जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।
परिवाद संख्या:- 789/2020 उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्यक्ष।
श्री अशोक कुमार सिंह, सदस्य।
श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख:-26.09.2020
परिवाद के निर्णय की तारीख:-14.07.2022
Raj Kishore Dubey aged about 75 years, S/o Late Lallu Prasad, R/o 39-C Block no.-5, Geetapalli, Alambagh, Lucknow, M.N.-7388862229.
..........Complainant.
Versus
1. Sahara Credit Co-operative Society Ltd, Sahara India Bhawan, 1-Kapoorthala Complex Aliganj, District-Lucknow through its Deputy Managing worker Sahara India, Pin-226024.
2. Sahara India, Sector Office Alambagh, Brahmdutt Plaza, First Floor, Krishna Nagar (In front of Piccadilly Hotel) Kanpur Road Lucknow through its Manager.
3. Sahara India franchise, Pragati Puram, Ratapur Chauraha, Distt- Raebareli, Pin-229316, through its Manager Shri R.B. Singh.
..........Opp. Parties.
आदेश द्वारा-श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्य।
निर्णय
- परिवादी ने प्रस्तुत परिवाद अन्तर्गत धारा-35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्तर्गत प्रस्तुत किया है। प्रस्तुत परिवाद में परिवादी ने यह प्रार्थना की है कि परिवादी ने सहारा ई-शाइन योजना के अंतर्गत 8,77,632.00 रूपये जमा किया जो 12 प्रतिशत साविध जमा ब्याज दर (विपरीत वसों द्वारा अनुमत) के साथ दावेदार की परिपक्वता राशि के रूप में परिवादी को 1,00,000.00 रूपये मानसिक पीड़ा के साथ 25,000.00 रूपये भी देय घोषित हो और विपक्षी द्वारा परिवादी को प्रताडि़त करने के लिये 2,00,000.00 रूपये को देय घोषित किया जाना चाहिये।
- संक्षेप में परिवादी का कथन है कि परिवादी ने दिनॉंक 31.01.2012 को तीन खातों में पैसा जमा किया। विपक्षी से पहले सावधि जमा के रूप में 1,12,000.00 रूपये कुल कुल (3,36,000) रूपये सहारा ई शाइन में जमा किया जो कि खाता संख्या-17024201465, 17024201466, 17024201467, में परिवादी ने पैसा जमा किया। उक्त सहारा ई शाइन की योजना सुविधाओं के अनुसार योजना की कुल समयावधि (अर्थात परिपक्वता अवधि) 96 माह की थी। योजना की विशेषताओं के अनुसार खाताधारक घोषित अवधि से पहले पूर्व चरण परिपक्वता भुगतान ले सकता है, बर्शते कि योजना में दिये गये चार्ट के अनुसार खाता खोलने की तारीख से 60 माह पूरे हो जाये। खाता खोलने के 60 महीने बाद परिवादी ने विपक्षी से प्री-स्टेज मैच्योरिटी भुगतान का दावा किया, तब विपक्षी संख्या 02 के मैनेजर ने बताया कि विपक्षी संख्या 01 की मंजूरी के बाद ही भुगतान संभव है। लेकिन वर्तमान में विपक्षी द्वारा भुगतान की स्वीकृति नहीं है।
- जब परिवादी को प्री-स्टेज मेच्योरिटी भुगतान नहीं की जा सकी तो परिवादी ने विपक्षी संख्या 02 के फील्ड वर्कर श्री राम कुमार श्रीवास्तव से संपर्क किया, जिसकी प्रेरण पर परिवादी ने उक्त योजना में पैसा निवेश किया। फील्ड वर्कर ने परिवादी को सुझाव दिया और प्रेरित किया कि यदि परिवादी अपने खातों को विपक्षी संख्या 02 और विपक्षी संख्या 03 से स्थानांतरित करवाया है तो भुगतान संभव हो सकता है और इस उद्देश्य के लिये एक आवेदन विपक्षी संख्या 02 से हस्तातंरण के लिये एक आवेदन जमा किया। परिवादी द्वारा पार्टी संख्या 03 को प्राथमिकता दी जानी चाहिये। फील्ड वर्कर के कहने पर अपने खातों को विपक्षी पार्टी संख्या 02 एवं 03 जिसके परिणामस्वरूप आवेदन को प्राथमिकता दी।
- विपक्षी को खातों के हस्तांतरण के बावजूद परिवादी को कोई भुगतान नहीं किया जा सका और दिनॉंक 31.01.2020 को खाता खोलने के 96 महीने पूरे होने पर परिवादी खाता निपटान चार्ट के अनुसार कुल परिपक्वता राशि का हकदार है। परिवादी ने विपक्षी संख्या 03 से अपनी परिपक्वता राशि का दावा किया, परन्तु कोई भुगतान की स्वीकृति विपक्षी द्वारा नहीं दी गयी। परिवादी ने विपक्षी पार्टियों को एक नोटिस भी भिजवाया परन्तु खाते की परिपक्वता की तारीख से लगभग 09 माह बाद भी विपक्षी ने कोई उत्तर नहीं दिया।
