Rajasthan

Ajmer

CC/537/2013

DEEPA KAUSHIK - Complainant(s)

Versus

SAHARA INDIA - Opp.Party(s)

ADV KAPIL SHARMA

06 Oct 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/537/2013
 
1. DEEPA KAUSHIK
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. SAHARA INDIA
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Vinay Kumar Goswami PRESIDENT
  Naveen Kumar MEMBER
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 06 Oct 2016
Final Order / Judgement

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण,         अजमेर

श्रीमति दीपा कौषिक पत्नी श्री विषाल कौषिक, निवासी- प्लाट नं. 25, पंचवटी काॅलोनी,आदर्षनगर, रेल्वे स्टेषन के सामने, अजमेर । 

                                                -         प्रार्थिया


                            बनाम
1. ष्षाखा प्रबन्धक, सहारा इण्डिया सेक्टर कार्यालय, षिव मेंषन, नगीना बाग, अषोक मार्ग, अजमेर । 
2. प्रबन्धक, सहारा इण्डिया परिवार, कर्तव्य काउन्सिल, सहारा ष्षहर , गोमती नगर, लखनउ, उत्तरप्रदेष- 226010
3. श्री सुब्रत राॅय, सहारा(मुख्य प्रबन्धक) सहारा इण्डिया भवन, 1-कपूरथला काम्पलेक्स, लखनउ, उत्तरप्रदेष-226024
                                                -       अप्रार्थी 
                 परिवाद संख्या 537/2013  

                            समक्ष
1. विनय कुमार गोस्वामी       अध्यक्ष
                 2. श्रीमती ज्योति डोसी       सदस्या
3. नवीन कुमार               सदस्य

                           उपस्थिति
             1.श्री सूर्य प्रकाष गांधी एवं श्री अमित गांधी, 
               अधिवक्तागण, प्रार्थी
              2.श्री विभौर गौड़,  अधिवक्ता अप्रार्थीगण 

