Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/568

U P P C L - Complainant(s)

Versus

Sabran Singh - Opp.Party(s)

Isar Husain

15 Dec 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/568
( Date of Filing : 06 Apr 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. U P P C L
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Sabran Singh
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 15 Dec 2023
Final Order / Judgement

 (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-568/2009

एक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, इलेक्ट्रिसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन (II), दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 आगरा तथा एक अन्‍य

 

 

बनाम

 

सोबरन सिंह पुत्र श्री नवला, निवासी सीकरी चार हिस्‍सा, फतेहपुर सीकरी, थाना फतेहपुर सीकरी, आगरा।

 

 

समक्ष:-                                                  

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित   : श्री इसार हुसैन,

                                विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित        : कोई नहीं।

 

दिनांक : 15.12.2023 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थीग्‍ाण/विपक्षीगण द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख विद्वान जिला आयोग, द्वितीय आगरा द्वारा परिवाद संख्‍या-236/2008, सोबरन सिंह बनाम दक्षिणाचंल विद्युत वितरण निगम लि0 तथा दो अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 28.2.2009 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया :-

 

-2-

'' परिवाद पत्र स्‍वीकार किया जाता है। एतद् द्वारा चैकिंग रिपोर्ट दिनांक 3.8.2007 व उसके आधार पर तैयार राजस्‍व निर्धारण 90,274 रूपए निरस्‍त किए जाते हैं। परिवादी अपने बिलों का भुगतान नियमानुसार करता रहेगा तथा यथास्थिति परिवादी के परिसर पर बदस्‍तूर रहेगी। उक्‍त के अतिरिक्‍त विपक्षी परिवादी को परिवाद-व्‍यय के 1,000 रूपए आदेश के दिनांक से तीन दिन के अंदर अदा करे।

अवहेलना करने पर परिवाद-व्‍यय की धनराशि 1,000 रूपए पर आदेश की दिनांक से वास्‍तविक भुगतान की दिनांक तक 9% ब्‍याज देय होगा। ''

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी के परिसर में एक किलो वाट विद्युत कनेक्‍शन स्‍वीकृत है। परिवादी लगातार विद्युत बिल अदा करता रहा है। दिनांक 3.8.2007 को विपक्षी सं0-1 व 2 द्वारा फर्जी रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। दिनांक 3.8.2007 को कोई चैकिंग नहीं की गयी तथा अवैध रूप से आटा चक्‍की चलना दिखाया गया है, जो गलत है। परिवादी को उक्‍त चैकिंग रिपोर्ट व पुलिस रिपोर्ट की कोई प्रति नहीं दी गयी। परिवादी ने चैकिंग रिपोर्ट दिनांकित 3.8.2007 के विरूद्ध आपत्ति प्रस्‍तुत की, जो विचाराधीन है, जिस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। बिना निर्णय लिये अंकन 90,274/-रू0 का असेसमेंट भेज दिया गया, जो गलत है, जिससे क्षुब्‍ध होकर उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

विपक्षीगण का कथन है कि परिवादी दिनांक 3.8.2007 को  आटा  चक्‍की का प्रयोग  करते हुए पाया गया, जो डायरेक्‍ट तार

 

 

-3-

डालकर तीन एच.पी. की मीटर से चलायी जा रही थी। पुलिस रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। मौके पर चैकिंग रिपोर्ट तैयार की गयी। चैकिंग रिपोर्ट तैयार करते समय परिवादी उपस्थित था, किंतु उसके द्वारा हस्‍ताक्षर नहीं किये गये। विपक्षीगण द्वारा असेसमेंट नियामानुसार किया गया है।

उभय पक्ष को सुनने के उपरांत विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद स्‍वीकार करते हुए उपरोक्‍त वर्णित निर्णय एवं आदेश पारित किया गया।

अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

प्रस्‍तुत अपील विगत 14 वर्षों से लम्बित है। प्रस्‍तुत अपील अनेकों बार पूर्व में सूचीबद्ध हुई और विभिन्‍न कारणों से स्‍थगित की जाती रही। पुन: आज अंतिम सुनवाई हेतु सूचीबद्ध है। अत: समस्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए हमारे विचार से विद्वान जिला आयोग द्वारा वाद व्‍यय के रूप में आदेशित धनराशि अंकन 1,000/-रू0 एवं उस पर अधिरोपित 9 प्रतिशत ब्‍याज समाप्‍त किया जाना न्‍यायोचित है। प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 28.2.2009  इस  प्रकार संशोधित किया जाता है कि विद्वान जिला

 

-4-

आयोग द्वारा वाद व्‍यय के रूप में आदेशित धनराशि अंकन 1,000/-रू0 (एक हजार रूपये) एवं उस पर अधिरोपित 9 प्रतिशत ब्‍याज की देयता समाप्‍त की जाती है। शेष निर्णय एवं आदेश यथावत् रहेगा।

उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित  जिला  आयोग  को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                 (सुशील कुमार)

           अध्‍यक्ष                             सदस्‍य

 

 

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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