Uttar Pradesh

StateCommission

A/1235/2017

Subham Telecom - Complainant(s)

Versus

Sachin Kumar Upadhyay - Opp.Party(s)

Naveen Kumar Tewari

26 Nov 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1235/2017
( Date of Filing : 11 Jul 2017 )
(Arisen out of Order Dated 24/04/2017 in Case No. C/22/2017 of District Jaunpur)
 
1. Subham Telecom
Sadarganj Varanasi Road Madiyahu Jaunpur Through Prop. Swarn Singh
...........Appellant(s)
Versus
1. Sachin Kumar Upadhyay
S/O Sri Kamla Shankaar Place Sakin Mauza Dhail Post Balwarganj Machlisahar Jaunpur
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/1234/2017
( Date of Filing : 11 Jul 2017 )
(Arisen out of Order Dated 17/08/2016 in Case No. C/06/2016 of District Jaunpur)
 
1. Subham Telecom
Sadarganj Varanasi Road Madiyahu Jaunpur Through Prop. Swarn Singh
...........Appellant(s)
Versus
1. Ram Bahadur Yadav
S/O Sri Teras Nath R/O Vill. Soitha Post Sheetalganj Tehsil Madiyahu Jaunpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 26 Nov 2019
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या : 1235/2017

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, जौनपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-22/2017 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 24-04-2017 के विरूद्ध)

   Shubham Telecom, Sadarganj, Varanashi Road, Madiyahu, Jaunpur, through Proprietor Swarn Singh.

                                                   .....अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी

बनाम्

Sachin Kumar Upadhayay, Son of Kamla Shankar Place-Sakin, Mauza- Dhail, Post-Balwarganj, Machlicahar, Jaunpur.

  •                        

समक्ष  :-

1- मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान,  अध्‍यक्ष ।

उपस्थिति :

अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-     श्री नवीन तिवारी।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित-       श्री उमेश सिंह।

 

दिनांक : 26-02-2020

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-22/2017 सचिन कुमार उपाध्‍याय बनाम् मेसर्स शुभम टेलीकाम में जिला उपभोक्‍ता फोरम, जौनपुर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 24-04-2017 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

2

     आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है :-

     ‘’परिवादी सचिन कुमार उपाध्‍याय का परिवाद संख्‍या-22/2017 विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह परिवादी को विक्रय किये गये प्रश्‍नगत मोबाइल लिनोवो कम्‍पनी का उसी माडल क्षमता एवं गुणवत्‍ता की दूसरी नयी मोबाइल प्रदान करे अथवा प्रश्‍नगत मोबाइल की कीमत 11,300/-रू0 एवं उस पर दिनांक 24-12-2016 से 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज एवं 2,000/-रू0 क्षतिपूर्ति तथा 2,000/-रू0 वाद व्‍यय एक माह के अंदर परिवादी को भुगतान करे। निर्धारित अवधि में भुगतान न करने पर क्षतिपूर्ति एवं वाद व्‍यय की धनराशि पर भी 06 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज भी देना पड़ेगा। चूंकि निर्णय एकपक्षीय है। इसलिए परिवादी के खर्चे पर निर्णय की एक प्रति विपक्षी को भेजी जाए।‘’

     जिला फोरम के निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी मेसर्स सुभम टेलीकाम ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

    अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री नवीन तिवारी उपस्थित आये है। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री उमेश सिंह उपस्थित आए है।

     मैंने उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

3

      अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने अपीलार्थी/विपक्षी से लिनोवो कम्‍पनी का एक मोबाइल सेट रू0 11,300/- में दिनांक 20-12-2016 को खरीदा। मोबाइल खरीदते समय उसे अपीलार्थी/विपक्षी ने बताया कि मोबाइल अच्‍छी गुणवत्‍ता का है और उसकी गारण्‍टी एक वर्ष की है। मोबाइल खराब होने पर कम्‍पनी उसे बदलकर नया मोबाइल सेट देगी।

     परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि दिनांक 24-12-2016 को मोबाइल अचानक बंद हो गया तब प्रत्‍यर्थी/परिवादी मोबाइल सेट अपीलार्थी/विपक्षी की दुकान पर लेकर गया तो अपीलार्थी/विपक्षी ने मोबाइल सेट मरम्‍मत के लिए ले लिया और दो दिन बाद प्रत्‍यर्थी/परिवादी को बुलाया, परन्‍तु जब प्रत्‍यर्थी/परिवादी मोबाइल सेट लेने गया तो उसे मोबाइल नहीं दिया और दौड़ाता रहा।

