Uttar Pradesh

StateCommission

A/1084/2018

Ramnarayan Verma - Complainant(s)

Versus

Safedabad Cold Storage - Opp.Party(s)

R K Mishra

07 Jul 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1084/2018
( Date of Filing : 07 Jun 2018 )
(Arisen out of Order Dated 19/04/2018 in Case No. C/127/2007 of District Barabanki)
 
1. Ramnarayan Verma
S/O Sri Fatehbadur Verma Niwasi Gram Kurauli Pargana and Tehsil Nawabganj Distt. Barabanki
...........Appellant(s)
Versus
1. Safedabad Cold Storage
Tehsil Nawabganj Distt. Barabanki
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 07 Jul 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                      (सुरक्षित)

अपील सं0 :- 1084/2018

(जिला उपभोक्‍ता आयोग,  बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0- 127/2007 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19/04/2018 के विरूद्ध)

राम नरायन वर्मा (मृतक)

         प्रतिस्‍थापित

     1/1   श्रीमती सुशीला पत्‍नी स्‍व0 राम नरायन वर्मा

     1/2   उत्‍तम सिंह पुत्र स्‍व0 राम नरायन वर्मा

     1/3   घनश्‍याम वर्मा पुत्र स्‍व0 राम नरायन वर्मा

     1/4   विश्‍वजीत वर्मा पुत्र स्‍व0 राम नरायन वर्मा

     1/5   समरजीत वर्मा पुत्र स्‍व0 राम नरायन वर्मा

निवासीगण ग्राम कुरौली, परगना व तहसील नवाबगंज, जिला    बाराबंकी

  1.                                                                                                   अपीलार्थीगण

 

  •  

 

सफेदाबाद कोल्‍ड स्‍टोरेज सफेदाबाद परगना व तहसील नवाबगंज, बाराबंकी।

 

  •                                                                                                        प्रत्‍यर्थी  

समक्ष

  1. मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य
  2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

उपस्थिति:

अपीलार्थीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-श्री आर0के0 मिश्रा, अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:- कोई नहीं।

