंग होने, बैटरी बैकअप कम होने तथा नो सर्विस की शिकायत बार-बार न होती तो परिवादी को बार-बार सर्विस सेन्‍टर पर धक्‍के खाने की क्‍या जरूरत थी। परिवादी ने अपने साक्ष्‍य शपथ पत्र में सशपथ कथन किया है कि उक्‍त मोबाइल अब भी ठीक नहीं हुआ है और  पुरानी खराबियों के कारण अभी भी परिवादी के पास मौजूद है और यह बिल्‍कुल भी कार्य नहीं कर रहा है। हमारे अभिमत में वारण्‍टी अवधि में मोबाइल का बार-बार खराब होना और कथित रूप से सर्विस सेन्‍टर द्वारा ठीक कर लिऐ जाने के बावजूद इसके डिफेक्‍ट दूर न होना दर्शाता है कि मोबाइल में शुरू से ही डिफेक्‍ट थे और इसमें निर्माण सम्‍बन्‍धी दोष थे। हम इस मत के भी हैं कि परिवादी को विपक्षी सं0-2 व 3 से पुराने मोबाइल के बदले नया मोबाइल दिलाया जाना चाहिए और यदि मोबाइल का प्रश्‍नगत मॉडल बन्‍द हो गया हो तो परिवादी को मोबाइल की कीमत 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित वापिस दिलाई जानी चाहिए। क्षतिपूर्ति की मद में परिवादी एकमुश्‍त 1000/-  (एक हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) वाद व्‍यय भी विपक्षीगण से दिलाया जाना हम न्‍यायोचित समझते हैं। तदानुसार परिवाद स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

   विपक्षी सं0-2 व 3 को आदेशित किया जाता है कि वे आज की तिथि से एक माह के भीतर परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित मोबाइल के बदले परिवादी को नया मोबाइल उपलब्‍ध करायें। यदि उक्‍त मॉडल अब  बन्‍द हो गया हो तो विपक्षी सं0-2 व 3 उक्‍त मोबाइल के बदले परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित मोबाइल की कीमत अंकन 4000/- (चार हजार रूपया) परिवादी को अदा करेगें। विपक्षी सं0-1 लगायत 3 क्षतिपूर्ति की मद में 1000/- (एक हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) परिवादी को अतिरिक्‍त देगें। परिवादी पुराना मोबाइल वापिस देगा।

 

(श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

  सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य               अध्‍यक्ष

  •  0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

   07.06.2016          07.06.2016         07.06.2016

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 07.06.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

(श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

   सामान्‍य सदस्‍य         सदस्‍य             अध्‍यक्ष

 

  • 0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

   07.06.2016        07.06.2016       07.06.2016

 

 

 

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