     जिला फोरम के समक्ष अपीलार्थी/विपक्षी उपस्थित नहीं हुआ है। जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी को रजिस्‍टर्ड डाक से नोटिस भेजा है जो इंकारी की प्रविष्टि से वापस आयी है। अत: जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त माना है, फिर भी अपीलार्थी/विपक्षी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है न ही लिखित कथन प्रस्‍तुत किया है। अत: जिला फोरम ने एकपक्षीय रूप से कार्यवाही करते हुए आक्षेपित निर्णय व आदेश अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध पारित किया है।

     अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम का निर्णय तथ्‍य और विधि के विरूद्ध है। अपीलार्थी पर नोटिस का तामीला नहीं हुआ है इस कारण वह जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है।

    अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि परिवाद में निर्माता कम्‍पनी को पक्षकार नहीं बनाया गया है और मोबाइल में त्रुटि हेतु निर्माता कम्‍पनी ही उत्‍तरदायी है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद गलत कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है।

 

 

4

     प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि अपीलार्थी/विपक्षी ने जानबुझकर नोटिस लेने से इंकार किया है और अपीलार्थी/विपक्षी जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है। जिला फोरम ने परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से करके कोई गलती नहीं की है जिला फोरम का निर्णय तथ्‍य और विधि के अनुसार उचित है।

     मैंने उभयपक्ष के तर्क पर विचार किया है।

     मेमों अपील में अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्रश्‍नगत मोबाइल सेट की बिक्री से इंकार नहीं किया है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने जिला फोरम के समक्ष मोबाइल की खरीद का कैश मेमों प्रस्‍तुत किया है और साथ ही शपथ पत्र के माध्‍यम से भी यह प्रमाणित किया है कि उसने मोबाइल सेट अपीलार्थी/विपक्षी से क्रय किया है।

     अपील मेमों में अपीलार्थी/विपक्षी ने इस बात से इंकार किया है कि दिनांक 24-12-2016 को उसने प्रत्‍यर्थी/परिवादी का मोबाइल लिया है परन्‍तु अपीलार्थी/विपक्षी ने जिला फोरम के समक्ष उपस्थित होकर इस तथ्‍य से इंकार नहीं किया है। परिवाद पत्र के कथन के खण्‍डन हेतु न तो लिखित कथन प्रस्‍तुत किया है और न ही शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया है। परिवादी द्वारा मोबाइल क्रय करने के पश्‍चात अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध झूठे कथन के साथ परिवाद प्रस्‍तुत करने का कोई कारण नहीं दिखता है।

        सम्‍पूर्ण तथ्‍यों और साक्ष्‍यों  पर विचार करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि यह मानने हेतु उचित आधार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी से मोबाइल सेट क्रय किया है और मोबाइल क्रय करने के 04 दिन बाद ही मोबाइल में दोष आया है जिसके निवारण हेतु उसने मोबाइल अपीलार्थी/विपक्षी के यहॉं प्रस्‍तुत किया है, परन्‍तु मोबाइल का दोष निवारण कर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मोबाइल सेट अपीलार्थी/विपक्षी ने वापस नहीं किया है अत: जिला फोरम ने जो अपीलार्थी/विपक्षी को मोबाइल का मूल्‍य प्रत्‍यर्थी/परिवादी को देने हेतु आदेशित किया है वह उचित है।

 

 

 

5

     चूंकि मोबाइल सेट स्‍वयं अपीलार्थी/विपक्षी ने प्रत्‍यर्थी/परिवादी से प्राप्‍त किया है और मोबाइल सेट का दोष निवारण कर मोबाइल उसे वापस नहीं किया है ऐसी स्थिति में उसकी सेवा में कमी स्‍पष्‍टतया प्रमाणित होती है और परिवाद में निर्माता कम्‍पनी को पक्षकार न बनाये जाने के कारण अपीलार्थी/विपक्षी अपने दायित्‍व से बच नहीं सकता है।

           जिला फोरम ने जो 2,000/-रू0 क्षतिपूर्ति दिलाया है वह उचित नहीं है उसे अपास्‍त किया जाना उचित प्रतीत होता है।

