Ram Vinod filed a consumer case on 02 Mar 2023 against Sahara India & Others in the Barabanki Consumer Court. The case no is CC/74/2021 and the judgment uploaded on 03 Mar 2023.
Uttar Pradesh
Barabanki
CC/74/2021
Ram Vinod - Complainant(s)
Versus
Sahara India & Others - Opp.Party(s)
S.K. Mishra
02 Mar 2023
ORDER
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि 17.08.2021
अंतिम सुनवाई की तिथि 20.02.2023
निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि 02.03.2023
परिवाद संख्याः 74/2021
1.रामविनोद पुत्र गयादीन निवासी ग्राम काजीपुरवा पोस्ट व थाना रेलवे स्टेशन दरियाबाद तहसील-रामसनेहीघाट जनपद-बाराबंकी।
2.रीता पत्नी रामविनोद निवासी काजीपुरवा पोस्ट व थाना रेलवे स्टेशन दरियाबाद तहसील रामसनेहीघाट जनपद-बाराबंकी।
द्वारा-श्री सुरेन्द्र कुमार मिश्र, अधिवक्ता
बनाम
1.प्रबंधक महोदय सहारा इण्डिया शाखा टिकैतनगर जनपद-बाराबंकी।
2.प्रबन्धक महोदय, सहारा इण्डिया सेक्टर शाखा भिटरिया (रामसनेहीघाट) जनपद-बाराबंकी।
उपस्थितः परिवादी की ओर से -श्री सुरेन्द्र कुमार मिश्र, अधिवक्ता
विपक्षीगण की ओर से-कोई नही
द्वारा- डाॅ0 एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य
निर्णय
परिवादीगण ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व धारा-35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 प्रस्तुत कर परिवादीगण को विपक्षीगण के बैंक में जमा परिपक्वता धनराशि अदायगी की तिथि तक अठारह प्रतिशत ब्याज सहित तथा आर्थिक, मानसिक, शारीरिक क्षतिपूर्ति के रू0 2,50,000/-तथा अधिवक्ता फीस रू0 22,000/-एवं वाद व्यय रू0 20,000/- दिलाये जाने का अनुतोष चाहा है।
1.परिवादीगण ने अपने परिवाद में मुख्य रूप से अभिकथन किया है कि परिवादीगण ने विपक्षीजन के यहाॅ से बीस अदद सहारा इण्डिया के फिक्स डिपाजिट बाण्ड छत्तीस माह हेतु क्रय किये थे जिनका विवरण निम्न प्रकार है:- सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के अंतर्गत प्रमाण पत्र संख्या-418000602638 खाता संख्या-17947202268 में मु0 15,000/-,प्रमाण पत्र सं0-418000602639 खाता सं0-17947202269 में मु0 15,000/-, प्रमाण पत्र सं0-418000602640 खाता सं0-17947202270 में मु0 15,000/-, प्रमाण पत्र सं0-418000602641 खाता सं0-17947202271 में मु0 10,176/-, प्रमाण पत्र सं0-418000602637 खाता सं0-17947202267 में मु0 19,965/-, प्रमाण पत्र सं0-418000602647 खाता सं0-17947202842 में मु0 38,743/-तथा सहारियन यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसाइटी लि0 के अंतर्गत प्रमाण पत्र सं0-467000270665 में मु0 35,569/-, प्रमाण पत्र सं0-467002735643 में मु0 8,000/-,प्रमाण पत्र सं0-467002735642 में मु0 8,000/-, प्रमाण पत्र सं0-467002735640 में मु0-8,600/-, प्रमाण पत्र सं0-467002735641 में मु0 9,800/-, प्रमाण पत्र सं0-467002735639 में मु0 1900/-, प्रमाण पत्र सं0-795000765750 में मु0 18,857/-, प्रमाण पत्र सं0-467002735632 में मु0 6,807/-, प्रमाण पत्र सं0-795000765751 में मु0 7,091/-, प्रमाण पत्र सं0-675000271073 में मु0 23,829/-, प्रमाण पत्र सं0-795000765749 में मु0 18,795/-, प्रमाण पत्र सं0-795000066276 में मु0 1,04,670/-, प्रमाण पत्र सं0-795000066275 में मु0 1,04,670/- कुल धनराशि रू0 4,52,772/-निवेश किया था। सम्पूर्ण बांडों की परिपक्वता अवधि 36 माह उल्लिखित है।
2.विपक्षी द्वारा कूपन 378 अदद रू0 100/-की दर से रू0 37,800/-का भी भुगतान किया जाना था। कुल धनराशि रू0 5,29,572/-जमा किया गया। परिपक्वता पूर्ण होने पर विपक्षीगण ने आज तक परिवादीगण को परिपक्वता धनराशि का भुगतान नहीं किया। विपक्षीगण को धनराशि भुगतान करने के सम्बन्ध में नोटिस भी दी गई लेकिन आज तक परिपक्वता धनराशि का भुगतान नहीं किया। परिपक्वता धनराशि का भुगतान न होने के कारण परिवादीगण को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अतः परिवादीगण ने उक्त अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया है। परिवाद के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया है।
