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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 54 सन् 2016
प्रस्तुति दिनांक 30.03.2016
निर्णय दिनांक 03.01.2019
दिनेश गौड़ S/O स्वo रामसूरत गौड़, साकिन- कौड़िया, पोस्ट- ताँवा, थाना- फूलपुर, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)।
......................................................................................परिवादी।
बनाम
- सागर कीटनाशक दवा भण्डार, रानीचर बाजार फूलपुर, आजमगढ़ (उoप्रo) 273304 द्वारा प्रोपराइटर सागर।
- सुशील केमिकल इण्डस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, 604/605, 349 बिजनेस प्वाइंट वैस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे अंधेरी (पूर्व) मुंबई-400069 द्वारा अधिकृत प्राधिकारी।
- एराइज एग्रोलिमिटेड एराइज हाउस प्लाट नं. 24, देवनगर गोवन्डी (ईस्ट) मुम्बई 400043 द्वारा अधिकृत प्राधिकारी
..................................................................................विपक्षीगण।
उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव
अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने विपक्षी संख्या 01 के यहां से दिनांक 23.02.2016 को विपक्षी संख्या 02 द्वारा निर्मित इमिडाक्लोरोपिड 03 लीटर, हेक्साकोनोजोल 08 लीटर तथा विपक्षी संख्या 03 द्वारा एग्रोमिन 04 लीटर अपने मित्र श्री शोएब के साथ जाकर क्रय किया और दवाओं के मूल्य के रूप में 6,380/- तथा छिड़काव कराने हेतु 400/- रुपये अलग से दिया। परिवादी द्वारा अपने जीविकोपार्जन हेतु अपने ही गांव के चार लोगों जुबैर, रिजवान, इमरान व अन्नस के कुल 198 आम के पेड़ जो 10 बीघा में था और उसके एक फसल के कीमत 3.5 लाख रुपये में लिया था। जिसमें एक लाख नकद भी दिया जा चुका है और विपक्षी संख्या 01 के बताने के अनुसार ट्रैक्टर की मदद से दो टैंकर पानी में दवा डालकर आम के पड़े में छिड़काव किया। दिनांक 23.02.2016 को पैसा जमा करवा लेने के बाद दिनांक 25.02.2016 को विपक्षी संख्या 01 के आदमियों ने समय निकाल कर छिड़काव किया। छिड़काव के बाद आम के बौर गिरने लगे। विपक्षी संख्या 01 से बात करने पर
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उसने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। विपक्षी संख्या 02 व 03 के नम्बरों को डायल करने पर सम्पर्क नहीं हो पाया। इस प्रकार परिवादी को जीविकोपार्जन की समस्या उत्पन्न हो गयी है। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वे शिकायतकर्ता को कुल 08 लाख रुपये का भुगतान करें और मानसिक व शारीरिक कष्ट के लिए 01 लाख रुपये भी भुगतान करे।
परिवादी द्वारा परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 7 के रूप में परिवादी द्वारा सागर कीटनाशक दवा भण्डार से दवा क्रय किए जाने का पर्चा प्रस्तुत किया है।
विपक्षी संख्या 01 द्वारा 11क² जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा है कि विपक्षी द्वारा इमिडाक्लोरोपिड 03 लीटर, हेक्साकोनोजोल 08 लीटर तथा एग्रोमिन 04 लीटर की मात्रा में देना व दवा का मूल्य 6,380/- रुपया प्राप्त होना और उसकी रसीद परिवादी को देना स्वीकार है। बकिया कथन इन्कार है। अतिरिक्त कथन में विपक्षी संख्या 01 से यह कहा है कि परिवाद मनगढ़न्त तथ्यों पर प्रस्तुत किया गया है। विपक्षी की दुकान 1992-93 से स्थापित है और उसे कीटनाशक दवा बेचने का लाइसेंस प्राप्त है और वह विभिन्न कीमतों के दवाओं को बेचने का अधिकार है, लेकिन परिवादी उसकी दवाओं की गुणवत्ता पर प्रश्न उठा रहा है। जिसे सिद्ध करने की बात उसी के ऊपर है। दिनांक 23.02.2016 को परिवादी उसके दुकान पर अकेले आया था। विपक्षी से अपने गांव के लोगों का बाग कितने में और कितने क्षेत्रफल में लिया उसकी जानकारी विपक्षी को नहीं है। विपक्षी को दवा के छिड़काव के विषय में भी जानकारी नहीं है। छिड़काव का कोई पैसा परिवादी ने नहीं दिया था। बौर गिरने के सम्बन्ध में जो उसने कहा है वह गलत है। दवा दिए जाने के बाद विपक्षी आज तक कोई शिकायत नहीं किया। नोटिस पहुंचने के बाद प्रकरण की जानकारी हुई। परिवादी नाजायज लाभ लेने हेतु परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है।
विपक्षी संख्या 01 ने अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