           जिला फोरम ने जो दिनांक 24-12-2016 से मोबाइल के मूल्‍य 11,300/-रू0 पर 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज दिया है उसे संशोधित कर ब्‍याज परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से दिलाया जाना उचित है।

         जिला फोरम ने जो 2,000/-रू0 वाद व्‍यय दिलाया है वह उचित है।

          उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा आदेशित क्षतिपूर्ति की धनराशि 2,000/-रू0 अपास्‍त की जाती है। इसके साथ ही जिला फोरम के आदेश को संशोधित करते हुए यह आदेशित किया जाता है कि अपीलार्थी/विपक्षी, प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मोबाइल की कीमत 11,300/-रू0 परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज के साथ अदा करेगा साथ ही जिला फोरम द्वारा आदेशित वाद व्‍यय की धनराशि 2,000/-रू0 भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा करेगा।

          अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

          अपील में धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत जमा धनराशि 8000/-रू0 अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जायेगी।

 

   (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)

  अध्‍यक्ष

कोर्ट नं0-1 प्रदीप मिश्रा, आशु0

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या : 1234/2017

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, जौनपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-06/2016 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 17-08-2016 के विरूद्ध)

   Shubham Telecom, Sadarganj, Varanashi Road, Madiyahu, Jaunpur, through Proprietor Swarn Singh.

                                                   .....अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी

बनाम्

Ram Bahadur Yadav, Son of Teras Nath, R/o Village Soitha, Post-Sheetalganj, Tehsil-Madiyahu, Jaunpur.

  •                        

समक्ष  :-

1- मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान,  अध्‍यक्ष ।

उपस्थिति :

अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित-     श्री नवीन तिवारी।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित-       कोई नहीं।

 

दिनांक : 26-02-2020

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उद्घोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-06/2016 राम बहादुर यादव बनाम् मेसर्स शुभम टेलीकाम में जिला उपभोक्‍ता फोरम, जौनपुर द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 17-08-2016 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है।

 

2

     आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है :-

     ‘’परिवादी राम बहादुर यादव का परिवाद संख्‍या-06/2016 विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार किया जाता है और विपक्षी को आदेश दिया जाता है कि वह परिवादी के द्वारा जमा कराये गये प्रश्‍नगत मोबाइल सेट की मरम्‍मत कराकर उसे सक्षम उपयोगी एवं क्रियाशील बनाकर एक माह के अंदर वापस करे अथवा मोबाइल की कीमत 3,400/-रू0, क्षतिपूर्ति धनराशि 2,000/-रू0 एवं 1,000/-रू0 वाद व्‍यय एक माह के अंदर परिवादी को अदा करे। निर्धारित अवधि में अनुपालन न करने पर उक्‍त धनराशियों पर निर्णय की तिथि से 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्‍याज भी देय होगा।‘’

      जिला फोरम के निर्णय व आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी मेसर्स सुभम टेलीकाम ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

     अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री नवीन तिवारी उपस्थित आये है। प्रत्‍यर्थी की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है। 

      मैंने अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

 

 

3

      अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने अपीलार्थी/विपक्षी से एक मोबाइल सेट रू0 3,400/- में दिनांक 31-12-2014 को खरीदा, जिसकी एक वर्ष की वारण्‍टी थी, परन्‍तु मोबाइल सेट अक्‍टूबर, 2015 में गारण्‍टी अवधि पूरी होने के पहले ही खराब हो गया। तब प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने अपीलार्थी/विपक्षी से शिकायत की तो उसने कहा कि मोबाइल सेट ठीक करा देंगे और उसने दिनांक 10-11-2015 को मोबाइल सेट जमा करा लिया तथा रिसीविंग दिया और कहा कि वह सर्विस सेन्‍टर से इसे ठीक करा देगा, नहीं तो नया मोबाइल सेट देगा, परन्‍तु बार-बार जाने के बाद भी उसने मोबाइल सेट नहीं ठीक कराया और प्रत्‍यर्थी/परिवादी को बहाना बनाकर टालता रहा। अंत में जब दिनांक 15-12-2015 को प्रत्‍यर्थी/परिवादी मोबाइल सेट लेने गया तो उसे डाटकर भगा दिया।

     जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी को रजिस्‍टर्ड डाक से नोटिस भेजा  जिसे लेने से अपीलार्थी/विपक्षी ने इंकार किया। अत: जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त माना है, फिर भी जिला फोरम के समक्ष अपीलार्थी/विपक्षी उपस्थित नहीं हुआ है और न ही लिखित कथन प्रस्‍तुत किया है अत: जिला फोरम ने अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध परिवाद की कार्यवाही एकपक्षीय रूप से करते हुए आक्षेपित निर्णय और आदेश पारित किया है।

 

 

4

     अपीलार्थी/विपक्षी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश तथ्‍य और विधि के विरूद्ध है। अपीलार्थी/विपक्षी पर नोटिस का तामीला नहीं हुआ है इस कारण वह जिला फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ है।

     अपीलार्थी/विपक्षी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि परिवाद में निर्माता कम्‍पनी को पक्षकार नहीं बनाया गया है। मोबाइल में किसी त्रुटि हेतु निर्माता कम्‍पनी ही उत्‍तरदायी है। परिवाद गलत कथन के साथ प्रस्‍तुत किया गया है। जिला फोरम का निर्णय दोषपूर्ण है और निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

     मैंने अपीलार्थी/विपक्षी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क पर विचार किया है।

     अपीलार्थी/विपक्षी ने मेमों अपील में प्रत्‍यर्थी/परिवादी को प्रश्‍गनत मोबाइल की बिक्री करने से इंकार नहीं किया है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी ने परिवाद पत्र व शपथ पत्र में स्‍पष्‍ट रूप से कहा है कि उसने मोबाइल सेट अपीलार्थी/विपक्षी के यहॉं जमा किया है और उसकी रिसीविंग अपीलार्थी/विपक्षी ने दी है। अपीलार्थी/विपक्षी ने लिखित कथन अथवा शपथ पत्र जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत कर परिवाद पत्र व प्रत्‍यर्थी/परिवादी के शपथ पत्र का खण्‍डन नहीं किया है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध झूठा परिवाद प्रस्‍तुत किये जाने का कोई कारण नहीं दिखता है।

 

5

     सम्‍पूर्ण तथ्‍यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए मैं इस मत का हूँ कि जिला फोरम ने जो मोबाइल सेट का मूल्‍य 3,400/-रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को वापस करने हेतु अपीलार्थी/विपक्षी को आदेशित किया है वह उचित है। जिला फोरम ने जो 1,000/-रू0 वाद व्‍यय प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दिलाया है वह भी उचित है। जिला फोरम ने जो 2,000/-रू0 क्षतिपूर्ति दिलाया है वह उचित प्रतीत नहीं होता है उसे अपास्‍त किया जाना उचित है।

          जिला फोरम ने जो निर्धारित अवधि में अनुपालन न करने पर उक्‍त धनराशि पर निर्णय की तिथि से 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से ब्‍याज दिया है उसे संशोधित करते हुए यह आदेशित किया जाना उचित है कि अपीलार्थी/विपक्षी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मोबाइल सेट की धनराशि 3,400/-रू0 इस निर्णय की तिथि से दो माह के अंदर वापस करें और यदि इस अविध में यह धनराशि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को वापस नहीं की जाती है तो इस धनराशि पर वह जिला फोरम के निर्णय की तिथि दिनांक 17-08-2016 से जिला फोरम द्वारा आदेशित 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से ब्‍याज देगा।

     उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम द्वारा आदेशित क्षतिपूर्ति की धनराशि 2,000/-रू0 अपास्‍त की जाती है। इसके साथ ही आदेशित किया जाता है कि अपीलार्थी/विपक्षी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मोबाइल सेट की कीमत

 

6

   3,400/-रू0 और जिला फोरम द्वारा आदेशित वाद व्‍यय की धनराशि 1,000/-रू0  दो माह के अंदर प्रत्‍यर्थी/परिवादी को अदा करें।

     यदि इस अवधि में प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मोबाइल सेट की यह धनराशि अपीलार्थी/विपक्षी अदा नहीं करता है तो अपीलार्थी/विपक्षी प्रत्‍यर्थी/परिवादी को मोबाइल सेट की कीमत 3,400/-रू0 पर जिला फोरम के निर्णय की तिथि दिनांक 17-08-2016 से अदायगी की तिथि तक 07 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से ब्‍याज भी देगा।

     अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

     अपील में धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत जमा धनराशि 3450/-रू0 अर्जित ब्‍याज सहित जिला फोरम को इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जायेगी।

 

   (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)

     अध्‍यक्ष

कोर्ट नं0-1 प्रदीप मिश्रा, आशु0

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
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