Rajasthan

Kota

CC/269/2010

Ashok kumar hariyani - Complainant(s)

Versus

Sachiv, Nagar Vikas Nyas - Opp.Party(s)

Om Prakash Sharma

06 Jan 2016

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
01.    प्रकरण संख्या- 269/10
अशोक कुमार हरियाणी पुत्र श्री थावर दास हरियाणी आयु 49 वर्ष जाति सिन्धी निवासी 132-ए, तलवंडी, कोटा, राजस्थान।                      -परिवादी।
                 बनाम

नगर विकास न्यास, कोटा जरिये सचिव।                           -विपक्षी

02.    प्रकरण संख्या 270/10
श्रीमति ममता देवी पत्नी अशोक हरियाणी  आयु 44 वर्ष जाति सिन्धी निवासी 132-ए, तलवंडी, कोटा, राजस्थान।                             - परिवादिया
                बनाम
नगर विकास न्यास, कोटा जरिये सचिव।                           -विपक्षी

समक्ष    
               भगवान दास    -        अध्यक्ष       
          हेमलता भार्गव   -         सदस्य
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1    श्री ओम प्रकाश शर्मा, प्रतिनिधि, दोनो परिवादों में परिवादी की ओर से।
2    श्री गुलाब सिंह, अधिवक्ता, दोनो परिवादो में विपक्षी की ओर से। 
                    निर्णय                     दिनांक  06.01.16 

