Bihar

Darbhanga

CC/19/4

SHAMBHUNATH JHA - Complainant(s)

Versus

SAHARA INDIA PVT. LTD. - Opp.Party(s)

SRI SURENDRA KUMAR CHOUDHARY

13 Dec 2019

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/19/4
( Date of Filing : 07 Jan 2019 )
 
1. SHAMBHUNATH JHA
RESIDENT OF MOHALLA- BANK COLONY, LAXMISAGAR, PS- SADAR
DARBHANGA
BIHAR
...........Complainant(s)
Versus
1. SAHARA INDIA PVT. LTD.
BRANCH CODE- 1561 NEAR NAKA NO- 05, PS-LALBAGH
DARBHANGA
BIHAR
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SRI SARVJEET PRESIDENT
 HON'BLE MR. Sri Ravindra Kumar MEMBER
 HON'BLE MRS. Dr. Mala Sinha MEMBER
 
For the Complainant:SRI SURENDRA KUMAR CHOUDHARY, Advocate
For the Opp. Party:
Dated : 13 Dec 2019
Final Order / Judgement

एकपक्षीय आदेश

1.            परिवादी शम्भुनाथ झा ने इस आशय का परिवादी पत्र दाखिल किया कि उसने विपक्षी सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड की दरभंगा शाखा में रेकरिंग डिपॉजिट खाता सं० 15614212488 खोला जिसमें 1000 रु० प्रतिमाह 5 वर्ष तक जमा करना था।

2.            परिवादी का यह भी कथन है कि शर्तों के अनुसार परिवादी द्वारा 5 वर्ष तक 1000 रु० प्रतिमाह सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड की दरभंगा शाखा में जमा किया गया समयावधि पूर्ण हो जाने के बाद जब परिवादी का खाता परिपक़्व हो गया तो वह सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के दरभंगा शाखा कार्यालय भुगतान के लिए गया। जहाँ उसे आजकल-आजकल करके बुलाया जाता लेकिन उसका भुगतान नहीं किया गया। परिवादी द्वारा विपक्षी को अधिवक्ता नोटिस भी दिया गया लेकिन इसके बावजूद भी विपक्षी द्वारा परिवादी को उसके द्वारा रेकरिंग डिपॉजिट में जमा धनराशि का भुगतान नहीं किया गया इस प्रकार से विपक्षी द्वारा सेवा में त्रुटि किया गया जिससे परिवादी को काफी मानसिक एवं आर्थिक क्षति हुआ। परिवादी द्वारा रेकरिंग डिपॉजिट में जमा परिपक्वता धनराशि 84346 रु० था जो कि दिनांक 31.10.2017 को विपक्षी द्वारा परिवादी को देय था लेकिन विपक्षी ने इसका भुगतान परिवादी को नहीं किया। परिवादी ने इस बात का अनुरोध किया है कि उसे पहुंची मानसिक एवं आर्थिक क्षति के लिए 250000 रु०, मुकदमा खर्च के लिए 25000 रु० तथा रेकरिंग डिपॉजिट की परिपक्वता धनराशि 84346 रु० को दिनांक 31.10.2017 से सूद सहित भुगतान कराने की कृपा करें।

3              विपक्षी इस मामले में उपस्थित नहीं हुआ जबकि उसके विरुद्ध निबंधित डाक से नोटिस निर्गत किया गया था। उक्त नोटिस का निबंधित डाक भी वापस नहीं आया इससे स्पष्ट है कि विपक्षी नोटिस लेकर जानबूझ कर फोरम के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं कर रहा है। अंत में मामले में विपक्षी के विरुद्ध एकपक्षीय कारवाई प्रारंभ किया गया।

4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में प्रदर्श-1 जो कि सहारा क्रेडिट कॉर्पोरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का पासबुक है उसकी छायाप्रति जिसमें परिवादी के नाम से खाता नंबर 15614212488 सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव  सोसाइटी लिमिटेड द्वारा खोला गया इसके आलावा परिवादी ने प्रदर्श-2 दाखिल किया है जो कि उक्त सोसाइटी का स्टेटमेंट है जिसमें परिवादी द्वारा जमा किये गए धनराशि का उल्लेख किया गया है जो कि दिनांक 31.10.2012 से 31.12.2016 तक है।

5              चूँकि विपक्षी के विरुद्ध इस मामले में एकपक्षीय कारवाई चल रही है इस कारण परिवादी के विद्धवान अधिवक्ता के तर्क को सुना तथा अभिलेख का अवलोकन किया परिवादी द्वारा विपक्षी कॉपरेटिव सोसाइटी में अपना रेकरिंग खाता खोला गया जिसका नंबर 15614212488 था इसकी पुष्टि प्रदर्श-1 से हो जाती है परिवादी द्वारा 1000 रु० प्रतिमाह की दर से उक्त खाता में धनराशि जमाकिया गया  इसकी पुष्टि प्रदर्श-2 से हो जाती है।

         इसप्रकार से परिवादी द्वारा विपक्षी सहारा क्रेडिट कॉर्पोरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में रेकरिंग डिपॉजिट खाता खोलकर 1000 रु० प्रतिमाह जमा किया गया जो की 60 महीने के लिए था। उसकी परिपक्वता अवधि पूर्ण हो जाने के बाद परिवादी उक्त धनराशि को प्राप्त करने के लिए विपक्षी सहारा क्रेडिट कॉर्पोरेटिव सोसाइटी की दरभंगा शाखा में गया लेकिन उसे उसकी परिपक्वता धनराशि का भुगतान नहीं किया गया। उसने उक्त खाता दिनांक 31.10.2012 को खोला था  जिसका 60 महीना दिनांक 31.12.2016 को जाता है। प्रदर्श -2 देखने से स्पष्ट है कि परिवादी ने दिनांक 31.12.2016 को देय धनराशि जमा किया है।

4. परिवादी ने रेकरिंग डिपॉजिट का खाता 5 साल के लिए 1000 रु० प्रतिमाह की दर से दिनांक 31.10.2012 को खोला था।वह उक्त खाता में बराबर देय धनराशि जमा करता रहा । उसकी परिपवक्ता अवधि दिनांक 31.12.2016 था। उक्त अवधि के बीत जाने के बाद परिवादी द्वारा परिपक्वता धनराशि की मांग करने पर उसका भुगतान नहीं करना विपक्षी द्वारा सेवा शर्तों का उल्लंघन है। ऐसी स्थिति में विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि परिवादी के परिपक्वता धनराशि 84346 रु० तथा परिवादी को पहुंची आर्थिक एवं मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति के रूप में 25000 रु०, वाद खर्च 2000 रु० कुल धनराशि 111346 रु० इस आदेश के पारित होने के 3 महीने के अंदर भुगतान कर दें ऐसा नहीं करने पर उपरोक्त धनराशि 7% वार्षिक ब्याज की दर से आदेश की तिथि से विधिक प्रक्रिया द्वारा विपक्षी से वसूल किया जायेगा। तदनुसार परिवादी के परिवाद पत्र को आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है।

 
 
[HON'BLE MR. SRI SARVJEET]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Sri Ravindra Kumar]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. Dr. Mala Sinha]
MEMBER
 

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