जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-57/2016
षकील अहमद उम्र 62 वर्श पुत्र स्व0 मुजीवुर रहमान निवासी-85 गदियाना नई बस्ती-37 पी.ए.सी. लाइन, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. सहारयन यूनिवर्सल मल्टीपरपस सोसाइटी लि0 मार्फत प्राधिकृत अधिकारी/प्राधिकारी, 195 जोन-1, डी.बी. माल के सामने, एम.पी. नगर, भोपाल म0प्र0-462011
2. सहारयन यूनिवर्सल मल्टीपरपस सोसाइटी लि0 मार्फत क्षेत्रीय कार्यालय स्थित सहारा इण्डिया आफिस मार्फत षाखा प्रबन्धक, षाखा काकादेव, कानपुर नगर।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 28.01.2016
निर्णय की तिथिः 15.03.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि परिवादी को विपक्षीगण से, परिवादी द्वारा निवेशित कुल धनराषि रू0 77,000.00 मय 24 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दिलाया जाये, मानसिक व षारीरिक क्षति हेतु रू0 50,000.00 तथा परिवाद व्यय हेतु रू0 5000.00 दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने अपनी स्वअर्जित आय के माध्यम से विपक्षीगण के क्षेत्रीय कार्यालय में, विपक्षीगण की विभिन्न योजनाओं में दिनांक 30.08.14 को 5 बार विभिन्न प्रमाण संख्याओं व विभिन्न रसीद संख्याओं के माध्यम से रू0 15000.00-15000.00 पांच बार में कुल रू0 77,000.00 एक वर्श की अवधि हेतु विपक्षी सं0-2 के कार्यालय में निवेष किया था। विपक्षी सं0-2 ने परिवादी के समक्ष करार किया कि एक वर्श की अवधि व्यतीत हो जाने के
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उपरांत विपक्षी सं0-2 परिवादी को कुल परिपक्वता धनराषि मय देय ब्याज के भुगतान कर देगा। परिवादी की उपरोक्त निवेषित धनराषि की परिपक्वता अवधि दिनांक 30.08.15 को पूर्ण हो चुकी है। परिपक्वता अवधि पूर्ण हो जाने पर परिवादी लगातार विपक्षी सं0-2 से निवेषित धनराषि की परिपक्वता धनराषि के भुगतान हेतु अनुरोध करता चला आ रहा है, परन्तु विपक्षी सं0-2 लगातार अनेकानेक बहाना बनाकर परिवादी को परिपक्वता धनराषि मय ब्याज अदा नहीं कर रहा है। अब विपक्षी सं0-2, परिवादी पर अवैध दबाव बनाने लगा है कि परिवादी उपरोक्त धनराषि का पुनः एक वर्श हेतु निवेष कर देवे। जबकि परिवादी को अभास होने लगा है कि विपक्षीगण के मन में परिवादी की उपरोक्त निवेषित धनराषि को लेकर बदनियती व बेईमानी उत्पन्न हो चुकी है और विपक्षीगण बगैर किसी विद्यमान वैध कारण के परिवादी की उपरोक्त परिपक्वता धनराषि परिवादी को अदा नहीं करना चाहते हैं। तब परिवादी ने दिनांक 14.10.15 को जरिये अधिवक्ता विपक्षीगण को नोटिस भेजी, लेकिन विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अतः विवष होकर परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 09.09.16 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 13.01.16 एवं 12.01.17 व साक्षी, सुधीर यादव, महमूदूल कमर के षपथपत्र दिनांकित 12.01.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-4/1 के साथ संलग्न कागज सं0-4/2 लगायत् 4/11 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
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निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों एवं प्रस्तुत लिखित बहस का सम्यक परिषीलन किया गया।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र तथा अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये है विपक्षीगण बावजूद नोटिस तलब तकाजा कोई उपस्थित नहीं आया और न ही तो परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र व परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्र तथा प्रस्तुत उपरोक्त प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन किया गया है। अतः ऐसी दषा में परिवादी की ओर से प्रस्तुत षपथपत्र व प्रलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये साक्ष्य अखण्डनीय हैं।
अतः उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये कारणों से फोरम इस निश्कर्श पर पहुॅचता है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक व एकपक्षीय रूप से रू0 77,000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 77,000.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की
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तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) ( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम प्रतितोश फोरम
कानपुर नगर। कानपुर नगर कानपुर नगर।