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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 169 सन् 2013
प्रस्तुति दिनांक 11.10.2013
निर्णय दिनांक 10.01.2019
श्रीमती मंजूला वर्मा पत्नी योगिन्द्र कृष्ण वर्मा निवासिनी मुहo- मियांपुर, (सिविल कोर्ट मेन गेट) हरईपुर, थाना- लाईन बाजार, तहo- सदर, जिला- जौनपुर।.......................................................परिवादी।
बनाम
- शाखा प्रबन्धक, सहारा इण्डिया कार्यालय/सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाईटी लिमिटेड देवगांव रोड, मेहनाजपुर, जिला- आजमगढ़।
- मोo इद्रीश अहमद पुत्र मोo मोजिम शेख साoमुहo- आमियां नगर, थाना- कसया, जिला- पड़रौना.....रिजनल मैनेजर सहारा इण्डिया/सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाईटी लिo रिजनल कार्यालय सिविल लाईन आजमगढ़।
- रामरूप यादव पुत्र अज्ञात कार्यालय सहायक (डाटा इन्ट्री ऑपरेटर सहारा इण्डिया कार्यालय/सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाईटी लिo देवगांव रोड, मेहनाजपुर, जिला- आजमगढ़।
- प्रबन्धक निदेशक, (डारेक्टर) सहारा को-ऑपरेटिव सोसाईटी सहारा इण्डिया भवन कपूरथला कॉम्पलेक्स, अलीगंज, लखनऊ 226024
..................................................................................विपक्षीगण।
उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव
अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-
परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाईटी लिमिटेड के अन्तर्गत संचालित स्कीम सहारा माईनर के अन्तर्गत खाता संख्या 25113702416 में मुo 47,900/- रुपया जमा किया, जिसकी परिपक्वता तिथि 13.06.2013 है और इसी स्कीम के तहत दूसरा खाता खोला जिसकी खाता संख्या 25113702242 है में मुo 53,000/- रुपया जमा किया, जिसकी परिपक्वता तिथि 16.05.2013 है। परिवादिनी ने मेच्योरिटी अवधि पर जमाशुदा धनराशि प्राप्त करने के लिए विपक्षी संख्या 01 के यहां प्रार्थना पत्र दिया। विपक्षी संख्या 01 व 03 ने मौखिक तौर
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पर याची को यह विश्वास दिलाया कि भुगतान 10 से 15 रोज में हो जाएगा और आप 30.07.2013 को शाखा में उपस्थित हों। परिवादिनी उपरोक्त तिथि पर शाखा में उपस्थित हुई तो विपक्षी संख्या 01 व 03 ने बताया कि आपका भुगतान विपक्षी संख्या 02 व 04 द्वारा रोक दिया गया है। रोकने का कोई कारण नहीं बताया। ऐसी स्थिति में उसके बच्चों की शिक्षा-दीक्षा प्रभावित हो रही है। विपक्षी संख्या 01 ने नियमों का उल्लंघन किया है। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह उपरोक्त खातों में जमाशुदा धनराशि की परिपक्वता की धनराशि अदा करे और उसे 50,000/- रुपया क्षतिपूर्ति और 5,000/- रुपया खर्चा मुकदमा दिलवाया जाए।
परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी ने खाते में माहवार रुपया जमा करने का प्रमाणपत्र स्कीम की विशेषताएँ कलेक्शन स्लिप, नोटिस की प्रतिलिपि, रसीद रजिस्ट्री की छायाप्रति तथा शाखा प्रबन्धक मेहनाजपुर को दिए गए पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन मे विपक्षी ने यह कहा है कि परिवादिनी के पति योगेन्द्र कृष्ण वर्मा उत्तरदाता विपक्षीगण के कार्यालय मेहनाजपुर में कैशियर के पद पर कार्यरत थे, जिनके द्वारा अपने कार्यकाल दिनांक 28.02.2008 से 31.01.2013 तक कुल 27,54,574/- रुपये की वित्तीय अनियमितता की गयी। जिसके