Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/46

Gaya Prasad - Complainant(s)

Versus

Sahara India Parivar - Opp.Party(s)

Himanshu Kumar Bachhil , Shri. R. K. Mishra

18 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/46
( Date of Filing : 08 Jan 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Gaya Prasad
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Sahara India Parivar
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 18 May 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-46/2014

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, द्वितीय लखनऊ द्वारा परिवाद संख्‍या-251/2005 में पारित निर्णय दिनांक 07.11.2013 के विरूद्ध)

गया प्रसाद पुत्र सूर्य लाल सोनी निवासी ग्राम ढोढेपुर बाजार, तरबगंज

जनपद गोण्‍डा।                          ........अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

सहारा इंडिया परिवार द्वार कर्तव्‍य कौंसिल कमान्‍ड कार्यालय

सहारा इंडिया भवन-1, कपूर थला काम्‍प्‍लेक्‍स व दो अन्‍य।

                                   .......प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-

1. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित    : श्री ए0के0 श्रीवास्‍तव के सहयोगी

                            श्री शुभम कुमार, अधिवक्‍ता।

दिनांक 21.06.2023

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 251/2005 गया प्रसाद बनाम सहारा इंडिया परिवार व अन्‍य में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 07.11.2013 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने क्षेत्राधिकार के आधार पर परिवाद खारिज कर दिया है।

2.   परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी के पिता स्‍व0 देवी प्रसाद सोनी ने सहारा इंडिया परिवार को बान्‍ड क्रय करने के लिए 5 हजार रूपये 22.01.99 को जमा किया। बान्‍ड की परिपक्‍वता अवधि 27.02.03 थी। इस योजना के अंतर्गत बान्‍डधारक की मृत्‍यु के बाद आगामी 10 वर्षों तक 5 हजार रूपये प्रतिमाह मृतक के उत्‍तराधिकारियों को अदा किए जाने थे। दि. 27.10.01 को हृदय गति

-2-

रूकने से परिवादी के पिता की मृत्‍यु हो गई। जब परिवादी द्वारा मृतक सहायता प्राप्‍त करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया, परन्‍तु  विपक्षीगण द्वारा मृत्‍यु सहायता राशि प्रदान नहीं की गई।

3.   विपक्षी का कथन है कि शाखा कार्यालय गोण्‍डा में निवेश का खाता खोला गया था, समस्‍त संव्‍यवहार शाखा कार्यालय जनपद गोण्‍डा  में हुआ है, इसलिए लखनऊ स्थित फोरम को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है।

4.   जिला उपभोक्‍ता मंच ने विपक्षी के तर्क को सही मानते हुए क्षेत्राधिकार के आधार पर परिवाद खारिज कर दिया।

5.   इस निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने विधि विरूद्ध निर्णय पारित किया है। जिला उपभोक्‍ता मंच लखनऊ को वाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त है, क्‍योंकि विपक्षी का कमान्‍ड कार्यालय लखनऊ में स्थित है।

6.   अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

7.   इस अपील के विनिश्‍चय के लिए प्रथम विनिश्‍चयात्‍मक बिन्‍दु यह उत्‍पन्‍न होता है कि क्‍या लखनऊ स्थित जिला उपभोक्‍ता मंच को सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त है। इस प्रश्‍न का उत्‍तर सकरात्‍मक है, क्‍योंकि मुख्‍य कार्यालय लखनऊ में स्थित है। किसी भी कंपनी के विरूद्ध मुख्‍य कार्यालय पर या शाखा कार्यालय पर उत्‍पन्‍न संविदा के लिए दोनों में से किसी भी एक जगह उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया

 

-3-

जा सकता है, इसलिए क्षेत्राधिकार के संबंध में परिवाद खारिज करने का आदेश विधि विरूद्ध है।

8.   अब इस बिन्‍दु पर विचार किया जाता है कि परिवादी किसी अनुतोष को प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है ? चूंकि विपक्षी द्वारा इस तथ्‍य से इंकार नहीं किया गया कि परिवादी के पिता द्वारा बान्‍ड क्रय किए गए थे। उनकी मृत्‍यु के तथ्‍य से भी इंकार नहीं किया गया है, परन्‍तु केवल यह कथन किया गया है कि खाताधारक की आयु मृत्‍यु  के समय 60 वर्ष 09 माह थी, इसलिए योजना के अंतर्गत लाभ प्रदान नहीं किया जा सकता था, क्‍योंकि यह योजना के अंतर्गत केवल मृत्‍यु  के समय बान्‍डधारक की आयु 16 से 60 वर्ष के मध्‍य होने पर ही मृत्‍यु लाभ प्रदान किया जा सकता है। प्रस्‍तुत केस में चूंकि बान्‍डधारक ने अपनी आयु बान्‍ड क्रय करते समय 58 वर्ष दर्शाई थी और बान्‍ड क्रय करने के दो वर्ष 9 माह पश्‍चात मृत्‍यु कारित हुई है, इसलिए स्‍कीम की शर्त संख्‍या 9 क, के अनुसार मृत्‍यु लाभ देय नहीं है, अत: इस आधार पर परिवाद खारिज होने योग्‍य है।  

आदेश

9.   अपील खारिज की जाती है।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

         

       (सुशील कुमार)                      (राजेन्‍द्र सिंह)                                                                                                                                                   सदस्‍य                           सदस्‍य

 

 

 

-4-

निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

        (सुशील कुमार)                      (राजेन्‍द्र सिंह)                                                                                                                                                   सदस्‍य                            सदस्‍य         

राकेश, पी0ए0-2

कोर्ट-2

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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