उक्त दोनों परिवाद में पक्षकार समान है एवं विवादित बिन्दु भी समान है, इसलिये इनका एक साथ इस आदेश से निस्तारण किया जा रहा है, जिसकी प्रति दोनो परिवाद में शामिल की जावे ।
    संक्षेप में परिवाद संख्या 269/10 के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी ने 27.03.06 को विपक्षी से नीलामी में भू खंड सं. 33 सेक्टर-ए तलवंडी कोटा में खरीदा, जिसके पेटे 6,58,542/- रूपये अदा किये। विपक्षी के निर्देश पर 12.03.08 को उसका पंजीयन 47,210/- रूपये की राशि अदा करके करवाया गया था। विपक्षी ने उक्त भूखंड का कब्जा नहीं दिया व प्रकट किया कि भूखंड हवाई अड्डा क्षैत्र में आ जाने से कब्जा देना संभव नहीं है। विपक्षी ने 18.02.09 को उक्त भूखंड के पेटे अदा की गई राशि में से मात्र 6,11,282/- रूपये का ही समायोजन किया, शेष राशि व ब्याज का समायोजन नहीं किया तथा उसकी अदायगी भी नहीं की, रजिस्ट्री खर्च व मानचित्र राशि की भी अदायगी नहीं की गई व ब्याज भी अदा नहीं किया गया। विपक्षी को नोटिस दिया गया उसके बावजूद अदायगी नहीं की गई, इससे परिवादी को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप भी हुआ। 
परिवाद संख्या 270/10 के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादिया ने विपक्षी से नीलामी में तलवंडी सेक्टर-ए कोटा में भूखंड सं. 31 दिनांक 27.03.06 को खरीदा, जिसके पेटे 6,69,554/- रूपये अदा किये तथा विपक्षी के निर्देश पर उसका पंजीयन 01.11.07 को 47,210/- रूपये अदा करके करवाया। विपक्षी ने उक्त भूखंड का कब्जा देने में यह असमर्थता बताई कि वह भूखंड हवाई अड्डा क्षैत्र में आ गया। दिनांक 18.02.09 को विपक्षी ने परिवादिया द्वारा अदा की गई राशि में से मात्र 6,22,294/-रूपये का ही समायोजन किया ,शेष राशि व उस पर ब्याज की अदायगी नहीं की, रजिस्ट्री खर्चा व मानचित्र की राशि भी वापस नहीं की, जिससे परिवादिया को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप भी हुआ।
दोनों परिवादों में विपक्षी की ओर से प्रस्तुत जवाब का सार है कि परिवादीगण ने नीलामी में खरीदे गये भूखंड के बदले अन्य भूखंड सं. 191 जे.पी. मार्केट कोटा में दिये जाने की सहमति दी, जिस पर उक्त भूखंड आवंटन किया गया तथा परिवादीगण द्वारा पूर्व में नीलामी में क्रय किये गये भूखंड के पेटे जो राशि अदा की थी उसका समायोजन बदले में दिये गये भूखंड की राशि में किया गया। चूंकि परिवादीगण ने बदले में अन्य भूखंड प्राप्त किया, इसलिये पूर्व के भूखंडों की जमाशुदा राशि पर   ब्याज या पंजीयन राशि अथवा अन्य कोई क्षतिपूर्ति पाने के अधिकारी नहीं है। 
परिवाद संख्या 269/10 एवं 270/10 में परिवादीगण ने साक्ष्य में अपने-अपने शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी को अदा की गई राशि की रसीदें, विपक्षी से प्राप्त पत्र आवंटन पत्र, पंजीयन दस्तावेज, विपक्षी को प्रेषित नोटिस, ए/डी, भूखंड सं. 191  आवंटन पत्र व अन्य दस्तावेजात की प्रतिया प्रस्तुत की हैं ।
विपक्षी ने दोनों प्रकरणों में साक्ष्य में कोई शपथ-पत्र प्रस्तुत नहीं किया है। परिवादी की ओर से 13.08.08, 20.08.08 व 07.01.09 को प्रस्तुत आवेदन पत्र, सहमति पत्र व अन्य पत्र 13.01.09,18.02.09, कार्यालय आदेश आदि की प्रति प्रस्तुत की है। 
हमने दोनों पक्षों की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया। 
इस बारे में विवाद की स्थिति नहीं है कि परिवादी अशोक कुमार व परिवादिया श्रीमति ममता ने विपक्षी द्वारा नीलाम किये गये भूखंड सं. 33 एवं 31 सेक्टर-ए तलवंडी की पूरी देय राशि विपक्षी को अदा की व विपक्षी के निर्देश पर उनका पंजीयन भी कराया, लेकिन विपक्षी ने उक्त दोनों भूखंडों का कब्जा इस कारण नही दिया  कि वे भूखंड हवाई अड्डा क्षैत्र में आ गये। इस प्रकार उक्त दोनों भूखंड का कब्जा प्राप्त करने में परिवादीगण का कोई दोष नहीं था। 
 इस बारे में भी विवाद की स्थिति नहीं है कि विपक्षी न्यास ने परिवादीगण को संयुक्त रूप से अन्य भूखंड संख्या 191 जे.पी. मार्केट कोटा में आवंटित किया जिसकी कुल देय राशि में परिवादीगण की सहमति के आधार पर परिवादीगण के भूखंड सं. 31 व 33 के पेटे जमा कराई गई राशि का समायोजन कार्यालय आदेश दिनांक एफ 11/ नीलामी/09/467 से 471 के द्वारा किया गया। 
परिवादीगण का केस है कि पूर्व के भूखंडोे के पेटे जमा कराई गई पूरी राशि का समायोजन नहीं किया गया, उस पर कोई ब्याज नहीं दिया गया, पंजीयन राशि  ब्याज सहित समायोजित नहीं की गई व  न ही अदा की गई, मानचित्र शुल्क भी समायोजित नहीं किया जबकि विपक्षी का केस है कि परिवादीगण की सहमति के आधार पर पूर्व के भूखंडों के बदले भूखंड सं. 191 जे.पी.मार्केट कोटा आवंटित किया गया था, इसलिये परिवादीगण पूर्व की जमाशुदा राशि पर कोई ब्याज पाने, पंजीयन राशि एवं मानचित्र शुल्क पाने के अधिकारी नहीं है। 
