Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/153/2016

SMT MADHU GUPTA - Complainant(s)

Versus

SAHARA INDIA - Opp.Party(s)

19 Feb 2020

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/153/2016
( Date of Filing : 16 May 2016 )
 
1. SMT MADHU GUPTA
C-23 NEHRU VIHAR COLONY RING ROAD KALYANPUR LKO.
...........Complainant(s)
Versus
1. SAHARA INDIA
2 KAPURTHALA COMPLEX ALIGANJ LKO.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  ARVIND KUMAR PRESIDENT
  SMT SNEH TRIPATHI MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Feb 2020
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम, लखनऊ

           परिवाद संख्‍या:-153/2016    

     उपस्थित:-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

                                               श्रीमती स्‍नेह त्रिपाठी, सदस्‍य।                                            

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-16/05/2016

परिवाद के निर्णय की तारीख:-19/02/2020

 

श्रीमती मधु गुप्‍ता पत्‍नी श्री शिव प्रकाश गुप्‍ता निवासी-सी-23, नेहरू विहार कालोनी,  रिंग रोड,  कल्‍याणपुर,  लखनऊ।                   .............परिवादिनी।

                                                    

                            बनाम

प्रबन्‍ध निदेशक, सहारा इण्डिया कामर्शियल कारपोरेशन लि0 (इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर एण्‍ड हाउसिंग डिवीजन), सहारा इण्डिया सेन्‍टर, 2-कपूरथला काम्‍प्‍लेक्‍स,  अलीगंज,  लखनऊ-226024 (यू0पी0) ।                           ...................विपक्षी।                                                

आदेश द्वारा-श्री अरविन्‍द कुमार, अध्‍यक्ष।

                          निर्णय

     परिवादिनी ने प्रस्‍तुत परिवाद विपक्षी से फ्लैट का कब्‍जा तत्‍काल दिये जाने एवं समस्‍त जमा धनराशि पर अगस्‍त, 2010  से अब तक 22 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज का भुगतान सुनिश्चित करने,  दौड़ धूप करने एवं शारीरिक,  मानसिक तथा आर्थिक क्षतिपूर्ति हेतु 50,000.00 रूपये तथा वाद व्‍यय 25000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।

     संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने सहारा इण्डिया कामर्शियल कारपोरेशन लि0, लखनऊ द्वारा संचालित प्रोजेक्‍ट ‘’सहारा सिटी होम्‍स’’ के अन्‍तर्गत दिनॉंक 31/05/2005 को 02 बेडरूम का फ्लैट आवंटित करने हेतु आवेदन किया था तथा 87616.00 रूपये की अग्रिम धनराशि जमा की थी। उक्‍त बुकिंग विपक्षी के पत्र दिनॉंकित 08 अगस्‍त,  2005  द्वारा की गयी है। विपक्षी के पत्र दिनॉंकित 10 अक्‍टूबर,  2007 द्वारा परिवादिनी को सूचित किया गया कि आपके आवेदन दिनॉंक 31/05/2005 के सन्‍दर्भ में उक्‍त प्रोजेक्‍ट के अन्‍तर्गत यूनिट नं0-बी-24/505, टाइप 02 बेडरूम का फ्लैट पॉंचवी मंजिल पर आवंटित कर दिया गया,  जिसका यू‍निट एरिया 88.73 वर्गमीटर है तथा कुल मूल्‍य 17,66,283.00 (सत्रह लाख छियासठ हजार दो सौ तिरासी रूपया मात्र) रूपये है। साथ ही साथ यह भी सूचित किया गया कि आवंटन की तिथि से 38 माह के अन्‍दर उक्‍त फ्लैट परिवादिनी को हस्‍तान्‍तरित कर दिया जायेगा। निर्धारित समय सारिणी के अनुसार अपेक्षित समस्‍त धनराषि अगस्‍त 2010 तक परिवादिनी द्वारा जमा कर दी गयी है। इस संबंध में कई बार मौखिक अनुरोध करने एवं स्‍मरण पत्र दिये जाने के उपरान्‍त भी परिवादिनी को अभी तक उक्‍त फ्लैट का कब्‍जा नहीं दिया गया है। इस संबंध में दिनॉंक 22/09/2015 को परिवादिनी द्वारा एक माह की नोटिस भी दी गयी, किन्‍तु अभी तक उक्‍त नोटिस का न तो कोई उत्‍तर दिया गया और न ही फ्लैट का कब्‍जा ही दिया गया। 06 वर्षों से जमा धनराशि पर कोई ब्‍याज नहीं दिया जा रहा है। विपक्षी के उक्‍त कृत्‍य से परिवादिनी को मानसिक पीड़ा हुई है तथा आर्थिक क्षति भी हो रही है। विपक्षी ने अपना उत्‍तर पत्र दाखिल कर यह कहा है कि फोरम को वाद सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है। परिवादिनी ने कोई भी सेवा विपक्षी से प्राप्‍त नहीं की है, और वह उपभोक्‍ता की परिभाषा में नहीं आता है। शर्तों के मुताबिक उभयपक्ष के बीच किसी भी विवाद का निस्‍तारण कलकत्‍ता न्‍यायालय के क्षेत्राधिकार में होगा। मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने सिविल अपील 9813/2011 में कान्‍टेम्‍ट आवेदन नम्‍बर-412/2012 में यह आदेश दिनॉंक-21/11/2013 को पारित आदेश में कहा है कि सहारा ग्रुप कम्‍पनीज किसी भी चल या अचल सम्‍पत्ति के साथ अग्रिम आदेश तक भाग नहीं सकते हैं। इस विपक्षी ने अपने उत्‍तर पत्र में अन्‍य किसी भी तथ्‍य का वर्णन/जिक्र नहीं किया है ।

     उभयपक्षों ने शपथ पर अपना साक्ष्‍य दाखिल किया है।

     अभिलेख का अवलोकन किया, जिससे प्रतीत होता है कि विपक्षी ने परिवादिनी को यूनिट नम्‍बर-बी 24/505 टाइप दो बेडरूम पॉंचवी मंजिल पर जिसका कुल रकबा 88.73 वर्गमीटर है, एवं सहारा सिटी होम्‍स में अवस्थित होगा, का आवंटन किया है तथा 38 महीनों में परिवादिनी को कब्‍जा दे दिया जायेगा। परिवादिनी ने भुगतान की अनुसूची दाखिल की है। परिवादिनी के अनुसार सम्‍पूर्ण रकम अगस्‍त, 2010 तक जमा कर दी गयी है। परन्‍तु विपक्षी ने परिवादिनी को कब्‍जा नहीं दिया है। परिवादिनी के कथनों को विपक्षी ने स्‍पष्‍ट रूप से इनकार नहीं किया है। अत: परिवादिनी के कथनों पर अविश्‍वास का कोई कारण नहीं है। अत: परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

                            आदेश

     परिवादिनी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को  निर्देश दिया जाता है कि वह परिवादिनी को उसको आवंटित फ्लैट का 45 दिनों के अन्‍दर कब्‍जा दिया जाए, तथा परिवादिनी द्वारा जमा समस्‍त धनराशि पर अगस्‍त 2010 से कब्‍जा दिये जाने की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज का भुगतान करेंगे, तथा परिवादिनी को मानसिक, शारीरिक, आर्थिक कष्‍ट के लिये मुबलिग-15,000.00 (पन्‍द्रह हजार रूपया मात्र) एवं वाद व्‍यय के लिये मुबलिग-10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगे। यदि आदेश का पालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है, तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण राशि 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से भुगतेय होगी।

 

(स्‍नेह त्रिपाठी)                               (अरविन्‍द कुमार)

  सदस्‍य                                       अध्‍यक्ष

                              जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम,

                                            लखनऊ।                                         

 

 
 
[ ARVIND KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[ SMT SNEH TRIPATHI]
MEMBER
 

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