राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
मौखिक
ए0ई0ए0 संख्या-39/2023
(जिला उपभोक्ता आयोग, मऊ द्धारा निष्पादन वाद सं0-36/2017 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 21-06-2023 के विरूद्ध)
प्रेम शीला आयु लगभग 57 वर्ष पत्नी श्री जय प्रकाश सिंह, निवासी ग्राम देवखरि, पोस्ट-सरौदा, तहसील मोहम्मदाबाद गोहना, जिला मऊ।
........... अपीलार्थी/परिवादिनी।
बनाम
1. सहारा इण्डिया परिवार, ब्रान्च चिरैयाकोट, जनपद-मऊ द्वारा ब्रान्च मैनेजर।
2. सहारा इण्डिया परिवार, रीजनल आफीसर, आजमगढ़, जिला-आजमगढ़।
3. सहारा श्री कमाण्ड आफिस, सहारा इण्डिया भवन, कपूरथला कॉम्प्लेक्स, लखनऊ।
……..प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष :-
1. मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री उमेश सिंह विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं।
दिनांक :- 11-12-2023.
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/परिवादिनी प्रेम शीला द्वारा इस आयोग के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, मऊ द्धारा निष्पादन वाद सं0-36/2017 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 21-06-2023 के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा-73 के अन्तर्गत योजित की गई है।
विद्वान जिला आयोग ने उक्त आदेश दिनांक 21-06-2023 द्वारा डिक्रीधारक/परिवादिनी की अनुपस्थिति एवं पैरवी के अभाव में निष्पादन वाद सं0-36/2017 को सव्यय निरस्त किया गया है।
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उक्त निर्णय एवं आदेश से क्षुब्ध होकर प्रस्तुत अपील योजित की गई है और विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित उक्त आदेश दिनांकित 21-06-2023 को वापस लेते हुए अपीलार्थी/परिवादिनी को सुनवाई का अवसर प्रदान किये जाने की प्रार्थना की गयी है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री उमेश सिंह को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों एवं प्रश्नगत आदेश का सम्यक रूप से परिशीलन व परीक्षण किया गया।
यह अपील विलम्ब से प्रस्तुत की गयी है। विलम्ब क्षमा प्रार्थना पत्र मय शपथ प्रत्र प्रस्तुत किया गया है। विलम्ब का कारण पर्याप्त है। अत: अपील योजित किये जाने में हुआ विलम्ब क्षमा किया जाता है।
अधिवक्ता अपीलार्थी ने तर्क किया कि विद्वान जिला आयोग ने विपक्षीगण/निर्णीत ऋणीगण को बिना नोटिस भेजे ही निष्पादन वाद को निरस्त किया गया है। परिवादिनी प्रत्येक नियत तिथि पर उपस्थित होती रही, परन्तु नियत दिनांक 21-06-2023 को अपरिहार्य कारण से वह उपस्थित नहीं हो सकी। अत: न्यायहित में अपील स्वीकार करते हुए प्रश्नगत आदेश को अपास्त किये जाने की प्रार्थना की गयी।
मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए मेरे विचार से अपीलार्थी/परिवादिनी को न्यायहित में सुनवाई का एक अवसर प्रदान किया जाना उपयुक्त प्रतीत होता है। तद्नुसार बिना किसी गुणदोष पर विचार किए हुए प्रस्तुत ए0ई0ए0 अन्तिम रूप से निर्णीत करते हुए प्रकरण सम्बन्धित जिला आयोग को प्रतिप्रेषित किए जाने योग्य है।
तद्नुसार प्रस्तुत ए0ई0ए0 स्वीकार की जाती है और जिला उपभोक्ता आयोग, मऊ द्धारा निष्पादन वाद सं0-36/2017 में पारित प्रश्नगत आदेश दिनांक 21-06-2023 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण प्रतिप्रेषित करते हुए विद्वान जिला आयोग से आग्रह किया जाता है कि उक्त निष्पादन वाद को अपने मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करते हुए दोनों पक्षकारों को सुनवाई का विधि अनुसार समुचित अवसर प्रदान करते हुए यथा सम्भव 06 माह की अवधि में निष्पादन वाद सं0-36/2017 को गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जावे।
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किसी भी पक्षकार को बिना किसी उपयुक्त कारण के स्थगन की अनुमति न प्रदान की जावे। चूँकि विपक्षीगण/निर्णीत ऋणीगण को इस निर्णय का ज्ञान नहीं है अत्एव उन पर नोटिस की तामीली की अपेक्षा विद्वान जिला आयोग से की जाती है। यह निर्णय अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता की उपस्थिति में पारित किया जा रहा है अत्एव उनको इस निर्णय की पर्याप्त जानकारी है।
इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि अपीलार्थी अथवा उनके अधिवक्ता द्वारा दिनांक 05-01-2024 को अथवा उससे पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग मऊ के सम्मुख प्रस्तुत की जावे।
वैयक्तिक सहायक/आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
प्रमोद कुमार,
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-1.
कोर्ट नं0-1.