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18/1 विपक्षी संख्या 02 की तरफ से जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है। जिसमें उसने यह कहा है कि परिवाद के पैरा 1 में विपक्षी संख्या 01 को विपक्षी संख्या 02 को डिस्ट्रीब्यूटर होना तथा विपक्षी संख्या 02 से निर्मित दवाओं तथा उसका विक्रय किया जाना स्वीकार है। बकिया कथन अस्वीकार है। इसके अलांवा विपक्षी संख्या 02 ने परिवाद पत्र के शेष कथनों को अस्वीकार किया है। अतिरिक्त कथन में विपक्षी संख्या 02 ने यह कहा है कि उसकी कम्पनी 1985 से रजिस्टर्ड है और दवाओं का निर्माण करती है। उसकी दवाओं का निर्यात भी होता है और उसकी कम्पनी एक चर्चित कम्पनी है। विपक्षी संथ्या 02 द्वारा कीटनाशक दवा इमिडाक्लोरोपिड जिसका ब्रान्ड नाम इक्सपर्ट 100 है तथा हेक्साकोनाजोल जिसका ब्रान्ड नाम प्रीमियम 999 है जो फफूंद नाशक है। उक्त दवाएं कीड़ा व रोगथाम के लिए है। फलों के ग्रोथ के विषय में इसका कोई रोल नहीं है। दवाओं की मात्रा फसलों एवं पेड़ों पर निश्चित डोज के अनुसार डाला जाता है। निश्चित मात्रा से ज्यादा डोज देने पर नुकसान होता तथा डोज से कम दवा देने पर कोई फायदा नहीं होता है। उपरोक्त दवाओं की प्रकृति अलग-अलग है। कीटनाशक दवा इमिडाक्लोरोपिड का छिड़काव डोज के अनुसार .4, .5 एम.एल./लीटर पानी में मिलाकर मिश्रण तैयार करके छिड़काव किया जाता है। कम्पनी द्वारा द्वाओं पर उसकी डोज के सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश भी दिया जाता है। परिवादी द्वारा मानक का ध्यान पूरी तरह दिया गया या नहीं छिड़काव कितने रकबे में किया गया या नहीं सिद्ध करने का भार उसी का है। परिवादी ने विपक्षी संख्या 02 से कभी बात नहीं किया न सम्पर्क स्थापित किया। विपक्षी संख्या 02 का गुणवत्ता किसी भी दशा में सेवा में कमी नहीं माना जाएगा।
जवाबदावा के समर्थन में विपक्षी संख्या 02 द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्यों में विपक्षी संख्या 02 ने कम्पनी द्वारा अरविन्द कुमार सिंह को मुकदमें की पैरवी के अधिकार के सम्बन्ध में प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है।
21/1 विपक्षी संख्या 03 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है। परिवाद पत्र में विपक्षी संख्या 03 के डिस्ट्रीब्यूटर विपक्षी संख्या 01 के यहाँ से विपक्षी संख्या 3 एग्रोमिन का प्रकरण होना स्वीकार है। बकिया कथन अस्वीकार है। विपक्षी संख्या 03 ने परिवाद पत्र में
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कथित अन्य बातों से भी इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा है कि परिवाद गलत तथ्यों पर दाखिल किया गया है। उसके विरूद्ध कोई भी शेष वाद कारण उत्पन्न नहीं होता है। उसकी कम्पनी 1969 में स्थापित की गयी थी। तथा उसका काफी रेपोटेशन है। उसके द्वारा निर्मित एग्रोमिन कीटनाशक दवाएं नहीं हैं, बल्कि यह टानिक है जो सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति करता है। जिसकी मात्रा कम्पोजीशन के हिसाब से डाली जाती है। न तो कम न तो ज्यादा डाला जाता है। विपक्षी संख्या 03 द्वारा निर्मित दवा एग्रोमिन में जिंक, आयरन, कॉपर एवं बोरान का मिश्रण होता है और वह छोटी फसलों सब्जी वगैरह तथा फलों के ग्रोथ के लिए उपयोग की जाती है। एग्रोमिन के छिड़काव स्माल क्राप्स तथा फ्रूट क्राप्स पर सिंगल स्प्रे होता है। किसी अन्य दवा के साथ मिश्रण करके नहीं किया जाता है। शिकायत कर्ता ने गलत तरह से दावा दाखिल किया है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
विपक्षी संख्या 03 ने अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया है।
प्रलेखीय साक्ष्यों में कागज संख्या 24 के रूप में जिन लोगों को पैरवी का अधिकार दिया गया उसके सम्बन्ध में कागजात है। परिवाद पत्र के अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि यह परिवाद विपक्षी संख्या 01 जिसके यहां से परिवादी ने दवा क्रय किया था उसके विरूद्ध तथा विपक्षी संख्या 02 जिसका पता 604/605, 349 विजनेस वेस्ट अंधेरी पूर्व मुम्बई तथा विपक्षी संख्या 03 जिसका पता प्लाट नं. 24, देवनगर गोवन्डी (ईस्ट) मुम्बई दिया है। परिवाद पत्र के अवलोकन से यह स्पष्ट हो रहा है कि इस परिवाद में पक्षकारों के कुसंयोजन का दोष है। परिवादी का यह कर्तव्य था कि वह विपक्षी संख्या 02 व 03 के विरूद्ध अलग-अलग परिवाद प्रस्तुत करता जो कि उसके द्वारा नहीं किया गया है। इस परिवाद में विपक्षी संख्या 02 व 03 के विरूद्ध एक ही निर्णय पारित करना या जो याचित अनुतोष है उसे प्राप्त करना असम्भव है। ऐसी स्थिति में मेरे विचार से परिवाद अस्वीकार होने योग्य है।
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आदेश
परिवाद अस्वीकार किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)