3.परिवादी ने दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में सूची से बीस अदद सहारा बांड, रिजर्व बैंक आफ इंडिया को प्रेषित पत्र दिनांक 22.07.2011, रजिस्टर्ड नोटिस दिनांक 22.07.2021 तथा उन्हें प्रेषित करने के रसीद की छायाप्रति दाखिल किया है।
4. पर्याप्त समय दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण द्वारा वादोत्तर दाखिल नहीं किया गया। अतः दिनांक 29.08.2022 को विपक्षीगण के विरूद्व परिवाद एकपक्षीय रूप से अग्रसर हुआ।
5. सुनवाई के लिये नियत तिथि पर परिवादीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुये। परिवादी द्वारा लिखित बहस व मूल बांड दाखिल किये गये। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्क सुने तथा पत्रावली पर उपलब्ध मौखिक (साक्ष्य शपथपत्र) एवं अभिलेखीय साक्ष्य (मूल बांड) का परिशीलन किया। जिनका विवरण निम्न प्रकार है:-
क्र0सं0बांड नामबांड संख्याजमा की तिथिजमा राशिपरिपक्वता राशि
16.सुपर टी टी67500027107302.02.201023029छाया प्रति
17.स्टार टू79500076574928.12.201518795
18.स्टार टू79500006627631.12.2015104670
19.स्टार टू79500006627531.12.2015104670
20.बिटक्वाइन55661519500
21.बिटक्वाइन36380019500
22.कूपन 378 अदद 100/-की दर से37800
6. प्रस्तुत एकपक्षीय मौखिक (साक्ष्य शपथपत्र) तथा अभिलेखीय साक्ष्य (मूल बांड) से यह पुष्ट होता है कि परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता है तथा परिवादी द्वारा विभिन्न बांडो में जमा की गई धनराशियों को परिपक्वता के उपरान्त भी विपक्षीगण द्वारा भुगतान न करके सेवा में कमी की गई है। जहाॅ तक परिवाद पत्र में उल्लिखित बिटक्वाइन से सम्बन्धित रू0 19,500/-के दो बांड तथा 378 अद्द कूपन रू0 100/-की दर से भुगतान का उल्लेख है न तो परिवादी ने परिवाद में इस संबंध में कोई अनुतोष माॅगा है और न ही बिटक्वाइन और कूपन से सम्बन्धित कोई मूल अभिलेखीय साक्ष्य ही प्रस्तुत किया गया है ऐसी दशा में बिटक्वाइन एवं कूपन से सम्बन्धित धनराशि को छोड़कर शेष सभी बांडो के नियमानुसार भुगतान हेतु विपक्षीगण दायित्वाधीन है। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को दी जाने वाली सेवा में स्पष्ट कमी की गई है जिससे परिवादी को मानसिक प्रताड़ना भी हुई है। अतः परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व एकपक्षीय रूप से अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद संख्या-74/2021 अंशतः स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि धारा-5 में दर्शायी गई तालिका के अनुसार परिवादी को क्रम सं0- 1, 2, 3, 4 से संबंधित कुल परिपक्वता धनराशियाॅ रू0 73,439 (रूपया तिहत्तर हजार चार सौ उनतालिस) परिपक्वता तिथि 22.05.2021 व क्रम सं0-6 पर दर्शायी गई परिपक्वता धनराशि रू0 51,567/-(रूपये इक्यावन हजार पाॅच सौ सड़सठ) परिपक्वता तिथि 28.06.2021 से तथा क्रम सं0-5, 7 से 19 तक विभिन्न बांडो में जमा धनराशियाॅ कुल रू0 3,75,753/-(रूपया तीन लाख पचहत्तर हजार सात सौ तिपरपन) जमा की तिथि से छः प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित, रू0 5,000/-(रूपये पाॅच हजार) मानसिक क्षतिपूर्ति और रू0 1,000/-(रूपये एक हजार) वाद व्यय का भुगतान आदेश की तिथि से पैंतालिस दिन में करें। पैंतालिस दिन में धनराशि अदा न करने की स्थिति में आदेशित धनराशि पर नौ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से ब्याज देय होगा।
(डाॅ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (संजय खरे)
सदस्य अध्यक्ष
यह निर्णय आज दिनांक को आयोग के अध्यक्ष एंव सदस्य द्वारा खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(डाॅ0 एस0 के0 त्रिपाठी) (संजय खरे)
सदस्य अध्यक्ष
दिनांक 02.03.2023
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