Rajasthan

Kota

Cc/66/2012

Nawal kishore gupta - Complainant(s)

Versus

Sachiv, Nagar Vikas Nyas - Opp.Party(s)

S.K.gupta

22 Feb 2016

ORDER

नवल किशोर गुप्ता बनाम सचिव नगर विकास न्यास, कोटा 
परिवाद संख्या 66/2012


22.02.2016        दोनों पक्षों को सुना जा चुका है। पत्रावली का अवलोकन किया गया।
परिवादी ने विपक्षी का संक्षेप में यह दोष बताया है कि लखावा आवासीय योजना, कोटा में उसे आवंटित भूखण्ड संख्या 237-बी की राशि 29.01.10 को जमा कराई गई, उसके पश्चात् नगरीय कर की राशि 29.06.10 को जमा कराकर विक्रय विलेख उसी रोज पंजीकृत करवा लिया तथा 23.07.10 को उसकी प्रति विपक्षी के कार्यालय में कब्जा हेतु प्रस्तुत कर दी। उसके पश्चात् विपक्षी ने न तो कब्जा-पत्र जारी किया, न ही कब्जा दिया। विपक्षी को जरिये वकील नोटिस भेजा, इसके बावजूद कब्जा नहीं दिया जिससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ है। 
विपक्षी के जवाब का सार है कि परिवादी को 07.12.2012 को कब्जा-पत्र जारी कर दिया गया है। उसे कोई वाद-कारण ही नहीं है। सेवा मेें कोई कमी नहीं की गई है । 
परिवादी ने साक्ष्य में अपने शपथ-पत्र के अलावा आवंटन-पत्र 30.12.09,राशि जमा कराने की रसीद 29.01.10 व 29.06.10, पंजीकृत विक्रय विलेख 29.06.10, कब्जा-पत्र बाबत् प्रस्तुत आवेदन-पत्र दिनांक 23.07.10, विपक्षी को प्रेषित लीगल नोटिस 17.06.11 आदि की प्रतियां प्रस्तुत की है। विपक्षी ने साक्ष्य में प्रभारी अधिकारी परमानंद गोयल के शपथ-पत्र के अलावा कब्जा-पत्र दिनांक 07.12.2012 की प्रति प्रस्तुत की है।
हमने विचार किया।
परिवादी ने विपक्षी को सभी पालना करते हुये कब्जा हेतु आवेदन-पत्र 23.07.10 को प्रस्तुत कर दिया जिसकी  प्रति से स्पष्ट है कि इस पर विपक्षी की ओर से कब्जा हेतु 06.08.2010 नियत की गई थी। विपक्षी ने जवाब में प्रकट किया है कि परिवादी को 07.12.2012 को कब्जा-पत्र जारी किया गया है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि नियत तिथि 06.08.2010 से लगभग दो वर्ष दो माह बाद कब्जा पत्र जारी किया गया है जो कि विपक्षी की लापरवाही के साथ-साथ स्पष्टतः सेवा-दोष है। 
अतः परिवाद स्वीकार किया जाकर विपक्षी को निर्देश दिये जाते हैं कि परिवादी को आवंटितशुदा भूखण्ड की उसके द्वारा जमा कराई गई राशि पर दो वर्ष दो माह की अवधि का साधारण ब्याज 6 प्रतिशत वार्षिक की दर से दो माह में अदा किया जावे। इसके पश्चात ब्याज सहित देय राशि पर भुगतान करने तक 6 प्रतिशत वार्षिक अतिरिक्त ब्याज देना होगा। इसके अलावा परिवादी को मानसिक संताप की भरपाई हेतु 10000/-रूपये एवं परिवाद व्यय के पेटे 3000/-रूपये भी अदा किये जावे। 
आदेश खुले मंच में सुनाया गया। पत्रावली फैसल शुमार होकर रिकार्ड में जमा हो।

 

(हेमलता भार्गव)               (महावीर तॅंवर)               (भगवान दास)
   सदस्य                      सदस्य                    अध्यक्ष

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