Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

CC/708/02

MURLIDHAR MISHRA - Complainant(s)

Versus

SAHKARI SAMITI UTTAR KANPUR MANDAL - Opp.Party(s)

SATISH CHANDRA NIGAM

25 Mar 2015

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. CC/708/02
 
1. MURLIDHAR
MASVANPUR KANPUR
...........Complainant(s)
Versus
1. FEDRAL BANK
PANKI ROAD KNP
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RN. SINGH PRESIDENT
 HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH MEMBER
 HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER


                                                         जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
                         श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी...................वरि.सदस्या    
                         पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

                                                             उपभोक्ता वाद संख्या-708/2002
मुरली मिश्रा केयर आफ/पुत्र श्री तुलाराम मिश्रा निवासी प्लाट नं0-703 नई बस्ती मसवानपुर, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1.    उपनिबन्धक, सहकारी समितियां उत्तर कानपुर मण्डल नियर नया बाजार (चुन्नीगंज) कानपुर नगर।
2.    षाखा प्रबन्धक, फेडरल कोआॅपरेटिव बैंक लि0 एच0आई0जी0 154 कैलाष बिहार आवास विकास योजना-1 पनकी रोड, कानपुर नगर।
                                                                                                                                                                              ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 29.07.2002
निर्णय की तिथिः 01.01.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी की परिवाद पत्र में उल्लिखित सभी एफ.डी.आर. की रकम 15 प्रतिषत ब्याज के हिसाब से परिवादी को विपक्षी से दिलाये जाने का आदेष पारित किया जाये।
2.     परिवादी की ओर से परिवाद पत्र प्रस्तुत करके संक्षेप में यह कथन किया है कि परिवादी ने विपक्षी के यहां खाता सं0-2, 30, 4, 5, 7, एवं 8 में क्रमषः रू0 10,000.00, 10,000.00, 10,000.00, 10,000.00, 10,000.00 दिनांक 13.10.97 को खोलकर एफ.डी.आर. बनवाये थे। उक्त सभी खाते दिनांक 13.10.02 को परिपक्व हो जायेंगे। उक्त सभी खाते में जमा रकम रू0 1,00,000.00 का 15 प्रतिषत ब्याज के हिसाब से कुल धनराषि रू0 1,04,160.00 पांच साल में हो जायेगी। परिवादी अपने घरेलू कारणों से उक्त एफ.डी.आर. का भुगतान चाहता था। किन्तु विपक्षी ने परिवादी की परेषानी को ध्यान में न रखते हुए भुगतान करने से मना कर दिया।  परिवादी ने दिनांक 24.08.98  को उपनिबन्धक  प्रषासनिक मण्डल 
.........2
...2...

सहकारी समितियां फेडरल कोआॅपरेटिव बैंक लि0 कानपुर को एक लिखित प्रार्थनापत्र दिया तथा विधिक नोटिस भी दिनांक 29.06.02 को भेजी, किन्तु परिवादी के उक्त प्रार्थनापत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अतः परिवादी को विवष होकर प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3.    परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण  फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 27.05.05 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 07.06.06, 16.11.13 एवं 22.11.14 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में खाता सं0-4, 5, 6, 7, 8 की छायाप्रति, परिवादी द्वारा विपक्षी को दिये गये प्रार्थनापत्र की प्रति, एफ.डी.आर. प्राप्ति रसीद की प्रति, नोटिस की प्रति, रजिस्ट्री पत्र, उपनिबन्धक सहकारी समितियां उ0प्र0 कानपुर मण्डल कानपुर के आदेष की प्रति, अपील सं0-1303/12 की प्रति, विपक्षी द्वारा फोरम को प्रेशित पत्र दिनांकित 08.08.13 की प्रति, समाचार पत्र में प्रकाषित नोटिस की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
5.    फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
6.    परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा खाता सं0-4, 5, 6, 7, 8 बावत रू0 10-10 हजार की एफ.डी.आर. की छायाप्रतियां दाखिल की गयी हैं। परिवादी की ओर से परिवाद पत्र में उल्लिखित खाता सं0-2 एवं 30 से सम्बन्धित मात्र एक प्राप्ति स्वीकृति की 
............3

...3...

छायाप्रति दाखिल की गयी है। जिसमें एफ.डी.आर. नं0-2 एवं 30 का भी उल्लेख है। किन्तु मूल एफ.डी.आर. या उसकी छायाप्रति दाखिल न करने के कारण, उक्त साक्ष्य मान्य नहीं है। परिवादी द्वारा अपने षपथपत्र में एफ.डी.आर. सं0- 2 व 30 का उल्लेख किया गया है। विधि का यह सुस्थापित सिद्धांत है कि, ’’जिन तथ्यों को अन्य प्रलेखीय साक्ष्य से साबित किया जा सकता है, उन तथ्यों को मात्र षपथपत्र द्वारा प्रस्तुत साबित नहीं किया जा सकता है।’’ यहां यह भी स्पश्ट करना समीचीन है कि परिवादी द्वारा खाता सं0-6 से सम्बन्धित एफ.डी.आर. दाखिल किया गया है, किन्तु परिवाद पत्र में खाता सं0-6 का उल्लेख नही किया गया है। अतः परिवादी का उक्ल साक्ष्य औचित्यहीन है। विपक्षीगण की ओर से बावजूद नोटिस कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों एवं साक्ष्यों का खण्डन किया गया है।
    अतः उपरोक्त तथ्यों परिस्थितियों के आलोक में परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से एवं एकपक्षीय रूप से, प्रस्तुत किये गये एफ.डी.आर. बावत खाता सं0-4, 5, 7 एवं 8 में अंकित धनराषि रू0 40,000.00 मय 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से वापस दिलाये जाने के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 40,000.00 मय 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद  योजित करने की 
..........4
...4...

तिथि से तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करें।

(श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


        (श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद       जिला उपभोक्ता विवाद  जिला उपभोक्ता विवाद
       प्रतितोश फोरम                प्रतितोश फोरम         प्रतितोश फोरम
       कानपुर नगर।                 कानपुर नगर।         कानपुर नगर।

 

 

 

 

 

 

 


01.01.2016
मुकद्मा पुकारा गया। निर्णय सुनाया गया।
ःःःआदेषःःः
    परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 40,000.00 मय 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद  योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करें।

        (श्रीमती सुनीताबाला अवस्थी)    (पुरूशोत्तम सिंह)   (डा0 आर0एन0 सिंह)
       वरि0सदस्या                सदस्य              अध्यक्ष

 

 
 
[HON'BLE MR. RN. SINGH]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PURUSHOTTAM SINGH]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. SUNITA BALA AWASTHI]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.