जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-प्रथम, लखनऊ।
वाद संख्या 1056/2013
श्री ओम प्रकाश मौर्य,
पुत्र श्री राधेश्याम मौर्य,
निवासी- म.नं.890, गोकुल ग्राम बीबी खेड़ा,
थाना-पारा, राजाजीपुरम, लखनऊ। ......... परिवादी
बनाम
1. सडाना इलेक्ट्रानिक स्टोर,
59, चंदर नगर मार्केट,
आलमबाग, लखनऊ।
द्वारा प्रबंधक।
2. हायर एप्लाइन्स (इंडिया) प्रा0 लि0,
बी-1/ए-14, मोहन कोआपरेटिव,
इन्ड्रस्टियल स्टेट, न्यू दिल्ली-110044
द्वारा प्रबंधक। ..........विपक्षीगण
उपस्थितिः-
श्री विजय वर्मा, अध्यक्ष।
श्रीमती अंजु अवस्थी, सदस्या।
श्री राजर्षि शुक्ला, सदस्य।
निर्णय
परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण से खराब फ्रिज के बदले नया फ्रिज या विक्रय धनराशि व रिपेयरिंग चार्ज मय 18 प्रतिशत ब्याज, मानसिक क्षति के रूप में रू.10,000.00 व वाद व्यय के रूप में रू.5,000.00 दिलाने हेतु प्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत किया है।
संक्षेप में परिवादी का कथन है कि उसने दिनांक 01.05.2011 को विपक्षी सं0 2 की कंपनी का एक रेफ्रीजरेटर
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विपक्षी सं0 1 से रू.9,380.00 में क्रय किया था जिस पर विपक्षी सं0 1 द्वारा 4 साल की गारंटी बतायी गयी थी। उक्त रेफ्रीजरेटर ने 2 साल चलने के बाद ही मई 2013 में काम करना बंद कर दिया तब परिवादी ने विपक्षी सं0 1 से शिकायत की तो परिवादी को बताया गया कि वह कंपनी से बात करें तब परिवादी ने कंपनी के टोल फ्री नंबर पर दिनांक 15.05.2013 को बात की तो कंपनी द्वारा परिवादी की शिकायत दर्ज करके कहा गया कि कस्टमर केयर सेंटर से टेक्नीशियन आयेगा और उक्त शिकायत को देखेगा। इसके बाद नेशनल टेªडर्स कस्टमर केयर सेंटर, लखनऊ से एक टेक्नीशियन नौशाद का फोन आया और फोन पर बताया कि वह ट्राली भेजकर रेफ्रीजरेटर मंगा ले रहा है। दिनांक 16.05.2013 को टेक्नीशियन आया और रेफ्रीजरेटर चेक करके बताया कि इसका कम्प्रेशर खराब है जिसका चार्ज रू.1,655.00 पड़ेगा और चार दिन के बाद बनकर आयेगा जिस पर परिवादी द्वारा कहा गया कि रेफ्रीजरेटर पर 4 साल की गारंटी दी गयी थी और रेफ्रीजरेटर अभी गारंटी के अंदर है तो पैसा क्यों देना पड़ेगा जिस पर टेक्नीशियन द्वारा रेफ्रीजरेटर ले जाकर ठीक करने से मना कर दिया गया तब परिवादी ने टेक्नीशियन को रू.1,500.00 ठीक करने के लिये दिये। चार दिन बाद जब परिवादी का रेफ्रीजरेटर न तो बनकर आया और न ही उसकी कोई सूचना परिवादी को दी गयी तब परिवादी ने नेशनल टेªडर्स/कस्टमर केयर सेंटर के मोबाइल नम्बर जो परिवादी को दिया गया था उस पर फोन किया तो उसे बताया गया कि टेक्नीशियन की आॅंख का आपरेशन हुआ है और उसका रेफ्रीजरेटर दो दिन में ठीक होकर अपने आप घर आ जायेगा। जब पुनः दो दिन बाद रेफ्रीजरेटर ठीक होकर परिवादी के घर नहीं आया तो परिवादी द्वारा पुनः फोन किया गया और उसे बताया गया कि सर