                              
मंच द्वारा           :ः- निर्णय:ः-      दिनांकः- 25.10.2016
 
1.       प्रार्थिया द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार  हंै कि
 उसके द्वारा अप्रार्थी कम्पनी  की सहारा-14 में दिनांक 30.3.1999 को निवेष की गई राषि रू. 10,000/- जो दिनंाक 30.3.2013 को  परिपक्व होकर रू. 70,000/- प्राप्त होनी थी, में से  टीडीएस की राषि रू. 5300/- काटने की जानकारी प्राप्त होने पर उसने  अप्रार्थी कम्पनी के निर्देषानुसार  फार्म 15-जी भी कर  प्रस्तुत कर दिए जाने  व नोटिस दिनंाक 27.7.2013 का दिए जाने के बावजूद भी उसे परिपक्वता राषि का भुगतान नहीं कर अप्रार्थी कम्पनी  ने सेवा दोष किया है । प्रार्थिया ने परिवाद प्रस्तुत कर उसमें वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । परिवाद के समर्थन में प्रार्थिया ने स्वयं का ष्षपथपत्र पेष किया है । 
2.    अप्रार्थी कम्पनी ने जवाब प्रस्तुत कर  प्रार्थिया द्वारा प्रष्नगत स्कीम में 14 वर्ष के लिए राषि रू. 10,000/- दिनांक  30.3.1999 को निवेष किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए आगे दर्षाया है कि प्रार्थिया को परिपक्वता राषि के भुगतान के समय यह अवगत कराया गया था कि यदि वह पैन नम्बर उपलब्ध करा दे तो  आयकर अधिनियम के तहत उक्त स्कीम पर निवेषित राषि की ब्याज राषि पर 10 प्रतिषत की कटौती की जावेगी । पैन नम्बर उपलब्ध नहीं कराने की दषा में आयकर अधिनियम के तहत 20 प्रतिषत की कटौती की जा कर राषि का भुगतान कर दिया जावेगा । किन्तु प्रार्थिया इसके लिए तैयार नहीं हुई ।  इसलिए प्रार्थिया को परिपक्वता राषि का भुगतान नहीं किया जा सका । उत्तरदाता को यह कदम कम्पनी पर आयकर  विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार कार्यवाही नहीं करने की दषा में पैनेल्टी से बचने के लिए करना आवष्यक था । इस प्रकार उनके स्तर पर किसी प्रकार की कोई सेवा में कमी नहीं की गई । अन्त में परिवाद सव्यय निरस्त किए जाने की प्रार्थना करते हुए श्री दलबीर सिंह बाराहट, सेक्टर प्रमुख का ष्षपथपत्र पेष हुआ है । 
3.        प्रार्थिया का प्रमुख रूप से तर्क रहा है कि उसके द्वारा वर्णित स्कीम में रू. 10,000/- की राषि जमा कराए जाने के  14 वर्ष के बाद परिपक्वता  राषि पर  टीडीएस काटा जाएगा, ऐसे तथ्य की  जानकारी प्राप्त करने पर पता लगा जो अनुचित था । उसके द्वारा  15-जी आवेदन पत्र प्रस्तुत किए जाने के बावजूद आज तक न तो राषि प्राप्त हुई है और ना ही उसे सूचित किया गया है । यहां तक कि अन्य खातेदारों को भी  जिसका विवरण पेष है, को भी उक्त स्कीम के अन्तर्गत सम्पूर्ण राषि प्रदान की गई है तथा किसी प्रकार की टैक्स की कटौती नहीं की गई है । इस प्रकार  अप्रार्थी कम्पनी का यह कृत्य पक्षपातपूर्ण, साम्य के सिद्वान्तों के विपरीत होने के साथ साथ  सेवा मे ंकमी का परिचायक है ।  
3.    अप्रार्थी कम्पनी की ओर से खण्डन में प्रार्थिया द्वारा उक्त स्कीम के अन्तर्गत 14 वर्ष  के लिए वर्ष 1999 में रू. 10,000/- निवेष किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए तर्क प्रस्तुत किया गया कि परिपक्वता राषि के भुगतान के समय प्रार्थिया को पैन नम्बर उपलब्ध करवाने हेतु कहा गया था ताकि  उसके द्वारा जमा कराई गई राषि पर अर्जित ब्याज पर आयकर अधिनियम के अन्तर्गत टीडीएस की कटौती करते हुए ष्षेष धनराषि का भुगतान कर दिया जाए अन्यथा उसकी जमा धन राषि पर 20 प्रतिषत की कटौती की जाएगी , ऐसा बताया गया था । प्रार्थिया द्वारा न तो पैन नम्बर उपलब्ध करवाया गया और ना ही 20 प्रतिषत की कटौती कराने के बाद ष्षेष परिपक्वता राषि का भुगतान लेने हेतु तैयार हुई।  ऐसी अवस्था में परिपक्वता राषि का भुगतान नहीं किया जा सका है । वे अब भी उक्त राषि का भुगतान करने के लिए तैयार व तत्पर है । आयकर अधिनियम के प्रावधान अनुसार पैन कार्ड की प्रति प्राप्त होने पर भुगतान योग्य राषि पर 10  प्रतिषत आयकर की कटौती करने के बाद  ही ष्षुद्व राषि भुगतान किए जाने योग्य है । उक्त अधिनियम की धारा 206(1) के अनुसार भुगतान प्राप्तकर्ता यदि पैन की छायाप्रति  प्रस्तुत नहीं करता है तो  अप्रार्थी कम्पनी को 10 प्रतिषत की जगह 20 प्रतिषत आयकर की कटौती करनी पड़ेगी । अन्त में तर्क प्रस्तुत किया गया है कि उनकी ओर से प्रदान की गई सेवा में कोई कमी नहीं की गई है । परिवाद खारिज किया जाना चाहिए । 