दिनांक:-28.07.2022  

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.          यह अपील विद्धान जिला उपभोक्‍ता फोरम, बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0 127 सन 2007 राम नरायन वर्मा बनाम सफेदाबाद कोल्‍ड स्‍टोरेज बाराबंकी द्वारा पारित निर्णय व आदेश दिनांकित 19.04.2018 के विरूद्ध योजित की गयी है।
  2.         अपीलार्थी/परिवादी द्वारा यह परिवाद इन अभिकथनों के साथ योजित किया गया है कि अपीलार्थी/परिवादी ने विपक्षी कोल्‍ड स्‍टोरेज में अपने कुल 10 लाट जिनके विवरण परिवाद पत्र की धारा 1 में दिया गया है, के माध्‍यम से कुल 652 पैकेट आलू भण्‍डारण हेतु रखा था। सभी पैकेटों का वजन 50 किलो से 60 किलो के मध्‍य था। विपक्षी द्वारा आलू रखते समय तौला कर सभी रसीदों पर अंकित किया गया था। माह जून 2007 में जब अपने उपयोग हेतु लाट सं0 27/89 के आलू के बोरी लेने गया तो विपक्षी द्वारा बताया गया कि आलू की निकासी शुरू नहीं हुई है। अगले महीने आकर ले जाने की बात कही, परंतु परिवादी के दबाव डालने पर विपक्षी ने बताया कि सभी आलू के बोरे सड़ गये हैं। इस लाट के सभी आलू सड़ गये हैं। दिनांक 12.07.2007 को जब पुन: अपीलार्थी/परिवादी आलू लेने गया। अपीलार्थी/परिवादी को 382 पैकेज आलू मिला था, परंतु उसे मात्र 294 रू0 का आलू दिया और समस्‍त किराया व खर्च लेकर ले लिया। अपीलार्थी/परिवादी ने जब शेष 88 पैकेज आलू मांगा तो विपक्षी ने कहा कि उसे अगली बार समायोजित कर दिया जायेगा। पुन: जब 24.10.2007 को शेष 231 पैकेट के साथ परिवादी ने बाकी 79 पैकेट व 88 पैकेट की मांग की, उस बार भी प्रत्‍यर्थी/विपक्षी द्वारा 231 पैकेट मे से मात्र 134 पैकेट आलू सही दिया गया। बाकी 65 पैकेट आलू सड़ा बताया गया। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने परिवादी से        समस्‍त आलू का भण्‍डारण व रखरखाव लेकर के यह बताया कि 232 पैकेट आलू सड़ गया है, जिसकी भरपायी बाद में आकर ले जाना परिवादी द्वारा बाद में मांग की गयी, किन्‍तु संबंधित रसीदों को प्रस्‍तुत करने के बावजूद वादी को शेष आलू की भरपाई नहीं की गयी, जिससे व्‍यथित होकर यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।
  3.         प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने वादोत्‍तर में कथन किया है कि परिवाद पत्र झूठे आधारों पर परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है, परिवादी द्वारा जो आलू लिये गये हैं उनका गेट पास भी विपक्षी के पास है। इन आधारों पर परिवाद निरस्‍त किये जाने की प्रार्थना की गयी। विद्धान जिला     उपभोक्‍ता फोरम द्वारा यह निर्णीत किया गया कि लाट में लिये गये आलू में 79 पैकेट आलू के संबंध में विपक्षी की ओर से गेट पास सं0 2900 की प्रतिलिपि प्रस्‍तुत की गयी, किन्‍तु शेष 65 पैकेट तथा 88 पैकेट कुल 153 पैकेट  आलू के संबंध में कोई गेट पास अथवा प्रमाण विपक्षी द्वारा प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। इस आधार पर 153 पैकेट आलू की कीमत के रूप में रूपये 61,200/- व अन्‍य अनुतोष के लिए यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया, जिससे व्‍यथित होकर यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।
  4.        अपील में मुख्‍य रूप से यह आधार लिये गये हैं कि प्रश्‍नगत निर्णय दिनांक 19.04.2018 विधि विरूद्ध है एवं न्‍याय प्रक्रिया एवं नैसर्गिक प्रक्रिया के सिद्धांतों के विपरीत है। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा परिवाद में दाखिल साक्ष्‍य शपथ पत्र एवं संलग्‍नकों का पूर्ण अवलोकन किया एवं परिशीलन करते हुए परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया गया है। अपीलार्थी/परिवादी द्वारा अपील की नोटिस प्राप्‍त करने के उपरान्‍त पाया गया कि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने जो कोल्‍ड स्‍टोरेज की रसीद प्रस्‍तुत की है उन पर परिवादी के हस्‍ताक्षर नहीं हैं अपीलार्थी द्वारा फर्जी तरीके से हस्‍ताक्षर बनाये गये हैं। परिवाद के दौरान आयोग द्वारा अपीलार्थी को निर्देशित किया था कि मूल पेपर गेट पास सं0 2900 आयोग के समक्ष दाखिल करें, किन्‍तु विपक्षी ने मूल पेपर हस्‍ताक्षरित नहीं किये हैं। अपीलार्थी ने विपक्षी के द्वारा कूटरचित दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने के संबंध में धारा 344 सीआरपीसी का प्रार्थना पत्र आयोग के समक्ष दिया था। प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने गेट पास सं0 2900 की छायाप्रति दाखिल की है। पास दाखिल नहीं किया है। अत: परिवाद स्‍वीकार किये जाने योग्‍य नहीं था क्‍योंकि प्रत्‍यर्थी ने मूलप्रति जिला मंच को आश्‍वासन दिये जाने के बावजूद भी दाखिल नहीं किया है। अत: अपील स्‍वीकार किये जाने एवं परिवाद निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।
