जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 10 सन् 2016
प्रस्तुति दिनांक 22.01.2016
निर्णय दिनांक 15.06.2021
श्रीमती उर्मिला देवी उम्र लगभग 61 वर्ष पत्नी स्वo यमुना प्रसाद सिंह ग्राम- बाजिद्पुर, पोस्ट- टहरबाजिद्पुर, तहसील- बूढ़नपुर, जनपद- आजमगढ़।
......................................................................................परिवादिनी।
बनाम
- सहारा इण्डिया परिवार, शाखा महाराजगंज, तहसील- सगड़ी, जनपद- आजमगढ़ जरिए शाखा प्रबन्धक सहारा इण्डिया परिवार, शाखा महाराजगंज, आजमगढ़।
- सहारा इण्डिया परिवार, क्षेत्रीय कार्यालय सिविल लाइन्स, तहसील- सदर, शहर व जिला- आजमगढ़ जरिए क्षेत्रीय प्रबन्धक, क्षेत्रीय कार्यालय सिविल लाइन्स तहसील- सदर, शहर व जिला- आजमगढ़।
- सहारा इण्डिया परिवार, कमांड ऑफिस, सहारा इण्डिया भवन- 1, कपूरथला कॉम्पलेक्स लखनऊ- 226024 जरिए डायरेक्टर/
इंचार्ज अधिकारी, कमांड ऑफिस लखनऊ। -
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह वृद्ध विधवा औरत है। विपक्षीगण सेवा प्रदाता है जिनके द्वारा जमा व बीमा आदि की सेवाएं व सुविधाएं दी जाती हैं। विपक्षीगण द्वारा प्रदत्त सेवाओं में की गयी घोर लापरवाही की कमी व अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस से व्यथित व क्षुब्ध होकर परिवादिनी ने परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है। परिवादिनी के पति विपक्षी संख्या 01 की शाखा में सहारा 10 योजना में दिनांक 31.07.1998 को 1000/- रुपए जमा किया था जिसकी रसीद नं. 38220079101 है। उसमें परिवादिनी के पुत्र गंगा प्रसाद सिंह को नामिनी बनाया गया था। उसके पति की जमा की तिथि से 10 वर्ष के अन्दर मृत्यु हो गयी। नामिनी को 10 वर्ष तक प्रतिमाह रुपए 1000/- प्रदान किया जाना था। नामिनी गंगा प्रसाद की मृत्यु उसके पति की मृत्यु के पहले हो गयी थी। उसकी सूचना विपक्षी संख्या 01 को दिया गया था और वांछित प्रपत्र जमा किया गया, लेकिन काफी प्रतीक्षा, भागदौड़ व हैरान परेशान करने के बाद दिनांक 24.08.2009 को विपक्षीगण द्वारा मात्र 1000/- रुपए का ही भुगतान किया गया तथा शेष देयकों के भुगतान का आश्वासन दिया गया। काफी दिनों तक कोई भुगतान नहीं मिला तो परिवादिनी ने एक प्रार्थना पत्र देकर देयकों के भुगतान का अनुरोध किया किन्तु विपक्षी संख्या 01 ने कागजात खिल्त-मिल्त होने तथा प्रक्रिया में लगने वाले समय का हवाला देकर तथा भुगतान का आश्वासन देता रहा। लेकिन विपक्षी द्वारा कोई भी भुगतान नहीं किया गया। जिसके कारण यह परिवाद दाखिल किया गया है। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह परिवादिनी को 1000/- रुपए की प्रतिमाह की दर से 120 माह की देयता रुपए 120000/-, मानसिक व शारीरिक पीड़ा हेतु 50000/-, भाग दौड़ में हुई आर्थिक क्षति हेतु 2000/- रुपए तथा विधिक नोटिस में हुए खर्च 500/-रुपए कुल 172500/- दिलावाया जाए।
परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी ने कागज संख्या 5/1 व 5/2 शाखा प्रबन्धक सहारा इण्डिया परिवार शाखा महाराजगंज, आजमगढ़ को पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 5/3 विपक्षी संख्या 01 के यहाँ 1000/- रुपए जमा करने की रसीद प्रस्तुत किया है।
विपक्षी द्वारा कोई भी जवाबदावा प्रस्तुत नहीं किया गया है।
परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह अभिकथन किया है कि उसके पति ने एक हजार रुपया विपक्षी के यहाँ जमा किया था और उसी एक हजार रुपए की रसीद उसने पत्रावली में प्रस्तुत किया है तथा जितने रुपए की रसीद परिवादिनी ने पत्रावली में दिया है उतना पैसा परिवादिनी ने प्राप्त कर लिया है। अतः वह उससे ज्यादा पैसा प्राप्त नहीं कर सकती। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 15.06.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)