4.    हमने परस्पर तर्क सुन लिए हैं एवं पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का भी ध्यानपूर्वक अवलोकन कर लिया है । 
5.    यह स्वीकृत तथ्य है कि प्रार्थिया द्वारा अप्रार्थी कम्पनी में सहारा -14 योजना के तहत दिनंाक 30.3.1999 को  14 वर्ष हेतु खाता खोलते हुए रू. 10,000/- की राषि निवेषित की गई तथा दिनंाक 30.3.2013 को यह राषि परिपक्व होने के बाद रू. 70,000/-  भुगतान योग्य थी । प्रार्थिया  पक्ष का तर्क है कि इस देय राषि पर किसी प्रकार की कोई कटौती नहीं की जा सकती थी,  जैसा कि अन्य खाताधारकों/योजना प्राप्त करने वाले निवेषकों को किए गए भुगतान से स्पष्ट  है । यहां  हम यह उल्लेख करना उचित समझते है कि यदि किन्हीं अन्य निवेषकों को परिपक्वता के बाद देय  भुगतान की राषि में से किसी प्रकार की कोई टीडीएस की कटौती नहीं की गई है तो मात्र इस आधार पर हस्तगत मामले में प्रार्थिया  किसी प्रकार की कोई छूट प्राप्त नहीं कर सकती ।  आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार  यदि किसी प्रकार की आय पर कोई टीडीएस देय है तो यह समस्त खाताधारकों / निवेषकों  पर  समान रूप लागू होगा तथा परिपक्वता पर उक्त राषि कटौती योग्य मानी जाएगी । यदि विधि के  प्रावधानों के उल्लंघन में अप्रार्थी कम्पनी द्वारा किसी प्रकार की टीडीएस  की राषि की कोई कटौती  की जा रही है  तो इसको चुनौती देने के लिए प्रार्थिया सक्षम प्राधिकारी के यहां चाराजोही करने हेतु स्वतन्त्र है  ।  यदि  प्रावधानों केे विरूद्व कोई कटौती की जाती है तो इसके लिए रिफण्ड के प्रावधान है। । जिस प्रकार  के तथ्य हस्तगत प्रकरण में हमारे समक्ष हैं, को देखते हुए यह न्यायोचित प्रतीत होता है कि प्रार्थिया, अप्रार्थी कम्पनी को अपना पैन नम्बर उपलब्ध कराएगी तथा उक्त जमाषुदा एवं परिपक्वता राषि के संबंध में तत्समय प्रचलित  15-जी का फार्म भर कर देगी । इसके प्राप्त होने पर अप्रार्थी  कम्पनी को यदि नियमानुसार  किसी भी प्रकार की कोई कटौती आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत की जानी है तो वह ऐसा कर सकेगी । चूंकि उक्त परिपक्वता  के बाद प्रार्थिया  अभी तक परिपक्वता राषि प्राप्त करने में सफल नहीं हो पाई है तथा यह राषि अप्रार्थी कम्पनी के यहां जमा है  अतः उक्त परिपक्वता की तिथि से प्रार्थिया वहीं  ब्याज की राषि प्राप्त कर सकेगी जो वह उक्त जमाषुदा राषि पर  पूर्ववत प्राप्त कर रही थी ।  अतः मंच की राय मे प्रार्थिया का परिवाद  आंषिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है एवं आदेष है कि 
                         :ः- आदेष:ः-    
6.    (1)     प्रार्थिया  को यह निर्देष दिया जाता है कि वह इस आदेष के 15 दिवस के अन्दर अन्दर अप्रार्थी कम्पनी के समक्ष 15-जी का फार्म भर कर प्रस्तुत करेगी व अपना पैन नम्बर भी उपलब्ध कराएगी । यदि उसके पास कोई पैनकार्ड नहीं है अथवा उसके द्वारा ऐसा कार्ड प्राप्त नहीं किया गया है तो इस आषय का स्पष्ट उल्लेख  लिखित में करेगी । 
    (2)     प्रार्थिया द्वारा उक्तानुसार कार्यवाही  उक्त अवधि में निष्पादित किए जाने के  बाद अप्रार्थी कम्पनी अगले 7 दिवस के अन्दर अन्दर  प्रार्थिया को उक्त स्कीम के तहत परिपक्वता  की षेष भुगतान योग्य राषि का भुागतान  आयकर अधिनियम के अन्तर्गत आवष्यक कटौती  यदि प्रावधित है तो ऐसा किए जाने के बाद करेगी ।  अप्रार्थी कम्पनी  प्रार्थिया को उक्त  राषि पर परिपक्वता की तिथि से भुगतान किए जाने की तिथि तक वहीं ब्याज की राषि अदा करेगी जो उसने उक्त स्कीम के तहत मूल जमा रकम पर निवेषक प्रार्थिया  को दिए जाने का करार/भरोसा दिलाया था । 
    (3)    प्रकरण की परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए पक्षकारान खर्चा अपना अपना स्वयं वहन करेंगें । 
              आदेष दिनांक 25.10.2016को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।
  
(नवीन कुमार )        (श्रीमती ज्योति डोसी)      (विनय कुमार गोस्वामी )
      सदस्य                   सदस्या                      अध्यक्ष    

 

 
 
[ Vinay Kumar Goswami]
PRESIDENT
 
[ Naveen Kumar]
MEMBER
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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