जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:-464/2020 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
श्री कुमार राघवेन्द्र सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-22.07.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-06.12.2022
Parijat Mishra aged about 50 years S/o Sri Rama Shankar Mishra R/o Vill-Pure Belaura, Jangal Ram Nagar PO-Tehsil-Amethi, District-Amethi, Presently residing at 592 Jha/174 Rathindra Nagar, Teli Bagh Lucknow.
.................COMPLAINANT.
VERSUS
1. Sahara Housing Investment Corporation Ltd having its Command office at, Sahara India Bhawan, 1 Kapoorthala Complex, Aliganj, Lucknow through its Managing Director.
2. Sahara Q Shop Unique Products Limited, Sahara India Bhawan, 1, Kapoorthala Complex, Aliganj, Lucknow through its Managing Director.
3. Sahara Sri Subrata Roy, Chairman, Sahara India Pariwar, R/o Sahara City, Gomti Nagar, Lucknow.
4. Manager, Branch office Sahara, Dhamaur Road Amethi.
.............OPPOSITE PARTES.
परिवादी के अधिवक्ता का नाम:-श्री आशुतोष धर दुबे।
विपक्षीगण के अधिवक्ता का नाम:-कोई उपस्थित नहीं।
आदेश द्वारा-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
निर्णय
1. परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा 36 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत इस आशय से दाखिल किया गया है कि विपक्षीगण से 6,83,704.00 रूपये मय ब्याज 12 प्रतिशत भुगतान कराये जाने, तथा 50,000.00 रूपये मानसिक कष्ट एवं 10,000.00 रूपये वाद व्यय दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्तुत किया है।
2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा इन्श्योरेंस ऑफ ब्याज के भुगतान किये जाने के संबंध में परिवादी को यह बताया गया कि यह अति महत्वपूर्ण स्कीम है। तत्क्रम में परिवादी ने 1,20,000.00 रूपये सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड से दिनॉंक 30.12.2009 को 08 बाण्ड प्रत्येक बाण्ड 15000.00-15000.00 में दिये गये और यह कहा गया कि उपरोक्त धनराशि पॉंच वर्ष में दोगुनी हो जायेगी। वर्ष 2012 में इस बात की चर्चा थी कि सहारा हाउसिंग कारपोरेशन दिवालिया हो जायेगी। इसको दृष्टिगत रखते हुए परिवादी ने विपक्षी संख्या 04 के बीमा एजेन्ट के माध्यम से परिवादी को पैसा भुगतान करने के संबंध में कहा गया। इस संबंध में विपक्षी संख्या 02 द्वारा पुन: दिनॉंक 01.09.2012 को पूर्व में निर्गत बाण्ड की तत्समय की वैल्यू के हिसाब से प्रति बाण्ड 21050.00 रूपये मूल्य के 08 बाण्ड परिवादी को रिन्यू करके दिये गये, जिसकी परिपक्वता तिथि 08.09.2018 थी।
3. परिवादी ने सितम्बर 2018 को 08 बाण्ड भुगतान के सिलसिले में विपक्षी संख्या 04 को एजेन्ट के माध्यम से दिया, जो कि 1,68,400.00 रूपये के थे और दिनॉंक 08.09.2018 को 2.3 टाइम्स पालिसी 3,87,320.00 रूपये होना था। सितम्बर 2018 में बाण्ड परिपक्व हुए और परिवादी ने भुगतान के लिये प्रयास किया। उन्होंने विपक्षीगण को मौखिक व लिखित रूप से भी और दिनॉंक 12.02.2019 को रजिस्टर्ड पत्र भेजा गया, परन्तु भुगतान नहीं किया गया जो स्कीम की परिपक्वता पर विपक्षीगण को भुगतान करना था।
4. परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से आज तक दो वर्ष का समय बीतने के बाद कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई उत्तर पत्र प्रस्तुत किया गया। अत: दिनॉंक-27.05.2022 को आयोग द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी ।
5. परिवादी ने अपने साक्ष्य में शपथ पत्र एवं बाण्डों की छायाप्रति, पत्र दिनॉंकित 25.01.2019, 17.09.2019, एवं पोस्टल रिसीप्ट आदि दाखिल किया है।
6. हमने परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
7. परिवादी का कथानक है कि परिवादी को दिनॉंक 30.12.2009 सितम्बर 2018 तक सहारा इन्वेस्टमेंट की शर्तों के अधीन अधिकतम 4.06 गुणा की धनराशि जैसा कि परिवादी द्वारा बताया गया है-6,83,704.00 रूपये देय है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत बाण्डों के परिशीलन से भी विदित है कि परिवादी द्वारा बाण्ड क्रय किये गये। परिवादी ने अपने साक्ष्य द्वारा इस कथन की पुष्टि की है। विपक्षीगण ने कोई ऐसा साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किया है जिससे परिवादी के कथनों पर अविश्वास किया जा सके। अत: विपक्षीगण ने परिवादी को 08 बाण्डों की धनराशि भुगतान न करके सेवा में कमी किया है। अत: परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षी संख्या 04 के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है, तथा विपक्षी संख्या 04 को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को 08 बाण्डों की परिपक्वता धनराशि मूलधन 1,68,400.00 रूपये का 2.3 गुना अर्थात मुबलिग 3,87,320.00.00 (तीन लाख सत्तासी हजार तीन सौ बीस रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ सितम्बर, 2018 से भुगतान की तिथि तक, निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्दर अदा करेंगें परिवादी को हुए मानसिक, आर्थिक एवं शारीरिक कष्ट के लिये मुबलिग 20,000.00 (बीस हजार रूपया मात्र) तथा वाद व्यय के लिये मुबलिग 10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि निर्धारित अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण धनराशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(कुमार राघवेन्द्र सिंह) (सोनिया सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक- 06.12.2022