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बनारस गये है वह कल बात कर ले। जब परिवादी दूसरे दिन उक्त के संबंध में बात करने के लिये फोन किया तो बताया गया कि अभी सर वापस नहीं आये है। दिनांक 25.05.2013 को रेफ्रीजरेटर वापस परिवादी के घर भेजा गया और एक घंटे बाद रेफ्रीजरेटर चालू करने को कहा गया। परिवादी द्वारा जब फ्रिज चालू किया तो फ्रिज कूलिंग नहीं किया जिसकी सूचना सर्विस सेंटर को दी गयी, परंतु सर्विस सेंटर द्वारा परिवादी की शिकायत नहीं सुनी गयी। परिवादी द्वारा पुनः 01.06.2013 को शिकायत दर्ज करायी गयी जिस पर टेक्नीशियन आया और उसके द्वारा बताया गया कि वह स्टेबलाइजर लगाये तब परिवादी ने कहा कि खरीदते समय विक्रेता द्वारा बताया गया कि अलग से स्टेबलाइजर लगाने की जरूरत नहीं है जिस पर टेक्नीशियन बोला कि कंपनी व विक्रेता अपना सामान बेचने के लिये यही सब बोलते है। परिवादी द्वारा पुनः 02.06.2013 को शिकायत दर्ज करायी गयी और उपरोक्त बातें कंपनी को बतायी गयी जिस पर दिनांक 05.06.2013 को टेक्नीशियन आया और वोल्टेज चेक किया और वोल्टेज ठीक पाया तो कहा गया कि गैस लीकेज है और फ्रिज कल पुनः बनने के लिए भेज दीजिए तो परिवादी ने कहा कि फ्रिज कब वापस आयेगा जिसका जवाब उनके द्वारा नहीं दिया गया। परिवादी द्वारा पुनः टोल फ्री नंबर पर टेक्नीशियन द्वारा फ्रिज ठीक करके न देने की शिकायत की गयी जिस पर परिवादी को बताया गया कि उसकी शिकायत पर पुनः कार्यवाही की जा रही है। विपक्षीगण द्वारा जानबूझकर परिवादी को खराब फ्रिज बेचा गया जो उनकी सेवा में कमी का प्रतीक है। उक्त के संबंध में परिवादी द्वारा दिनांक 10.06.2013 को एक लीगल नोटिस विपक्षीगण को भेजा गया, परंतु विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। अतः परिवादी द्वारा यह परिवाद विपक्षीगण से खराब फ्रिज के
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बदले नया फ्रिज या विक्रय धनराशि व रिपेयरिंग चार्ज मय 18 प्रतिशत ब्याज, मानसिक क्षति के रूप में रू.10,000.00 व वाद व्यय के रूप में रू.5,000.00 दिलाने हेतु प्र्र्र्र्र्र्र्र्रस्तुत किया है।
विपक्षीगण को नोटिस भेजे जाने के बाद भी उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ, अतः उनके विरूद्ध आदेश दिनांक 16.04.2014 के अनुसार एकपक्षीय कार्यवाही की गयी।
परिवादी द्वारा अपना शपथ पत्र मय 4 कागजात तथा कंपनी का वारंटी कार्ड दाखिल किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गयी एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
इस प्रकरण में परिवादी ने दिनांक 01.05.2011 को विपक्षी सं0 2 की कंपनी का एक रेफ्रीजरेटर विपक्षी सं0 1 से रू.9,380.00 में क्रय किया था जिस पर विपक्षी सं0 1 द्वारा 4 साल की गारंटी बतायी गयी थी। उक्त रेफ्रीजरेटर ने 2 साल चलने के बाद ही मई 2013 में काम करना बंद कर दिया जिसकी शिकायत कई बार विपक्षी सं0 1 से की गयी और रिपेयर के लिए भी विपक्षी सं0 1 द्वारा फ्रिज कई बार ले जाया गया और परिवादी द्वारा रू.1,500.00 देने के बावजूद भी विपक्षी सं0 1 फ्रिज की खराबी को दूर करने में अक्षम सिद्ध हुआ है। परिवादी द्वारा फ्रिज को बदलकर नया फ्रिज देने के लिए कहा गया, किंतु विपक्षीगण द्वारा ऐसा न तो फ्रिज बदला गया और न ही उसका मूल्य व मरम्मत का मूल्य वापस किया गया। परिवादी ने फ्रिज खरीदने की रसीद की फोटोप्रति परिवाद पत्र के कागज सं.1 के रूप में दाखिल की है जिससे स्पष्ट होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं02 की कंपनी का एक फ्रिज रू.9,380.00 में दिनांक 01.05.2011 को खरीदा गया था। परिवादी की ओर से फ्रिज के लिये भुगतान किये गये रू.9,380.00 की रसीद की फोटोप्रति कागज सं0 2 के रूप में दाखिल की गयी