विरूद्ध 04.02.2013 को प्रथम सूचना रिपोर्ट सम्बन्धित थाने में दर्ज करायी गयी। उक्त प्रकरण न्यायालय में लम्बित है। योगेन्द्र कृष्ण वर्मा ने ही परिवादिनी के खाते में पैसा जमा किया था। योगेन्द्र कृष्ण वर्मा ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने पैसा जमा किया है। इस सन्दर्भ में संलग्नक 01 सबूत प्रस्तुत किया गया है। परिवादिनी महिला है और उसकी कोई आमदनी नहीं है। परिवादिनी द्वारा तथ्य छिपाकर परिवाद प्रस्तुत किया गया है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
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विपक्षी ने अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में योगेन्द्र कृष्ण वर्मा द्वारा माननीय रीजनल वर्कर रीजन आजमगढ़ को दिए गए पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है। परिवादिनी की ओर से धारा 156(3) सी.आर.पी.सी. के तहत दिए गए प्रार्थना पत्र की सत्य प्रतिलिपि, कोतवाल आजमगढ़ को दिए गए आवेदन पत्र की छायाप्रति, पावती रसीद की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
उभय पक्षों की ओर से लिखित बहस प्रस्तुत किया गया है। उनके द्वारा प्रस्तुत मौखिक बहस भी सुना तथा पत्रावली का अवलोगन किया।
विपक्षीगण को यह स्वीकृत है कि परिवादिनी द्वारा कथित खाता में उसके द्वारा धनराशि जमा की गयी थी, लेकिन उन्होंने अपने जवाबदावा में यह कहा है कि के पति ने शाखा में जमा धन का गबन किया है। विपक्षीगण द्वारा एनेग्जर 01 में उल्लेख किया गया है यह योगेन्द्र कृष्ण वर्मा द्वारा लिखे गए पत्र की छायाप्रति जिसके अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि योगेन्द्र कृष्ण वर्मा ने अपनी पत्नी मंजूला वर्मा का चार खाता और पुत्र आर्या वर्मा का सात खाता खोला था। उन खाता संख्या का उसने संख्या भी दिया है। उसके द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 156(3) सी.आर.पी.सी. में यह कथन किया गया है कि उसके द्वारा यह सारा कार्य दबाव डालकर करवाया गया है। विपक्षीगण की ओर से योगेन्द्र कृष्ण वर्मा के विरूद्ध किए गए एफ.आई.आर. व संचालक दाण्डिक प्रक्रिया का कोई अभिलेख पत्रावली में प्रस्तुत नहीं किया गया है। यहाँ इस बात की भी उल्लेख करना आवश्यक है कि योगेन्द्र कृष्ण वर्मा तथा परिवादिनी की हैसियत अलग-अलग है। यदि यह मान भी लिया जाए कि योगेन्द्र कृष्ण वर्मा के पत्र की छायाप्रति एनेग्जर 01 सही है तब भी चूंकि परिवादिनी की हैसियत अलग है। ऐसी स्थिति में उस पर
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कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हमारे विचार से परिवादिनी द्वारा जमाशुदा धनराशि का भुगतान किया जाना आवश्यक है।
उपरोक्त विवेचन से हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी संख्या 01 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादिनी के खाता संख्या 25113702416 तथा खाता संख्या 25113702242 में जमाशुदा धनराशि की परिपक्वता के समय मूल्य को अन्दर 30 दिन वापस करें। उपरोक्त धनराशि पर परिवाद दाखिला की तिथि से परिवादिनी को 09% वार्षिक ब्याज पाने की अधिकारिणी है। परिवादिनी को मानसिक व शारीरिक कष्ट के लिए 5,000/- (पांच हजार) रुपया तथा वाद व्यय के लिए 3,000/- (तीन हजार) रुपया विपक्षी संख्या 01 अदा करें।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 10.01.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)