निर्णय हेतु प्रश्न है कि क्या विपक्षी न्यास ने परिवादीगण के भूखंड संख्या 31 व 33 तलवंडी सेक्टर-ए के पेटे जमा कराई गई राशि का ब्याज अदा नहीं करके व पंजीयन राशि एवं मानचित्र शुल्क की राशि तथा उस पर ब्याज अदा नहीं करके सेवामें कमी की है?
हम पाते है कि विपक्षी न्यास का यह केस सही नहीं है कि परिवादीगण के पूर्व में आवंटित दोनों भूखंड संख्या 31 व 33 तलवंडी सेक्टर-ए के बदले में उनकी सहमति के आधार पर दूसरा भूखंड 191 जे.पी.मार्केट आवंटित किया गया था क्योकि विपक्षी ने परिवादीगण को दिनांक 24.04.09 को पत्र क्रमांक 43/नीलामी/09/3431 जारी किया जिसमें विपक्षी न्यास ने उल्लेख किया है कि भूखंड संख्या 191 जे.पी.मार्केट, कोटा परिवादीगण ने खुली नीलामी में दिनांक 15.10.08 को खरीदा था तथा इस पत्र के द्वारा उनसे उक्त भूखंड की बकाया राशि मांगी गई है। इससे स्पष्ट है कि भूखंड संख्या 191 जे.पी.मार्केट कोटा परिवादीगण को पूर्व के भूखंडों के बदले में नहीं दिया गया अपितु वह उन्होने खुली नीलामी में खरीदा था। इसलिये परिवादीगण विपक्षी न्यास से पूर्व के भूखंड सं. 31 व 33 के पेटे जमा कराई गई पूरी राशि व उस पर नियमानुसार ब्याज एवं उनके पेटे अदा की गई पंजीयन राशि मय ब्याज व मानचित्र शुल्क की राशि पाने के अधिकारी है उक्तानुसार राशि अदा नहीं करके विपक्षी न्यास ने सेवादोष किया है। अतः परिवादीगण के परिवाद संख्या 269/10 व 270/10 विपक्षी न्यास के विरूद्ध स्वीकार किये जाने योग्य है।
                               आदेष 
परिवादीगण के परिवाद सं. 269/10 व 270/10 विपक्षी के विरूद्ध स्वीकार किया जाकर निम्न प्रकार निर्देश दिये जाते  है कि-
01.     परिवाद संख्या 269/10 के पेटे परिवादी अशोक कुमार द्वारा विपक्षी न्यास को जमा कराई गई राशि पर दिनांक 18.02.09 तक 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की अदायगी की जावे। इसके अलावा दिनांक 18.02.09 को उक्त जमाशुदा राशि में से जिस राशि का समायोजन  विपक्षी ने कार्यालय आदेश दिनांक 18.02.09 के द्वारा जे. पी.मार्केट, कोटा की देय राशि में किया है उसके अलावा शेष राशि व उस पर 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की अदायगी दिनांक 19.02.09 से अदायगी करने तक की जावे। 
02.     भूखंड सं. 33 के पेटे विपक्षी के निर्देश पर परिवादी अशोक द्वारा खर्च की गई पंजीयन राशि 47,210/- रूपये व उस राशि पर पंजीयन दिनांक 12.03.08 से अदायगी करने तक 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित उसको अदायगी की जावे। इसके अलावा उक्त भूखंड के पेटे परिवादी अशोक कुमार से ली गई मानचित्र राशि 50/- रूपये भी वापिस की जावे इसके अतिरिक्त परिवादी को मानसिक संताप के पेटे 5,000/- रूपये व परिवाद व्यय के पेटे 3,000/- रूपये भी अदा की जावे। 
03.    परिवादी अशोक कुमार को उक्तानुसार समस्त राशि की अदायगी 3 माह में की जावे।    
04.     परिवाद संख्या 270/10 के पेटे परिवादिया ममता देवी द्वारा विपक्षी न्यास को जमा कराई गई राशि पर दिनांक 18.02.09 तक 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की अदायगी की जावे। इसके अलावा दिनांक 18.02.09 को उक्त जमाशुदा राशि में से जिस राशि का समायोजन  विपक्षी ने कार्यालय आदेश दिनांक 18.02.09 के द्वारा जे. पी.मार्केट, कोटा की देय राशि में किया है उसके अलावा शेष राशि व उस पर 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की अदायगी दिनांक 19.02.09 से अदायगी करने तक की जावे। 
05.     भूखंड सं. 31 के पेटे विपक्षी के निर्देश पर परिवादिया ममता द्वारा खर्च की गई पंजीयन राशि 47,210/- रूपये व उस राशि पर पंजीयन दिनांक 01.11.2007 से अदायगी करने तक 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित अदायगी की जावे। इसके अलावा क्त भूखंड के पेटे परिवादिया ममता देवी से ली गई मानचित्र राशि 50/- रूपये भी वापिस की जावे इसके अतिरिक्त परिवादिया को मानसिक संताप के पेटे 5,000/- रूपये व परिवाद व्यय के पेटे 3,000/- रूपये भी अदा की जावे। 
06.    परिवादिया ममता देवी को उक्तानुसार समस्त राशि की अदायगी 3 माह में की जावे।    

(हेमलता भार्गव)                            ( भगवान दास)  
  सदस्य                                          अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष                 जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष  मंच, कोटा।                                  मंच, कोटा।                            

    निर्णय  आज दिनंाक 06.01.16 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया। 
         
  सदस्य                                            अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष                   जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष  मंच, कोटा।                                   मंच, कोटा।

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