- परिवादी को उस राशि का भुगतान जिसके लिये परिवादी स्वयं हकदार है। परिवादी की उम्र लगभग 75 वर्ष है और कैंसर का रोगी है।
- परिवाद का नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई उत्तर पत्र दाखिल किया गया। अत: दिनॉंक 04.03.2022 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
- परिवादी ने अपने मौखिक साक्ष्य के रूप में शपथ पत्र तथा वकालतनामा, सहारा क्रेडिट स्कीम की फोटोकापी, आधार कार्ड, निबन्धक महोदय को लिखे गये पत्र की प्रति आदि दाखिल किया है।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना गया तथा पत्रावली का परिशीलन किया गया।
- विदित है कि परिवादी द्वारा 1,20,000.00 रूपये तीन डिपॉजिट दिनॉंक 31.01.2012 को विपक्षी संख्या 02 से लिये गये थे, जिसकी परिपक्वता 96 माह बाद थी तथा परिपक्वता के बाद भुगतान प्राप्त करने की व्यवस्था थी तथा यह भी था कि यदि 60 माह बाद भी कोई व्यक्ति धनराशि प्राप्त करना चाहे तो उसका भुगतान किया जा सकता है। परिवादी ने 60 माह बीत जाने के बाद भुगतान के लिये आग्रह किया तो परिवादी को फील्ड वर्कर ने यह सुझाव दिया कि यदि परिवादी विपक्षी संख्या 02 व 03 के साथ ट्रांसफर करवता है तो भुगतान संभव है, और इसी उद्देश्य के लिये एक आवेदन विपक्षी संख्या 02 से हस्तांतरण के लिये जमा किया। उसके बावजूद भी भुगतान नहीं हुआ।
- दिनॉंक 31.01.2012 को खाता खोलने के 96 माह पूरे होने के बाद परिपक्वता धनराशि प्राप्त करने अधिकारी है। परिवादी द्वारा नोटिस भेजी गयी परन्तु विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इस तथ्य का समर्थन परिवादी द्वारा अपने मौखिक साक्ष्य में किया गया है कि उसने भुगतान के संबंध में प्रयास किया परन्तु विपक्षी द्वारा भुगतान नहीं किया गया।
- परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में सहारा शाइन की ओर से बाण्ड संख्या 351 004078366 धनराशि 292544.00 रूपये, बाण्ड संख्या 351 004078367, धनराशि 292544.00 रूपये एवं बाण्ड संख्या 351 004078368 292544.00 रूपये कुल परिपक्वता धनराशि रूपये 877632.00 रूपये होती है जिसमें राज किशोर दुबे का नाम दर्शाया गया है। इस प्रकार परिवादी द्वारा 3,36,000.00 रूपये सहारा ई शाइन में जमा किया गया जिसका 96 माह बाद भुगतान प्रति बाण्ड 2,92,544.00 रूपये किया जाना है। यह परिवाद 96 माह बाद दाखिल किया गया है और परिवादी द्वारा यह कहा गया कि उन्होंने नोटिस दिया परन्तु कोई भुगतान नहीं किया गया । नोटिस में भी भुगतान न किये जाने का तस्करा किया गया है।
- अत: पीठ के विचार से परिवादी परिपक्वता धनराशि 877632.00 रूपये प्राप्त करने का अधिकारी है। उल्लेखनीय है कि समस्त कृत्य में परिवादी को मानसिक एवं शारीरिक कष्ट हुआ। इन सब स्थितियों को मद्देनजर रखते हुये परिवादी को 8,77,632.00 रूपये दिलाया जाना न्यायसंगत प्रतीत होता है। अत: परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है।
-
- परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि परिवादी को मुबलिग 8,77,632.00 (आठ लाख सतहत्तर हजार छह सौ बत्तीस रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ परिवाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक निर्णय के 45 दिन के अन्दर अदा करें। मानसिक, शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिये मुबलिग 20,000.00 (बीस हजार रूपया मात्र) भी अदा करें। यदि उपरोक्त आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि में नहीं किया जाता है तो उपरोक्त सम्पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भुगतेय होगा।
(सोनिया सिंह) (अशोक कुमार सिंह ) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
आज यह आदेश/निर्णय हस्ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।
(सोनिया सिंह) (अशोक कुमार सिंह) (नीलकंठ सहाय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,
लखनऊ।
दिनॉंक : 14.07.2022