एकपक्षीय आदेश
1. आवेदिका बिंदु देवी ने इस आशय का शिकायत पत्र इस फोरम के समक्ष दाखिल किया कि उसने सम्मिलित सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट रेंज लिमिटेड योजना के तहत रसीद नंबर 071010140630 के माध्यम से 237700 रु० तथा रसीद नंबर 1010140636 के द्वारा 118100 रु० दि० 13.08.2012 को निवेश किया जिसका परिपक्वता तिथि 13.08.2018 थी। इसके आलावा रसीद सं० 10168177264 के द्वारा 5000 रु० दि० 01.12.2005 को निवेश किया जिसका परिपक्वता तिथि 01.02.2018 थी। उक्त धनरशि के परिपक्व हो जाने पर आवेदिका उपरोक्त धनराशि भुगतान हेतु विपक्षी सं० एक के कार्यालय में गयी, विपक्षीगण से रसीदों को प्रदत्त करके परिपक्वता राशि के भुगतान हेतु निवेदन किया। विपक्षी सं० एक द्वारा परिपक्वता राशि भुगतान हेतु सम्बंधित प्रक्रिया पूरा करने के बाद आवेदिका से एक माह बाद आने को कहा आवेदिका एक माह बाद सितंबर 2018 में विपक्षी सं० एक के कार्यालय में गयी तथा भुगतान के सन्दर्भ में पूछताछ किया तो विपक्षी एक ने कहा आपका कागजात विपक्षी दो के यहाँ भेज दिया गया वाहन से आदेश एवं पैसा आने पर भुगतान कर दिया जायेगा आवेदिका विपक्षी एक की बातों पर विश्वास करके वापस आ गयी तथा एक माह बाद पुनः विपक्षी के कार्यालय में जाकर पूछताछ किया तो विपक्षी एक द्वारा टालमटोल की बात किया जाने लगा और आवेदिका का पैसा का भुगतान नहीं किया। आवेदिका ने विपक्षी एक के यहाँ अपनी परिपक्वता राशि के भुगतान हेतु आवेदन पत्र संलग्न करके सभी कागजातों सहित दि० 06.08.2018 एवं 31.10.2018 को भेज दिया किन्तु विपक्षीगण द्वारा आवेदिका के आवेदन पर कोई विचार नहीं किया गया और पैसा का भुगतान नहीं किया गया। आवेदिका द्वारा उक्त निवेश अपनी बेटी की शादी के लिए विपक्षीगण के समझाने पर किया। आवेदिका की पुत्री शादी योग्य हो गयी है तथा जमा की गयी धनरशि परिपक्व हो गयी है, विपक्षी द्वारा आवेदिका को उसके द्वारा जमा की गयी धनरशि को परिपक्व हो जाने पर भुगतान नहीं करना सेवा में त्रुटि एवं लापरवाही है। आवेदिका का पति दुर्घटना ग्रस्त होने के कारण किसी काम योग्य नहीं है आवेदिका के पास आमदनी का कोई स्त्रोत नहीं है। विपक्षीगण के इस कृत्य से आवेदिका को काफी मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हुआ है।
अतः अनुरोध है कि आवेदिका द्वारा जमा की गयी धनरशि के परिपक्व हो जाने पर उसकी परिपवक्ता राशि मय सूद के तथा परिवादिनी को पहुंची मानसिक एवं शारीरिक क्षति के लिए 50000 रु० का भुगतान कराने का आदेश देने की कृपा करे।
2. आवेदिका ने दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में एनेक्सचर-1, एनेक्सचर-2, एनेक्सचर-3, एनेक्सचर-4, एनेक्सचर-5, एनेक्सचर-6, एनेक्सचर-7, तथा एनेक्सचर-8 दाखिल किया परिवादिनी मौखिक साक्ष्य के रूप में साक्षी अशोक कुमार राय का परीक्षण कराया, इस साक्षी ने शपथ पर अपने व्यान में आवेदिका के कथन का समर्थन किया। चूँकि मामला एकपक्षीय सुनवाई पर चल रहा है ऐसी स्थिति में विपक्षी की तरफ से ना तो कोई व्यान तहरीर. ना तो कोई साक्ष्य प्रस्तुत किया गया और ना ही आवेदिका के साक्ष्य का प्रतिपरीक्षण ही कराया गया और न तो आवेदिका के साक्ष्य का प्रतिपरीक्षण कराया गया । परिवादिनी ने अपने केस के समर्थन में जिन दस्तावेजी साक्ष्यों को दाखिल किया। उसमें एनेक्सचर-1 से स्पष्ट है कि सूचिका ने शाखा प्रबंधक सहारा इंडिया परिवार बहेड़ी शाखा को क्यू शॉप शॉप प्लान योजना के तहत जमा किये गए धनराशि के परिपक्व हो जाने पर परिपक्वता धनराशि के भुगतान नहीं होने पर पत्र लिखा है। एनेक्सचर-2 पीड़िता द्वारा उक्त योजना के तहत जमा किये गए राशि के भुगतान के सन्दर्भ में लिखा गया पत्र, एनेक्सचर-3 परिवादिनी द्वारा सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट लिमिटेड सहारा योजना में जमा की गई 118100 रु० की रसीद की छायाप्रति के साथ-साथ परिवादिनी द्वारा उक्त रसीद का मूल प्रति भी दाखिल किया गया इसी प्रकार से एनेक्सचर-4 परिवादिनी द्वारा उक्त योजना के तहत जमा किये गए 237700 रु० के रसीद की छायाप्रति के साथ उक्त रसीद का मूल प्रति भी दाखिल किया गया। इसके आलावा परिवादिनी द्वारा एनेक्सचर-5 दाखिल किया गया जो कि सहारा इंडिया कमर्शियल कारपोरेशन द्वारा निर्गत रसीद कि छायाप्रति है जिसमें परिवादिनी ने 1000 रु० मूल्य के पांच बांड कुल 5000 रु० का ख़रीदा है, एनेक्सचर-6 पैन की छायाप्रति , एनेक्सचर-7 आधार कार्ड की छायाप्रति दाखिल किया है। इन सभी दस्तावेजी साक्ष्यों के समर्थन में परिवादिनी के साक्षी ने अपना शपथ पत्र दाखिल किया।
