Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/106/2019

NEELAM - Complainant(s)

Versus

SAHARA Q SHOP - Opp.Party(s)

ASHOK GUPTA

03 Dec 2021

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/106/2019
( Date of Filing : 17 Jan 2019 )
 
1. NEELAM
BAKKASH AHIRAN DHKWA
LUCKNOW
...........Complainant(s)
Versus
1. SAHARA Q SHOP
.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
  Ashok Kumar Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 03 Dec 2021
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-   106/2019                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

                    श्री अशोक कुमार सिंहसदस्‍य।         

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-17.01.2019

परिवाद के निर्णय की तारीख:-03.12.2021

 

श्रीमती नीलम पत्‍नी श्री मान सिंह, निवासी बक्‍कास, अहिरन, ढकवा बक्‍कास, लखनऊ।                                            ..........परिवादिनी।

                           बनाम

 

1. सर्विस कार्यालय इंचार्ज, सर्विस कार्यालय गोसाईगंज, सहारा क्‍यू शाप यूनिक प्रोडक्‍ट्स रेन्‍ज लि0 को-आपरेटिव बैंक के सामने, मोहनलाल गंज रोड, गोसाईगंज, लखनऊ।

2.  मुख्‍य प्रबन्‍धक, सहारा क्‍यू शाप यूनिक प्रोडक्‍ट्स रेन्‍ज लि0, सहारा इण्डिया भवन-1 कपूरथला काम्‍पलेक्‍स, कपूरथला, अलीगंज, लखनऊ।                                                                    .........विपक्षीगण।                                                                                                                

आदेश द्वारा-

श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

श्री अशोक कुमार सिंहसदस्‍य।         

                          एकपक्षीय निर्णय

1.    परिवादिनी ने प्रस्‍तुत परिवाद धारा-12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत विपक्षीगण से 11,515.00 रूपये मय 18 प्रतिशत चक्रबृद्धि ब्‍याज परिपक्‍वता तिथि-08.06.2018 से भुगतान की तिथि तक, मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक क्षति 50,000.00 रूपये एवं विधिक व्‍यय 3000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षीगण अपनी कम्‍पनी की विभिन्‍न योजनाओं के द्वारा आम जनता की रकम निवेश करवाते हैं तथा योजना की प्री मेच्‍योरिटी होने पर परिपक्‍वता अवधि पूर्ण होने पर योजना में जमा की गयी रकम मय ब्‍याज सहित भुगतान कर देते हैं।

3.   परिवादिनी ने विपक्षी संख्‍या 01 के कहने पर कम्‍पनी की पुरानी योजना सहारा इण्डिया रीयल एस्‍टेट कारपोरेशन लि0 में आयी सम्‍पूर्ण रकम 4900.00 रूपये दिनॉंक 09.06.2012 को कम्‍पनी की नयी योजना सहारा क्‍यू शाप यूनिक प्रोडक्‍टस रेन्‍ज लि0 में जमा करा दी।

4.   विपक्षीगण की नयी योजना 06 वर्ष की थी, तथा उसके पश्‍चात जमा धनराशि 4900.00 रूपये का 2.35 गुना परिपक्‍वता धनराशि 11,515.00 रूपये का भुगतान विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को प्राप्‍त होना था। विपक्षी संख्‍या 01 ने रूपये रूपये जमा होने के बाद उक्‍त योजना का प्रमाण पत्र प्राप्‍त कराया।

5.   उपरोक्‍त योजना की परिपक्‍वता की अवधि पूर्ण होने पर परिवादिनी परिपक्‍वता रकम का भुगतान प्राप्‍त करने विपक्षी संख्‍या 01 के कार्यालय गयी तो कर्मचारियों ने परिवादिनी से प्रमाण पत्र की छायाप्रति मॉंगी तथा धनराशि का भुगतान प्राप्‍त करने के लिये 15 दिन के बाद आने को कहा। जुलाई, 2018 में परिवादिनी अपनी रकम का भुगतान प्राप्‍त करने के लिये पुन: विपक्षी संख्‍या 01 के कार्यालय गयी, किन्‍तु वहॉं के कर्मचारियों ने रकम ना आने की बात कहकर भुगतान करने से इन्‍कार कर दिया।

6.   परिवादिनी भुगतान प्राप्‍त न होने की शिकायत विपक्षी संख्‍या 01 से की, किन्‍तु विपक्षी संख्‍या 01 ने कोई ध्‍यान नहीं दिया। परिवादिनी ने अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से एक विधिक नोटिस दिनॉंक 16.11.2018 को विपक्षी संख्‍या 01 को भेजा तथा अपनी परिपक्‍वता धनराशि का भुगतान प्राप्‍त करने की मॉंग की, किन्‍तु नोटिस में वर्णित मियाद व्‍यतीत होने के बाद भी विपक्षीगण ने परिवादिनी को धनराशि का भुगतान नहीं किया।

7.   परिवाद का सम्‍मन विपक्षीगण को भेजा गया, परन्‍तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत किया गया। अत: आदेश दिनॉंक 07.11.2019 द्वारा एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।