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जिससे स्पष्ट होता है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0 1 को रू.9,380.00 दिनांक 01.05.2011 को फ्रिज के लिए भुगतान किये गये। परिवादी की ओर से नेशनल ट्रेडर्स की रसीद की फोटोप्रति कागज सं0 3 के रूप में दाखिल की गयी है जिससे स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा दिनांक 16.05.2013 को फ्रिज की मरम्मत हेतु नेशनल टेªडर्स को रू.1,500.00 का भुगतान किया गया था। परिवादी की ओर से कागज सं.4 के रूप में विपक्षीगण को भेजे गये लीगल नोटिस की फोटोप्रति दाखिल की गयी है जिससे स्पष्ट है कि परिवादी ने फ्रिज की खराबी और उसे बदलने के संबंध में विपक्षीगण को लीगल नोटिस भेजा था। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के साथ फ्रिज का वारंटी कार्ड भी दािखल किया है जिससे स्पष्ट है परिवादी के फ्रिज पर 12 महीने और उसके कम्प्रेसर पर 48 महीने की वारंटी थी। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र के कथन के समर्थन में अपना शपथ पत्र दाखिल किया है जिसमें उसने परिवाद के सभी तथ्यों का समर्थन किया है। विपक्षीगण को नोटिस भेजा गया था, किंतु उनकी ओर से कोई भी जवाब देने के लिए उपस्थित नहीं हुआ, अतः दिनांक 16.04.2014 के आदेश द्वारा उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की गयी। विपक्षीगण की तरफ से न तो कोई उत्तर दाखिल किया गया और न ही कोई शपथ पत्र दाखिल किया गया, ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा शपथ पत्र पर किये गये कथनों और उसके द्वारा दाखिल की गयी रसीद आदि की फोटोप्रतियों पर विश्वास न करने का कोई कारण दृृष्टिगत नहीं होता है। परिवादी द्वारा जो साक्ष्य दिये गये हैं उनसे स्पष्ट होता है कि एक खराब रेफ्रीजरेटर परिवादी को विक्रय किया गया जो कि मरम्मत हेतु दिए जाने पर भी सही प्रकार से ठीक नहीं किया जा सका। इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा परिवादी को खराब रेफ्रीजरेटर विक्रय करके न
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केवल अनुचित व्यापार प्रथा अपनायी गयी, बल्कि सेवा में कमी भी की गयी है। परिणामस्वरूप परिवादी पुराने फ्रिज के बदले नया फ्रिज प्राप्त करने का अधिकारी है। साथ ही वह मानसिक व शारीरिक कष्ट हेतु क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय प्राप्त करने का अधिकारी है।
आदेश
परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को पृृथक व संयुक्त रूप से आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को रू.9,380.00 मूल्य का नया रेफ्रीजरेटर प्रदान करें। यदि वे उसी मूल्य का रेफ्रीजरेटर परिवादी को देने में असमर्थ है तो रू.9,380.00.00 (रूपये नौ हजार तीन सौ अस्सी मात्र) तथा फ्रिज की मरम्मत हेतु लिये गये रू.1,500.00 (रूपये एक हजार पांच सौ मात्र) का भुगतान 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज सहित परिवाद दाखिल करने की तिथि से अंतिम भुगतान की तिथि तक परिवादी को अदा करें।
साथ ही विपक्षीगण को यह भी आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को मानसिक कष्ट के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में रू.3,000.00 (रूपये तीन हजार मात्र) एवं वाद व्यय के रूप में रू.3,000.00 (रूपये तीन हजार मात्र) अदा करें।
विपक्षीगण उपरोक्त आदेश का अनुपालन एक माह में करें ।
(राजर्षि शुक्ला) (अंजु अवस्थी) (विजय वर्मा)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
दिनांकः 22 जून, 2015