  5.       केवल अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री आर0के0 मिश्रा को विस्‍तृत रूप से सुना गया। पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेख का अवलोकन किया गया। तत्‍पश्‍चात पीठ के निष्‍कर्ष निम्‍नलिखित प्रकार से हैं:-  
  6.       विद्धान जिला उपभोक्‍ता के निर्णय के अवलोकन से स्‍पष्‍ट होता है कि विद्धान जिला उपभोक्‍ता फोरम ने 153 पैकेट आलू कोल्‍ड स्‍टोरेज में सड़ जाने के आधार पर इसकी धनराशि की क्षतिपूर्ति परिवादी को दिलायी है। परिवादी का कथन इस प्रकार है कि इन पैकेट की क्षतिपूर्ति के अतिरिक्‍त एक लाट में 79 पैकेट आलू भी उसे कम मिले थे, जिसके बारे में विद्धान जिला उपभोक्‍ता फोरम ने प्रत्‍यर्थी की ओर से प्रस्‍तुत गेट पास सं0 2900 की एक फोटोकॉपी प्रस्‍तुत की, जिसके आधार पर उक्‍त आलूओं की क्षतिपूर्ति कम करते हुए परिवादी द्वारा दर्शाये गये शेष क्षतिग्रस्‍त आलूओं की धनराशि परिवादी को दिलायी गयी है। जबकि विपक्षी की ओर से प्रस्‍तुत उक्‍त गेट पास एक छायाप्रति है। परिवादी का यह़ भी आक्षेप है कि यह छायाप्रति कूटरचित है, जिसकी मूलप्रति प्रत्‍यर्थी की ओर से प्रस्‍तुत नहीं की गयी थी, जबकि उसे परिवाद के स्‍तर पर पूर्ण अवसर था कि वह मूलप्रति जिला उपभोक्‍ता फोरम के समक्ष रख    सकता था। परिवादी का यह भी कथन है कि इस प्रतिलिपि पर जो हस्‍ताक्षर अपीलार्थी/परिवादी के दर्शाये गये हैं, वे कूटरचित हैं और इस संबंध में उसने धारा 340 सीआरपीसी का प्रार्थना पत्र भी जिला आयोग के समक्ष दिया था। उक्‍त दस्‍तावेज के संबंध में विद्धान जिला     उपभोक्‍ता फोरम द्वारा धारा 340 की कार्यवाही करते हुए आदेश पारित नहीं किया गया है जबकि परिवादी ने इस पर अपने हस्‍ताक्षरों को अस्‍वीकार किया है और दस्‍तावेज को कूटरचित दर्शाया है।
  7.         दण्‍ड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के अनुसार वही न्‍यायालय अथवा प्राधिकारी कूटरचित दस्‍तावेज के संबंध में आपराधिक प्रसंज्ञान ले सकता है, जिसके समक्ष उक्‍त कूटरचित दस्‍तावेज प्रस्‍तुत किया जाता है तथा ऐसे प्राधिकारी या न्‍यायालय के लिखित शिकायत प्रसंज्ञान के लिए आवश्‍यक है। अत: यह उचित होगा कि विद्धान जिला उपभोक्‍ता फोरम ने धारा 340 दण्‍ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए उक्‍त कूटरचित दस्‍तावेज के संबंध में निष्‍कर्ष देते हुए पुन: वाद का निस्‍तारण करें क्‍योंकि परिवादी अपीलकर्ता को उक्‍त गेट पास सं0 2900 के संबंध में शिकायत है और परिवाद के स्‍तर पर उसके द्वारा यह बिन्‍दु उठाया भी गया था किन्‍तु विद्धान जिला उपभोक्‍ता फोरम ने इसपर कोई निष्‍कर्ष न करते हुए परिवाद का निस्‍तारण कर दिया है। अत: परिवाद को प्रतिप्रेषित किया जाना उचित है।
  8.  

अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता फोरम द्वारा पारित निर्णय/आदेश को अपास्‍त करते हुए प्रस्‍तुत प्रकरण को संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वे उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए प्रस्‍तुत परिवाद का निस्‍तारण गुणदोष के आधार पर 06 माह की अवधि में करना सुनिश्चित करें।

उभय पक्ष जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष दिनांक 28.09.2022 को उपस्थित हों।

              आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें। 

 

(विकास सक्‍सेना)(राजेन्‍द्र सिंह)

  •  

 

 निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उदघोषित किया गया।

 

    

     (विकास सक्‍सेना)                         (राजेन्‍द्र सिंह)

  •  

 

 

      संदीप आशु0 कोर्ट नं0 2

 

               

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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