8.   परिवादिनी ने साक्ष्‍य में शपथ पत्र, सहारा क्‍यू शाप योजना के नियम व शर्तों, कम्‍पनी के द्वारा जमाकर्ताओं को जारी किये गये योजना के लाभ संबंधित दस्‍तावेज, परिवादिनी को भुगतान किये गये संबंधित दस्‍तावेज आदि की छायाप्रतियॉं दाखिल किया है।

9.   मैने परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया। परिवादिनी द्वारा परिवाद संस्थित किये जाने के पूर्व नोटिस विपक्षीगण को दी गयी थी।

10.  परिवादिनी का कथानक है कि  परिवादिनी ने विपक्षी संख्‍या 01 के कहने पर कम्‍पनी की पुरानी योजना सहारा इण्डिया रीयल एस्‍टेट कारपोरेशन लि0 में आयी सम्‍पूर्ण रकम 4900.00 रूपये दिनॉंक 09.06.2012 को कम्‍पनी की नयी योजना सहारा क्‍यू शाप यूनिक प्रोडक्‍टस रेन्‍ज लि0 में जमा करा दी।

11.  विपक्षीगण की नयी योजना 06 वर्ष की थी, तथा उसके पश्‍चात जमा धनराशि का 2.35 गुना परिपक्‍वता धनराशि 11,515.00 रूपये का भुगतान विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को प्राप्‍त होना था। विपक्षी संख्‍या 01 ने 4900.00 रूपये जमा होने के बाद उक्‍त योजना का प्रमाण पत्र प्राप्‍त कराया।

12.  उपरोक्‍त योजना की परिपक्‍वता की अवधि पूर्ण होने पर परिवादिनी परिपक्‍वता रकम का भुगतान प्राप्‍त करने विपक्षी संख्‍या 01 के कार्यालय गयी तो कर्मचारियों ने परिवादिनी से प्रमाण पत्र की छायाप्रति मॉंगी तथा धनराशि का भुगतान प्राप्‍त करने के लिये 15 दिन के बाद आने को कहा। जुलाई, 2018 में परिवादिनी अपनी रकम प्राप्‍त करने के लिये पुन: विपक्षी संख्‍या 01 के कार्यालय गयी, किन्‍तु वहॉं के कर्मचारियों ने रकम ना आने की बात कहकर भुगतान करने से इन्‍कार कर दिया। परिवादिनी ने अपने कथानक की पुष्टि अपने शपथ पत्र के माध्‍यम से भी किया है।

13.  परिवादिनी द्वारा योजना से संबंधित बाइलाज की भी प्रतिलिपि दाखिल की गयी है जिसमें यह उल्लिखित किया गया है कि ‘आपके पास वार्षिक आधार पर कम्‍पनी से एडवान्‍स की वापसी (विड्राल) न लेने का एक विकल्‍प है तब छठे वर्ष के अन्‍त में एल0बी0पी0 का रिडेप्‍शन मूल्‍य रू0 27087.00 तथा साथ में रू0-20,000.00 अग्रिम राशि रू0-47087.00 प्राप्‍त होगा जो एडवान्‍स का 2;35 गुना है। इस प्रकार बाइलाज के तहत 06 वर्ष के अंत में 2;35 गुना परिपक्‍वता धनराशि होने का परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र में भी धनराशि की मॉंग की है। इस बाइलाज के आधार पर परिवादिनी के कथनों को बल मिलता है। परिवादिनी द्वारा दाखिल दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के अवलोकन से विदित है कि विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा सेवा में कमी की गयी है, पत्रावली पर कोई भी ऐसा साक्ष्‍य मौजूद नहीं है जिससे कि परिवादिनी के कथनों पर अविश्‍वास प्रकट किया जा सके।

14.  उल्‍लेखनीय है कि समस्‍त कृत्‍य में परिवादिनी को मानसिक एवं शारीरिक कष्‍ट हुआ और उसे न्‍यायालय की शरण में भी आना पड़ा। इन सब स्थितियों को मद्देनजर रखते हुए परिवादिनी को 5000.00 रूपये दिलाया जाना न्‍यायसंगत प्रतीत होता है। उपरोक्‍त समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए परिवादिनी का परिवाद स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                             आदेश

15.  परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि परिवादिनी को मुबलिग-11,515.00 (ग्‍यारह हजार पॉच सौ पन्‍द्रह रूपया मात्र) परिवाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ 45 दिन के अन्‍दर अदा करें। परिवादिनी को हुए मानसिक,  शारीरिक एवं आर्थिक कष्‍ट के लिये मुबलिग-5000.00 (पॉंच हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि उपरोक्‍त आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि के अन्‍दर नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा।  

                         

 

    (अशोक कुमार सिंह )                      (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य                                 अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                             लखनऊ।   

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

 

                                   

    (अशोक कुमार सिंह )                      (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य                                 अध्‍यक्ष

                            जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                             लखनऊ।   

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[ Ashok Kumar Singh]
MEMBER
 

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