2. परिवादिनी द्वारा दाखिल दस्तावेजी साक्ष्यों तथा परीक्षण कराया गया मौखिक साक्ष्य से स्पष्ट है कि सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट रेंज लि० सहारा इंडिया स्किम के तहत रसीद सं० 071010140630 के द्वारा दि० 13.08.2012 को 237700 रु० तथा रसीद सं० 071010140636 के द्वारा 118100 रु० दि० 13.08.2012 को जमा किया एवं सहारा इंडिया कमर्शियल कारपोरेशन लि० का पांच बांड प्रत्येक 1000 रु० कुल 5000 रु० दि० 01.12.2005 को खरीद किया जिसका परिपक्वता तिथि 01.02.2018 मूल्य 15000 रु० थी।
3. परिवादिनी का कथन है कि वह उक्त धनराशि अपनी बेटी की शादी के लिए उक्त योजना में लगाया था। उसके पति दुर्घटना ग्रस्त हो जाने के कारन विगलांग हो गए है उसकी लड़की शादी योग्य हो गई है। वह उक्त धनरशि का भुगतान लेना चाहती है।
अभिलेख पर उपलब्ध दस्तावेजी साक्ष्यों से यह कही स्पष्ट नहीं होता है कि परिवादिनी द्वारा जमा की गयी धनराशि की परिपक्वता तिथि क्या थी तथा सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट रेंज लि० में जमा किये गए धनरशि का परिपक्वता मूल्य क्या है। मात्र सहारा इंडिया कमर्शियल कारपोरेशन लि० से लिए गए 5000 रु० के परिपक्वता मूल्य 15000 रु० तथा परिपक्वता तिथि 01.02.2018 का उल्लेख है लेकिन परिवादिनी ने दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट का जो रसीद दाखिल किया गया है उससे स्पष्ट है की उसने दि० 13.08.2012 को 237700 रु० एवं 118100 रु० उक्त योजना में दि० 13.08.2012 को जमा किया था। परिवादिनी के द्वारा दिए गए तर्क से स्पष्ट है कि उसे उक्त धनराशि की आवश्यकता है वह अपने बेटी की शादी करना चाहती है। उसे आमदनी का कोई और स्रोत नहीं है। यद्पि की सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट लि० रेंज के जिस योजना में परिवादिनी ने 237700 एवं 118100 रु० दि० 13.08.2012 को जमा किया था। उसका कोई परिपक्वता तिथि एवं परिपक्वता मूल्य रसीद देखने से स्पष्ट नहीं होता है लेकिन यह फोरम परिवादिनी द्वारा दिए गए तर्कों एवं दस्तावेजी साक्ष्यों से प्रथम दृष्टया इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि परिवादिनी द्वारा दि० 13.08.2012 को सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट लि० रेंज योजना के तहत 237700 रु० एवं 118100 रु० दि० 13.08.2012 को जमा किया गया था। परिपक्वता धनराशि स्पष्ट नहीं होने की स्थिति में इस फोरम द्वारा यह आदेश दिया जाता है कि विपक्षीगण उपरोक्त धनरशि मूल्य 237700 रु० 118100 रु० का भुगतान परिवादिनी को दि० 13.08.2012 की तिथि से 8% वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से उक्त धनराशि का भुगतान करे इसके आलावा सहारा इंडिया कमर्शियल कारपोरेशन द्वारा लिए गए बांड 5000 रु० जो दि० 01.02.2018 को परिपक्व हो गया जिसका मूल्य 15000 रु० है उक्त धनरशि का भी भुगतान दि० 01.02.2018 से 8% वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज की दर से भुगतान करे इसके आलावा यह फोरम इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि विपक्षी द्वारा की गई सेवा में त्रुटि के कारण आवेदिका को अत्यधिक मानसिक एवं आर्थिक क्षति हुआ है। इसकी क्षति पूर्ति के ऐवज में 10000 रु० का भुगतान विपक्षीगण परिवादिनी को करे।
विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वह उपरोक्त धनराशि का भुगतान परिवादिनी को आदेश पारित से तीन महीना के अंदर कर दे ऐसा नहीं करने पर उपरोक्त धनराशि विपक्षीगण से विधिक प्रक्रिया द्वारा वसूला जाएगा।